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Thread: Dada Lakhmi Chand - Haryana's great visionary-poet

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  1. #1

    Dada Lakhmi Chand - Haryana's great visionary-poet

    (This post is in Devanagari script. If there is difficulty in reading the text, there is need to install ‘Mangal’ font.)

    प्रस्तुत है दादा लखमीचंद की एक रागनी । लगता है दादा की भविष्वाणियां सच साबित हो रही हैं । कुछ * वाले शब्दों के अर्थ अंत में दिए गए हैं ।

    कलियुग
    (राजकवि दादा लखमी चन्द जी)



    समद ऋषि जी ज्ञानी हो-गे जिसनै वेद विचारा ।
    वेदव्यास जी कळूकाल* का हाल लिखण लागे सारा ॥ टेक ॥

    एक बाप के नौ-नौ बेटे, ना पेट भरण पावैगा -
    बीर-मरद हों न्यारे-न्यारे, इसा बखत आवैगा ।
    घर-घर में होंगे पंचायती, कौन किसनै समझावैगा -
    मनुष्य-मात्र का धर्म छोड़-कै, धन जोड़ा चाहवैगा ।

    कड़ कै न्यौळी बांध मरैंगे, मांग्या मिलै ना उधारा* ॥1॥
    वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

    लोभ के कारण बल घट ज्यांगे*, पाप की जीत रहैगी -
    भाई-भाण का चलै मुकदमा, बिगड़ी नीत रहैगी ।
    कोए मिलै ना यार जगत मैं, ना सच्ची प्रीत रहैगी -
    भाई नै भाई मारैगा, ना कुल की रीत रहैगी ।

    बीर नौकरी करया करैंगी, फिर भी नहीं गुजारा ॥2॥
    वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

    सारे कै प्रकाश कळू का, ना कच्चा घर पावैगा* -
    वेद शास्त्र उपनिषदां नै ना जाणनियां पावैगा ।
    गौ लोप हो ज्यांगी दुनियां में, ना पाळनियां पावैगा -
    मदिरा-मास नशे का सेवन, इसा बखत आवैगा ।

    संध्या-तर्पण हवन छूट ज्यां, और वस्तु* जांगी बाराह ॥3॥
    वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

    कहै लखमीचंद छत्रापण* जा-गा, नीच का राज रहैगा -
    हीजड़े मिनिस्टर बण्या करैंगे, बीर कै ताज रहैगा ।
    दखलंदाजी और रिश्वतखोरी सब बे-अंदाज रहैगा -
    भाई नै तै भाई मारैगा, ना न्याय-इलाज रहैगा ।

    बीर उघाड़ै सिर हांडैंगी, जिन-पै दल खप-गे थे अठाराह* ॥4॥
    वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।


    कळूकाल = कलियुग

    कड़ कै न्यौळी बांध मरैंगे, मांग्या मिलै ना उधारा = लोग कमर में या जेब में पैसा बांधे रखेंगे, फिर भी मांगने पर या उधार में पैसा नहीं मिलेगा ।

    लोभ के कारण बल घट ज्यांगे = घी-दूध आदि महंगा हो जायेगा, लोग लोभ में आकर इसे खरीद नहीं पायेंगे और उनका शारीरिक बल घटता जायेगा ।

    सारे कै प्रकाश कळू का, ना कच्चा घर पावैगा = कलियुग में सब जगह (बिजली का) उजाला रहेगा और सब मकान पक्के होंगे ।

    वस्तु जांगी बाराह = सोना, चांदी, तांबा आदि बारह धातु (वस्तु) गायब हो जायेंगी ।

    छत्रापण जा-गा = क्षत्रियपन मिट जायेगा

    जिन-पै दल खप-गे थे अठाराह = द्रोपदी के चीरहरण के कारण महाभारत हुआ था जिसमें कुल 18 सेनाऐं खत्म हो गईं थीं (कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी और पांडवों के पास 7) ।
    .
    Last edited by dndeswal; October 26th, 2006 at 11:36 PM.
    तमसो मा ज्योतिर्गमय

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