Hari Singh Lunaich

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Hari Singh Lunaich (6.7.1935-11.9.2020), commonly known as Dr Hari Singh, was many times MLA from Phulera constituency in Jaipur district and MP from Sikar constituency in 1996. He was a Doctor and a Social worker, whose role in agitation for getting status of OBC in Job reservation for Jats has been appreciable. He was President of Kisan Balika Awasiy Shikshan Sansthan and College, Banipark, Jaipur. His son Vidyadhar Singh Lunaich has been elected Congress MLA from Phulera (Jaipur) Assembly constituency in 2023.

Introduction

Career

Dr Hari Singh has been General Secretary and Vice President of Rajasthan Congress.

He joined Congress in 1980 and was elected MLA frpm Phulera constituency three times.

He was elected MP from Sikar in 1995.

Contact details

  • Address: Hari Villa, 98, Anand Nagar, Sirsi Road, Jaipur-302012
  • Phone: 0141-2354686, Mob: 9983840338

Movement for reservation in jobs

अखिल भारतीय जाट महासभा बैठक 29.5.1999 में प्रो जवाहर सिंह, महादेव सिंह खंडेला, ईश्वरसिंह नेहरा के साथ रणमल सिंह
जाट आरक्षण के लिए प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी का आभार व्यक्त करते हुये सुभाष महरिया, विजय पुनिया, डॉ हरी सिंह

Sikar came in prominence due to the movement for reservation in jobs for Jats. On 25 December 1995 Sikar repeated the history of 1934. 3 lakh Jats gathered on this date at Sikar and lighted Jat Arakshan Mashal and handed it over to Om Prakash Abusaria, President Jhunjhunu Jat Maha Sabha. This mashal proved a mile stone in job reservation for Jats. On 25 December 1995 a grand Jat kavi Sammelan was organized by Dr Nehra and 'Jat Jwala' Souvenir was also published. The entire expenditure of this Sammelan was born by Dr Nehra.

The then Prime Minister, Mr Atal Behari Vajpayee, promised reservation and Other Backward Classes (OBC) status to Jats on 30 June 1999 in his speech at Sikar. Dr Gyan Prakash Pilania, ex Director General of Police and Patron of Jat Mahasabha, launched the movement of reservation in jobs for Jats at Ramlila maidan in a huge gathering at Sikar on 29 August 1999.

As a result of pressure of mass movement, the central government passed orders on 3 November 1999, to include the Jats of Rajasthan, excluding Bharatpur and Dholpur districts, in the list of backward class.

The credit for this goes to All India Jat Mahasabha, Rajasthan Jat Mahasabha, and Sikar Jat Mahasabha . The leaders who are credited for this movement are

डा. हरिसिंह लुणायच

डा. हरिसिंह की आज 86 वीं जन्म जयन्ती है । हमने चौधरी चरणसिंह ग्रामीण विकास संस्थान और समाचार पत्र खेत-खलिहान समाचार के कार्यालय में आज राजस्थान सरकार के पूर्व काबिना मन्त्री और सीकर से सांसद रहे डा. हरिसिंह लुणायच की जयन्ती पर उन्हें वर्चुअल और चलभाष सम्पर्क के माध्यम से हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की जिसकी अध्यक्षता संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक श्री पूर्णमलजी सूण्डा ने की। इस आयोजन में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय सचिव श्री झाबरसिंहजी घोसलिया, प्रदेश महासचिव श्री अशोकजी मील, जिलाध्यक्ष श्री दिनेश सिंहजी जाखड़, अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा जिला-सीकर के अध्यक्ष श्री रतनसिंहजी पिलानियां, मन्त्री श्री चोखारामजी बुरड़क, संयुक्त किसान मोर्चा प्रवक्ता श्री बी.एल.मीलजी और इन पंक्तियों का लेखक व सम्पादक-खेत खलिहान समाचार उपस्थित रहे । डा. हरिसिंहजी फुलेरा से अनेक बार विधायक रहे और 1996 में सीकर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद भी रहे ।

वे राज्य के पहले इकलौते शल्य चिकित्सक थे जो अमेरिका से FRCS थे । 1999 में वे जाट आरक्षण के मुद्दे पर काँग्रेस छोड़कर अलग हो गए और 1 अगस्त, 1999 की जयपुर की विद्याधर नगर स्टेडियम की आरक्षण रैली और 28 अगस्त 1999 की सीकर के रामलीला मैदान की जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. दारासिंहजी रंधावा के मुख्यातिथि वाली रैली में भी सक्रिय रुप से उपस्थित थे फिर उसी साल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली जा डटने वाली समिति के संयोजक भी थे जिसके अन्य दो सदस्य श्री विजय पूनियां जी और सीकर से सांसद चुने गये श्री सुभाषजी महरिया थे जिसकी दुर्लभ तस्वीर यहाँ दूसरे चित्र में "आरक्षण पर आभार" नाम से साझा कर रहा हूँ ।

