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View Full Version : Shayri (Part 1)



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vijaykajla1
February 26th, 2012, 08:53 PM
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी

खुदा जाने अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता !!

Bisky
February 27th, 2012, 09:53 AM
"दोस्ती में, दुश्मनी भी खूब की
दिल चुराया और चुरा कर रह गए"

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:37 PM
एक ख्वाब हो के रह गई है तेरी महोब्बत ,
एक वहम सा है अब, मेरे साथ तुम भी थे कभी


!!

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:40 PM
बुरा हाल, बहर-हाल कोई हाल तो है ,,

वो दिन भी तो थे जब कोई हाल ना था ,तुम्हारे बिना !!!!

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:48 PM
कहता है बता दर्द तेरा कैसे मैं समझूँ ???

मैंने कहा इश्क कर .......! और करके हार जा !!!!

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:48 PM
सुलगती जिदगी से मौत आ जाये तो बहतर है

हमसे दिल के अरमानो का अब और मातम नही होता !!!

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:49 PM
ज़रा खामोश तुम बैठो तो दम आराम से निकले,,

इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो .

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:50 PM
मैं जिनको पढ़ के अपने प्यार में खो जाऊं

ऐसे अशार ना लिखा करे कोई !!!!!!!!....

ravinderjeet
February 27th, 2012, 12:51 PM
याद आते हो तो कुछ भी नही करने देते,

अच्छे लोगों की यही बात बुरी लगती है ,

ravinderjeet
February 27th, 2012, 04:46 PM
वो अच्छा है तो अच्छा है, बुरा है तो भी अच्छा है

मिज़ाज-ऐ-इश्क में ऐब-ऐ-यार देखे नहीं जाते ..

ravinderjeet
February 27th, 2012, 04:52 PM
अफसाना नहीं बस इतना सुनो

उसने छोड़ दिया, हम बिखर गए

ravinderjeet
February 27th, 2012, 04:58 PM
ये महोब्बत की कहानी नहीं मरती
लेकिन
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते है !!!!!!

ravinderjeet
February 27th, 2012, 06:01 PM
तू नहीं हे तो क्या हुआ ,तेरी तस्वीर तो हे ,
मेरे सिने में तेरी दी हुई दर्द की लकीर तो हे|

htomar
February 27th, 2012, 07:43 PM
कब तलक घुल पाएगी ये मायूसी इस स्याही में
कि आज अपनी कलम को फिर आजमाने की तमन्ना हुई

htomar
February 27th, 2012, 07:45 PM
वो अक्सर हमे कहते है कि
तुम रंग बदलते हो
पर उन्हे कौन समझाए कि
टूटे हुए पत्तों का रंग बदल ही जाता है

htomar
February 27th, 2012, 07:50 PM
ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है
कमबख्त गुजरता वही से है
जहाँ रास्ते नहीं होते

htomar
February 27th, 2012, 07:51 PM
मुश्तकिल रही मंजिल हमेशा
कम्बखत ज़िन्दगी आरजी हो गई
सारी तालीम तो हुई हिंदी में, और
इम्तिहान की भाषा फ़ारसी हो गई

ravinderjeet
February 28th, 2012, 07:35 PM
एक अरसे बाद मिले, तो मेरा नाम पूछ लिया उसने,
बिछड़ते वक़्त जिसने कहा था ,तुम्हारी बहुत याद आएगी...

ravinderjeet
February 28th, 2012, 07:42 PM
"हर बात हर सवाल की काट रखता है,
गर्दिश में हिम्मत विराट रखता है,
जाटों ने कई बार बताया ज़माने को,
शेर का जिगर तो बस जाट रखता है..."

ravinderjeet
February 28th, 2012, 07:52 PM
में ढुंढने निकला था ,खुशियों का खाजाना ,
गम की दौलत हाथ लगी ...........

kamnanadar
February 28th, 2012, 08:57 PM
Dil ki dahleez par dastak ab na de,,, दिल की दहलीज़ पर दस्तक अब न दे !
Koi naya zakham naya fareb ab na de,,, कोई नया ज़ख्म नया फरेब अब न दे !!
Baawafa the to kyon gaye the rooth ke,,, बावफा थे तो क्यों गए थे रूठ के....
Tu bewafa hai wafa ka bharam ab na de,,,तू बेवफ़ा हैं वफ़ा का भरम अब न दे !!

vijay
February 28th, 2012, 09:07 PM
अफसाना नहीं बस इतना सुनो

उसने छोड़ दिया, हम बिखर गए


बेवफ़ा की सच्चाई तो बस इतनी है
वो आये ही कब थे जो चले जायेंगे

vijay
February 28th, 2012, 09:17 PM
ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है
कमबख्त गुजरता वही से है
जहाँ रास्ते नहीं होते

ज़िन्दगी रुबरू जजबात से है
लडाई तो अपने हालात से है

kamnanadar
February 28th, 2012, 10:56 PM
Dil hua zakhmi magar kisi ko khabar nahin,,, दिल हुआ जख्मी मगर किसी को खबर नहीं,,,
Meri chaahton ka us par koi asar nahin,,,, मेरी चाहतों का उस पर कोई असर नहीं,,,
Ho ke juda tumse koi mar jaayega,,, हो के जुदा तुमसे कोई मर जाएगा,,,
Sun ke usne kaha ye koi badi khabar nahin,,, सुन के उसने कहा ये कोई बड़ी खबर नहीं,,,

ravinderjeet
February 29th, 2012, 12:41 PM
गिरते को गिराना तो उनकी फितरत है यारो ,
गिरते को उठाना तो हमारी फितरत है यारो ,
तुम भी उधर चल पड़े नाराज होकर के हमसे .
रूठों को मनाना तो हमारी फितरत है यारो |

ravinderjeet
February 29th, 2012, 01:18 PM
वक्त से की थी तकरार हमने ,
]क्यूँ छिना जिनको चाहा हमने ,
वक्त ऩे कहा.....
जो मिला हे उस्सी में सबर कर |

vijaykajla1
February 29th, 2012, 01:39 PM
"रंग, दुनिया ने दिखाया है निराला देखूं ,
है अँधेरे में उजाला तो उजाला,देखूँ ,
आइना रख दे मेरे सामने आखिर मैं भी ,
कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ......"

ravinderjeet
February 29th, 2012, 02:54 PM
नज़र मिली और उनकी आँख झुकी ..

बस इतनी बात थी और हम बर्बाद हो गए ..!!

ravinderjeet
February 29th, 2012, 02:56 PM
वो मेरा सब कुछ था बस मेरा मुक़दर नहीं बन सका |

काश वो मेरा कुछ ना होकर सिर्फ मेरा मुक़दर होता ||

ravinderjeet
February 29th, 2012, 02:57 PM
मुझ पर जब सितम करो तो तरस मत खाना ........

मुझ पर हर सजा जाएज़ है क्योंकि मैने "महोब्बत" की है..

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:02 PM
जिंदगी ने कहा .....
की क्यूँ लोग मुझे प्यार ,
और तुम्हें नफ़रत करते हैं ,
मौत ने कहा ........
तुम सुन्दर झूठ हो ,
और हम कडवी सच्चाई |
सब ने सूना .......
पर किसी की समझ ना आई |

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:05 PM
इतनी शिदत मेरे आंसुओं में तेरी मौत से पहले कभी ना थी …

देखा जो अपना मुक़द्दर तो सर-ऐ-आम रो दिए …

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:05 PM
मेरे चले जाने के बाद इस समंदर का रेत भी तुमसे पूछा करेगा

कहाँ गया वो शख्स जो तन्हाई में आकर बस तेरा नाम लिखा करता था !!

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:12 PM
ज़बीं पर सादगी , नीची निगाहें ,बात में नरमी
मुखातिब कोण कर सकता है तुमको लफ्जों कातिल से .....

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:13 PM
पूरा दु:ख और आधा चाँद
हिज्र की शब और ऐसा चांद

किस मकतल से गुजऱा होगा
ऐसा सहमा-सहमा चांद

यादों की आबाद गली में
घूम रहा है तनहा चांद.

ravinderjeet
February 29th, 2012, 03:15 PM
हमनें देखा था फ़क़त शौक़ -ऐ -नज़र की खातिर
ये न सोचा था की तुम दिल में उतर जाओगे ...."

kamnanadar
February 29th, 2012, 06:18 PM
Ek muddat se hai chipaye ashq palkon main,,,एक मुद्दत से है छिपाए अश्क पलकों मैं,,,
Dil gam se hai bhara par roye nahin,,, दिल गम से है भरा पर रोये नहीं,,,
Koi nahin jo pooche ek baar hamse,,, कोई नहीं जो पूछे एक बार हमसे,,,
Jaag rahe ho kis ke liye?Abhi tak soye nahin,,, जाग रहे हो किस के लिए ?अभी तक सोये नहीं...

htomar
February 29th, 2012, 08:21 PM
टूट जाते हैं सभी रिश्ते
मगर दिल का रिश्ता अपनी जगह
दिल को है तुझसे ना मिलने का यकीन
तुझसे मिलने की दुआ अपनी जगह

htomar
February 29th, 2012, 08:22 PM
तन्हाई की शब् कट ही जाएगी
इतने भी हम मजबूर नहीं
दोहरा के तेरी बातों को
कभी हंस लेंगे कभी रो लेंगे

htomar
February 29th, 2012, 08:30 PM
खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं

ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं

AhlawatSardar
February 29th, 2012, 08:44 PM
Chand Se Ki Thi Guzarish Humne,
Mere Chand Se Ker Mulakat Kabhi,

Chand Bhi Muskuraker Dhal Gaya,
Kaha Mat Ker Mujhe Sherminda Abhi,

Tera Chand Ko Dekh Ker Phir Na Main Kabhi Chamak Payunga,
Roshni Tere Chand Ki Hai Kuch Alag, Shayad Main Kho Jayunga…

http://shayari.mobi/public/style_emoticons/default/heart.gif (http://shayari.mobi)http://shayari.mobi/public/style_emoticons/default/heart.gif

