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View Full Version : Shayri (Part 1)



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ravinderjeet
April 23rd, 2012, 03:17 PM
हम लबों से कह न पाए उनसे
हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं
ये ख़ामोशी क्या चीज़ है ....

ashe
April 23rd, 2012, 03:24 PM
Jindagi ki asli udaan abhi baaki hai
Jindagi ke kai imtehan abhi baaki hai
Abhi to naapi hai mutthi bhar zamin humne
Abhi to sara aasman baaki hai…

ashe
April 23rd, 2012, 03:28 PM
Chehre ki hansi se har gam chhupao,
Bahut kuch bolo par kuch na batao,
Khud na rootho kabhi par sabko manaao,
Raaz hai ye zindgi ka bas jeete chale jao..

sandeepnehra86
April 23rd, 2012, 07:25 PM
aaj wafa ke umid na ker galib wo waqt kuch or tha jab ghar kache or log pake hote tha.

kamnanadar
April 23rd, 2012, 08:16 PM
Na yaad karna hai usko na bhool jaana hai,,,ना याद करना है उसको ना भूल जाना है,,,
Tamaam umar hamain dil ko aajmaana hai,,,तमाम उम्र हमें दिल को आजमाना है,,,
Chirag shab main jahan aansunon ke jalte hain,,,चिराग शब् में जहाँ आंसुओं के जलते हैं,,,
Usi gali main hamara gareebkhana hai...उसी गली में हमारा गरीबखाना है....

kamnanadar
April 23rd, 2012, 08:33 PM
Geele kagaz ki trah hai zindgi apni,,,गीले कागज कि तरह है जिंदगी अपनी,,,
Koi jalata bhi nahin,or koi bahata bhi nahin,,,कोई जलाता भी नहीं,और कोई बहाता भी नहीं,,,
Is kadar raahon main akela hai dil,,,इस कदर राहों में अकेला है दिल,,,
Ki koi sataata bhi nahin,or koi manata bhi nahin....कि कोई सताता भी नहीं,और कोई मनाता भी नहीं....

kamnanadar
April 23rd, 2012, 08:41 PM
Do kadam to sab chal lete hain,,,दो कदम तो सब चल लेते हैं,,,
Par zindgi bhar ka saath koi nahin nibhaata,,,पर जिंदगी भर का साथ कोई नहीं निभाता,,,
Agar ro kar bhulaai jaati yaadain,,,अगर रो कर भुलाई जाती यादें,,,
To hans kar koi gam nahin chupaata...तो हंस कर कोई गम नहीं छुपाता....

kamnanadar
April 23rd, 2012, 08:46 PM
एक वक्त था वो हमसे बिछड़ के बर्बाद हो जाने का दावा करते थे,,,
एक वक्त ये भी है कि हमसे बिछड़ के वो जिंदगी की खुशियों में मशगूल हो गए,,,
एक वक्त वो भी था जब वो एक पल के लिए भी हमसे दूर नहीं रह सकते थे,,,
एक वक्त ये भी है कि उनको हमसे दो बात करे जमाने हो गए...

nainsunil007
April 26th, 2012, 07:04 PM
समेट कर लेजा अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
अगली चाहत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पडेगी

anuragsunda
April 27th, 2012, 12:18 AM
समेट कर लेजा अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
अगली चाहत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पडेगी

bahut khub Sunil ji..

htomar
April 27th, 2012, 11:07 AM
हम तो सारी जिंदगी गम उठाते चले गए
लोगो के चेहरे चंद दिनों मे ही उतर गए
खुदखुशी के साथ गए जो खुदा के घर
वो जिंदगी पर कोन सा एहसान कर गए

vijaykajla1
April 27th, 2012, 12:51 PM
एक ही दर पे सजदे में सर झुके तो सुकून मिलता है ए खुदा

भटक जाते है वो लोग जिनके हजारों खुदा होते हैं !!!

ravinderjeet
April 27th, 2012, 01:10 PM
कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं !
तुझे इस क़दर चहुँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं
उठ के तेरे पास से जो में चल दूँ
जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं

ravinderjeet
April 28th, 2012, 04:29 PM
जिन्दगी सवाल
है जिन्दगी जवाब है .......

तल्खियाँ हकीकतें
और थोड़े ख्वाब है,

रात,दिन की फ़िक्र क्या.जो मिले वो खूब है

थोड़ी जन्नतें
यहाँ और कुछ अजाब है,.

याद कोई क्या
करे किसी को इस जहान में.

सबके अपने फलसफे,अपनी ही किताब है,

ravinderjeet
April 28th, 2012, 04:51 PM
बहुत तडपे हैं तब कहीं आराम आया हैं

मौत का ये पल बड़ी मिन्नत के बात पाया हैं.....!! —

rana1
May 1st, 2012, 10:48 AM
मेरी हिम्मत है तू हमकदम बनके चल
कामयाबी को मैं बाँहों में भर जाऊंगा

अपनी आँखों में मुझको झाँकने तो दे
मेरा दावा है मैं भी संवर जाऊंगा

rana1
May 1st, 2012, 11:05 AM
तेरे हिस्से की लामणी भी मैं कर देता
वक्त गर साथ काम करण का बहाना देता

jaatdesi
May 3rd, 2012, 01:15 PM
https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash3/s320x320/543648_306173409456825_100001925067690_683148_2080 893874_n.jpg

ravinderjeet
May 3rd, 2012, 05:15 PM
रिश्तों की अपनी दुनियाँ हैं, दास्तां हैं
यह समझाना मुश्किल हैं, क्या दरमियाँ हैं
खामोशी हैं लब पे, बात भी हैं
लम्हा लम्हा लम्हा जिंदगी हैं................

ravinderjeet
May 3rd, 2012, 05:17 PM
http://a8.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-prn1/545683_3871228062924_1345315867_33623922_528140952 _n.jpg

rana1
May 3rd, 2012, 09:13 PM
आज फिर एक सिगरेट जला रहा हूँ
फिर एक तीली बुझा रहा हूँ
उसकी नज़र में ये एक गुनाह था
मैं तो बस उसके वादे भुला रहा हूँ
समझना मत इसे मेरी आदत
... मैं तो बस धुआं उड़ा रहा हूँ
ये उसकी यादों के सिलसिले हैं
मैं उसकी यादें जला रहा हूँ
मैं पी कर इतना बहक चूका हूँ
की गम के किस्से सुना रहा हूँ
अगर तुम्हे भी गम है तो मेरे पास आओ
मैं पी रहा हूँ और पिला रहा हूँ
हैं मेरी तो आँखें नम
मगर मैं सबको हँसा रहा हूँ
खो कर अपनी ज़िन्दगी में
अपने बे इन्तहा प्यार को भुला रहा हूँ
एक सिगरेट की शमा के बहाने मैं अपने आप को जला रहा हूँ
मैं आज फिर एक सिगरेट जला रहा

vijaykajla1
May 4th, 2012, 01:12 AM
मैं कोई पत्थर नहीं इंसान हूँ

कैसे कह दूँ गम से घबराता नहीं !!!

vijaykajla1
May 4th, 2012, 01:20 AM
आज कफ़न उठा कर आखरी बार दीदार कर लो मेरा

ए दिलबर

वो आँखें बंद होने जा रही है

जो रोज तेरा इन्तेज़ार किया करती थी !!!

vijaykajla1
May 4th, 2012, 01:43 AM
अब तो घबरा के कहते हैं की मर जायेंगे !
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेगे ?
हम नहीं वो जो करें खून का दावा तुझसे
बल्कि पूछेगा खुदा भी तो मुकर जायेगे !! - ज़ौक

vijaykajla1
May 4th, 2012, 01:48 AM
आज हम अपनी दुआवों का असर देखेंगे
तीरे नज़र देख लिए , जख्मे जिगर देखेंगे !

ravinderjeet
May 4th, 2012, 04:50 PM
तुमने हर पल में पुकारा है मुझे.......
ये अगर भ्रम है तो भी प्यारा है मुझे......!!

ravinderjeet
May 4th, 2012, 04:51 PM
मेरी ज़िंदगानी को ख्वाबो से सजाया है तुमने
इश्क को अपने अंदाज से निभाया है तुमने॥

nainsunil007
May 4th, 2012, 06:03 PM
फलक से जब सितारा जुदा होता है,
उसमे आसमां का भी कुछ इशारा होता है
करोगे किसी से सच्चे दिल से प्यार तो पता चलेगा
बिछडते वक्त क्या नजारा होता है

vijaykajla1
May 4th, 2012, 06:46 PM
मुझपे तोहमत न रख मै शराबी नहीं ,
वो नज़र से पिलाए तो मैं क्या करूँ !! - जौक

vijaykajla1
May 4th, 2012, 07:06 PM
तलाश-ए-ऐब मैं मेरी ज़ात को न कर दाग-दार

फक़त इतना ही कहदे तेरे काबिल नहीं हूँ मैं !!!

rana1
May 4th, 2012, 08:19 PM
दोस्तों दौर सचमुच कलयुगी आ गया
मैं मुस्कुराया तो वो गाली सुना गया

बच्चे जवान बूढ़े सब पर शक करते है
हुस्नवालों को भ्रम का कीड़ा खा गया

शरीफों को लल्लू समझती है लडकियाँ
कल रात मुझे मेरा महबूब बता गया

देखा जब बिल्लियों को आपस में लड़ते
सच कहता हूँ मुझे तो चक्कर आ गया

पायजामा तक जिसे न पहनना आता था
पड़ा इश्क में तो कमबख्त जींस फसा गया

उसके पसीने में भी खुशबू आती है
पहचान बस बेचैन इतनी बता गया

rana1
May 4th, 2012, 08:23 PM
जादू वादू टोना शोना जंतर मंतर लगाया जाता है
यूँ ही नहीं फसता कोई ,जाल तो बिछाया जाता है

