अलीगढ़। यमुना एक्सप्रेस-वे मॉडल टाउनशिप के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को जिकरपुर हाईवे पर 15 लोगों के आमरण अनशन पर बैठने के साथ ही किसान आंदोलन की मंद पड़ी आग को एक बार फिर हवा मिल गई। किसानों ने ऐलान किया है कि सरकार ने मुआवजे की दरें नोएडा के बराबर नहीं की तो वह अबतक किये गए सभी करार तोड़ देंगे। मुआवजे के रूप में लिया गया पैसा तबतक वापस नहीं करेंगे जबतक जेपी गु्रप अपनाबोरिया-बिस्तर समेट कर यहां से वापस नहीं चला जाता।
घोषणा के अनुरूप सर्वदलीय किसान संघर्ष समिति के नेता मनवीर सिंह तेवतिया की अगुवाई में हवन-पूजा के बाद 15 किसान आमरण अनशन पर बैठ गए। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच भाजपा विधानमंडल दल के उपनेता पूर्व मंत्री हुकुम सिंह और सिंकदराराऊ विधायक यशपाल सिंह ने भी धरना स्थल पर पहुंच कर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। हुकुम सिंह ने कहा कि किसानों की मांगे जायज हैं। सरकार को वार्ता के जरिए मामला सुलझाना चाहिए। रालोद के खैर विधायक चौ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि किसानों पर गोली चलवाने वाली सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोली चलाने के आदेश 'पंचमतल' से दिए गए।
किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया ने कहा कि अधिकारी हमें धोखा देकर धरने से उठाना चाहते हैं। बातचीत के बाद भी किसानों पर गोली चलवाने वाले अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट नहीं लिखी गई। धरने पर किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि मुआवजा नोएडा के बराबर नहीं हुआ तो करार तोड़ देंगे। अगर जबर्दस्ती की गई तो हाईवे तक खोद डालेंगे