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Thread: chhutti ke din poore hoge, fikar karan lagya man main

  1. #1

    chhutti ke din poore hoge, fikar karan lagya man main

    Another, one of my all time favourite Ragni by Fauji Jat kavi Mehar Singh and has been sung by my most favorite singer,Paleram and his team:

    छुटी के दीन पूरे होगे , हे रेए फिकर करण लगया मन में
    हे रेए बाँध बिस्तरा चल पड्या, के बाकी रहगी मन ऐ में

    http://www.youtube.com/watch?v=JVzcmn2Bess

    I believe, everyone who likes Ragnis would love this video
    and would exclaim like me Wah! Bhai Pale lath gad diya !


    Cheers!

  2. #2
    वाह ! भाई पाले ओर आदरणीय़ सत्यपाले जी (देशवाल) आप दोनों नै ही लठ सा गाड दिया......रागणी सुण के जी सा आ गया:p

    आखरी राम रमी कर चाल्या..............(क्या बात है):D
    ................

    देशवाल जी एक रागनी के बोल लिख रहा हुँ.....लिकं मिले तै चेप दियो.....

    बोर्डर ऊपर याद करूं मैं.....नखरे घर आली के
    घूंघट में को आंशू पड रे...उस जोबन आली के !!

    बिस्तर ठा कै चाल्या था जब......रोई भर कै कोळी
    तेरे साथ चलूंगी परदेशी........ इब बाट भतेरी हो ली
    ऐरे लतै कपडे धरै बैग में........दो जम्भर जाली के

    बोर्डर ऊपर याद करूं मैं......नखरे घर आली के
    घूंघट में को आंशू पड रे....उस जोबन आली के !!
    मेरी जिन्दगी.....मेरा अन्दाज
    Work as a Labour.....Live as a King.
    कर भला हो भला.....अंत भले का भला
    To do better make changes where necessary and find other avenues.
    ALL POWER IS WITHIN YOU. YOU CAN DO ANYTHING AND EVERYTHING. BELIEVE IN THAT.
    अपने तो अपने होते हैं.....बाकी सब सपने होते हैं ।

  3. #3
    bhot achhe bhai Narwal...,,,,,,,,,,,Desi baat, desi rang ar desi dhang,,,,,,,,,,,,

    ""aati-jaati police kadion ka,,,,,,,,,,,,,,,,,,dolla daat kaahar ke manne,,,,,,,,,,,,,,,, ""

    kissa hai Vir Hakikat rai:rock

    Quote Originally Posted by VirenderNarwal View Post
    देशवाल जी एक रागनी के बोल लिख रहा हुँ.....लिकं मिले तै चेप दियो.....

    बोर्डर ऊपर याद करूं मैं.....नखरे घर आली के
    घूंघट में को आंशू पड रे...उस जोबन आली के !!

    बिस्तर ठा कै चाल्या था जब......रोई भर कै कोळी
    तेरे साथ चलूंगी परदेशी........ इब बाट भतेरी हो ली
    ऐरे लतै कपडे धरै बैग में........दो जम्भर जाली के

    बोर्डर ऊपर याद करूं मैं......नखरे घर आली के
    घूंघट में को आंशू पड रे....उस जोबन आली के !!

  4. #4
    Bhai Virender ji

    I tried to find the link for any video or audio clip of the raagni mentioned by you but failed. But i can assure you that I will keep trying and we will have it some day in future. Meanwhile I have written the Lyrics of the raagni, Chhuti ke Din...
    I will everyone can enjoy the Raagni better if understand its lyrics and feeling:


    छुटी के दीन पूरे होगे , हे रेए फिकर करण लगया मन ए में
    हे रेए बाँध बिस्तरा चाल पड्या, के बाकी रहगी मन ऐ में

    दखे मात मेरी ने सिर पुचकारा, जीने पालया पोस्या जाम्या था !
    चालान की भाई बाट देख मेरा भाई रोया रामभ्या था !
    छोटे भाईयाने घाल्या घी पीपी में जिब गूंद खाण का चालला था!
    न्यों बोले ना चाहिए नोकरी , घरां भतेरा नामा था !
    हरे न्यों बोले तू जाइये मतना , के दबके मरेंगे धन में !
    छुटी के ..........

    दखे फेर पिता ने समझाके कुछ आगे सी ने चालल्या था,
    भाई कोलेए लागी बहु खड़ी थी जीने साँस सबर का घाल्या था !
    आँख्यां के में नीर देख के मेरा कालजा हालया था !
    न्यूं बोली तने मेरे पिया मेरा किस ते दिया हवाला था !
    हेरे चक्कर खा के पड़ी जाटनी, बेहोश हुई पल भर में १
    छुटी .......

    हेरे फेर बहु पुचकार देई, कुछ ना चाल्या जोर मेरा !
    छ मिहने में आलुन्गा , जे न आया ते चोर तेरा !
    रस्ते में सुसराड़ पड़े थी , उडे पहलिम लाग्या दौर मेरा !
    जीजा आगया जीजा आगया साला कर रह्या शोर मेरा
    दीखे सास मेरी ने सिर पुचकारा , मेरे शिलक हुई बदन में
    छुटी ......

    घर ते चलके भाई टेसन तक , उडे खाना तक भी ना खाया
    भाई करी चालान की तयारी ,फेर बता कद आओगे भुजें साली सारी
    करमा का कुछ बेरा कोन्या , इब आश छोड़ दयो माहरी !
    जितने दिन की रे खात्तर की मन्ने जोड़ी रिश्तेदारी !
    अरे मेरी आखरी राम रमी , थारे कर चाल्या दर्शन में !
    छुटी....

    हेरे घर तें चल के टेसन तक मैंने छोडन साला आया था
    मैंने बाबु तें करी नमस्ते मेरा वारंट चेंज कराया था
    करके सबर चडया गाड़ी में न्यूं गम का भाला खाया था !
    यारे प्यारे याद आए जिब डांगर ज्यूँ डकराया था !
    उडे सिंघापुर में जा गेरे , गाहे जंगल भाई बण में !
    छुटी .......

    मैंने यूनिट में जा देई हाजरी , जड़े पक्का देना पहरा हो ,
    घर की याद बहु की चिंता , यो दुःख सबतें गहरा हो ,
    इन् फोजियाँ ते बुझ लियो जै मेहरसिंह गलती कह रया हो
    फौज में भरती वो होइयो जो घर तें निरसा रह रया हो !
    रे बहुआं आला सुनता हो , मत दियो पैर बिघन में !
    छुटी .....

    खुश रहो !

  5. #5

    thanks for ragni

    enjoy it bhai sahab i think you r also love to listen ragni i am in hydrabad now so here is i no source of our ragni's please ek adhi or chap diyo i will be very thankfull to you
    ok bhai sahab jai ram ji ki :rock apna jeli ala jat "jindabad"

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