I was reading a article in paper so thought its worth sharing, one incident where he has shared his own experience why reservation is necessary.
हिसार। कमांडेंट हवा सिंह सांगवान इन दिनों चर्चा में हैं। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष सांगवान 10 दिन से मय्यड़ के पास रामायण गांव में जाटों के साथ ट्रैक पर बैठे हैं। वह पूरे हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। यह उनकी जिंदगी का अकेला पहलू है।
चंद लोग ही जानते हैं कि वह एक लेखक भी हैं। सन 1990 में अयोध्या में बाबरी ढांचे को बचाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
हवा सिंह सांगवान 1969 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए। नौकरी के दौरान उन्हें तकरीबन पूरा देश घूमने का मौका मिला। उनकी सबसे यादगार पोस्टिंग थी अयोध्या में। कमांडेंट सांगवान १९९क् के उन दिनों याद करते हुए बताते हैं- नंगे पैर डच्यूटी करनी होती थी। चमड़े की बेल्ट तो दूर चमड़े का पिस्तौल कवर भी नहीं रख सकते थे।
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को वो राजनीति के सिवा कुछ नहीं मानते। अपने इसी अनुभव को समेटे उन्होंने अपनी पहली किताब अयोध्या के अयोद्धा लिखी।
सांगवान बताते हैं कि नौकरी के दौरान ही आरक्षण का मुद्दा उन्हें खींचने लगा था। मैं कमांडेंट था। भर्ती प्रक्रिया में कई बार शामिल हुआ। आरक्षण की वजह से कम नंबर पाने वाले और शारीरिक रूप से कमजोर नौजवान भर्ती हो जाते थे। शुरुआत में मैं इसे गलत मानता था, मगर बाद में समझ आया कि सामाजिक न्याय देने का यह एक तरीका है। वह बताते हैं कि इसके बाद ही उन्होंने जाट आरक्षण के बारे में अध्ययन किया।
राजनेता नहीं दे सकते आरक्षण
कमांडेंट सांगवान कहते हैं-हरियाणा के ज्यादातर जाट अभी भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओमप्रकाश चौटाला से जुड़े हैं। आरक्षण के मुद्दे पर दोनों नेताओं की राजनीतिक मजबूरी है। सभी को खुश रखने की कोशिश में दोनों नेता जाटों को आरक्षण नहीं देंगे। जाटों को राजनीति और आरक्षण के मुद्दे को अलग करके सोचना होगा।
सांगवान का दावा है कि इसी वजह से वह कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे। जाट आरक्षण मिलने के बाद वह सामाजिक बुराइयां दूर करने का मिशन शुरू करेंगे।
भिवानी के हैं सांगवान
कमांडेंट सांगवान भिवानी में मानकावास चरखी दादरी गांव के रहने वाले हैं। पिता श्योनंद सांगवान किसान थे। वो दो साल पहले अपने पैतृक गांव से भिवानी में रहने लगे हैं। हवा सिंह सांगवान के दो बेटे और एक बेटी हैं। बड़ा बेटा राकेश और छोटा योगेश। दोनों दिल्ली में आप्टीकल फाइबर बिछाने का कारोबार करते हैं। बेटी की शादी हो चुकी है।
किताबें
अयोध्या के अयोद्धा
1990 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने की पहली कोशिश के दौरान हुई राजनीति पर केंद्रित। तब वह विवादित भूमि पर तैनात सीआरपीएफ के कमांडेंट थे।
चौधरी छोटू राम का हत्यारा कौन?
जाट नेता चौधरी छोटू राम की मृत्यु के बाद उनकी विचारधारा पर केंद्रित यह उनकी तीसरी किताब थी।
असली लुटेरे कौन?
इस किताब के छह भाग छपे थे। यह किताब उन्होंने एक पाठ्य पुस्तक में जाटों को लुटेरा बताए जाने के जवाब में लिखी थी।