LO Bhai likhdo apni 2 pasand ky
Haryanvi Ragni-Look geet.
MERI PASAND Ki Ragni
sabsy jayda Mehar Singh Fauji ki Ragni.
Fauji jab Shadi ky vad gharwali ko Akeli
ghar chhod jata hae tao.
Fauji ki ghar ali ky Dil per kaya
Gujrati hae.Fauji kahbi ky Dil per kaya
gujrati hae. Kuch 2 meri aur her
Fauji ki aur fauji ki Bahu ki bhi asi
hi kuch kuch kahani hae.

हे करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी होहो हो परदेसी ... गैल मेरे भी बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी होहो हो परदेसी ... गैल मेरे भी बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

होए ससुर मेरा भी छोह मैं आवै .... सासु दे सै गाऴ मेरी ...
हो परदेसी तनै आण कै ....क्योना लई सम्भाऴ मेरी ...
ओढण-पेहरण और सिंगरण की ... कती छूटगी ढाऴ मेरी ...
मैं ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....
ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....
देखे रंग तैं हों सैं ... हो रंग तैं हों सैं ...
हां गैल पती के .. तूं घाल गोह्ज मैं लाड लेग्या
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

छ: मिहने मैं ... छ: मिहने मैं तेरा बेरा पाटया ... चिट्ठी मिली फौज़ की थी ...
चिट्ठी मैं न्यु लिख राखी ... तेरी छुट्टी बीस रोह्ज की थी ...
सभ कुणबे कै चाव चढ्या ... मेरी उस दिन रात मौज की थी ...
चौद्दस पुरणमासी पड्वा ... तेरी पक्की बाट दौज की थी ...
चौद्दस पुरणमासी पड्वा ... तेरी पक्की बाट दौज की थी ...
हां चंदा बणकै ... हो चंदा बणकै ... बरस्या कोन्या क्यूं बादऴां की आड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हां सक्करपारे ... सक्करपारे गिरी छुहारे ... लाडू और सुहाऴी घी की ...
घर घर के मांह चालू हो रही ... लाड-कौथऴी पेटी घी की ...
कयोकर आवै सबर मेरे ... जिब मिटती नही तरसना जी की ...
आधा सामण बीत गया ... न्यू सब किमैं बाट देख रहया मिंह की ...
आधा सामण बीत गया ... न्यू सब किमैं बाट देख रहया मिंह की ...
सूकी तीज ... हो सूकी तीज ... मनाउ क्योकर ... मिंह का मौका साध लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हां भरती होउगा ... भरती होउगा ... या बेदन तेरे तन मैं थी ...
कुछ तै जोर करया करमां नै ... कुछ तेरे भी मन मैं थी ...
और तै के कहूं पती जी ... तेरी सुरती गोरमैंट अन मैं थी ...
घर तैं बाहर जाण की भरती ... इकताऴीस के सन मैं थी ...
घर तैं बाहर जाण की भरती ... इकताऴीस के सन मैं थी ...
कहै जाट मेहर सिंह ... हां जाट मेहर सिंह ..
घर कुणबे तै ... था भरती का चाढ लेग्या ....
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...