Results 1 to 10 of 10

Thread: The War of Plasi in 1757 !!!!

Threaded View

Previous Post Previous Post   Next Post Next Post
  1. #1

    The War of Plasi in 1757 !!!!

    कुछ समय से मैंने ये निर्णय लिया है कि भारत की उन चीजों के बारे में आप सब जाट लोगों को जानकारी दूँ जो हमें गलत बताया गया है | आप लोगों के ज्ञान को मैं कम कर के नहीं आंक रहा हूँ लेकिन कई बातें ऐसी होती हैं जो असल में वैसी होती नहीं है जैसा हमें बताया जाता है | उदहारण के लिए भारत में हमेशा ये पढाया गया कि भारत अंधेरों का देश था, भारत मदारियों का देश था, भारत संपेरों का देश था, अंग्रेज़ आये तो उन्होंने हमें सब सिखाया, हमें शिक्षित किया | अंग्रेज नहीं आते तो हमारे यहाँ पिछड़ापन ही पसरा रहता, हम अंधेरों में ही घिरे रहते, इत्यादि इत्यादि | दुःख तो अधिक तब होता है जब हमारे देश के प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री इस तरीके की बात करते हैं | क्या हम वास्तव अँधेरे में थे ? क्या हम वास्तव में गंवार थे ? क्या हम वास्तव पिछड़े थे ? ये यक्ष प्रश्न मेरे मन में हमेशा रहते थे | फिर मन ये उत्तर भी देता था कि यदि हम वास्तव में पिछड़े थे तो क्या अंग्रेज यहाँ २५० वर्षों तक घास छिल रहे थे, उसके पहले पुर्तगाली आये, स्पनिश आये, और बहुत से लोग आये | मैं आप सब से पूछता हूँ कि निर्धन के घर में कोई रहता है क्या ? और उनको सुधारने और अच्छा बनाने का ठेका कोई लेता है क्या ? और वो भी गोरी चमड़ी वाले ? असंभव | इसी सिलसिले में मैंने कुछ तथ्य आप सब लोगों के सामने लाने का संकल्प लिया है,
    सन 1757 की पलासी की लड़ाई
    जैसा कि आप सब जानते हैं कि अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने का अधिकार जहाँगीर ने 1618 में दिया था और 1618 से लेकर 1750 तक भारत के अधिकांश रजवाड़ों को अंग्रेजों ने छल से कब्जे में ले लिया था | बंगाल उनसे उस समय तक अछूता था | और उस समय बंगाल का नवाब था सिराजुदौला | अंग्रेजों का जो फ़ॉर्मूला था उस आधार पर वो उसके पास भी गए व्यापार की अनुमति मांगने के लिए गए परन्तु सिराजुदौला ने कभी भी उनको ये इज़ाज़त नहीं दी क्यों कि उसके नाना ने उसको ये बताया था कि सब पर भरोसा करना पर गोरों पर कभी नहीं और ये बातें उसके मस्तिष्क में सदैव रहीं इसलिए उसने अंग्रेजों को व्यापार की अनुमति कभी नहीं दी | अंग्रेजों ने कई बार बंगाल पर हमला किया परन्तु सदैव पराजय का मुंह देखना पड़ा | मैं यहाँ स्पष्ट कर दूँ कि अंग्रेजों ने कभी भी युद्ध करके भारत में किसी राज्य को नहीं जीता था वो सदैव छल और षड़यंत्र से ये काम करते थे | उस समय का बंगाल जो था वो बहुत बड़ा राज्य था उसमे शामिल था आज का प. बंगाल, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, बंग्लादेश, पूर्वोत्तर के सातों राज्य और म्यांमार (बर्मा) | हम जो इतिहास पढ़ते हैं उसमे बताया जाता है की पलासी के युद्ध में अंग्रेजों और सिराजुदौला के बीच भयंकर लड़ाई हुई और अंग्रेजों ने सिराजुदौला को हराया | परन्तु सच्चाई कुछ और है | मन में सदैव ये प्रश्न रहा की सिराजुदौला जैसा शासक हार कैसे गया और ये भी प्रश्न मन में था कि आखिर अंग्रेजों के पास कितने सिपाही थे और सिराजुदौला के पास कितने सिपाही थे | भारत में पलासी के युद्ध के ऊपर जितनी भी किताबें हैं उनमे से किसी में भी इस संख्या के बारे में जानकारी नहीं है | इस युद्ध की जानकारी उपलब्ध है लन्दन के इंडिया हाउस लाइब्ररी में | बहुत बड़ी लाइब्ररी है और वहां भारत की दासता के समय के 20 हज़ार दस्तावेज उपलब्ध है | वहां उपलब्ध दस्तावेज के हिसाब से अंग्रेजों के पास पलासी के युद्ध के समय मात्र 300 सिपाही थे और सिराजुदौला के पास 18 हजार सिपाही | किसी भी साधारण व्यक्ति से आप ये प्रश्न कीजियेगा कि एक तरफ 300
    सिपाही और दूसरी तरफ 18 हजार सिपाही तो युद्ध कौन जीतेगा ? तो उत्तर मिलेगा की 18 हजार वाला परन्तु पलासी के युद्ध में 300 सिपाही वाले अंग्रेज जीत गए और 18 हजार वाला सिराजुदौला हार गया | और अंग्रेजों के House of Commons में ये कहा जाता था की अंग्रेजों के 5 सिपाही = भारत का एक सिपाही | तो सवाल ये उठता है की इतने मज़बूत 18 हजार सिपाही उन कमजोर 300 सिपाहियों से हार कैसे गए ?
    अंग्रेजी सेना का सेनापति था रोबर्ट क्लाइव और सिराजुदौला का सेनापति था मीरजाफर |