AhlawatSardar
February 29th, 2012, 08:47 PM
Yaad Aate Hain Uff Gunah Kya Kya Kiye The Humne..
Ek Ye Ke Muhabat Ker Li, Ek Yeh Ke Tum Se Ker Li....!!!

kamnanadar
February 29th, 2012, 08:50 PM
Chala main jab bhi ek kadam teri traf,,,चला मैं जब भी एक कदम तेरी तरफ,,,
Jaane ye faasla kaise or badh gaya,,, जाने ये फासला कैसे और बढ़ गया,,,
Main to saath hi chalta raha tere,,, मैं तो साथ ही चलता रहा तेरे,,,
Jaane kaise phir tu aage nikal gaya,,, जाने कैसे फिर तू आगे निकल गया,,,

vijaykajla1
February 29th, 2012, 09:21 PM
अस्सी ते किकरां दे फुल्लां वरगे
सानु बुल्लां नाल कौन लावेगा
अस्सी ते सारेयां नु अपना मानिया
पता नहीं कौन सानु अपनावेगा ....

vijaykajla1
February 29th, 2012, 09:28 PM
जिस दिन मीच लियां असी अखां
कई अखियाँ विच अथरू बरसनगे
जो कहंदे ने बहुत बुरे हाँ असी
कल ओही बुरेयाँ नु तरसनगे

Moar
February 29th, 2012, 10:19 PM
Type in Hindi - Google Transliteration (http://www.google.com/transliterate/)

kamnanadar
February 29th, 2012, 10:43 PM
Sari duniyan se ham anjaan bane unke liye,,, सारी दुनियां से हम अनजान बने उनके लिए,,,
Hamse wahi ab ajnaan bane baithe hain,,, हमसे वही अब अनजान बने बैठे हैं,,,
E-dil ab or intzaar mat kar unka,,, ए-दिल अब और इंतज़ार मत कर उनका,,,
Lagta hai wo kisi or ke mahmaan bane baithe hain... लगता है वो किसी और के मेहमान बने बैठे हैं...

vijaykajla1
March 1st, 2012, 11:20 AM
राख पर अब उनकी लहराएँ समंदर भी तो क्या
सो गए जो उम्र भर हसरत लिए बरसात की ..

vijaykajla1
March 1st, 2012, 11:22 AM
अब तो इस राह से वो शख्स गुजरता ही नहीं
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झांके कोई ..

jaatdesi
March 1st, 2012, 03:02 PM
https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-snc7/394326_255713451163484_203855473015949_596275_5113 53855_n.jpg

Bisky
March 1st, 2012, 10:02 PM
"आईना देख अपना सा मुंह लेकर रह गए
साहब को दिल न देने पर कितना गुरूर था"

vijaykajla1
March 2nd, 2012, 02:03 PM
"आप की दुनिया के बेरंग अंधेरों के लिए,
रात भर जाग कर एक चाँद चुराया मैंने .
रँग धुंधले हैं तो इनका भी सबब मैं ही हूँ ,
एक तस्वीर को इतना क्यूँ सजाया मैंने ......?"

vijaykajla1
March 2nd, 2012, 03:27 PM
देखा मुझे तो तर्क-ए-तालुक के बा-वजूद
वो मुस्कुरा दिया...ये हुनर भी उसी का था

vijaykajla1
March 2nd, 2012, 03:32 PM
शमा की लौ थी की वो तू था मगर

हिज्र की रात देर तक रोता रहा कोई सिरहाने मेरे

vijaykajla1
March 2nd, 2012, 05:01 PM
आया था किस काम को, तू सोया चादर तान
सूरत सँभाल ए काफिला, अपना आप पह्चान

ravinderjeet
March 2nd, 2012, 08:48 PM
पर कुछ तो है तेरी फितरत में ऐ ज़ालिम ,,,
वरना तुझे चाहने की खता मई न करता ..

ravinderjeet
March 2nd, 2012, 08:57 PM
क्या भला मुझको परखने का नतीजा निकला ,
ज़ख्म - ए - दिल आप की नज़रों से भी गहरा निकला |

ravinderjeet
March 2nd, 2012, 09:14 PM
लोग जिस ज़हर से हालाक हुए,मधु सा मीठा था जयका उसका,

हम भी ठहरे उसी के सौदाई ,कत्ल करना है मशगला जिसका .

Bisky
March 2nd, 2012, 09:26 PM
"मेरे जीने के लिए एक आसरा दरकार था
आप गम देते गए, मेरी गुजर होती गयी"


आसरा - सहारा, Support
दरकार - जरूरी, वांछित, Compulsory

vijay
March 2nd, 2012, 10:14 PM
लोग जिस ज़हर से हालाक हुए,मधु सा मीठा था जयका उसका,

हम भी ठहरे उसी के सौदाई ,कत्ल करना है मशगला जिसका .



दीवाने कहाँ आँधियों से डरने वाले हैं
हम तो इस दुनियाँ से लडने वाले हैं ।
मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको
हम तो वैसे भी तुम पर मरने वाले है ॥

kamnanadar
March 3rd, 2012, 11:00 PM
Dua na karna ab hamare liye,,, दुआ न करना अब हमारे लिए,,,
Hamain ab dua ki zaroorat nahin,,, हमें अब दुआ की जरूरत नहीं,,,
Karni ho to baadduaa karna hamare liye,,, करनी हो तो बद्दुआ करना हमारे लिए,,,
Kyonki kisi ko ab hamari jaroort nahin,,, क्योंकि किसी को अब हमारी जरूरत नहीं,,,

kamnanadar
March 3rd, 2012, 11:11 PM
Vo khwab suhana toot gaya ummeed gai armaan gaye,,,
E-duniyan hamse chaal na kar ham khoob tujhe pahchan gaye,,,
Dekha na palat kar sahil ko mallah ne daman chhod diya,,,
Takra ke hamari kasti se kaise-kaise toofan gaye,,,
Jo pyar kiya jhootha nikla jo aas lagai toot gai,,,
Duniyan main wafa ka naam nahin ham saare duniyan chhaan gaye...

jaatdesi
March 4th, 2012, 09:43 AM
https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/p480x480/431292_308596915860357_100001301543111_842695_7462 60071_n.jpg

kamnanadar
March 4th, 2012, 09:52 PM
Hoon ajeeb kashmakash main hui jindgi paraai,,,हूँ अजीब कशमश मैं हुई जिंदगी पराई...
Tere paas teri yaadain tere paas bewafai,,, तेरे पास तेरी यादें तेरे पास बेवफाई,,,
Mere dil ko tune cheena meri preet jag ne looti,,, मेरे दिल को तूने छीना मेरी प्रीत जग ने लूटी,,,
Mera dil bhi hai paraya meri preet bhi paraai,,, मेरा दिल भी है पराया मेरी प्रीत भी पराई,,,
Tujhe khwab hi main dekhoon ye bharam bhi aaj toota,,,तुझे ख्वाब ही मैं देखूं ये भरम भी आज टूटा,,,
Tere khwab kaise dekhoon mujhe neend hi naa aai...तेरे ख्वाब कैसे देखूं मुझे नींद ही न आई,,,

kamnanadar
March 5th, 2012, 12:47 AM
Ye nahin gam ki kasam apni, bhulai tumne,,,ये नहीं गम की कसम अपनी,भुलाई तुमने,,,
Gam to ye hai ki rakeebon se nibahai tumne,,,गम तो ये है की रकीबों से निभाई तुमने,,,
Jindgani ka safar tanha bhi kat hi jaata,,, जिंदगानी का सफर तनहा भी कट ही जाता,,,
Kisliye raah mohabbat ki dikhai tumne,,, किसलिए राह मोहब्बत की दिखाई तुमने,,,
Koi ranjish thi agar tumko to mujhse kahte,,, कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते,,,
Baat aapas ki kyon sabko batai tumne,,, बात आपस की क्यों सबको बताई तुमने,,,



not mine

vijaykajla1
March 5th, 2012, 11:46 AM
मुझे किस तरफ जाना है कुछ खबर नहीं
मेरे रास्ते भी खो गए मेरी मोहब्बत की तरह.....

vijaykajla1
March 5th, 2012, 12:05 PM
होठों को सी के देखिये... पछताइएगा आप
हंगामे जाग उठते हैं अक्सर घुटन के बाद

kamnanadar
March 5th, 2012, 01:00 PM
Main Apni Wafao Ki Yun Misal Deta Hoon,,, मैं अपनी वफाओं की यूँ मिसाल देता हूँ,,,
Koi bhi Sawal Kare To Taal Deta Hoon,,, कोई भी सवाल करे तो टाल देता हूँ,,,
Mujhe Aksar Unhin Logo Se Mila Hai Fareb,,,मुझे अक्सर उन्हीं लोगों से मिलता है फरेब,,,
Jinke Paon Ka Kanta Main Nikaal deta hoon,,,जिनके पांव का काँटा मैं निकाल देता हूँ,,,

ravinderjeet
March 5th, 2012, 07:43 PM
ज़िक्र जब भी तुम्हारे नाम का होता है
तुम्हारी याद सताती है मुझे
आज भी दिल मे है तुम्हारे प्यार का दर्द
ये मेरी नम आंखे बताती है मुझे ....

ravinderjeet
March 5th, 2012, 07:57 PM
जिन्दगी दे दे मुझे
चन्द टूटे ख़्वाब
कुछ कड़वी यादें
कि जीने का
कुछ सामान कर लूँ.....

ravinderjeet
March 5th, 2012, 08:03 PM
दिल के क़िस्से कहाँ नहीं होते हाँ,
वो सब से बयाँ नहीं होते....!!

Moar
March 5th, 2012, 08:39 PM
दिल के क़िस्से कहाँ नहीं होते हाँ,
वो सब से बयाँ नहीं होते....!!


सर्वोत्तम कोटि के शिकारी मालूम होते हैं जनाब - आदर, सत्कार, एवं सद्भावनाओं सहित |

Moar
March 6th, 2012, 03:20 AM
'किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूँ', से कुछ पंक्तियाँ पेश हैं:


"किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूँ ....
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ ....
वो भी क्या दिन थे के हर वहम यकीन होता था ....
अब हकीकत नज़र आये तो उसे क्या समझूँ ....
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआँ को उठे ....
ऐसे माहौल में अब किसको पराया समझूँ ...."

Malikpriya
March 6th, 2012, 11:20 AM
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआँ को उठे...
ऐसे माहौल में अब किसको पराया समझूँ..."

wah!! kya baat hai ...............dil ko choo gai ye baat ..................:)

Moar
March 6th, 2012, 03:41 PM
अफसाना नहीं बस इतना सुनो

उसने छोड़ दिया, हम बिखर गए


Hats-Off :very_drunk:

vijaykajla1
March 6th, 2012, 05:29 PM
खुदगर्ज़ हैं ये उजालों के परस्तार बहुत
सुबह होते ही चिरागों को बुझा देते हैं

#परस्तार = उपासक

vijaykajla1
March 6th, 2012, 05:34 PM
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तुमने तो कह दिया... ना निभा सको तो प्यार मत करो

vijaykajla1
March 6th, 2012, 05:36 PM
अगर मेरी तरह तेरी जुबान पर भी मिठास चढ जाये
तो यकीन कर तेरी भी शायरी का रंग बदल जाये !
कौन कहता है यहाँ जज्बात चोरी होते हैँ जालिम
तू मेरी नीयत देखले तो मेरा कायल हो जाये !
और जितने जख्म मिले हैं मुझ को मोहब्बत में
तू कतरा भर भी महसूस करे तो घायल हो जाये !
और किस तरह इश्क में हदे पार होती है
तू सुन भी ले मेरी दास्ता तो पागल हो जाये !!

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:19 PM
पहले कभी खौफ ऩा था , तेरे खोने का ,

और अब कोई जरिया नहीं तुझे पाने का |

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:23 PM
खुदा हमारी तरह उनको तन्हाई ना दे
हम जी लेंगे तनहा मगर उनको जुदाई ना दे...
हमारी निगाहों में बसी रहे उनकी सूरत
उनको भले ही हम दिखाई ना दे....!

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:28 PM
वो कह रही थी , समंदर नहीं आंखें हैं
और में उन में डूब गया ऐतेबार करते करते ..
वो कह रही थी जल्दी आउंगी लौट कर ,
और में गुजर गया इन्तजार करते-करते .......

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:37 PM
नींद से हुआ मेरा तलाक ,तू गई हे जब से ,
छत पर सपने टहलते रहते हैं ........

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:46 PM
न जाने किस गम को छुपाने की तमन्ना थी उसको ......
आज हर एक बात पर खवाब में हस्ते हुए देखा उसको .......
ऩा जाने कितनी हसरतें साथ ले जाते देखा उसको .......
आज उसने उन् हसरतों के साथ लिपटे देखा मुझको ......

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:48 PM
तेरी यादों में खोये रहते है ,
कभी जागे कभी सोये रहते है
कभी हँसतें कभी रोये से रहते है

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:57 PM
तुम याद आओगे ये जानते थे हम ,
पर इतने याद आओगे इसका अंदाजा न था ...!

ravinderjeet
March 6th, 2012, 08:59 PM
मुझ को हैं काम और भी , कुछ तो ख्याल कर ,
आते हो जब ख्याल मैं , जाते नहीं ख्याल से .....

ravinderjeet
March 6th, 2012, 09:02 PM
तेरे प्यार में रुसवा होकर जाए कंहा दीवाने लोग
जाने क्या -क्या पूछ रहे है ए जाने पहचाने लोग |

ravinderjeet
March 6th, 2012, 09:04 PM
कुछ लोगो के हम से ताल्लुक भी अजीब हे ,
समझती तो अपना है , मगर सुलूक करती हैं गैरों जेसा ...

ravinderjeet
March 7th, 2012, 02:14 PM
मय्यत पे मेरी आएय हैं कुछ इस अदा से वो ...
सब उन पे मर मिट्टे मेरी लाश छोड़ कर ........!!!

ravinderjeet
March 7th, 2012, 02:16 PM
कहते हैं , बिन मेहनत के कुछ नहीं पा सकते हम खुदा से ,
जाने ग़म पाने के लिए हमने कौन सी मेहनत की थी .........

ravinderjeet
March 7th, 2012, 02:31 PM
कभी लगा वो हमें सता रहे हैं
कभी लगा के वो करीब आ रहे हैं ,
कुछ लोग होते हे आंसुओं की तरह ,
पता नहीं लगता साथ
दे रहे हैं या छोड़ के जा रहे हैं |

ravinderjeet
March 7th, 2012, 02:35 PM
मिटा भी दूँ नाम तक तेरा किताब -ए -ज़िन्दगी से ,

मगर पल पल रुलाएगी सताएगी कमी तेरी ......

vijaykajla1
March 9th, 2012, 01:57 PM
साडे जेहे बरबाद दिलां दा जीना की ते मरना की ,

अज्ज तेरे दिल चो निक्क्ले आ कल दुनिया तो निक्कल जावांगे !

ravinderjeet
March 9th, 2012, 02:35 PM
हमारा जीने का होंसला तो देखो ,
दिल के टुकड़े होते हैं हजार ,
फीर भी तुम्हारे लिए जी लेते हें देखो ,
दामन फट जाते हैं जार-जार
फीर भी तुम्हें ओढाने के लिए सी लेते हें देखो |

nainsunil007
March 9th, 2012, 03:38 PM
कभी कभी जख्म भरते हैं वक्त से,
हर बार असर दवा का नही होता
कई बार दीए बुझ जाते हैं अपनी ही गलती से
हर बार कसूर हवा का नही होता

nainsunil007
March 9th, 2012, 03:45 PM
ना जाने किस गम को छुपाने की तमन्ना थी उनकी
कि आज हर बात पर उनको हँसते देखा

nainsunil007
March 9th, 2012, 06:21 PM
एक नफरत ही नही है दुनिया मै "दर्द का सबाब"
"मोहोब्बत" भी सकून वालों को तकलीफ दिया करती है

ravinderjeet
March 10th, 2012, 02:44 PM
जिन्दगी किसी के लिए नहीं रूकती .....
बस जीने की वजह बदल जाती हे |
ठोकर भी बेकार नहीं लगती ........
बस जिन्दगी लडखडा कर संभल जाती हे |

ravinderjeet
March 10th, 2012, 03:25 PM
तुम्हारे स्वप्न क्या टूटे सरे बाज़ार हंगामा
मैंने जब भी कुछ चाह हुआ हर बार हंगामा
मेरे मौला ये कैसी कशमकश तूने अता कर दी
गिरें आंसू तो हंगामा जो मुस्कुराये तो हंगामा !!

ravinderjeet
March 11th, 2012, 04:01 PM
कोई किसी का नहीं इस दुनिया में ,सब रस्ते के राहीं हैं ......
कोई मिल गया कोई बिछड़ गया ,
किसी की पहले किसी की बाद में धाईं हे |

ravinderjeet
March 13th, 2012, 09:10 AM
नए गमो से तारूफ कराने आया था। अभी-अभी ये मेरे गिर्द किसका साया था।
हवा हो, गम हो, खुशी हो या तुम हो, किसी ने रात में दरवाजा खटखटाया था।

vijaykajla1
March 13th, 2012, 02:34 PM
मिल जाये उलझनों से फुर्सत तो ज़रा सोचना की
क्या सिर्फ फुर्सतों में याद करने तक का रिश्ता है हमसे

vijaykajla1
March 13th, 2012, 02:38 PM
उमर-ए-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन ,
दो आरज़ू में कट गए दो इन्तेज़ार में !!

ravinderjeet
March 14th, 2012, 11:40 AM
खुली छतों के दिए कब के बुझ गए होते ....
कोई तो है जो हवाओं के पर कतरता है |

ravinderjeet
March 14th, 2012, 12:01 PM
तेरी दोस्ती ने दिया “सकून” इतना ,
के तेरे बाद कोई “अछा ” न लगे ,
तुझे करनी है “बेवफाई ” तो इस अदा से कर ,
के तेरे बाद कोई “बेवफा ” न लगे .

ravinderjeet
March 14th, 2012, 12:05 PM
कुछ इस कदर निकला उसकी चिता से धुंआँ ,
की वो घूम कर मेरे पास आ रहा था ,
पता नहीं आसुओं को वो और बढ़ा रहा था ,
या आसुओं को सुखा रहा था |

ravinderjeet
March 14th, 2012, 12:09 PM
सब कुछ मिला ,बस खुदाई के सिवा ,
जिंदगी बहुत पसंद आई ,तन्हाई के सिवा
उसकी हर अदा पसंद आई ,
सिर्फ ,बेवक्त जुदाई के सिवा |

htomar
March 14th, 2012, 12:13 PM
के तेरे बाद कोई “बेवफा ” न लगे .


positive outcome...

htomar
March 14th, 2012, 06:41 PM
मुझे समझाया ना करो कि, अब तो हो चुकी मुझको
मोहब्बत मशवरा होती तो, तुम से पूछ कर करते

htomar
March 14th, 2012, 07:01 PM
सौ कशतिया जलाकर चले साहिलों से हम
अब क्या बताएं की उस पार कौन था
ये फैसला तो शायद वक़्त भी ना कर सके
सच कौन बोलता था, अदाकार कौन था

ravinderjeet
March 14th, 2012, 07:17 PM
किसे खबर थी ,किसे यकीं था,ऐसे भी दिन आयेंगे |
जीना भी मुश्किल होगा और मरने भी ना पायेंगे ||
हम जेसे बर्बाद दिलों का जीना क्या और मरना क्या |
आज तेरी महफ़िल से उठे ,कल दुनिया से उठ जायेंगे ||

kamnanadar
March 16th, 2012, 12:04 AM
Hazaar gam the meri zindgi akeli thi,,,हज़ार गम थे मेरी जिंदगी अकेली थी,,,
Khushi jahan ki mere vaaste ek paheli thi,,,खुशी जहान की मेरे वास्ते एक पहेली थी,,,
Wo aaj bhaag ke nikalte hain mere saaye se,,,वो आज भाग के निकलते हैं मेरे साये से,,,
Maine jinke liye gam ki dhoop jheli thi,,,मैंने जिनके लिए गम की धुप झेली थी,,,

ravinderjeet
March 16th, 2012, 12:12 PM
हमें इज़हार करना न आया ,
उन्हें प्यार करना न आया .
हम बस देखते ही रह गए ,
और वक़्त को थामना न आया .
वोह चलते चलते इतने दूर चले गए ,
हमें रोकना भी न आया |

vijaykajla1
March 16th, 2012, 03:12 PM
हर रोज़ मुझ पर एक तीर छोड़ा जाता है,
हर रोज़ मुझे तोडा मरोड़ा जाता है !
मगर वो नादान दुश्मन ये जानता नहीं कि -
बुलंद होसलों का महल हर वार पे और मजबूत हो जाता है !!