मचल उठते है दिल गर पल्लू सरक जाये उनका
खुद नहीं सरकता ये पल्लू भी सरकाया जाता है

कुछ तो कारन है वो पंहुचा नहीं मंजिल तक
भटकता नहीं है मुसाफिर भटकाया जाता है

हर कोई निकलता है उनकी गली से लडखडाता सा
आँखों से ही सही यहाँ कुछ तो पिलाया जाता है

यहाँ इश्क भी करना तो जरा अदब से करना
वाफाओ का भी अब मजाक उड़ाया जाता है

दुनिया एक तिलिश्म है जहा सब भटकते है
कहानी परियो की सुना के बचपन को सुलाया जाता है

आँखे झुकी सी लब कांपते सबध टूटते से..
सायद ऐसे ही हाले दिल किसी को सुनाया जाता है

ऐसे ही नहीं बनती गजल कोई इन्द्रजीत
सीना फाड़ के सब्दो से सजाया जाता

rana1
May 4th, 2012, 08:29 PM
सिपहसालारों के हाथों का 'माही' खंज़र काँप जाता है
सरपरस्तों की इक ललकार पे लश्कर काँप जाता है !
तुम्हें खौफ-ए-खुदा बिलकुल नहीं है आज के इन्सानों
अरे खुदा का खौफ तो वो है के पत्थर काँप जाता है !
गवाह रही है तारीखें खुद-ब-खुद बन जाते हैं रास्ते
... ... जिगर वालों के घोड़ों की टापों से समन्दर काँप जाता है !
हम शरीफ़ों की ख़ामोशी को बुझदिली न समझ इतराने वाले
हमारी एक तिरछी निगाह पे बड़े से बड़ा धुरंधर काँप जाता है

vijaykajla1
May 4th, 2012, 08:57 PM
मुहब्बत मुझे तुम से नहीं तेरे किरदार से है 'ग़ालिब'

वरना हसीं लोग तो बाज़ार मैं आम मिला करते हैं !!!

sombirnaamdev
May 4th, 2012, 09:14 PM
kati jhad sa la diya bhai nai garmi m b

vijaykajla1
May 5th, 2012, 12:43 AM
उनकी गली से गुजरे ज़माना हो गया ,
दिल की दीवारों पे टंगी है उनकी सूरत आज भी ,
कौन कहता है उनका ख्याल पुराना हो गया ,
बरकरार उन खिडकियों के पीछे वही बैचनी होगी ,
गैर के कदमो की आहट से भी उसको लगता होगा
सरे राहगुजर मेरा आना हो गया !
उनकी गली से गुजरे ज़माना हो गया ,
हाले दिल का इल्म तो उन्हें जब भी था ,
बेखबर से बन पूछते हैं राहगीरों से ,
उस अजनबी का कहाँ अब ठिकाना हो गया

nainsunil007
May 5th, 2012, 09:56 AM
जादू वादू टोना शोना जंतर मंतर लगाया जाता है
यूँ ही नहीं फसता कोई ,जाल तो बिछाया जाता है

मचल उठते है दिल गर पल्लू सरक जाये उनका
खुद नहीं सरकता ये पल्लू भी सरकाया जाता है

कुछ तो कारन है वो पंहुचा नहीं मंजिल तक
भटकता नहीं है मुसाफिर भटकाया जाता है

हर कोई निकलता है उनकी गली से लडखडाता सा
आँखों से ही सही यहाँ कुछ तो पिलाया जाता है

यहाँ इश्क भी करना तो जरा अदब से करना
वाफाओ का भी अब मजाक उड़ाया जाता है

दुनिया एक तिलिश्म है जहा सब भटकते है
कहानी परियो की सुना के बचपन को सुलाया जाता है

आँखे झुकी सी लब कांपते सबध टूटते से..
सायद ऐसे ही हाले दिल किसी को सुनाया जाता है

ऐसे ही नहीं बनती गजल कोई इन्द्रजीत
सीना फाड़ के सब्दो से सजाया जाता

नास ठा दिया राणा
बहुत खूब.......... लगे रहो..........

rana1
May 5th, 2012, 06:57 PM
नास ठा दिया राणा
बहुत खूब.......... लगे रहो..........

हंसी ख़ुशी खेल तमाशे सादगी भोलापन छोड़ आया हूँ
मेरे गाँव में मैं अपना बचपन छोड़ आया हूँ

दिन रात ढोती है लाखो को, शहर की चमकती सड़के
मैं कच्ची गलियों में फिसलता मन छोड़ आया हूँ
...
एक मुद्दत हो गयी है किसी से गले मिले हुए
सब रिश्ते नाते परिवार संस्कार अपनापन छोड़ आया हूँ

तलवार का वार रखते है जुबान में शहर के कुछ लोग
इसलिए सादगी भरोसा और भोलापन छोड़ आया हूँ

दम कहीं निकले पर मिटटी मेरे गाँव की मिले ए रब
मेरे गाँव में अपने नाम का कफ़न छोड़ आया हूँ

DrRajpalSingh
May 5th, 2012, 11:08 PM
हंसी ख़ुशी खेल तमाशे सादगी भोलापन छोड़ आया हूँ
मेरे गाँव में मैं अपना बचपन छोड़ आया हूँ

दिन रात ढोती है लाखो को, शहर की चमकती सड़के
मैं कच्ची गलियों में फिसलता मन छोड़ आया हूँ
...
एक मुद्दत हो गयी है किसी से गले मिले हुए
सब रिश्ते नाते परिवार संस्कार अपनापन छोड़ आया हूँ

तलवार का वार रखते है जुबान में शहर के कुछ लोग
इसलिए सादगी भरोसा और भोलापन छोड़ आया हूँ

दम कहीं निकले पर मिटटी मेरे गाँव की मिले ए रब
मेरे गाँव में अपने नाम का कफ़न छोड़ आया हूँ


Good satire on modern city life.

rana1
May 6th, 2012, 12:51 PM
सर पे सिंदूर का “फैशन” नहीं है,
गले मे मंगलसूत्र का “टेंशन” नहीं है !
माथे पे बिंदी लगाना “आउटडेटेड” लगती है,
... तरह तरह की लिपस्टिक अब होंठो पे सजती है !

पर आज भी जब कोई भारतीय परिधान पहनती है,
सच बताऊं सभी की आँखे उस पे ही अटकती हैं !
सादगी, भोलापन और शर्म ही भारतीय स्त्री की पहचान है,
मत त्यागो इन्हें यही हमारे देश का स्वाभिमान है !

rana1
May 7th, 2012, 01:49 PM
वक्त बे वक्त ना तू घर से निकल
है जमाना ख़राब थोडा डर से निकल

आग है ज़माने में हर और लगी हुई
गर धुआं है उधर तो इधर से निकल

है जिक्र हर तरफ सिर्फ तेरे नाम का
मन में होगी शांति तू खबर से निकल

देख ले तू जिन्दगी में तूफ़ान कितने है
मिलेगा किनारा तू भवर से निकल

धूप धूल धुआं कितना फैला है यहाँ
हवा मिलेगी खुली तू शहर से निकल

इर्ष्या बैर नफरतो से निकल इन्द्रजीत
रस सोम का मिलेगा इस जहर से निकल

rana1
May 7th, 2012, 08:12 PM
गर तेरी आँख का इशारा हो जाए
इस गरीब का भी गुज़ारा हो जाए

ना करूं जिस पल तेरा शुक्रिया जिंदगी
मेरा सांसों से ही किनारा हो जाए

आजमाकर तो देख यह जादू भी होगा
बस सोचते ही कोई तुम्हारा हो जाए

नदियाँ गर अपनी जिद पर उतर आयें
क्या मजाल समन्दर खारा हो जाये

वो चाहेगा तो हो सकता है बेचैन
तू भी उसे सबसे प्यारा हो जाए

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:38 PM
तेरे वजूद की रग-रग में यूँ पैबस्त हैं हम
हमारे दावे की अज़ियत को आजमाया कर
हमें कुबूल नहीं है तेरा उदास बदन
तू अपने आप से मिल कर भी मुस्कुराया कर....

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:39 PM
इस से बड़ी बेबसी और क्या होगी मेरे लिए....
मेरे दर से आज फकीर खाली हाथ लौट गया....

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:39 PM
कैसी तौहीने बज्मे हस्ती है,
रहने वालो ये कैसी बस्ती है
.मौत को लोग देते हैं कंधा,
जिन्दगी रहम को तरसती है..

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:40 PM
वक़्त की दीवार पर लम्हे उगा करते है,

वही लम्हे याद बनकर भी चुभा करते है

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:40 PM
दिल कर रहा है कब से मर जाने के इरादे,

यादें तुम्हारी लेकिन जीने को कह रही हैं..!!

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:41 PM
हम तुम थे नजदीक एक दूसरे के फिर भी अपनी दूरी थी,
रही वक्त की दीवार हमारे बीच इशारों की कमजोरी थी !

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:41 PM
रिवाजें निभाने का वक़्त आ गया है......
तुम्हे भूल जाने का वक्त आ गया है......
तेरी बदली नजरों से आहत है फ़िर दिल.....
कि फ़िर मुस्कुराने का वक्त आ गया है.....
शहर भर में फैलीं है अपनी कहानी......
अब नजरें बचाने का वक्त आ गया है...

ravinderjeet
May 8th, 2012, 03:42 PM
अपने हाथों हारा हूँ, वरना किसके बस का हूँ
खुद को ही खो बैठा हूँ,मैं अब क्या खो सकता हूँ।

nasib19
May 8th, 2012, 03:56 PM
आँसू मैं ना ढूँदना हूमें,
दिल मैं हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.
लम्हा लम्हा वक़्त गुज़ेर जाएँगा,
चँद लम्हो मैं दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी मैं आ जाएगा.
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वेल ही ज़ख़्म दे जाते हैं,
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,
ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज़ियादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना,
मुमकिन नही हैर जगह तुम्हे हम मिलेंगे.
ख़ुशबो की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
सुकों बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
मेहसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हो भी पास नेज़र आएँगे ..............

vijaykajla1
May 9th, 2012, 12:32 PM
एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई 'ताबिश '

मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है !!