जयपुर के बनीपार्क स्थित किसान बालिका आवासीय शिक्षण संस्थान व महाविद्यालय के वे अध्यक्ष भी थे उनके कालख बाँध के नजदीक स्थित खेत में आरक्षण आंदोलन के दौरान अनेक बार स्व. डा. ईश्वरसिंहजी नेहरा के साथ जाना होता था ठेट लोकभाषा में बात करते और जमीनी सच्चाइयों के किस्से रोचक शैली में कहना उनकी विशेषता थी अनेकानेक बार उनके राजधानी अस्पताल सी-स्कीम, जयपुर में मुलाकात होती थीं तत्कालीन समय के एक उच्चकोटि के शल्य चिकित्सक तो वे थे ही एक उच्च कोटि के सामाजिक समन्वयक भी थे ।

जयपुर के एक विवाह समारोह में आव देखा न ताव पूर्व केन्द्रीय मन्त्री स्व. श्री शीशरामजी ओला और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा सिंहजी कड़वासरा के बैठे हुए मुड्ढों के बीच आकर जोर से खींच कर पास पास कर दिये थे अति विशिष्ट व्यक्तियों के बीच उनकी इस हरकत से वहाँ उपस्थित सभी लोग उनकी इस खास शैली की पहलवानी पर बहुत देर तक अपनी हँसी नहीं रोक पाये थे। अपनी बात बेबाक तरीके से कहने के लिए आप मशहूर थे ।

आपका निधन 85 वर्ष की आयु में कोरोना-कहर की चपेट में आने के कारण 11 सितम्बर-2020 को जयपुर के एक निजी अस्पताल में हुआ । आपको कोटि कोटि प्रणाम व शत शत नमन ।

लेखक:- भँवरलाल बिजारणिया, संदर्भ: भँवरलाल बिजारणिया की फेसबुक पोस्ट

डा. हरिसिंह लुणायच की 87 वीं जन्म जयन्ती पर श्रद्धांजलि

आज डा. हरिसिंह लुणायच की 87 वीं जन्म जयन्ती पर श्रद्धांजलि:-

वे एक वरिष्ठ शल्य चिकित्सक थे अनेक जटिलतम् शल्यक्रियायें उनकी देन हैं जिनमें राजस्थान के किसान वर्ग चेतना प्रवर्तक और राजस्थान के पूर्व काबिना मन्त्री तथा सीकर लोकसभा-साँसद रहे स्व. चौ.कुम्भाराम आर्य भी एक हैं । वे बेबाक बोलते थे उन्होंने जाट आरक्षण के मुद्दे पर काँग्रेस छोड़ दी थी और 7 अक्टूबर-1999 को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में जा डटी जाट महासभा राजस्थान की 2 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के सदस्य थे जो 20 अक्टूबर-1999 के आरक्षण पर तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई का आभार प्रकट करने के बाद ही वापस जयपुर लौटी थी वो चित्र भी साझा कर रहा हूँ । आप फुलेरा से अनेक बार विधायक रहे और राज्य काबिना के मन्त्री के साथ सीकर से लोकसभा साँसद भी रहे । सीकर से उनका खास लगाव था और लगभग हर आयोजन-प्रयोजन में वे सीकर आते थे । मारवाड़ी भाषा के सीकर-झुन्झुनूं वाले लहजे में उनकी चुटीली बातें हरेक को मन भाती थीं उनके कालख बन्धे(जोबनेर जिला-जयपुर) वाले खेत-खलिहान पर बने आवास पर स्व. डा. ईश्वर सिंह नेहरा के साथ अनेक बार जाना हुआ और राजधानी हास्पिटल नामक जयपुर के चिकित्सा संस्थान पर भी जो पहले 5 बत्ती मिर्जा इस्माईल रोड़ पर था और अब भगवान दास रोड़ पर जो राजस्थान शासन सचिवालय को जाती है, पर है । आप कोरोना-कहर की दूसरी लहर की चपेट में आकर 11 सितम्बर-2021 को हम सबसे 86 वर्ष की अवस्था में बिदा हो गए उन्हें उनकी 87 वीं जन्म जयन्ती पर अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा जिला इकाई सीकर की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं :-

भँवर लाल बिजारनियाँ,

उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रवक्ता,

अ.भा. जाट महासभा सीकर जिला इकाई ।

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External links

References



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