rajpaldular
March 16th, 2012, 04:06 PM
पतझड़ के पत्तों को यों ना रौंदो अपने पाँव में,

कभी बैठे थे तुम इनके छावं में.

nainsunil007
March 16th, 2012, 05:24 PM
अब देखते हैं जान किसकी जाती है
मैने उसकी ओर उसने मेरी कसम खाई है

ravinderjeet
March 16th, 2012, 05:38 PM
कसम किसी ने, किसी की भी हो खाई ,
शायद दोनों की जान पे बन आई ,
पर दोनों की इसी कसमकश में ,
नकली मोहब्बत आम हो गई |
"सुलील "तेरी मोहबत बदनाम हो गई ||

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:40 PM
कौन जाने कब हमारे हाथ पहुंचें जाम तक
जिंदगी सुबहो से अपनी आ गयी है शाम तक
और सारी मंजिलों के क़र्ज़ मैंने भर दिए
इक सफ़र बाकी बचा है बस तुम्हारे नाम तक

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:42 PM
आज कम्बखत्त ज़िन्दगी ने पूछ ही लिया हमसे .....
कहाँ है वोह जो तुम्हें मुझ से भी ज्यादा अज़ीज़ था |

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:43 PM
कुछ ये सोच कर उस ने अलविदा कहा होगा मुझको ,
बड़ा गरीब है .. मोहब्बत के सिवा क्या देगा ..!

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:45 PM
मुझे इंकार ही केर दे मगर कुछ गुफ्तगू तो कर ...!!
तेरा खामोश सा रहना मुझे तकलीफ देता है ..!!

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:47 PM
एक बार क्या बना दिया..खुदा ने इंसा को,
बार-बार बनाया करता हे..इंसा अब खुदा को.

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:52 PM
अजीब लुत्फ़ उठा रहा है कोई , दीदार ऐ वफ़ा का

के नज़रें भी मुझ पे हैं और पर्दा भी मुझ से है ...

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:52 PM
"खुद को मैं ग़ालिब समझता आया तेरे मिलने तक,
अब बहुत मजबूर से दिखते मेरे अल्फाज़ हैं"...!!!

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:55 PM
खाली हाथों को मेने उठाया ,उस की जिन्दगी के लिए ,
और वो उन् की लकीरों में से निकल गई ......

ravinderjeet
March 16th, 2012, 06:57 PM
मेने तड़प कर कहा की तुम बहुत याद आती हो ...
उसने कहा ,"तुम्हे इस के सिवाय आता ही क्या हे .....

sombirnaamdev
March 16th, 2012, 11:25 PM
thik kahrya sai bhai

vijaykajla1
March 17th, 2012, 12:15 PM
चलो ...... ना इश्क ही जीता ना अक्ल हार सकी
तमाम वक्त मजे का मुकाबला तो रहा !!!

vijaykajla1
March 17th, 2012, 12:19 PM
हरे भरे कई शहरों का तजुर्बा है मुझे

कहीं भी जाईये.... जंगल जरूर निकलेगा

kamnanadar
March 18th, 2012, 07:28 PM
Apni shakhshiyat hi kuch aisi hai,,,अपनी शख्शियत ही कुछ ऐसी है ,,,
Ki aksar zamaane ko berukhi ka sa gumaan hota hai,,,कि अक्सर ज़माने को बेरुखी का सा गुमा होता है,,,
shikayat ye ki main milta julta nahin logon se,,,शिकायत ये कि में मिलता जुलता नहीं लोगों से,,,
Kyonki main nikalta hi tab hoon jab ye jahan sota hai,,,क्योंकि में निकलता ही तब हूँ,जब ये जहाँ सोता है...

kamnanadar
March 19th, 2012, 02:45 AM
Kabhi daman kabhi palkain bhigona kis ko kahte hain,,,
Kabhi mujh se poocho ki toot ke rona kis ko kahte hain,,,
Kabhi meri jagah khud ko rakho phir jaan jaoge,,,
Ke duniyan bhar ke dukh dil main samona kis ko kahte hain,,,
Meri aankhon mere chahre ko ek din gor se dekho,,,
Phir na poochoge VEERAAN hona kis ko kahte hain,,,

kamnanadar
March 19th, 2012, 03:01 AM
Utre jo zindgi teri gahraiyon main hum,,,उतरे जो जिंदगी तेरी गहराइयों में हम,,,
Mahfil main rah ke bhi rahe tanhaiyon main hum,,,महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में हम,,,
Deewangi nahin to or kya kahain ise?दीवानगी नहीं तो और क्या कहैं ?
Insaan dhoondhte rahe parchaiyon main hum,,,इंसान ढूंढते रहे परछाइयों में हम,,,,

kamnanadar
March 20th, 2012, 01:29 AM
Na jane kyun apne saye se bhi dar raha hoon main,,,न जाने क्यों अपने साए से भी डर रहा हूँ मैं,,,
Apni hi galiyon se chhupkar guzar raha hoon main,,,अपनी ही गलियों से छुपकर गुज़र रहा हूँ मैं,,
Maangi thi kabhi duaaon mein ik anokhi maut maine,,,मांगी थी कभी दुआ मैंने एक अनोखी मौत मैंने,,,
Isiliye shayad jeete-je mar raha hoon main,,,इसीलिए शायद जीते जी मर रहा हूँ मैं,,,

kamnanadar
March 20th, 2012, 01:55 AM
Kise apna banayain koi is kaabil nahin milta,,,
Yahan pathar bahut milte hain dil nahin milta,,,
Ye duniyan farebon ki basti hai e-dost,,,
Yahan sirf dard milta hai,hamdard nahin milta.....

ravinderjeet
March 20th, 2012, 03:52 PM
क्या है जिंदगी ,
देखो तो ख्वाब है जिंदगी ,
पढो तो किताब है जिंदगी ,
सुनो तो ज्ञान है जिंदगी ,
पर हँसते रहो तो आसन है जिंदगी …

ravinderjeet
March 20th, 2012, 04:27 PM
हो जो ताल्लुक तो रूह से हों...

दिल तो आखिर भर ही जाते हैं...

rajpaldular
March 20th, 2012, 05:08 PM
ये मनमोहन भी ले लो;

ये दिग्विजय भी ले लो;

भले छीन लो हमसे सोनिया गांधी!

मगर हमको लौटा दो, वो कीमतें पुरानी;

वो आटा, वो गैस, वो बिजली, वो पानी!

बड़ी मेहरबानी, बड़ी मेहरबानी!!

kamnanadar
March 20th, 2012, 06:31 PM
Usko chaaha bhi to ikraar na karna aaya,,,उसको चाहा भी तो इकरार न करना आया,,,
Kat gai umar hamain pyar na karna aaya,,,कट गई उम्र हमें प्यार न करना आया,,,
Usne mangi bhi agar to judaai maangi,,,उसने मांगी भी अगर तो जुदाई मांगी,,,
Or ek ham the hamain inkaar na aaya....और एक हम थे हमें इनकार न करना आया....

kamnanadar
March 20th, 2012, 06:37 PM
AAj ke baad khatam apni kahani hai,,,आज के बाद खतम अपनी कहानी है,,,
Teri or meri alag alag ab zindgani hai,,,तेरी और मेरी अलग अलग अब जिंदगानी है,,,
Tu bhi khush lag rahi hai,main bhi khush lag raha hoon,,,तू भी खुश लग रही है,में भी खुश लग रहा हूँ,,,
Lagta hai jo aankhon main hai vo khushi ka paani hai...लगता है जो आँखों में है वो खुशी का पानी है...

ravinderjeet
March 21st, 2012, 06:15 PM
http://a6.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-ash3/s320x320/554702_10150755752339974_689504973_11331650_165741 3105_n.jpg

kamnanadar
March 21st, 2012, 07:59 PM
Ab sharir-e-jaan bachane ki khwhish nahin rahi,,,अब शरीर -ए-जाँ बचने कि ख्वहिश नहीं रही,,,
Phir se paane ganwane ki khwahish nahin rahi,,,फिर से पाने गंवाने कि ख्वहिश नहीं रही,,,
Ab tum palat ke aane ki khwahish ko maar do,,,अब तुम पलट के आने कि ख्वहिश को मार दो,,,
Ab tumko aazmane ki khwahish nahin rahi...अब तुमको आजमाने कि ख्वहिश नहीं रही...

htomar
March 22nd, 2012, 12:34 PM
जब नींद से मेरा कोई वास्ता ही नहीं तो फिर क्यों
ये आवारा ख्वाब मेरी छत पर टहला करते है ??

kamnanadar
March 23rd, 2012, 09:51 PM
Kushiyon ki aarzoo main mukaddar so gaye,,,खुशियों की आरज़ू में मुकद्दर सो गए,,,
Aandhi aisi chali ki apne bhi kho gaye,,,आंधी ऐसी चली कि अपने भी खो गए,,,
Kya khoob tha unka andaz-e-mohabbat,,,क्या खूब था उनका अंदाज़-ए-मोहब्बत ,,,,
Pyar dene aaye the or palkain bhigo gaye...प्यार करने आये थे और पलकें भिगो गए...

vijaykajla1
March 24th, 2012, 02:28 PM
चाहता हूँ की भूल जाऊं तुम्हे

और खुद भी न याद आऊँ तुम्हे

जैसे तुम सिर्फ एक कहानी थी

जैसे मैं सिर्फ एक फ़साना था !!!

vijaykajla1
March 24th, 2012, 02:32 PM
सूने पनघट का कोई दर्द भरा गीत थे हम

शहर के शोर मैं क्या तुझको सुनायी देते !!

htomar
March 24th, 2012, 07:08 PM
इस तरह सताया है, परेशान किया है
जैसे दोस्ती नहीं एहसान किया है

htomar
March 24th, 2012, 07:19 PM
नफरतों वाली दुनिया में प्यार न कर "साहिल"
यहाँ रूह फना हो जाती है लेकिन वफ़ा नही मिलती

htomar
March 24th, 2012, 07:21 PM
कुछ लोगों को खुद होकर जबाब देना है
और कुछ से खुद होकर हिसाब लेना है

बहुत लिख ली तकदीर ने मन मुताबिक इबारत
तकदीर से वापस ज़िन्दगी की किताब लेना है

अब न होगी अंधेरों में और गुजर बसर
वक़्त के पास गिरवी रखा आफताब लेना है

पुराने ख्वाबो को हकीकत की जमीं
और आँखों को कुछ नए ख्वाब देना है
कुछ लोगों को खुद होकर............

sombirnaamdev
March 25th, 2012, 12:23 AM
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता .

हो सकता था जालिम ने अपने से दूर न किया होता
हुस्न की अदाएं दिखाकर
मासूम दिल को अपने जाल में फंसाकर
नज़रों के फिर तीर चलाकर
दिल से दिल लगाकर फिर झट से दूर न किया होता
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता
बाँहों की फिर पिंग झुलाकर
नए नए वो ख्वाब दिखाकर
सपनों की फिर सेज सजाकर
मीठी मीठी नींद में सुलाकर अचानक से फिर न जगा जगा दिया
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता .




सोमबीर सिंह सरोया



9321083377

sombirnaamdev
March 25th, 2012, 12:38 AM
Type in Hindi - Google Transliteration (http://www.google.com/transliterate)

www.google.com/transliterate


आर हिंदी में लिखन खातिर इस पे क्लिक करो
फेर भी नहीं होवे तो मन्ने पूछ लियो

anuragsunda
March 25th, 2012, 09:01 AM
आज क्यों हुआ!! पलक पर निगाहों का फरमान,

साज था ना..... न था परवाज.....,

इल्म तक नहीं हुई मेरी सरहदी आवाज,

फिर क्यों.......!! फिर क्यों.....!!

....पलक पर हुआ आज जमाने को ऐतराज....?????

ravinderjeet
March 25th, 2012, 12:09 PM
क्या होगा कोई रोशन सबेरा? जब मन में ख्याल आता है,
दूर आसमाँ का एक सितारा तब रोशनी की आश जगाता है|

ravinderjeet
March 25th, 2012, 12:09 PM
बाद मुद्दत उन्हें देख कर मन में ये ख्वाहिश जगी,
इस चाँद को अब घर ले चलूँ, करू चाँद से दिल्लगी

ravinderjeet
March 25th, 2012, 12:14 PM
एक दर्द ने दी जिँदगी एक दर्द ने मारा है ।

वो दर्द तुम्हारा था ये दर्द भी तुम्हारा है ।।

Moar
March 25th, 2012, 02:25 PM
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता .

हो सकता था जालिम ने अपने से दूर न किया होता
हुस्न की अदाएं दिखाकर
मासूम दिल को अपने जाल में फंसाकर
नज़रों के फिर तीर चलाकर
दिल से दिल लगाकर फिर झट से दूर न किया होता
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता
बाँहों की फिर पिंग झुलाकर
नए नए वो ख्वाब दिखाकर
सपनों की फिर सेज सजाकर
मीठी मीठी नींद में सुलाकर अचानक से फिर न जगा जगा दिया
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता .




सोमबीर सिंह सरोया



9321083377

You may like to post at this suggested thread - http://www.jatland.com/forums/showthread.php?31985-shayri

vijaykajla1
March 25th, 2012, 04:41 PM
बिछड के भी वो रोज मिलता है मुझे ख्वाब नगर में "ग़ालिब "

अगर यह नींद भी न होती तो मर गये होते हम !!

vijaykajla1
March 25th, 2012, 05:12 PM
बहते दरिया पे हक सभी का है

तुम ज़रा प्यास में कमी कर लो

jaatdesi
March 26th, 2012, 05:17 PM
https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/420483_10150598076811709_548376708_8924975_8451581 04_n.jpg

jaatdesi
March 26th, 2012, 05:20 PM
https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/430482_10150594125366709_548376708_8913554_1652768 879_n.jpg

kamnanadar
March 26th, 2012, 08:37 PM
Dheere dheere se ab tere pyar ka dard kam hua,,,धीरे धीरे से अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,,,
Na tere aane ki khushi hui or na jaane ka gam hua,,,ना तेरे आने कि खुशी हुई और ना जाने का गम हुआ,,,
Jab log mujhse poochte hain hamari dosti ki daastaan,,,जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारी दोस्ती कि दास्ताँ,,,
Main kah deta hoon ki ek fasaana tha jo ab khatam hua...में कह देता हूँ कि एक फ़साना था जो अब खतम हुआ....

vijaykajla1
March 26th, 2012, 10:44 PM
मौत तो नाम से बदनाम है

वरना तकलीफें तो जिंदगी भी कम नहीं देती

kamnanadar
March 26th, 2012, 11:27 PM
Palkon ki nami main chupa kar sapnon ko,,,पलकों कि नमी में छुपा कर सपनों को,,,
Hamne unhain jaane ki izazat de di,,,हमने उन्हें जाने कि इजाजत दे दी,,,
Ham toot kar bikhar gaye tukdon main,,,हम टूट कर बिखर गए टुकड़ों में,,,
Unhain muskurane ki izaazat de di...उन्हें मुस्कुराने की इजाजत दे दी....

ravinderjeet
March 27th, 2012, 05:22 PM
मोहोब्बत हो गयी थी उस से बस इतनी खता थी मेरी ..

माना की मुजरिम हूँ उसका मगर बे -कसूर भी हूँ .....!!!

ravinderjeet
March 27th, 2012, 07:01 PM
तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं
मैं गिरा तो मसला बनकर खड़ा हो जाऊंगा

kamnanadar
March 27th, 2012, 11:19 PM
Jo aansoo ki trah bahta gaya vo rakt hoon main,,,
Jise kadam kadam par aazmaya gaya vo waqt hoon main,,,
Shayad isi trah kheezkar likhi meri takdeer khuda ne,,,
Jise chahne wala to mila par chaaha na gaya aisa shaks hoon main...

ravinderjeet
March 28th, 2012, 02:24 PM
स्याह रात का मतलब क्या हमने बखूबी जान लिया
फाकाकस्सी और मौज मजा दोनों को पहचान लिया
कितना दिलकसी और हांसी खेल खेल रहे हैं सभी
अपने ही अन्दर हमने अपना दुश्मन क्यों पाल लिया ||

ravinderjeet
March 28th, 2012, 02:52 PM
मैं तब भी बदनाम था मैं अब भी बदनाम हूँ
फ़कत
महोब्बत में कल भी नादान था और आज भी नादान हूँ !!

ravinderjeet
March 28th, 2012, 03:01 PM
"मैंने उस से पूछा कीमत क्या है प्यार की "ऐ दोस्त"
उसने भी हंस के कहा, आंसू भरी ऑंखें और उम्र भर का इंतज़ार" .

vijaykajla1
March 28th, 2012, 05:18 PM
मेरी यादों से बच निकलो तो वादा है मेरा तुमसे

मैं खुद दुनिया से कह दूँगा.... कमी मेरी वफ़ा में थी !!!

vijaykajla1
March 28th, 2012, 05:21 PM
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी

लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर !!!

kamnanadar
March 28th, 2012, 08:48 PM
Lamhon main jo kat jaaye vo kya jindgi,,,लम्हों में जो कट जाए वो क्या है जिंदगी,,,
Aansuon main jo bah jaaye vo kya hai jindgi,,,आंसुओं में जो बह जाए वो क्या है जिंदगी,,,
Jindgi ka to falsafaa hii kuch or hai,,,जिंदगी का तो फलसफा ही कुछ और है,,,
Jo har kisi ko samjh aa jaaye vo kya hai jindgi...जो हर किसी को समझ आ जाए वो क्या है जिंदगी...

vijaykajla1
March 28th, 2012, 09:07 PM
कुछ ज़ख्म सदियों बाद भी ताज़ा रहते है "फ़राज़ "

वक्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती !!!

vijaykajla1
March 28th, 2012, 10:17 PM
"बाँध कर सर पर कफ़न सरहद पर खड़े होते है,
जब याद आती है घर की चुपके चुपके रोते है,
वो क्या समझेंगे मेरे दिल की तड़प मेरे दिल की आह,
जो नेता सरे-आम संसद में सोते है......."

Prikshit
March 28th, 2012, 10:19 PM
ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,

वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है ॥

vijaykajla1
March 29th, 2012, 02:31 PM
उसे बारिश पसंद है और मुझे बारिश में वो

उसे हँसना पसंद है और मुझे हँसते हुए वो

उसे चुप न रहना पसंद है और मुझे बोलते हुए वो

बस खता सिर्फ ये हुई की उसे हम कभी पसंद न आये... और हमे पसंद आये तो सिर्फ वो !!!

kamnanadar
March 29th, 2012, 06:44 PM
Mohabbat se wo dekhte hain sabhi ko,,,मोहब्बत से वो देखते हैं सभी को,,,
Bas ham par hi ye inaayat nahin hoti,,,बस हम पर ही ये इनायत नहीं होती,,,
Main to sheesha hoon tootna meri fitrat hai,,,मैं तो शीशा हूँ टूटना मेरी फितरत है,,,
Isliye to mujhe pattharon se koi shikayat nahin hoti....इसीलिए तो मुझे पत्थरों से कोई शिकायत नहीं होती...

kamnanadar
March 29th, 2012, 07:04 PM
Ashq bhi ab sahme se palkon main chupe rahte hain,,,अश्क भी अब सहमे से पलकों मैं छुपे रहते हैं,,,
Meri trah ye bhi tanhaai or ghutan sahte hain,,,मेरी तरह ये भी तन्हाई और घुटन सहते हैं,,,
Darte hain ki kahin dekh na le inhain koi,,,डरते हैं कि कहीं देख न ले इन्हें कोई,,,
Nikalna chaahte hain par majbooriyon main bandhe rahte hain...निकलना चाहते हैं पर मजबूरियों में बंधे रहते हैं...

sombirnaamdev
March 30th, 2012, 05:36 PM
तार दिल के आज बजा सजना
धुन कोई नयी सुना सजना

जहाँ न कोई गम रहे
खुशियों की न कमी रहे
महफ़िल आज ऐसी कोई सजा सजना

तार दिल के आज बजा सजना
धुन कोई नयी सुना सजना

पास में न कोई तन्हाई हो
चारो तरफ सहनाई हो
गीत कोई ऐसा गुनगुना सजना

तार दिल के आज बजा सजना
धुन कोई नयी सुना सजना

रात हो मधुर मिलन की
हो मुरादें पूरी आज दिलन की
तर दिल के बजा सजना

तार दिल के आज बजा सजना
धुन कोई नयी सुना सजना
सोमबीर सिंह सरोया

9321083377

kamnanadar
March 30th, 2012, 09:57 PM
Jeene ke liye is duniyan main kuch khas nahin rah jaata hai,,,जीने के लिए इस दुनियां में कुछ खास नहीं रह जाता है,,,
Sab kuch hota hai phir bhi kuch paas nahin rah jaata hai,,,सब कुछ होता है फिर भी कुछ पास नहीं रह जाता है,,,
Khud apne main ghut kar jab armaan yun hi mar jaaye to,,,खुद अपने में घुट कर जब अरमान यूँ ही मर जाए तो,,,
Ek had ke aage dard ka bhi ehsaas nahin rah jaata hai....एक हद के आगे दर्द का भी एहसास नहीं रह जाता है....

kamnanadar
March 30th, 2012, 10:07 PM
Ab chahta hoon to jindgi ruswaai nahin deti,,,अब चाहता हूँ तो जिंदगी रुसवाई नहीं देती,,,
Andhere main apni parchaai bhi dikhai nahin deti,,,अँधेरे में अपनी परछाई भी दिखाई नहीं देती,,,
Jo ab tak karte the baatain ishaaron pe jaan dene ki,,,जो अब तक करते थे बातें इशारों पे जान देने की,,,
Kya ab unhain hamari aawaz bhi sunaai nahin deti?क्या अब उन्हें हमारी आवाज़ भी सुनाई नहीं देती?

htomar
March 31st, 2012, 10:27 AM
क्या उम्मीद करे हम उन से जिनको वफ़ा मालूम नहीं
ग़म देना मालूम है लेकिन ग़म की दवा मालूम नहीं

जिन की गली में उम्र गँवा दी जीवन भर हैरान रहे
पास भी आके पास न आये जान के भी अंजान रहे
कौन सी आख़िर की थी हमने ऐसी ख़ता मालूम नहीं

ऐ मेरे पागल अर्मानों झूठे बंधन तोड़ भी दो
ऐ मेरी ज़ख़्मी उम्मीदों दिल का दामन छोड़ भी दो
तुम को अभी इस नगरी में जीने की सज़ा मालूम नहीं

vijaykajla1
March 31st, 2012, 06:21 PM
आसान नहीं है बंजारा मिजाजी,

सलीका चाहिए जी आवारगी में भी .

kamnanadar
March 31st, 2012, 07:16 PM
Ek lamhe main unhone hamari zindgi sanvaar di,,,एक लम्हे में उन्होंने हमारी जिंदगी संवार दी,,,
Phir ek lamhe main unhone vahi zindgi ujaad di,,,फिर एक लम्हे में उन्होंने वही जिंदगी उजाड दी,,,
Kasoor unka nahin hamara hii tha,,,कसूर उनका नहीं हमारा ही था,,,
Jo un do lamhon main zindgi guzaar dii...जो उन दो लम्हों में जिंदगी गुजार दी....

kamnanadar
March 31st, 2012, 07:58 PM
kuch ajeeb faaslon ka janam ho raha hai,,,कुछ अजीब फासलों का जनम हो रहा है,,,
Naseeb mera jaagkar bhi so raha hai,,,नसीब मेरा जागकर भी सो रहा है,,,
Kaise kah doon toota dil dhadakta nahin,,,कैसे कह दूं टूटा दिल धड़कता नहीं,,,
Jabki aaj dil har tukda ro raha hai...जबकि आज दिल का हर टुकड़ा रो रहा है,,,

kamnanadar
March 31st, 2012, 08:08 PM
Yun teri rahguzr se deewanwar gujre,,,
Kaandhe pe apne rakhke apna mazaar guzre,,,
Baithe hain raste main dil ka khandhar saja kar,,,
Shayad isi traf se ek din bahaar gujre,,,
Bahti hui ye naidya ghule hue kinare koi to paar utre koi paar gujre,,,
Tune bhi hamko dekha hamne bhi tujhko dekha,,,
Tu dil hii haar gujra ham jaan haar gujre,,,

vijaykajla1
April 1st, 2012, 02:27 PM
जिंदगी काश तू ही रूठ जाती मुझ से

ये रूठे हुए लोग मुझसे मनाये नहीं जाते !!

vijaykajla1
April 1st, 2012, 02:36 PM
ये झूठ है की मोहब्बत किसी को बरबाद करती है

लोग खुद ही बर्बाद हो जाते है मोहब्बत करते करते !!

vijaykajla1
April 1st, 2012, 02:55 PM
हम तो आगाज़-ए-मोहब्बत में ही लुट चुके फ़राज़

लोग कहते हैं की अंजाम बुरा होता है !!

ravinderjeet
April 1st, 2012, 07:17 PM
बड़ी मुश्किल से ये आंसू छिपाए हमने
हँसना चाहा झूठे ठहाके लगाये हमने
तुमको मालूम ये शायद हो के ना हो
तुम्हारे जाने के बाद आंसू बहाए हमने
प्यार किया हमने नहीं छुपाया कभी
दिल के तराने थे तुमको सुनाये हमने
तेरे साथ इन्कलाब के जो नारे लगाये
यारो अब तलक नहीं हैं भुलाये हमने
राह का साथ छोड़ गये अफ़सोस तो है
पल याद हैं वो जो संग बिताये हमने
जानते हैं आप हमें नहीं भूल सकेंगे
एक अनुभव बस बिंदु दिखाए हमने
हादसा नहीं एक सच्चाई है ये प्यार
ग्लानी नहीं रास्ते नए बनाये हमने

-------रणबीर सिंह दहिया |

ravinderjeet
April 1st, 2012, 07:23 PM
वो कहते है हम कभी कुछ कहते नहीं
अब उनसे कैसे बताये यारों
दिल के जज़्बात अल्फाजों में नहीं
ये फ़साने तो निगाहों से बयान होते है

kamnanadar
April 2nd, 2012, 12:54 AM
Khushiyon se naaraz hai meri zindgi,,,खुशियों से नाराज़ है मेरी जिंदगी,,,
Pyar ki mohtaaz hai meri zindgi,,,प्यार कि मोहताज़ है मेरी जिंदगी,,,
Hans leti hoon kabhi logon ko dekh kar,,,हंस लेती हूँ कभी लोगों को देख कर,,,
Warna dard ki kitaab hai meri zindgi,,,वर्ना दर्द कि किताब है मेरी जिंदगी....

kamnanadar
April 2nd, 2012, 01:05 AM
दर्द बन कर दफ़न हो गई सीने में हर बात,,,
ना समझा सके हम अपनी मजबूरियां और हालत,,,
वक्त ने इस लायक भी नहीं छोड़ा कि कोई शिकवा करें,,,
बिन नींद, आंसुओं के संग गुजरती है अब हमारी हर रात...

kamnanadar
April 2nd, 2012, 01:15 AM
Duniyan ko is ka chehra dikhana pada mujhe,,,दुनियां को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे,,,
Parda jo darniyaan tha hatana pada mujhe,,,पर्दा जो दरमियाँ था हटाना पड़ा मुझे,,,
Ruswaiyon ke khauf se mehfil main aaj,,,रुसवाइयों के खौफ से महफ़िल में आज,,,
Phir is bewafa se haath milana pada mujhe,,,फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे...

vijaykajla1
April 2nd, 2012, 01:35 PM
मोहब्बत भी क्या चीज़ बनायीं है तू ने ए खुदा

तेरी ही मस्जिद में तेरे ही बंदे तेरे ही सामने रोते है किसी और के लिए !!

vijaykajla1
April 2nd, 2012, 01:39 PM
जिंदगी से कोई चीज़ उधार नहीं मांगी मैंने 'फ़राज़'

कफ़न भी लेने गए तो जिंदगी अपनी देकर !!

nainsunil007
April 4th, 2012, 12:52 PM
निगाहें जो आज उनकी झुकी झुकी देखी हमनें
तो ना मानने वाली बात भी मान ली हमने

nainsunil007
April 4th, 2012, 12:54 PM
सुनी जो कदमो की आहट तो जाम फेंक दिया
मिली जो नजर तो सुराही ही तोड दी हमने

vijaykajla1
April 4th, 2012, 03:40 PM
तुम्हारे शहर में रहने को तो रहते हैं हम लेकिन

कभी हम टूट जाते हैं, कभी घर टूट जाता है...

vijaykajla1
April 4th, 2012, 07:24 PM
खफा रह कर तुम भी न रह पाओगे

जान तो जाएगी हमारी, सांस तुम भी न ले पाओगे !!

vijaykajla1
April 5th, 2012, 07:54 PM
मुहब्बत के अंदाज़ भी जुदा से है

किसी ने टूट के चाहा और कोई चाह के टूट गया !!

vijaykajla1
April 5th, 2012, 08:09 PM
उनका हुस्न बयान न हो सका ए दोस्त

लोग थक गए शायरी करते करते !!

vijaykajla1
April 5th, 2012, 08:11 PM
मेरे लफ़्ज़ों की पहचान अगर कर लेता वो फराज़

उसे मुझ से नहीं खुद से ही मुहब्बत हो जाती !!

vijaykajla1
April 5th, 2012, 08:14 PM
उस से अब कोई वास्ता नहीं लेकिन

उसके हिस्से का वक्त आज भी तनहा गुजरता है!!

vijaykajla1
April 6th, 2012, 04:36 PM
जब नाम तेरा प्यार से लिखती हैं उंगलियाँ
मेरी तरफ ज़माने की उठती हैं उंगलियाँ
दामन सनम का हाथ मे.न आया था एक पल
दिन रात उस एक पल से महकती हैं उंगलियाँ
जिस दिन से दूर हो गये उस दिन से ही सनम
बस दिन तुम्हारे आने के गिनती हैं उंगलियाँ
पत्थर तराश कर ना बना ताज एक नया
फनकार की ज़माने में कटती हैं उंगलियाँ

vijaykajla1
April 6th, 2012, 04:45 PM
मुझ से कहती है तेरे साथ रहूंगी सदा

बहुत प्यार करती है मुझ से उदासी मेरी!!!

vijaykajla1
April 6th, 2012, 04:48 PM
वो मेरा सब कुछ है पर मुक्कदर नहीं फ़राज़

काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक्कदर होता !!

kamnanadar
April 6th, 2012, 10:19 PM
Zindgi ka raaz maine tanhaai main pa liya,,,जिंदगी का राज़ मैंने तन्हाई में पा लिया,,,
Jiska bhi gam mila apna bana liya,,,जिसका भी गम मिला अपना बना लिया,,,
Sunane ko mila na koi daastaan-e-gam,,,सुनाने को मिला न कोई दास्ताँ -ए-गम,,,
Aaina rakha saamne or khud ko suna liya,,,आइना रखा सामने और खुद को सुना लिया....

kamnanadar
April 6th, 2012, 10:28 PM
Dil gumsum,zuban khamosh kyon hai,,,दिल गुमसुम,जुबां खामोश क्यों है,,,
Ye aankhain yun namm kyon hain,,,ये आँखें यूँ नम क्यों हैं,,,
Jab,kabhi tujhe paaya hi na tha,,,जब,कभी तुझे पाया ही ना था,,,
To aaj tujhe khone ka gam kyon hai...?तो आज तुझे खोने का गम क्यों है...?

kamnanadar
April 6th, 2012, 10:38 PM
Na jaane kyon hamain ansoo bahana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें आंसू बहाना नहीं आता,,
Na jaane kyon hamain haal-e-dil sunana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें हाल-ए-दिल सुनाना नहीं आता,,,
Kyon saathi bichhad jaate hain hamesha,,,क्यों साथी बिछड जाते हैं हमेशा,,,
Shayad hamain hii saath nibhana nahin aata,,,शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता,,,,

kamnanadar
April 6th, 2012, 10:46 PM
Unke liye jab hamne bhatakna chhod diya,,,उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,,,
Yaad main unki jab tadapna chhod diya,,,याद में उनकी जब तडपना छोड़ दिया,,,
Wo roye bahut aakr tab hamare paas,,,वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,,,
Jab hamare dil ne dhadkna chhod diya...जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया...

DrRajpalSingh
April 7th, 2012, 08:46 AM
Na jaane kyon hamain ansoo bahana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें आंसू बहाना नहीं आता,,
Na jaane kyon hamain haal-e-dil sunana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें हाल-ए-दिल सुनाना नहीं आता,,,
Kyon saathi bichhad jaate hain hamesha,,,क्यों साथी बिछड जाते हैं हमेशा,,,
Shayad hamain hii saath nibhana nahin aata,,,शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता,,,,





Good. Keep it up!

htomar
April 7th, 2012, 11:07 AM
Na jaane kyon hamain ansoo bahana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें आंसू बहाना नहीं आता,,
Na jaane kyon hamain haal-e-dil sunana nahin aata,,,ना जाने क्यों हमें हाल-ए-दिल सुनाना नहीं आता,,,
Kyon saathi bichhad jaate hain hamesha,,,क्यों साथी बिछड जाते हैं हमेशा,,,
Shayad hamain hii saath nibhana nahin aata,,,शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता,,,,





very nice...

nainsunil007
April 7th, 2012, 02:33 PM
लोग प्यार को खुदा कहते है, पर कोई करे तो गुनाह कहते है
"पत्थर दिल रोया नही करते" तो फिर पहाडों से ही झरने क्यों बहा करते हैं

kamnanadar
April 7th, 2012, 04:16 PM
thanks drRajpaljji ,,,ye kahin padha tha,,,jatland par main jo bhi post karti hoon vo mera apna likha hua nahin hota,,,haan pasand jaroor meri hoti hai,,,kahin acha likha hua padhti hoon to yahan share kar leti hoon,,,
Good. Keep it up!

vijaykajla1
April 7th, 2012, 11:13 PM
उसको खुशबू के परखने का सलीका ही नहीं

फूल को कीमते ए बाजार से पहचानता हैं..

kamnanadar
April 8th, 2012, 01:04 AM
Khatayain yaad rakhta hai wafayain bhool jata hai,,,खतायें याद रखता है वफायें भूल जाता है,,,
Wo meri chaahton ki intihaa bhool jaata hai,,,वो मेरी चाहतों कि इंतिहा भूल जाता है,,,
Jo pichle jurm hain mere unko yaad rakhta hai,,,जो पिछले जुर्म हैं मेरे उनको याद रखता है,,,
Jo maine kaat li hain,vo sajayain bhool jaata hai...जो मैंने काट ली हैं,वो सजायें भूल जाता है....

kamnanadar
April 8th, 2012, 01:13 AM
यूँ ही तन्हाई में अब दिल को सजा देते हैं, नाम लिखते हैं तेरा लिख के मिटा देते हैं,,,
जब भी नाकाम मोहब्बत का कोई ज़िक्र करे, लोग हँसते हैं मेरा नाम बता देते हैं,,,
अब खुशी कि कोई तरकीब न सूझे, अब ये आलम है कि गम ही मज़ा देते हैं,,,
क्या जरूरत है की देते हो खुद को ये ज़हमत, लाओ हम खुद ही नशेमन को जला देते हैं,,,
अब तसल्ली नहीं दी जाती मरीज़ -ए-गम को, देखने वाले भी मरने कि दुआ देते हैं...

kamnanadar
April 8th, 2012, 01:31 AM
Har dhadkan main ek raaz hota hai,,,हर धडकन में एक राज़ होता है,,,
Har baat ko batane ka ek andaaz hota hai,,,हर बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,,,
Jab tak thokar na lage bewafai kii,,,जब तक ठोकर न लगे बेवफाई की,,,
Har kisi ko apni mohabbat par naaz hota hai...हर किसी को अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है....

upendersingh
April 9th, 2012, 01:31 AM
या इलाही ये आजमाइश की तेरी कैसी इंतेहा है,
क्यूं अब दिल को तन्हाई का अंधेरा ही भाता है.
जिक्र हो रहा होता है किसी और की बर्बादी का,
हमें उसमें क्यूं अपना अक्स नजर आता है.
राह-ए-इश्क में तूफानों से जूझने का आलम अब ये है
कि तेज हवा चलने से भी दिल घबराता है.
कांटों भरी इस राह पर लहू-लुहान तो हो गए हैं कदम,
पर कुछ बचा तो है, जिसकी चाह में मन गुनगुनाता है.
अब तो ठान लिया है कि हम नहीं या तू नहीं,
फिर भी कभी-कभी राह बदलने को जी चाहता है.
अगर तू खुश है इन जख्मों पर, दुश्वारियों पर,
तो तुझ पर हंसने में हमारा भी क्या जाता है.
क्या था पास में कि खोने के गम में बहाएं आंसू,
इन बर्बादियों-मायूसियों से तो मुद्दतों पुराना नाता है.
कभी हुआ हिसाब अगर एक-एक बात का,
तब पूछेंगे कि तू खुद पर इतना क्यों इतराता है.

htomar
April 9th, 2012, 10:24 AM
Deewar kya giri, mere makaan ki,
Logo ne aane jaane ka raasta hi bna liya.

htomar
April 9th, 2012, 11:11 AM
Khatayain yaad rakhta hai wafayain bhool jata hai,,,खतायें याद रखता है वफायें भूल जाता है,,,
Wo meri chaahton ki intihaa bhool jaata hai,,,वो मेरी चाहतों कि इंतिहा भूल जाता है,,,
Jo pichle jurm hain mere unko yaad rakhta hai,,,जो पिछले जुर्म हैं मेरे उनको याद रखता है,,,
Jo maine kaat li hain,vo sajayain bhool jaata hai...जो मैंने काट ली हैं,वो सजायें भूल जाता है....