अब्बास ताबिश

vijaykajla1
May 9th, 2012, 12:39 PM
..........................

rana1
May 9th, 2012, 07:15 PM
हुश्न उसका आये रोज़ निखर रहा था
बन खुशबू फिज़ाओ में बिखर रहा था
जाने क्यू मेहरबा था खुदा उसपे इतना
हर अदा में अंदाज़ उसके भर रहा था
डाल न दे डाका कोई दौलते-हुश्न पर
यही सोच-सोचकर वो डर रहा था
तैर रहा था हल्का सा तबस्सुम लबो पर
जब आईने आगे बैठा वो संवर रहा था
मेरी तौबा भूले से ना जाऊंगा उसके आगे
पिछले दीदार का ही महीनो असर रहा था
जाने क्यू पसंद था बच्चो का उसे साथ
हलाकि वो मेरा हम उम्र रहा था
हुआ था जिस रोज़ निकाह उसका
पूरे शहर की वो ताज़ा खबर रहा था

rana1
May 9th, 2012, 07:16 PM
तुम्हारी नाक पर गुस्सा क्यूं हर वक्त रहता है
मुझे लेकर तेरा लहजा बड़ा ही सख्त रहता है

मुझे सचमुच में खो दोगी एक दिन सच्ची कहता हूँ
तुम्हारी बेरुखी से तंग तुम्हारा भक्त रहता है

reenu
May 10th, 2012, 10:45 AM
Jo hua use bhool kar apni duniya mein naya kadam rakhana,
Yeh duniya hain badi be-rahem lekin tum apni manzil par nazar rakhana !!

reenu
May 10th, 2012, 10:46 AM
Mere pukhte iraade khud mere takdeer badlenge


Meri kismat nahi mohtaaj mere haathon ki lakeero ki

rana1
May 10th, 2012, 12:46 PM
क्या लगाऊ उसको रंग वो खुद गुलाल हो जाता है
बस खाली हाथ लगाने से ही चेहरा लाल हो जाता है
सब फीका उसके सामने जाहे रंग हो या भंग
उसकी आँखों में झाँकने पर नशा कमाल हो जाता है

rana1
May 10th, 2012, 12:48 PM
प्यार व्यार और इश्क रे भईया
हम ना लेते रिस्क रे भईया
हम तो है आजाद पंछी
नहीं होना है फिक्स रे भईया
क्या जाने पिट विट जाये
कौन लगाएगा विक्स रे भईया
पुलिस वुलिस में पकड़ा दे कोई
लाल कर देंगे हिप्स रे भईया
इसी लिए हम सीधे सादे
कभी ना खोले लिप्स रे भईया
अब के बरस शादी हो जाये
हो गए है टवंटी सिक्स रे भईया .... x

rana1
May 10th, 2012, 02:21 PM
(http://inderjeetgulia-haryanvimasala.blogspot.in/) इस रस्ते में कीचड़ बहुत है अपने आप को सम्भाल लो
लोभ लालच धोखा मक्कारी सब मिलेंगे देख भाल लो
तुम ध्यान हटाओगे तो फिसल जाओगे ..
दोनों और है आग लगी हुयी बस सीधे देखने की आदत डाल लो

rana1
May 10th, 2012, 03:55 PM
पूर्व-
दर-ओ-दीवार तमन्ना की सब ज़माने में
हमको चाहत न हो, इतनी दुआ, और कोई नहीं...
मध्य-
दर-ओ-दीवार तमन्ना की चारों फलकों पे
घिरा हूँ और निकलने का सबब कोई नहीं...
अंत-
दर-ओ-दीवार तमन्ना की सारे फलकों पे
इसमें बस बस तू ही तू है, और यहाँ कोई नहीं..

nainsunil007
May 11th, 2012, 11:11 AM
छेडती है कभी लबो को कभी तेरे रुखसारों को
इन जुल्फों को तुमने बडा सिर चढा रखा है

reenu
May 11th, 2012, 11:26 AM
Hum To Fanaa Ho Gaye Uski Ankhen Dekh Kar Ghalib
Na Jane Woh Aaina Kiase Dekhte Honge ...!

nainsunil007
May 11th, 2012, 12:59 PM
काश कुछ दिनो के लिए दुनिया से चले जाना मुमकिन होता
सुना है लोग याद करते है चले जाने के बाद

satyenderdeswal
May 11th, 2012, 01:15 PM
Dhadkan bina dil ka matlab hi kya
roshani bina diye ka matlab hi kya
kyu kehte hai log ki mohabbat na kar dard milta hai
wo kya jane ki dard bina mohabbat ka matlab hi kya…

satyenderdeswal
May 11th, 2012, 01:16 PM
Har khamoshi ka matlab inkaar nahi hota
Har nakamyabi ka matlab haar nahi hota
Toh kya hua agar hum tume na paa sake
Sirf paane ka matlab pyar nahi hota…

Prikshit
May 11th, 2012, 01:23 PM
"Deedar ki talab ho toh nazre jamaye rakhiye Ghalib"....

Kyuki.....

"Dupatta" ho ya "Naseeb"

Sarakta zaroor hai......!!!

vijaykajla1
May 11th, 2012, 03:10 PM
Hum To Fanaa Ho Gaye Uski Ankhen Dekh Kar Ghalib
Na Jane Woh Aaina Kiase Dekhte Honge ...!

वहाँ से इक पानी की बूँद न निकल सकी 'फ़राज़'

तमाम उम्र जिन आँखों को हम झील लिखते रहे !!!

satyenderdeswal
May 11th, 2012, 03:24 PM
Dil ki baat aankhon se keh gaye,
Wo rakhe hue jahar ko apne haathon se peela gaye….
Karte kaise inkaar ham unhe maut se,
jab unki pehli nazar pe hi ham mar gaye…..

reenu
May 11th, 2012, 05:13 PM
वहाँ से इक पानी की बूँद न निकल सकी 'फ़राज़'

तमाम उम्र जिन आँखों को हम झील लिखते रहे !!!

ये आँखें बंद हो गयी तुम्हारा इंतज़ार करते करते 'ग़ालिब'
और तुम इनसे पानी निकलने का इंतज़ार करते रहे !!

reenu
May 11th, 2012, 05:17 PM
रोज रोते हुए कहती है... ज़िन्दगी मुझसे 'फ़राज़'
सिर्फ एक शख्श की खातिर मुझे बर्बाद न कर !!

nainsunil007
May 11th, 2012, 05:55 PM
रोज रोते हुए कहती है... ज़िन्दगी मुझसे 'फ़राज़'
सिर्फ एक शख्श की खातिर मुझे बर्बाद न कर !!

आज तो बरबाद हो के मानोगे कति
सारे जुलमी शेर लिखण लाग रे हैं !

reenu
May 11th, 2012, 06:22 PM
आज तो बरबाद हो के मानोगे कति
सारे जुलमी शेर लिखण लाग रे हैं !

ज़िन्दगी का एक गहरा राज़ छुपा है यहाँ
'शेर' कहकर इसकी तोहिन ना कर !!

reenu
May 11th, 2012, 06:23 PM
"Deedar ki talab ho toh nazre jamaye rakhiye Ghalib"....

Kyuki.....

"Dupatta" ho ya "Naseeb"

Sarakta zaroor hai......!!!





तेरे हुस्न को परदे की ज़रूरत ही क्या है ग़ालिब
कौन होश में रहता है, तुझे देखने के बाद

vijaykajla1
May 11th, 2012, 06:34 PM
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ
कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ
थक गया मैं करते-करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा
रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ
आख़री हिचकी तेरे ज़ानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ........

anuragsunda
May 12th, 2012, 12:08 AM
न शर्म है, न लाज ,
फिर भी खफा है हमसे, जिन्हें हो हमसे नाज !
वजह होती तो ढूंड भी लेते इलाज़ ,
सुर्ख बैठी चिन्ह से.....भला जज्बात भी बन पाते राज !!

ravinderjeet
May 12th, 2012, 11:17 AM
बेवजह की ये बारिशे...
भिगो देती है
अरमानो को...
यू मेरे...
ख्यालों में
तुम, आया जाया ना करो.

ravinderjeet
May 12th, 2012, 11:17 AM
ए खुदा, यूँ तो अधूरी खवाहिशें, बहुत रही है मेरी जिंदगी में ....
मगर उसे ना लिख के मेरी तक़दीर में, तुमने गुनाह कर दिया

ravinderjeet
May 12th, 2012, 11:20 AM
एक मुद्दत बाद मिली क़ैद से आज़ादी ,
पर किस्मत तो देखो , जब आज़ादी मिल्ली तो पिंजरे से प्यार हो गया .

ravinderjeet
May 12th, 2012, 11:23 AM
तेरी आँखों में आंसू थे मेरी खातिर .....

वोही इक लम्हा मुझे जिंदगी से पियारा लगा ..

ravinderjeet
May 12th, 2012, 11:25 AM
मोहब्बत में कोई सदका उठाना
चाहिए था ,
भुलाया था जिसे वो याद आना
चाहिए था ,
मेरी अपनी और उसकी आरज़ू में
फर्क ये था ,
मुझे बस वो , उसे सारा ज़माना
चाहिए था ...

ravinderjeet
May 12th, 2012, 03:04 PM
तनहा उदास चाँद को समझो न बे -खबर
हर बात सुन रहा है मगर बोलता नहीं |

ravinderjeet
May 12th, 2012, 03:06 PM
एक नए अंदाज़ से तरकस सजा कर सोख ने ......
खून का दरिया बहाया , सब अदा कहते रहे ...

ravinderjeet
May 12th, 2012, 03:09 PM
खुदा ने सबर करने की मुझे तोफीक बख्शी है

अरे जी भर के तर्पाओ शिकायत कोण करता है ....

vijaykajla1
May 13th, 2012, 04:37 PM
किसी मासूम बच्चे के तब्बसुम में उतर जाओ

तो शायद ये समझ पाओ खुदा ऐसा भी होता है !!!

