Hari Om Dhariwal

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Hari Om Dhariwal

Hari Om Dhariwal (Havildar) (07.07.1959 - 07.07.1999), Sena Medal, is Martyr of Kargil War from Haryana. He became martyr on 07 July 1999 during Operation Vijay in Kargil War. He was resident of village Khungai in Jhajjar district of Haryana. Unit-17 Jat Regiment.

हवलदार हरिओम सिंह धारीवाल का परिचय

हवलदार हरिओम सिंह धारीवाल

07-07-1959 - 07-07-1999

सेना मेडल (मरणोपरांत)

वीरांगना - स्व. श्रीमती निर्मला देवी

यूनिट - 17 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

हवलदार हरिओम धारीवाल का जन्म 07 जुलाई 1959 को हरियाणा के झज्जर जिले के खुंगाई गांव में श्री चांदराम धारीवाल एवं श्रीमती चलती देवी के परिवार में हुआ था।

ऑपरेशन विजय में 06/07 जून की रात कैप्टन अनुज के नेतृत्व में मिशन पर रवाना हुई C कंपनी के जवानों की टुकड़ी में हवलदार हरिओम भी थे। दुर्गम चढ़ाई के बाद यह सैन्य टुकड़ी मश्कोह घाटी के उस पॉइंट पर पहुंची, जहां पहाड़ी पर बने बंकरों से दुश्मन भारी मात्रा में गोले बरसा रहे थे। हर क्षण दुश्मनों के निशाने में रहकर खड़ी चढ़ाई पर बने पांच बंकरों पर हमला करना भारी चुनौती थी, लेकिन कैप्टन अनुज नैय्यर के नेतृत्व में इस सैन्य टुकड़ी ने भारी बाधाओं के बीच लड़ते हुए दुश्मन के तीन बंकर ध्वस्त कर दिए पर इस भीषण लड़ाई में सभी साथी बलिदान हो गए थे, जबकि अभी भी दो बंकरों में छिपे दुश्मन खतरा बने हुए थे।

भूख-प्यास और चोटों से निढ़ाल शरीर में देशभक्ति की भावना ने ऊर्जा भर दी। हवलदार हरिओम व कैप्टन अनुज 07 जुलाई को तड़के चौथे बंकर की ओर बढ़े। कैप्टन अनुज आगे थे,जबकि हवलदार हरिओम उन्हें कवर फायर दे रहे थे। इस बीच सामने से आया एक गोला कैप्टन अनुज की गर्दन पर लगा और वह वीरगति को प्राप्त हुए। यह देखते ही हवलदार हरिओम दौड़ते हुए बंकर में कूद गए। वह गंभीर रूप से घायल हो गए पर निष्प्राण होने पहले उन्होंने तीन दुश्मनों को मार गिराया। पीछे से सेना की सहायक टुकड़ी वहां पहुंची, तबतक अत्यधिक खून बह जाने से हवलदार हरिओम वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

हवलदार हरिओम सिंह को उनकी वीरता और अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया।

वीरांगना निर्मला देवी का भी वर्ष 2010 में सड़क दुर्घटना में निधन हो चुका है।

हवलदार हरिओम सिंह धारीवाल के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

शहीद का सम्मान

हवलदार हरिओम सिंह को उनकी वीरता और अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया।

चित्र गैलरी

स्रोत

संदर्भ


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