Well, read these lines somewhere thou dont know the Poet name but Poem is a class apart!!
जिन्दगी के मोड्
जिन्दगी के मोड् खुद किस-किस तरफ़ को ले गए
उम्र ढलती गई और हम सोचते ही रह गए,
इक दौर था जब सफ़र में हर शख्स अपने साथ था
उस कारवां के अब यहां बस नामो-निशान ही रह गए,
जब ज़िन्दगी की शाम ढली तो बुझ गइ जलती श़मा
और यूं तड़पते हुए परवाने सब सह गए,
रवां थी कश्ती मगर हर तरफ़ अन्धेरा था
चराग दिल की लौ से जलाकर हम उजाला कर गये
ग़म से मुझे कोई रंज नहीं पर अऱमान खुशियों का था
अब आंसू की तो बात ही क्या हम ज़हर हंस कर पी गए,
तो क्या हुआ ग़र ज़िन्दगी ने दर्द का दामन दिया
हमने उसमें भी खु़शी के हर रंग भर दिए,
ऊंचे-नीचे रास्तों पे कइ बार जब लड़्खड़ाए कदम
इक बार ठहरे, फिर संभल कर हम ज़िन्दगी को जी गए।
Rock on
Jit