Prikshit
May 13th, 2012, 08:03 PM
तेरे हुस्न को परदे की ज़रूरत ही क्या है ग़ालिब
कौन होश में रहता है, तुझे देखने के बाद

खुदा के बासते पर्दा ना काबे से उठा जालिम
कहीं ऐसा न हो याँ भी वही काफिर सनम निकले

Prikshit
May 13th, 2012, 08:04 PM
हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमाँ, लेकिन फिर भी कम निकले

Prikshit
May 13th, 2012, 08:09 PM
Is 2 Pal Ki Zndgi Me Tanhai Kyn He,
Logo Ko Hamse Shikayat Kyn He,
Is Dunia Me Insan Kam To Nai,
Fir Mere Sat Sirf Meri Parchai Kyn He

nainsunil007
May 14th, 2012, 09:19 AM
तुमसे दूर जाने का इरादा ना था,
सदा साथ रहने का भी वादा ना था!
तुम याद ना करोगे ये जानते थे हम
पर इतनी जल्दी भूल जाओगे अंदाजा ना था !!

vijaykajla1
May 14th, 2012, 03:39 PM
और कुछ देर यूँ ही शोर मचाये रखिये
आसमान है तो उसे सर पे उठाये रखिये

उंगलियां गर नहीं उठें तो न उठें लेकिन
कम से कम उसकी तरफ आँख उठाये रखिये

बारिशें आती हैं तूफ़ान गुजार जाते हैं
कोहसारों की तरह पाँव जमाये रखिये

खिड़कियाँ रात को छोड़ा न करें आप खुली
घर की है बात तो घर में ही छुपाये रखिये

अब तो अक्सर नज़र आ जाता है दिल आँखों में
मैं न कहता था की पानी है दबाये रखिये

कौन जाने की वो कब राह इधर भूल पड़े
अपनी उम्मीद की शम्मा को जलाए रखिये

कब से दरवाजों को दहलीज़ तरसती है 'निजाम'
कब तलक गाल को कोहनी पे टिकाये रखिये

शीन काफ निजाम
कोहसार =पर्वत

santoshbenaam
May 14th, 2012, 08:12 PM
या जो आग दिल मे लाग री सै पूरी दुनिया मे लगा दुन्गा,
जै तेरी डोली उठी तो

.
.
....








तो छोरा ए इतना सुथरा सू किस्से और नै पटा लुन्गा…।






Pyaar kyu tumse hame ho gaya
Socho maine kya paya kya kho gaya
Gujar rahi thi zindagi pahle bhi magar
Ab dil me khwahiso ka ambaar ho gaya
Aankho me har pal tumhare khawaab hai
Teri julfe sham hai tera chehara savera ho gaya
Log mujhko dety hai tane tumhare naam se
Kyu tera mera naam ab ek ho gaya
Ab is dil ki majburi kon samjhega benaam
Najro ki khata ka ye kya anjaam ho gaya.


santosh benaam

vijaykajla1
May 15th, 2012, 12:55 AM
टूट गयी उंगलियां पत्थर तराशते तराशते

जब बनी सूरत-ए-यार तो खरीद दार आ गए !!!

reenu
May 15th, 2012, 04:45 PM
फकत अहसास के अंदाज़ बदल जाते हैं "फ़राज़"
वरना आँचल भी उसी धागे से बनता है और कफ़न भी.....

reenu
May 15th, 2012, 04:46 PM
ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी.....
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो....

Prikshit
May 15th, 2012, 05:04 PM
ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी.....
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो....

कोहराम te tane macha rakha h shayri aale column me :P

ndalal
May 15th, 2012, 07:37 PM
mujhko dushman k eradon pe bhi pyar aata hai...
teri ulfat ne mahaubbat meri aadat kar di......

reenu
May 15th, 2012, 08:15 PM
mujhko dushman k eradon pe bhi pyar aata hai...
teri ulfat ne mahaubbat meri aadat kar di......

teri mohabbat main , kuch nasha toh jaroor hai
Dekhte hi teri aankhon ko behak jaata hoon main...
teri mohabbat ne aisi halat meri kar di !!

vijay
May 15th, 2012, 10:22 PM
ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी.....
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो....

बेचारे दिल को दुनियां से छुपाये बैठे हैं
बुझी चिंगारियों को बेवजह हवा मत दो

vijay
May 15th, 2012, 10:22 PM
mujhko dushman k eradon pe bhi pyar aata hai...
teri ulfat ne mahaubbat meri aadat kar di......

लगता है कोई खास बात है दुश्मन में
आज फ़िर मेरे दिल ने बगावत कर दी

Prikshit
May 15th, 2012, 10:43 PM
लगता है कोई खास बात है दुश्मन में
आज फ़िर मेरे दिल ने बगावत कर दी

Dil ka kya h ye to dhadakta hi rehta hai....
Mausam ki tarah h mann badalta rehta hai...

Prikshit
May 15th, 2012, 10:45 PM
mujhko dushman k eradon pe bhi pyar aata hai...
teri ulfat ne mahaubbat meri aadat kar di......
Bahut tabdilian dekhi h iss Dil ne....
par tumse pyar karne ki wo ek aadat na badli....

Prikshit
May 15th, 2012, 10:51 PM
फकत अहसास के अंदाज़ बदल जाते हैं "फ़राज़"
वरना आँचल भी उसी धागे से बनता है और कफ़न भी.....

अहसास e अंदाज़ to bayan hota h dil ke ristee se.....dhaago ke riste to bante hai,bigadte hai

ndalal
May 15th, 2012, 10:52 PM
लगता है कोई खास बात है दुश्मन में
आज फ़िर मेरे दिल ने बगावत कर दी

lagta hai dil ne aaj dushman se dosti kar li hai...
tauba ye kya kiya hamne...kyn ye muhabbat kar li hai....

Prikshit
May 15th, 2012, 11:00 PM
lagta hai dil ne aaj dushman se dosti kar li hai...
tauba ye kya kiya hamne...kyn ye muhabbat kar li hai....
Dil aur jabaan ka mijaj hi kuch aisa hai Ghalib.....dena to assan h par nibana nhi...

vijay
May 15th, 2012, 11:08 PM
lagta hai dil ne aaj dushman se dosti kar li hai...
tauba ye kya kiya hamne...kyn ye muhabbat kar li hai....


दुश्मन ने तो दिल की ये हालत कर दी
दीवानगी मेरी जमाने में उजागर कर दी

ndalal
May 15th, 2012, 11:27 PM
[QUOTE=Prikshit;305088]Dil aur jabaan ka mijaj hi kuch aisa hai Ghalib.....dena to assan h par nibana nhi...[/QUOTE
jo dil deke nibha hi n apaye....
kya ashik hua,,,chahe Galib se sher likhwae....

reenu
May 16th, 2012, 01:53 PM
उसने मिलने की भी अजीब शर्त रख्ही थी.....
सूखे पत्तों पे चल के आओ....कोई आहट भी न हो !!

arvindsinghrot
May 16th, 2012, 03:34 PM
निशब्द हूँ आज अपने अहसास को जलाकर
जिसे रखा था आज तक इस जहाँ से छुपाकर
कुछ और नहीं चंद कोरे कागज़ के टुकड़े थे
जिन्हें तुमने छुआ था कभी
और आज बन राख मेरी आँखों के आगे मुस्कुरा रहे हैं मुझपर!
सोचता हूँ चलूँ इन्हें गंगा मैं बहा दूं
मगर ये अहेसान्फरामोश दिल अब भी अपनी धुन मैं है
कहता है समेट ले इस राख को
अब तुझे किसी का डर नहीं है
दाग सफ़ेद कागज़ पर लग सकता था
मगर अब काली राख, किसी की नज़र नहीं है
जो चाहे आकार देना इसे और गुनगुना लेना!
नासमझ
अहसास भी कभी किसी चीज का मोहताज़ होता है
यही तो है वो, जो जिन्दगी में ख़ास होता है
बाकी सब तो गरम तवे पर पानी की बूँद के सामान है!
जिन्दगी है तो गम हैं
ख़ुशी है फिर क्यों आँख नम हैं
दिन है रात है, छाँव और धूप है
जो जिन्दा है वो अहसास है
मरा तो बस रंग रूप है
और फिर भी गंगा मैं बहाना है तो बहा दे
बुलंदकर अपने स्वर को और सबको बता दे
की तुमने उसे नहीं-
उसके रंग रूप को चाहा था
" और ये अहसास उसी वक़्त विलुप्त हो जाएगा "

jaatdesi
May 16th, 2012, 03:39 PM
Umar ki raah mein raste badal jaate hain.....
Waqt ki Aandhi mein Insaan Badal Jaate hain...
Sochta hoon kaam kar kar ke record thod doon...

Lekin salary dekhte hee Iraade badal jaate haain...

nainsunil007
May 16th, 2012, 03:41 PM
उसने मिलने की भी अजीब शर्त रख्ही थी.....
सूखे पत्तों पे चल के आओ....कोई आहट भी न हो !!

Par ham to dhoome thate aaye
ar usne bhaja ke le gaye...........

Moral - choriya ki saari baat manan ki na hoti

ravinderjeet
May 16th, 2012, 04:33 PM
जब तुम साथ थे ,

तुम ही सब जज्बात थे ,


तो लगा नहीं कभी ,
की तुम कभी नहीं होगी साथ ,
मैं सारे जहाँ को भुलाते गया ,
ठुकराते गया ,
आज न तुम हो ...
न सारा जहाँ ....
और हम पता नहीं कहाँ ............

reenu
May 16th, 2012, 04:35 PM
Par ham to dhoome thate aaye
ar usne bhaja ke le gaye...........

Moral - choriya ki saari baat manan ki na hoti

Upar likhi shayari mei..chora ya chori kahan mention tha 'Sunil ji'.. bina vajah advise dena bhi akalmandi nahi hai !!

ravinderjeet
May 16th, 2012, 04:35 PM
तुम पूछो और मैं ना बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं
इक ज़रा-सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं

ravinderjeet
May 16th, 2012, 04:36 PM
मत पूछो वक़्त ने क्या-क्या जख्म दिए है
अब तो हंवाओ के छूने से भी दर्द होता है

ravinderjeet
May 16th, 2012, 04:44 PM
रोज तनहा अकेले ख़ुशी से जी लेते थे ,
आज फिर उनकी याद ने रुला दिया ,

रोज भूल जाता हूँ उनको में ,

पर उनकी यादें पूछती हैं ,कब भुला दिया ?

reenu
May 16th, 2012, 04:48 PM
रोज तनहा अकेले ख़ुशी से जी लेते थे ,
आज फिर उनकी याद ने रुला दिया ,


रोज भूल जाता हूँ उनको में ,


पर उनकी यादें पूछती हैं ,कब भुला दिया ?



लाख ये चाहा कि भूल जाऊं उसे......
हौसले अपनी जगह.....बेबसी अपनी जगह

ravinderjeet
May 16th, 2012, 04:49 PM
चाँद तन्हा ,आसमां तन्हा
दिल मिला ,कहाँ कहाँ तन्हा
तू वहां तन्हा ,में यहाँ तन्हा ,
आज तो तन्हाई भी तन्हा |

reenu
May 16th, 2012, 04:52 PM
Dil aur jabaan ka mijaj hi kuch aisa hai Ghalib.....dena to assan h par nibana nhi...

Khud Pey Bharsoosey Ka Hunar Seekh Ley dost,
Loog Jitney Bhi Sachey Houn Saath Chore Hi Jatey Hein.

nainsunil007
May 16th, 2012, 04:52 PM
Upar likhi shayari mei..chora ya chori kahan mention tha 'Sunil ji'.. bina vajah advise dena bhi akalmandi nahi hai !!

Bina vajah ek aadhi be ham jisse le liya kara........ tension matna lo aap bhi............

reenu
May 16th, 2012, 04:56 PM
Bina vajah ek aadhi be ham jisse le liya kara........ tension matna lo aap bhi............

Tension lene dene ki chij nhi...par kahin koi bhul ho gayi ho hamse to puch lena behtar hai !!

ravinderjeet
May 16th, 2012, 05:12 PM
वह हमको अपनी याद मे कुछ इस तरह डुबो गये
चाह थी की उनको पाए ..पर हम खुद ही खो गए

vijaykajla1
May 16th, 2012, 09:41 PM
लम्हा लम्हा तेरा गम मगर सीने की तमन्ना और भी है,

कतरा कतरा ये शराब मगर पीने की तमन्ना और भी है,

वो न मिली तो क्या हुआ, खुदकुशी जायज नहीं,

तनहा तनहा ये जिंदगी मगर जीने की तमन्ना और भी है !!!

vijay
May 16th, 2012, 09:49 PM
उसने मिलने की भी अजीब शर्त रख्ही थी.....
सूखे पत्तों पे चल के आओ....कोई आहट भी न हो !!

अब दबे पांव आने की भी अपनी मजबूरी है
आने की आहट से लोगों के कलेजे ना दहल जाये

vijaykajla1
May 16th, 2012, 10:00 PM
ख्वाब आँखों में पालते रहना
जाल दरिया में डालते रहना

जिंदगी पर किताब लिखनी है
मुझको हैरत में डालते रहना

और कई इन्किशाफ होने हैं
तुम समंदर खंगालते रहना

ख्वाब रख देगा तेरी आँखों में
जिंदगी भर संभालते रहना

तेरा दीदार मेरी मंशा है
उमर भर मुझको टालते रहना

जिंदगी आँख फेर सकती है
आँख में आँख डालते रहना

तेरे अहसान भूल सकता हूँ
आग में तेल डालते रहना

मैं भी तुम पे यकीन कर लूँगा
तुम भी पानी उबालते रहना

इक तरीका है कामयाबी का
खुद में कमियां निकालते रहना

आदिल रशीद

इन्किशाफ =खुलासा

rana1
May 17th, 2012, 03:29 PM
"हुस्न" ना मांग "नसीब" मांग...... ऐ दोस्त "हुस्न" वाले अक्सर नसीब" वालों के गुलाम हुआ करतें हैं........

nainsunil007
May 17th, 2012, 04:43 PM
आज ये तन्हाई का अहसास कुछ हद से ज्यादा है
तेरे संग ना होने का मलाल कुछ हद से ज्यादा है
फिर भी काट रहे ये जिए जाने की सजा यही सोचकर
शायद इस जिंदगी में मेरे गुनाह कुछ हद से ज्यादा है

rana1
May 17th, 2012, 07:30 PM
समय से चुरा के कुछ वक़्त...
चंद पल जिंदगी जीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...
...
वो सपनो की चादर जो जिंदगी के थपेड़े खा कर फट चुकी है...
नशे में ही सही, उस चादर को सीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...

ravinderjeet
May 17th, 2012, 07:43 PM
समय से चुरा के कुछ वक़्त...
चंद पल जिंदगी जीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...
...
वो सपनो की चादर जो जिंदगी के थपेड़े खा कर फट चुकी है...
नशे में ही सही, उस चादर को सीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...

आज फिर कोई बोत्तल फूटी हे
आज फिर किसी की दिलरुबां रूठी हे
सारे दिल अरमानों से रीते हैं
चलो दारु पीते हैं ...............

rana1
May 17th, 2012, 07:53 PM
आज फिर कोई बोत्तल फूटी हे
आज फिर किसी की दिलरुबां रूठी हे
सारे दिल अरमानों से रीते हैं
चलो दारु पीते हैं ...............

उसे बता दो अब और इंतज़ार नहीं उसका...
उसके इंतज़ार में ना-जाने कितने दिन, महीने, साल यूँ ही बीते हैं...
चलो दारु पीते हैं.......

vijaykajla1
May 17th, 2012, 10:01 PM
रास्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में

मंजिल तो वही है जहाँ ख्वाईशें थम जाए !!!

vijay
May 17th, 2012, 10:30 PM
उसे बता दो अब और इंतज़ार नहीं उसका...
उसके इंतज़ार में ना-जाने कितने दिन, महीने, साल यूँ ही बीते हैं...
चलो दारु पीते हैं.......

जीने की चाहत ना टूटे, उम्मीद का दामन ना छूटे,
कल जैसा भी था गुजर गया, हम तो आज में जीते है ...
चलो दारु पीते हैं.......

nainsunil007
May 18th, 2012, 09:39 AM
जीने की चाहत ना टूटे, उम्मीद का दामन ना छूटे,
कल जैसा भी था गुजर गया, हम तो आज में जीते है ...
चलो दारु पीते हैं.......

खुशियों के दिन फिर लौट आए हैं
एक नई दिलरुबा फिर मिल गई
जिसके लिए अब हम जीते है
चलो दारू पीते है

rana1
May 18th, 2012, 11:37 AM
खुशियों के दिन फिर लौट आए हैं
एक नई दिलरुबा फिर मिल गई
जिसके लिए अब हम जीते है
चलो दारू पीते है

आज हम गुमनाम ही सही, पर एक दिन हमारी भी कीमत समझी जाएगी...
इसी उम्मीद में जीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...

ravinderjeet
May 18th, 2012, 01:32 PM
आज हम गुमनाम ही सही, पर एक दिन हमारी भी कीमत समझी जाएगी...
इसी उम्मीद में जीते हैं...
चलो दारु पीते हैं...




इब्ब ताहीं एक भी बोत्तल कोणी दिखी ,
न्यू बताओ, अक कुण्से ने ,कित दारु पीणी सीखी,
मन्ने ते सारयाँ के गिलास देखें रीते हें ,
फेर भी न्यू कहवें ,चलो दारु पीते हैं .........

nainsunil007
May 18th, 2012, 01:34 PM
तकदीर बनाने वाले तुने भी हद कर दी
तकदीर मे किसी ओर का नाम लिखा
ओर
दिल मे चाहत एक फरेबी की भर दी

nainsunil007
May 18th, 2012, 01:37 PM
इब्ब ताहीं एक भी बोत्तल कोणी दिखी ,
न्यू बताओ, अक कुण्से ने ,कित दारु पीणी सीखी,
मन्ने ते सारयाँ के गिलास देखें रीते हें ,
फेर भी न्यू कहवें ,चलो दारु पीते हैं .........

गिलास हम भरा नही रहण दिया करते
जब ए तो दिखै गिलास सारे रिते
आपकै समझ ना आवै क्योंकि
आप दारू नही पिते
आप तो नूए सूखे जीते हैं
चलो दारू पिते है

rana1
May 18th, 2012, 06:55 PM
गिलास हम भरा नही रहण दिया करते
जब ए तो दिखै गिलास सारे रिते
आपकै समझ ना आवै क्योंकि
आप दारू नही पिते
आप तो नूए सूखे जीते हैं
चलो दारू पिते है

पता नहीं लोग बीना पीई कसे जीते ह ...सूना ह येहा त चीते भी पीते ह
चलो आज साचे दारू पीते ह ....

rana1
May 18th, 2012, 07:07 PM
इब्ब ताहीं एक भी बोत्तल कोणी दिखी ,
न्यू बताओ, अक कुण्से ने ,कित दारु पीणी सीखी,
मन्ने ते सारयाँ के गिलास देखें रीते हें ,
फेर भी न्यू कहवें ,चलो दारु पीते हैं .........

एसी लिए ये गिलास रीते ह, हम त लोटे म पिते ह
दारू का नहीं ह नामो निशान येहा... हम त बस दारू के सपने सिते ह
चलो आज दूध पीते ह .......

ndalal
May 18th, 2012, 11:11 PM
एसी लिए ये गिलास रीते ह, हम त लोटे म पिते ह
दारू का नहीं ह नामो निशान येहा... हम त बस दारू के सपने सिते ह
चलो आज दूध पीते ह .......
garmi ghani ho rahi sai.....
chalo Seet piten hain

ravinderjeet
May 19th, 2012, 01:56 PM
आँखों की कही आँखों तक रहती तो ठीक था ,
दिल तक पहुची तो दर्द का अहसास हुआ !

ravinderjeet
May 19th, 2012, 06:04 PM
धूप मैं खो गया वो हाथ छुडा कर
घर से जो साथ चला था मेरा साया बनकर |

ravinderjeet
May 19th, 2012, 08:46 PM
मेरी जागी हुयी रातों को उसी की हे तलाश
सो रहा है मेरी आँखों मैं जो सपना बनकर |

ndalal
May 20th, 2012, 12:24 AM
sandarbh badalte hi mayne badal jate hain...
gardish me log to kya aa-e-ne bhi badal jate hain...


धूप मैं खो गया वो हाथ छुडा कर
घर से जो साथ चला था मेरा साया बनकर |

ravinderjeet
May 20th, 2012, 12:06 PM
http://a4.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-ash3/s320x320/577699_2905631693586_1644335825_1998000_237330586_ n.jpg

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:12 AM
बहुत मुशकिल हो गया है खुद को संभाल रखना ,

मगर वो कह गई है की , अपना ख्याल रखना !!!

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:13 AM
खुबसूरत आँखों को पढने का अभी तक शौक है मुझे

महोब्बत में उजड़ के भी मेरी आदत नहीं गयी

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:17 AM
छलकती है निग़ाहों से, झलकती है अदाओं से ..

फिर कौन कहता है के मोहोब्बत पहचानी नहीं जाती !!

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:17 AM
खुद को बहुत अधुरा सा महसूस करता हूँ

जाने कौन छोड़ गया मुझे तामीर करते-करते ........

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:18 AM
हम महोब्बत करने वाले वो मरीज़ हैं ..

जिन्हें मर्ज़ तो मालूम है, मगर इलाज नही !!!..

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:21 AM
मेरी महोब्बत भी अजीब थी,
मेरे जलवे भी थे कमाल पर !!
कभी सब कुछ मिला बिना तलब,
कभी कुछ ना मिला सवाल पर .!!

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:21 AM
ये अदाएं, ये तबस्सुम, ये मस्त निगाहें !

अजी छोड़ो ! इनके चक्कर में कहीं हम फिर ना उजड़ जाएँ ..

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:22 AM
होती है लाख गम की दवा नींद भी

मगर कुछ गम भी है, जो सोने नहीं देते !!

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:23 AM
कोई मिल जाए तुम जैसा,. ये ना-मुमकिन है ..

पर तुम ढूँढ लो हम जैसा.. इतना आसान ये भी नहीं ..

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:27 AM
आ जाये तू किसी दिन, ऐसा भी नहीं लगता !,

लेकिन वो तेरा वादा झूठा भी नहीं लगता !

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:28 AM
मिलती ही नहीं मुझे ग़म-ऐ-दुनिया के लिए फुर्सत !!

सोयें तो ख्वाब उनके, जागें तो ख्याल उनके !!.

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:34 AM
फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं ,
कब्रें जितनी भी संवारो , वहां रोनक नहीं होती .......:

ravinderjeet
May 21st, 2012, 09:45 AM
तेरा रंग ऐसा चढ़ गया ...
कोई और रंग न चढ़ सके ..
तेरा नाम सीने पे लिखा ....
हर कोई आके पढ़ सके

ashe
May 21st, 2012, 02:04 PM
Ansoon tere nikle aur aankhein meri ho,
Dil tera dhadke aur dhadkane meri ho,
Khuda kare hamaari dosti itni gehri ho,
Ki naukri tum karo aur salary meri ho.....

jaatdesi
May 22nd, 2012, 10:52 AM
Sabhi tute dil vale Shayron ke liye ...

https://fbcdn-sphotos-a.akamaihd.net/hphotos-ak-prn1/560648_10150717636103271_157749278270_9408622_3521 23730_n.jpg

Malikpriya
May 22nd, 2012, 12:53 PM
Agar Sabko Mil Jaata Apna Humdum
Toh Yeh Ulfat Na Itne Uche Makam Hoti
Na Hota Zikr Aashiqon Ka Sadiyon
Mohabbat Fir Cheez Badi Hi Aam Hoti.....!!

Malikpriya
May 22nd, 2012, 01:41 PM
Soch lene se pahley mein kar arz deti hun
shayari me dil ke raaz khol deti hun
kuch apni kuch unki kahaani bahut hain
mila mila kar kissey mein duniya ko bol deti hun…!!

ravinderjeet
May 22nd, 2012, 03:29 PM
ये तो ज़मीन की फितरत है की ,
वो हर चीज़ को मिटा देती हे
वरना ,
तेरी यद् में गिरने वाले आंसुओं का ,
अलग समंदर होता !!

vijaykajla1
May 22nd, 2012, 03:31 PM
जिसके साये में भरोसे की छांव देखी थी,
उसी दरख़्त ने सूरज से दोस्ती कर ली...

ravinderjeet
May 23rd, 2012, 10:47 AM
एक अदा आपकी दिल चुराने की
एक अदा आपकी दिल मैं बस जाने की
एक चेहरा आपका चाँद सा एक जिद हमारी चाँद को पाने की …
इश्क किया तुझसे , मेरे ऐतबार की हद थी ;
इश्क में दे दी जान , मेरे प्यार की हद थी ;
मरने के बाद भी खुली थी आँखें , यह मेरे इंतज़ार की हद थी ..!

nainsunil007
May 23rd, 2012, 11:38 AM
वो कभी हमपे जान दिया करते थे
जो हम कहते थे मान लिया करते थे
एक दिन पास से अनजान बन के गुजर गए
जो बिना देखे पहचान लिया करते थे

vikasJAT
May 23rd, 2012, 11:59 AM
HUm mohabbat ki Numaish nai krte,
HUm lafzo Ki farmaish Nai krte,
Jise Chahte hai Dil Se Chahte hai,
Badle me Chahne Ki Khawaish nhi krte.

vikasJAT
May 23rd, 2012, 12:05 PM
Jab bhi kuch sochta hu teri yaad aa jati hai.
Bethe bethe ankhe meri namm ho jati hain.
Dil rota hai par tu na aati hai.
Bus teri yaad hi to hai jo mujhe har baar rula jati hai........

rana1
May 23rd, 2012, 02:08 PM
आग से खेलने के फन में माहिर थे

शरारों को मुट्ठी में क़ैद रखते है

ताज तपिश ने सारे अरमानों को सुला दिया

अपने ही शौख ने अपना दामन जला दिया

rana1
May 23rd, 2012, 02:15 PM
उसकी तस्वीर जो चन्द बरसों पुरानी देखी,
हीर रांझे की मैने उसमें दीवानी देखी,,
कल जो मद्मस्त थी सावन की घटा के जैसी,
आज देखी तो लगा बदली सयानी देखी,,

ravinderjeet
May 23rd, 2012, 08:00 PM
चोट एक साथ खायी है
ये दर्द तेरा भी शायद कुछ मेरे दर्द जैसा है

मैं भी तन्हा हूँ यहाँ और तू भी तन्हा है

दोनों ने मोहब्बत में चोट एक साथ खायी है

थोड़े हम भी पागल है थोडा तुभी बहका है

आदीन अभी लम्बा है ये सफ़र जिंदगी का शायद

अभी चोट खानी है बहुत अभी दर्द सहना है

ravinderjeet
May 23rd, 2012, 08:03 PM
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ

या दिल का सारा प्यार लिखूँ

कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखू या सापनो की सौगात लिखूँ ॰॰॰॰॰॰

मै खिलता सुरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ॰॰॰॰॰॰

वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की सान्स लिखूँ

वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ

मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ

मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ

मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ

बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ

सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ

वो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ

सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ

गीता का अॅजुन हो जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ॰॰॰॰॰

मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ या बेबस ईन्सान लिखूँ॰॰॰॰॰

मै ऎक ही मजहब को जी लुँ ॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ॰॰॰

कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ

या दिल का सारा प्यार लिखूँ

ravinderjeet
May 23rd, 2012, 08:06 PM
एक अजब-सी पहेली है जिंदगी,
सबके साथ होते हुए भी अकेली है जिंदगी,
कभी प्यार का अरमान है जिंदगी,
तो कभी दर्द से भरा तूफान है जिंदगी,
कभी कांटों से भरा रास्ता है जिंदगी,
कभी फूलों-सी मासूम है जिंदगी,
और कभी गुनाहों का बोझ बन जाती है जिंदगी,
आखिर क्या है यह जिंदगी ?

ravinderjeet
May 23rd, 2012, 08:35 PM
मुझसे मत पूछ की क्यूँ आँख झुका ली मैंने ,
तेरी तस्वीर थी जो तुझसे छुपा ली मैंने |

जिस पे लिखा था की तू मेरे मुक़द्दर में नहीं ,
अपने माथे की वोह तहरीर मिटा ली मैंने |

हर जन्म सबको यहाँ सच्चा प्यार कहाँ मिलता है ,
तेरी चाहत में तो उम्र बिता ली मैंने |