Bitter Truth...........

kadyanus
April 9th, 2012, 03:49 PM
deewar kya giri mere toote makaan ki ....
logon ne mere sahan se raaste bane liye

ravinderjeet
April 9th, 2012, 03:58 PM
deewar kya giri mere toote makaan ki ....
logon ne mere sahan se raaste bane liye


उप्पर ९७० नंबर की पोस्ट देख |

vijaykajla1
April 9th, 2012, 05:04 PM
उप्पर ९७० नंबर की पोस्ट देख |

दीवार गिर गयी :topsy_turvy:

vijaykajla1
April 10th, 2012, 01:25 PM
अपने हाथों की लकीरों में इस तरह शामिल कर लो मुझे

की जब भी दुआ के लिए हाथ उठाओ तो में याद आ जाऊँ !!

kamnanadar
April 10th, 2012, 11:40 PM
​तुम नज़र से नज़र मिलाते तो,बात करते ना , मुस्कुराते तो,,,
इख्त्लाफात होते रहते हैं,आना जाना था ,आते जाते तो,,,
दोस्ती में अना नहीं चलती, खुद न आते कभी बुलाते तो,,,
चांदनी रात सिसकियाँ भरती,तुम जरा अपनी छत पर आते तो,,,
भूलते शौक से हमें लेकिन, भूलने का हुनर बताते तो,,,
आ भी जाओ कि हम बुलाते हैं, तुम बुलाते जो,हम न आते तो,,,
बज़्म में दिल-नवाज़ हो जाते,तुम मेरे शेर गुनगुनाते तो....

kamnanadar
April 10th, 2012, 11:54 PM
Ye baare-falak hamne jameen par nahin rakha,,,ये बारे-फलक हमने ज़मीं पर नहीं रखा,,,
Thak ke kisi kaandhe pe kabhi sar nahin rakha,,,थक के किसी काँधे पे कभी सर नहीं रखा,,,
Kyon thokrain lagti hain,kii jab hamne kabhi bhi,,,क्यों ठोकरें लगती हैं,,की जब हमने कभी भी,,,
Raste main kisi ke koi pathar nahin rakha...रास्ते में किसी के कोई पत्थर नहीं रखा...

kamnanadar
April 12th, 2012, 01:03 AM
Jo hai is chirag ki jindgi,usi jindgi ke khilaf hai,,,
Ye chirag kaisa dhirag hai ke jo roshni ke khilaf hai,,,
Ye jala diya vo bujha diya ye to kaam hai kisi or ka,,,
Na hawa ke koi khilaf hai na hawa kisi ke khilaf hai,,,
Vo hai bewafa to wafa karo jo asar na ho to dua karo,,,
Jise chaaho use bura kaho ye to dosti ke khilaf hai,,,
Vo jo dhoop thi vo simat gai vo jo chandni thi bikhar gai,,,
Magar ek jugunu hakeer sa abhi teergi ke khilaf hai,,,
Vo jo mere gam main shareek tha jise mera gam bhi azeez tha,,,
Main jo khush hua to pata chala vo meri khushi ke khilaf hai...

kamnanadar
April 12th, 2012, 01:09 AM
Tum jaisa samjhte raha vaisa to nahin main,,,तुम जैसा समझते रहे वैसा तो नहीं मैं ,,,
Kaanta hoon magar phool ke chubhta to nahin main,,,काँटा हूँ मगर फूल के चुभता तो नहीं मैं
Apnon se to rootha hoon main 100 baar bahrhaal,,,अपनों से तो रूठा हूँ में १०० बार बहरहाल ,,,
Par gairon main jaakar kabhi baitha to nahin main...पर गैरों में जाकर कभी बैठा तो नहीं मैं,,,

htomar
April 12th, 2012, 11:04 AM
यू ही रखते रहे हम , बचपन से दिल साफ अपना
पता नही था , कि कीमत तो चेहरो की होती है

kamnanadar
April 12th, 2012, 08:02 PM
Jaan boojh kar goonga hoon or bahraa hoon main,,,जान बूझ कर गूंगा और बहरा हूँ मैं ,,,
Isiliye is shahar main jinda hoon main,,,इसीलिए इस शहर में जिन्दा हूँ मैं,,,
Usne rasman jab bhi poocha mera haal,,,उसने रसमन जब भी पुछा मेरा हाल,,,
Maine tanjan kah diya acha hoon main...मैंने तन्जन कह दिया अच्छा हूँ मैं...

kamnanadar
April 12th, 2012, 08:18 PM
Tum apne seene main gam na bharna,,,
Or apni aankhon ko tar na karna,,,
Jo umar bhar saath chal na paaye,,,
Kabhi use hamsafar na karna,,,
Safar khushi ka ho ya ho gamon ka ke maut ki aakhhri dagar ka,,,
Tumhain kasam hai bagair mere kabhi bhi koi safar na karna...

jatshiva1947
April 12th, 2012, 11:39 PM
बहुत सुंदर लिखा है दिल खुश हो गया

kamnanadar
April 13th, 2012, 10:51 PM
Dekha hai jindgi main hamne ye aazmake,,,देखा है जिंदगी में हमने ये आजमा के,,,
Dete hain log dhokha dil ke kareeb aake,,,देते हैं लोग धोखा दिल के करीब आके,,,
Kis dushmani ka mujhse badla liya hai ya-rab,,,किस दुश्मनी का मुझसे बदला लिया है या-रब,,,
Khush hain jahan wale mera aashiyan jala ke,,,खुश हैं जहाँ वाले मेरा आशियाँ जला के,,,
Mujhko fareb dekhar mere rahnumaan ne loota,,,मुझको फरेब देकर मेरे रहनुमां ने लूटा,,,
Daaman chhuda liya hai manzil ke paas aake,,,दामन छुडा लिया है मंजिल के पास आके,,,
E-na-khuda,khuda ka kuch khauf khaaya hota,,,ए-न-खुदा, खुदा का कुछ खौफ खाया होता,,,
Kashti meri dubo di sahil ke paas la ke...कश्ती मेरी डुबो दी साहिल के पास ला के....

kamnanadar
April 13th, 2012, 11:15 PM
वहाँ कैसे कोई दिया जले जहाँ दूर तक भी हवा न हो,,,
उन्हें हाले दिल न सुनाइये जिन्हें दर्द-ए-दिल का पता न हो,,,
हों अजब तरह कि शिकायतें हों अजब तरह कि इनायतें,,,
तुझे मुझ से शिकवे हज़ार हों मुझे तुझसे कोई गिला न हो...

anuragsunda
April 14th, 2012, 01:41 AM
Jaan boojh kar goonga hoon or bahraa hoon main,,,जान बूझ कर गूंगा और बहरा हूँ मैं ,,,
Isiliye is shahar main jinda hoon main,,,इसीलिए इस शहर में जिन्दा हूँ मैं,,,
Usne rasman jab bhi poocha mera haal,,,उसने रसमन जब भी पुछा मेरा हाल,,,
Maine tanjan kah diya acha hoon main...मैंने तन्जन कह दिया अच्छा हूँ मैं...


very nice...

kamnanadar
April 14th, 2012, 09:37 PM
Ye adaalat ke dareechon se sada aai hai,,,ये अदालत के दरीचों से सदा आई है,,,
Aaj insaaf ka insaaf tamashaai hai,,,आज इन्साफ का इन्साफ तमाशाई है,,,
Jisne insanon ko maara vo khula phirta hai,,,जिसने इंसानों को मारा, वो खुला फिरता है,,,
Jaanvar maara tha maine to sazaa paai hai...जानवर मारा था मैंने तो सज़ा पाई है...

htomar
April 17th, 2012, 10:21 AM
शिकवे हो ,शिकायत हो
चाहे ग़मों की रवायत हो
कब्र सी खामोशी हो
चाहे दुखों का दरिया हो
या हो परेशानियों की शहर
तलाश करना
कोई गुलमोहर जरुर होगा
तेरे नाम का ,तेरी मुस्कान का

htomar
April 18th, 2012, 10:12 AM
चल न पाए कभी इस दुनिया के बाज़ार में
लोग कहते है की सिक्के खोटे है हम
कहने वाले तो कहते है हमें घमंडी भी
पर रातो में अक्सर रोते है हम
जो भी मिलता है उसे बना लेते है अपना
फिर अपनों को ही खोते है हम
टूटती है रोज़ आशा की कोई किरण
फिर एक नई उम्मीद के बीज बोते है हम

htomar
April 18th, 2012, 10:44 AM
"उनकी खैरो-ख़बर नही मिलती,
हमको ही ख़ासकर नही मिलती !
शायरी को नज़र नही मिलती ,
मुझको तू ही अगर नही मिलती!
रूह में,दिल में,जिस्म में दुनिया,
ढूंढता हूँ मगर नही मिलती !
लोग कहते हैं रूह बिकती है ,
मैं जिधर हूँ उधर नही मिलती

htomar
April 18th, 2012, 10:46 AM
मत कर अपने पर इतना गरूर ऐ इंसान
ना जाने खुदा ने तेरे जैसे कितने
बना-२ कर मिटा दिए

htomar
April 18th, 2012, 10:59 AM
अपनों की चाहतो ने दिए इस कदर फरेब
हम लिपट कर रोते रहे हर अजनबी के साथ

htomar
April 18th, 2012, 11:05 AM
बड़े दावे करते थे वो उम्र भर साथ निभाने के
अभी जिन्दा है तो भूला दिया,मर जाते तो क्या होता

ashe
April 18th, 2012, 02:39 PM
Nazar Ko Badlo To Nazare Badal Jate Hai,
Soch Ko Badlo To sitare Badal Jate Hai,
Kashtiya Badal ne ki jarurat nahi,
Disha Ko Badlo to Kinare Khud-b-Khud badal jate hai.

vijaykajla1
April 18th, 2012, 06:25 PM
उनकी तुर्बत पे एक दिया भी नहीं जिनके लहू से जलते हैं चिरागे वतन

जगमगाते हैं मकबरे उनके जो बेचते रहे शहीदों का कफन

ashe
April 19th, 2012, 12:55 AM
Kisiko Yun Rulaya Nahi Karte,
Jhoote Khwab Kisiko Dikhaya Nahi Karte,
Agar Koi Aapki Zindagi Main Khaas Nahi Hai,
To Usse Reh-Reh Kar Ye Ehsaas Dilaya Nahi Karte…

ravinderjeet
April 21st, 2012, 12:14 PM
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे *
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है

ravinderjeet
April 21st, 2012, 01:39 PM
यह क्यां हो गया हैं तेरी कैनात को खुदा ,
के जिन्दा लोग तरश्ते हैं ज़िंदगी के लिए !

ravinderjeet
April 21st, 2012, 01:55 PM
आज देकर ज़हर वो हाल पूछते हैं हमारा ......
अ खुदा तुने ये मोह्हबत बनाई क्यूँ है ......

ravinderjeet
April 21st, 2012, 02:29 PM
मोहब्बत मुझे तुझसे नहीं, तेरे किरदार से है ऐ जान ,
वरना हसीन लोग तो बाज़ार में सरे आम बिका करते हैं।