    रोबर्ट क्लाइव ये जानता था कि आमने सामने का युद्ध हुआ तो एक घंटा भी नहीं लगेगा और हम युद्ध हार जायेंगे और क्लाइव ने कई बार चिठ्ठी लिख के ब्रिटिश पार्लियामेंट को ये बताया भी था | इन दस्तावेजों में क्लाइव की दो चिठियाँ भी हैं | जिसमे उसने ये प्रार्थना की है कि यदि पलासी का युद्ध जितना है तो मुझे और सिपाही दिए जाएँ | उसके उत्तर में ब्रिटिश पार्लियामेंट के तरफ से ये चिठ्ठी भेजी गयी थी कि हम अभी (1757 में) नेपोलियन बोनापार्ट के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे हैं और पलासी से अधिक महत्वपूर्ण हमारे लिए ये युद्ध है और इस से अधिक सिपाही हम तुम्हे नहीं दे सकते | तुम्हारे पास जो 300 सिपाही हैं उन्ही के साथ युद्ध करो |
    रोबर्ट क्लाइव ने तब अपने दो जासूस लगाये और उनसे कहा कि जा के पता लगाओ की सिराजुदौला के फ़ौज में कोई ऐसा आदमी है जिसे हम रिश्वत दे लालच दे और रिश्वत के लालच में अपने देश से गद्दारी कर सके | उसके जासूसों ने ये पता लगा के बताया कि हाँ उसकी सेना में एक आदमी ऐसा है जो रिश्वत के नाम पर बंगाल को बेच सकता है और अगर आप उसे कुर्सी का लालच दे तो वो बंगाल के सात पुश्तों को भी बेच सकता है | और वो आदमी था मीरजाफर, और मीरजाफर ऐसा आदमी था जो दिन रात एक ही सपना देखता था कि वो कब बंगाल का नवाब बनेगा | ये बातें रोबर्ट क्लाइव को पता चली तो उसने मीरजाफर को एक पत्र लिखा | ये पत्र भी उस दस्तावेज में उपलब्ध है | उसने उस पत्र में दो ही बाते लिखी | पहला ये कि " अगर तुम हमारे साथ दोस्ती करो और ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ समझौता करो तो हम युद्ध जीतने के बाद तुम्हे बंगाल का नवाब बना देंगे" और दूसरी बात की "जब तुम बंगाल के नवाब हो जाओगे तो बंगाल की सारी सम्पति तुम्हारी हो जाएगी और उस सम्पति में से 5 % हमें दे देना और बाकि तुम जितना लूटना चाहो लुटते रहना" | मीरजाफर तो दिन रात यही सपना देखा करता था तो उसने तुरत रोबर्ट क्लाइव को एक पत्र लिखा कि " मुझे आपकी दोनों शर्तें मंज़ूर हैं बताइए करना क्या है ? " तो क्लाइव ने इस सम्बन्ध में अंतिम पत्र लिखा और कहा कि " तुमको बस इतना करना है कि युद्ध जिस दिन आरम्भ होगा उस दिन आप अपने 18 हजार सिपाहियों से कहना कि वो मेरे सामने समर्पण कर दे | तो मीरजाफर ने कहा कि ये हो जायेगा पर आप अपने बात पर स्थिर रहिएगा | क्लाइव का उत्तर था कि हम बिलकुल अपनी बात पर स्थिर रहेंगे |और तथाकथित युद्ध शुरू हुआ 23 जून 1757 को और बंगाल के 18 हजार सिपाहियों ने सेनापति मीरजाफर के कहने पर 40 मिनट के अन्दर समर्पण कर दिया और रोबर्ट क्लाइव के 300 सिपाहियों ने बंगाल के 18 हजार सिपाहियों को बंदी बना लिया और कलकत्ता के फोर्ट विलियम में बंद कर दिया और 10 दिनों तक सबों को भूखा प्यासा रखा और ग्यारहवें दिन सब की हत्या करवा दी | और हत्या करवाने में मीरजाफर क्लाइव के साथ शामिल था | उसके बाद क्लाइव ने मीरजाफर के साथ मिल कर मुर्शिदाबाद में सिराजुदौला की हत्या करवाई | उस समय मुर्शिदाबाद बंगाल की राजधानी हुआ करती थी | और फिर वादे के अनुसार क्लाइव ने मीरजाफर को बंगाल का नवाब बना दिया | और बाद में क्लाइव ने अपने हाथों से मीरजाफर को छुरा घोंप कर मार दिया |