मुझको जाने कहाँ एहसास मेरे ले जाएँ ,
वक़्त के हाथो से एक नज़्म उठा ली मैंने |

घेरे रहती हैं मुझे एक अनोखी खुशबु ,
तेरी यादों से हर एक सांस सजा ली मैंने |

जिसके शेरों को वो सुनके बहुत रोई थी ,
बस वाही एक ग़ज़ल सबसे छुपा ली मैंने |

ravinderjeet
May 24th, 2012, 10:37 AM
किसी के ज़ख़्म का मरहम , किसी के ग़म का इलाज ....!!
लोगों ने बाँट रखा हे मुझे दवा की तरह .

ravinderjeet
May 24th, 2012, 10:40 AM
रिश्तों में झुकना कोई बुरी बात नही जाना ...
चढ़ता सूरज भी डूब जाता है
चांदनी के लिए ...!!!

ravinderjeet
May 24th, 2012, 12:14 PM
http://a1.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/156208_354946807894979_100001389877877_926199_2099 845343_n.jpg


कागा ,शरीर का सारा खा लिओ मांस |
ये दो नेना मत खाइओ ,प्रियतम देखन की आस |

ravinderjeet
May 24th, 2012, 12:24 PM
ज़िन्दगी तुम बिन उल्फत सी लगती हे ,
एक पल की जुदाई मुदत सी लगती हे ,
पहले नहीं अब सोचते हे हम ,
जिंदगी को आपकी ज़रूरत सी लगती हे .

rana1
May 24th, 2012, 04:59 PM
जब तलक काम आते रहो , हमसफ़र कहलाते रहो ,
काम निकल जाने पर हमसफ़र , कोई दूसरा हो जाता है ... !!

... गम नहीं था मुझ को कभी ज़माने की रुस्वाइओं का ,
तकलीफ होती है जब कोई अपना खफा हो जाता है ... !!!

ravinderjeet
May 25th, 2012, 09:15 PM
तुम मुझे ख़ाक भी समझो तो कोई बात नहीं ,
ये भी उड़ती हे तो आँखों में समा जाती हे |

RajatRathi85
May 26th, 2012, 12:52 PM
कुछ पल मिले थे प्यार के,
जो साथ गुज़ार दिए,
पर उन पलों ने सपने हज़ार दिए,
छोड़ कर चल दिए अपने पराये सभी,
बुरे वक़्त ने कई चश्में उतार दिए

RajatRathi85
May 26th, 2012, 12:54 PM
kam hi hote hain jazbaaton ko samajhne wale,
isliye shayad shayaron ki bastiyan nahi hoti...

balraaj
May 26th, 2012, 01:41 PM
कुछ दूर तक रोज़ साथ दौड़ती थी ...पलट कर देखा तो...सिर्फ धूल थी...
मेरे क़दमों की भूल थी.

balraaj
May 26th, 2012, 01:49 PM
मैं पानी ...तेरी प्यास ही सही...
यूँ घूँट घूँट मुझको तबाह ना कर.

vijaykajla1
May 26th, 2012, 03:16 PM
साँसों में अमृत घुलने दो,मन को मंदिर हो जाने दो,
वो सपने में आएगी मुझको सदियों तक सो जाने दो,
इश्क आग का दरिया है तो बहने दो इस धारा को,
इस दरिया का बस इक हिस्सा मुझको भी हो जाने दो
(सुरेश अलबेला)

vijaykajla1
May 26th, 2012, 03:17 PM
वो शामें अब नहीं आतीं, के जिनके इंतज़ार में

दोपहरें उड़ती फिरतीं थीं, लम्हें पलकें बिछाते थे !!

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:53 PM
क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है
क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हर पत्थर नही होता
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो

इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता !!

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:54 PM
अब बस भी कर लोगों को टूटकर चाहना "दिल-ऐ-नादाँ" .

वो देख एक और शख्स तुझे छोड़ कर जा रहा है

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:55 PM
काश खुदा ने मुझे किताब बनाया होता ....!

वो पढ़ते-पढ़ते सो जाती मुझे सीने से लगाकर ...

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:56 PM
करती हर साज़ को नाहक नासाज़
जिन्दगी आग भी है पानी भी |

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:58 PM
बहुत दिल से वोह सुनते हैं हमारी सारी बातों को ...
जो दिल की बात कीजे , बातों का रुख मोड़ देते हैं ...!!!

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:00 PM
शिकायतें भी थी उसे तो सिर्फ मेरे ख़ुलूस से ...
अजब था वोह शख्स मेरी आदतें न समझ सका ...!!!

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:02 PM
"यह लफ़्ज़ों की शरारत है ,
संभल कर कुछ भी लिखना तुम ,
मोहब्बत लफ्ज़ है
लकिन यह अक्सर हो भी जाती हे …!."

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:03 PM
आईने
में अपनी सूरत भी न पहचानी गयी

आंसुओं
ने आँख का हर अक्स धुंधला कर दिया



उसके वादे के इवज़* दे डाली अपनी
ज़िन्दगी

एक सस्ती शय का ऊंचे भाव सौदा कर
दिया





था
तो नामुमकिन तेरे बिन मेरी साँसों का सफर

फ़िर
भी जिंदा हूँ मैंने तेरा कहना कर दिया

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:05 PM
तेरा चले जाना मेरा नसीब ही सही लेकिन ....

मेरी किस्मत में लिखा है तुझे टूट के चाहना ...

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:12 PM
यही ख्वाहिश थी की कुछ गुनगुनायें ज़माने से अलग
खामोश रहते हैं की हर लफ्ज़ सुना सुना सा लगता है..

ravinderjeet
May 26th, 2012, 05:12 PM
मेरे जैसी ही कुछ संजीदगी उस चाँद में भी हैं
बिछड़ता रात से हर दिन मगर.....खामोश रहता हैं..

anuragsunda
May 26th, 2012, 10:53 PM
काश खुदा ने मुझे किताब बनाया होता ....!

वो पढ़ते-पढ़ते सो जाती मुझे सीने से लगाकर ...


मुखातिब हू अपनी बिलखती सांसो की पहचान से,
किताब हू जो बेजुबान है अक्षरों की लिखावट से,
दरखत हुई जो अपनी लिखावट को पहचान दी,
पर लिखावट अभी भी बेजुबान है जो लेखनी की पहचान थी

ravinderjeet
May 27th, 2012, 02:20 PM
"क्यूं रोते हो इस बेवफा दुनिया में

"आंसुओं से तकदीर बदलती तो आज मेरा भी कोई अपना होता .

vijaykajla1
May 29th, 2012, 03:57 PM
“बिकता अगर प्यार जो कौन नहीं खरीदता

बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता

दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते

और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते”

ravinderjeet
May 29th, 2012, 07:13 PM
ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है ग़ालिब ...!!

अक्सर वहीं से गुज़रता है जहां रास्ता नहीं होता ..!!

ravinderjeet
May 29th, 2012, 07:14 PM
हम तो वो हैं जो तेरी आवाज़ सुनकर तेरे हो गए ..

वो और होंगे जिन्हें तेरे दीदार की हसरत होगी .

ravinderjeet
May 29th, 2012, 07:14 PM
तेरी जैसी आँखों वाले जब समंदर पे आते हैं ...

तो लहरें भी शोर मचाती हैं लो आज समंदर डूब गया .

ravinderjeet
May 29th, 2012, 07:23 PM
मैं ने अपनी हर एक सांस उसी रात को दे दी थी ,

जिस रात सोई थी सीने पर सर रख के मेरे |

ravinderjeet
May 29th, 2012, 07:33 PM
सुनी जिन्दगी , सुने सपने , सुने हुए अल्फाज ,

हम पे क्या कुछ बीत गया , एक तुझको गंवाने से |

anuragsunda
May 30th, 2012, 01:21 AM
ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है ग़ालिब ...!!
अक्सर वहीं से गुज़रता है जहां रास्ता नहीं होता ..!!


सुनसान रास्तो पर मंजिलो की बाँट जोहती ख्वायिशे,
मंजिल के दामन को थामे इन्द्रधनुष के रंगों में छिपी बंदिशे!!
नसीब के दीये को अरमानो की लों में जलाती मुश्किले,
हर शाम घर को लोटती उम्मीदों को धूल में उड़ाती ख्वायिशे!!

balraaj
May 31st, 2012, 01:37 PM
"कोई तेरे साथ नहीं है तो गम ना कर
खुद से बढ़कर कोई दुनिया में हमसफ़र नहीं होता !!"

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:20 PM
उल्फते सफर संग दस्ते सहरा में ....
खोज रहा है इंसा खुद का पता इस मतलबी दुनिया में |

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:25 PM
अपनी हथेली से मेरी हथेली मिला लेना ,
जब करना दुआ तो उसे भी उठा लेना ,
जब खुदा दे ख़ुशी तो अपना हाथ आगे करना ,
जब दे गम तो मेरी हथेली बढ़ा देना .

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:31 PM
बहुत लम्बा ये ज़िन्दगी का सफ़र है ....
धूप है, छाँव है, ख़ुशी भी हर डगर है.....

ग़म रोज़ हर एक मोड़ पे मिलते ही रहेंगे
उनमें भी ख़ुशी खोज जज्बा तुझमे अगर है ....

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:50 PM
रास्ता ऐसा भी दुश्वार न था ,
बस तुम को हमारी चाहत पे ऐतबार न था ,

तुम ही चल न सके हमारे साथ ,

वरना हमें जान देने से भी इंकार न था ...!! . .

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:52 PM
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही.
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही !!

ravinderjeet
May 31st, 2012, 04:52 PM
फासला न तय कर सके हम उम्रभर बस इतना सा..
अपने दायरे से निकल कर उसके दिल तक जाना था ..

ravinderjeet
May 31st, 2012, 05:21 PM
ख़ामोशी छोड़ कर चले गए जो हैं , लम्हे ,
बज़्म में वो लौट कर अब नहीं आने वाले !!


तुम्हारी नादानियों से टूट गए जो खिलौने,
इन कमजोर कोशिशों से नहीं जुड़ने वाले !!


दिल से मिट चुके हसीं यादों के जो मंजर,
इन पनीली आँखों से कभी नहीं जाने वाले !!


सोचा तुम्हे पुकार लें करीब जाकर, लेकिन ,
हलक में घुटे लफ्ज़ जबां पे नहीं आने वाले!!


वफ़ा की आस में हमें रुसवाई मिलती रही
दिल में लगे दाग अब यूँ नहीं मिटने वाले !!


इस तंगदिली को हम क्या नाम दें ' ऐ तल्ख़'
ज़फाबाजी के इलज़ाम भी हैं अब लगने वाले !!

ravinderjeet
May 31st, 2012, 05:28 PM
तुम्हारी दुनिया से चले जाने के बाद हम तुम्हे ,
हर एक तारे में नज़र आया करेंगे ,
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना ,
और हम हर बार टूट जाया करेंगे …|

vijaykajla1
May 31st, 2012, 06:02 PM
यूं कहने को तो हम बड़े खुश-मिजाज़ हैं

पर रुला देती है किसी के दीदार की हसरत !!!!

vijaykajla1
May 31st, 2012, 06:09 PM
सिखा दी बेरुखी भी तुम्हे ज़ालिम ज़माने ने

के तुम ...जो सीख लेते हो हम पर ही आजमाते हो !!!

ravinderjeet
June 1st, 2012, 05:32 PM
"कब तलक महफूज़ रखूँ तुझसे मैं खुद को बता,
तू है वो खोया लिफाफा जिसपे है मेरा पता"

ravinderjeet
June 1st, 2012, 05:41 PM
हूँ तो खफा उससे, पर जाने फिर भी क्यूँ..?
न चाह कर भी उसको चाहना अच्छा लगता है,
हकीकत से हूँ दूर, यह मुझ को है पता..

पर जान के अनजान रहना अच्छा लगता है,
कायल नहीं मैं रोने का फिर भी कभी कभी,

तन्हाई में कुछ देर रोना अच्छा लगता है,
वो मेरा था, वो मेरा है, वो मेरा रहेगा

कुछ पल इस ख्वाब में खोना अच्छा लगता है..

ashe
June 1st, 2012, 05:50 PM
jab koi ek bhi na yaar tha apna
aaine ki tara kirdar tha apna
yahan koi na ghamkhwar tha apna
5 din office mein guzar jaate
hafte mein sirf aik aitwar tha apna
jo koi bhi dekhta bimar ho jata
kuch itna sakhat bukhar tha apna
apne logoan se baat karte rehna
sirf ek yehi karobar tha apna.

ravinderjeet
June 1st, 2012, 05:51 PM
कभी टूटे नहीं मेरे दिल से तेरी यादो का रिश्ता ...
गुफ्तगू .....जिस से भी हो ...ख्याल तेरा ही रहता है .!

ashe
June 1st, 2012, 05:52 PM
Log aksar kehte hai jinda rhe toh phir milenge…………..
Magar Iss dil ne mehsus kiya hai agar milenge toh hi shayad Jinda rhenge.

ravinderjeet
June 1st, 2012, 06:34 PM
हाथों में किसके सॉप दे हम ज़िन्दगी की डोर
कोई भी ऐतबार के अब काबिल नहीं रहा
हम कश्ती-ऐ-पतवार को ले जायें किस तरफ
नज़रों के सामने कोई साहिल नहीं रहा...

balraaj
June 1st, 2012, 07:25 PM
shukr hai khuda mai mukkamil n huwa
n bhatakta mai to ye dost khan milte...

rana1
June 2nd, 2012, 05:04 PM
धुँधला हुआ आलम शाम ढलने लगी है
उसके जूड़े की गाँठ यारो खुलने लगी है

रोशन हुए दिल में फिर चिराग हुस्न के
तमन्नाएं पतंगों सी मचलने लगी हैं

anuragsunda
June 3rd, 2012, 01:45 AM
"कब तलक महफूज़ रखूँ तुझसे मैं खुद को बता,
तू है वो खोया लिफाफा जिसपे है मेरा पता"


awesome...

DrRajpalSingh
June 3rd, 2012, 09:30 AM
फासला न तय कर सके हम उम्रभर बस इतना सा..
अपने दायरे से निकल कर उसके दिल तक जाना था ..


This lovelorn attitude is due to the fact that distance leads to enchantment.

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 01:51 PM
बड़ा एहसान है तेरी रुसवाई का मुझपे ,.
तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया …!

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 01:52 PM
दीवाना हँसता है तो उसे हस लेने दो यारो
तन्हाई में वो शक्स रोया भी बोहत होगा ......

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 01:58 PM
उसने कुछ ऐसे सलीके से गम दिए हैं मुझे,.........
के सारे जख्मों से खुशबू सी आ रही है, अभी ....

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 02:02 PM
सूरज रोज निकलता हे ,पर सुबह नहीं होती ...
उसका चले जाना ,जेसे आँख से गई ज्योति ....

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 03:10 PM
जैसे कभी अपना माना था वैसे ठुकराने आओ तुम
एक रस्म अभी तक बाकी है वो रस्म निभाने आओ तुम
वैसे भी तेरा मुझसे मिलना मंजूर नहीं था दुनिया को
बस कभी कभी मुझसे मिलकर दुनिया को जलाने आओ तुम

ravinderjeet
June 3rd, 2012, 03:25 PM
" खुश हाली में इक बदहाली , तू भी है और में भी हूँ ,
हर निगाह पर इक सवाली , तू भी है और में भी हूँ ,
दुनिया कुछ भी अर्थ लगाये , हम दोनों को मालूम है ,
भरे -भरे पर खाली -खाली , तू भी है और में भी हूँ ...."

vijay
June 4th, 2012, 01:52 AM
बड़ा एहसान है तेरी रुसवाई का मुझपे ,.
तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया …!



तेरी रुसवाई मे हमें बोलना सिखा दिया
प्यार की ठोकर ने हमें चलना सिखा दिया
शायद हम ही ना थे तेरी चाहत के काबिल
तडपते दिल ने आज हमें जलना सिखा दिया

DrRajpalSingh
June 4th, 2012, 07:13 AM
सूरज रोज निकलता हे ,पर सुबह नहीं होती ...
उसका चले जाना ,जेसे आँख से गई ज्योति ....


Very good. The dejected lover's pathos vividly pours out in the couplet.

But such a character must remember that there are so many alternates and other purposes of life also in addition to remembering at all time the lost love or unfulfilled dream of love life!

balraaj
June 4th, 2012, 06:59 PM
'maut to sirf naam se badnaam hai
varna taqleef to zindagi hi deti hai'

balraaj
June 4th, 2012, 07:07 PM
'laut kar nahi aata koi kabr se lekin
mohabbat karne walon ko intzaar rahta hai'

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:15 PM
खुश रहना सीख रहा था उसके बगैर भी

यादें बेहाल कर देती हैं मुड-मुड के !!!

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:21 PM
नादानी की हद है ज़रा देखो तो मुझे ,

उस्से खो कर ,में उस्सी जेसी ढूँढ रहा हूँ !


मायावी सा समय था वो ,


जिस के फिर से आने की बाट जोह रहा हूँ |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:23 PM
इश्क की आखरी हद होती हे जल जाना
राख हो गया हूँ ,और नहीं जल सकता |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:25 PM
प्रेम की सजा कभी माफ़ नहीं होती ,
ये वो स्लेट हे जो कभी साफ़ नहीं होती |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:27 PM
चले गए तुम मुझे मेरे हाल पे छोड़कर !

क़दर क्या होती है मुझे वक़्त ने सीखा दिया !!

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:30 PM
जूनून -ए मोहब्बत कभी कम नहीं होता ,
कितना भी संभालो ,लडखडा ही जाते हैं |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:40 PM
जिसने भी की ,उसी को रोते हुए देखा ,
ये मोहब्बत , बद -दुआ जेसी लगती हे |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:43 PM
चिता में नहीं , दिल में जलाना मुझे ,
में प्रेम की कहानी का शहीद हूँ |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 06:46 PM
आज फिर झंझा घिरी और मन के सिन्धु छलके !

ये कौन आया याद कि ये नयनो के तटबंध छलके !!

ravinderjeet
June 5th, 2012, 07:09 PM
मेरी दुनिया से दूर ,बहूत दूर ,
तुम वहां मजबूर ,में यहाँ मजबूर |

ravinderjeet
June 5th, 2012, 07:29 PM
तुम तो चले गए समेट कर अपना वजूद ,


तुम बिन जिन्दगी बन गई जुस्तजू |

ravinderjeet
June 6th, 2012, 07:08 PM
ये गूम चोट है ये सीने में पलती रहेगी ..
बहुत सी बातें है जो ज़ेहन को खलती रहेगी ..

ravinderjeet
June 6th, 2012, 07:09 PM
वक़्त की दीवार पर लम्हे उगा करते है,

वही लम्हे याद बनकर भी चुभा करते है

ravinderjeet
June 6th, 2012, 07:12 PM
तुम्हारी कब्र पर मैं फातेहा पढ़ने नहीं आया,
मुझे मालूम था तुम मर नहीं सकते,
तुम्हारी मौत की सच्ची खबर जिसने उड़ाई थी
वो झूठा था।

वो तुम कब थे
कोई सूखा हुआ पत्ता हवा से हिल के टूटा था।
मेरी आंखें तुम्हारे मंजरों में कैद हैं अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, सोचता हूं वो वही है
जो तुम्हारी नेकनामी और बदनामी की दुनिया थी।
तुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है
वो झूठा है
तुम्हारी कब्र में मैं दफन हूं
तुम मुझमें जिंदा हो,

कभी फुरसत मिले तो फातेहा पढ़ने चले आना।
...........by someone