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View Full Version : असली जमा देसी हरियाणवी सायरी और कवितायेँ



sombirnaamdev
March 23rd, 2012, 04:51 PM
तेरे प्यार में खागड गैल टकराके दिखा दयूं मैं
जिस गली में ज्यादा कुते हो जाके दिखा दयूं मैं

जो भी कीमत मांगेगी. एक मिनट में दे दयूंगा
नही किसे न कहवे तो गोबर खाके दिखा दयूं मैं
थोडा बहुत मैं जैंटलमैन सूँ, निरा मोलड कोन्या
कहवे तो घर त कोट पैंट नया ल्याके दिखा दयूं मैं

झूठमूठ का कोन्या थारा, असली रिश्तेदार सूँ
कर ब्याह तेरे भाई प जीजा कुहाके दिखा दयूं मैं
खाण-पीण की शर्त इश्क में ना लावे तू श्याणी
आधा किलो हरी मिर्च भी खाके दिखा दयूं मैं

सिवा रागनी के यारां न नही आवे स कुछ भी
पर तेरे खातर तुना तुना गाके दिखा दयूं मैं
कर बेचैन महोब्बत में विश्वास मेरी बातां का
भुन्ड़े त भुन्ड़े जोहड़ में नहाके दिखा दयूं मैं

sombirnaamdev
April 25th, 2012, 11:12 PM
मेरी गेल्याँ जोट मिलाले तेरी मन की चाही कर द्यूंगा
जै तू प्यार की हामी भरलेगी तै दुनिया नै हलके धर द्यूंगा
तेरे पाछे पाछे हाँडाते मन दिन घने इब होगे
मेरे हांन के सारे यारा के ब्याह भी तै इब होगे
जै कोय आजा म्हारे बिच में बांध जुड़ के धार द्यूंगा
मेरी गेल्याँ जोट मिलाले तेरी मन की चाही कर द्यूंगा
तेरी खातिर फिरून कुंवारा तन्ने कुनसे राह का न छोड्या
राँझा भी तो इतने दिन कती बन गया था वो मोड़ा
जे तू नहीं नहीं मिली तो मतना जाने तेरे बिना के मर ज्युंगा
मेरी गेल्याँ जोट मिलाले तेरी मन की चाही कर द्यूंगा

kuldeeppunia25
April 26th, 2012, 11:48 AM
तेरे प्यार में खागड गैल टकराके दिखा दयूं मैं
जिस गली में ज्यादा कुते हो जाके दिखा दयूं मैं

जो भी कीमत मांगेगी. एक मिनट में दे दयूंगा
नही किसे न कहवे तो गोबर खाके दिखा दयूं मैं
थोडा बहुत मैं जैंटलमैन सूँ, निरा मोलड कोन्या
कहवे तो घर त कोट पैंट नया ल्याके दिखा दयूं मैं

झूठमूठ का कोन्या थारा, असली रिश्तेदार सूँ
कर ब्याह तेरे भाई प जीजा कुहाके दिखा दयूं मैं
खाण-पीण की शर्त इश्क में ना लावे तू श्याणी
आधा किलो हरी मिर्च भी खाके दिखा दयूं मैं

सिवा रागनी के यारां न नही आवे स कुछ भी
पर तेरे खातर तुना तुना गाके दिखा दयूं मैं
कर बेचैन महोब्बत में विश्वास मेरी बातां का
भुन्ड़े त भुन्ड़े जोहड़ में नहाके दिखा दयूं मैं

वाह भाई रेप्पर,,,,,:tears_of_joy:

sombirnaamdev
April 26th, 2012, 09:01 PM
just joking yaar asli main na samjhliye

sombirnaamdev
April 29th, 2012, 07:32 PM
दादी का बोरला
दादा का खंडका
जुती की चरमराट
बेरा ना कड़े चले गए ?

ताऊ का सोंटा
घास का भरोटा
गाम का झोटा
बेरा ना कड़े चले गए ?

रासन का कोटा
पंडित का चोटा
पहलवान का लंगोटा
बेरा ना कड़े चले गए ?

गामा मै तै चील
चपल की कील
टैप रिकार्ड की रील

बेरा ना कड़े चले गए ?

sombirnaamdev
May 3rd, 2012, 07:38 PM
bhaiyo ye cheejen kade mhari dharohar hoti thi aaj mhare dhore konya re ri