    इसके बाद रोबर्ट क्लाइव ने कलकत्ता को लुटा और 900 पानी के जहाज सोना, चांदी, हीरा, जवाहरात लन्दन ले गया | वहां के संसद में जब क्लाइव गया तो वहां के प्रधानमंत्री ने उस से पूछा की ये भारत से लुट के तुम ले के आये हो तो क्लाइव ने कहा की नहीं इसे मैं भारत के एक शहर कलकत्ता से लुट के लाया हूँ | कितना होगा ये ? मैंने इसकी गणना तो नहीं क़ि है लेकिन Roughly 1000 Million स्टर्लिंग पौंड का ये होगा (1 Million = 10 लाख) | उस समय (1757 ) के स्टर्लिंग पौंड के कीमत में 300 गुना कमी आयी है और आज के हिसाब से उसका मूल्याङ्कन किया जाये तो ये होगा 1000X1000000X300X80 | Calculator तो फेल हो जायेगा | रोबर्ट क्लाइव अकेला नहीं था ऐसे 84 अधिकारी भारत आये और सब ने भारत को बेहिसाब लुटा | वारेन हेस्टिंग्स,
    कर्जन,लिलिथ्गो, डिकेंस, बेंटिक, कार्नवालिस जैसे लोग आते रहे और भारत को लुटते रहे | ये थी पलासी के युद्ध की असली कहानी | मीरजाफर ने अपनी हार और क्लाइव की जीत के बाद कहा की "अंग्रेजो आओ तुम्हारा स्वागत है इस देश में तुम्हे जितना लुटा है लूटो बस मुझे कुछ पैसा दे दो और कुर्सी दे दो" | 1757 में तो सिर्फ एक मीरजाफर था जिसे कुर्सी और पैसे का लालच था अभी तो हजारों मीरजाफर इस देश में पैदा हो गए हैं जो वही भाषा बोल रहे हैं | जो वैसे ही देश को गुलाम बनाने में लगे हुए हैं जैसे मीरजाफर ने इस देश को गुलाम बनाया था | सब पार्टी के नेता एक ही सोच रखते हैं चाहे वो ABC पार्टी के हों या XYZ पार्टी के | आप किसी को अच्छा मत समझिएगा क्यों कि इन 64 सालों में सब ने चाहे वो राष्ट्रीय पार्टी हो या प्रादेशिक पार्टी, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सत्ता का स्वाद तो सबो ने चखा ही है |
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

  2. The Following 6 Users Say Thank You to rajpaldular For This Useful Post:

    Dagar25 (October 22nd, 2011), kuldeeppunia25 (April 6th, 2011), ravinderjeet (April 5th, 2011), ravinderpannu (April 5th, 2011), vishalsunsunwal (April 5th, 2011)

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •