Humorous Jokes in Haryanavi/पुलिस, थाना, कचहरी, वकील, मुकदमे आदि

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खोट

एक बै एक पुलिस आळे नै एक टैंम्पू आळा पकड़ लिया अर बोल्या - चल थाणे !

टैंम्पू आळा बोल्या - क्यूं चाल्लूं थाणे ? मेरा खोट तै बता ! मेरै धोरै सारे कागच सैं, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस - सब कुछ सै ।

पुलिस आळा बोल्या - पांच सौ रुपय्ये काढ़ ।

टैंपू आळा फिर बोल्या - मेरा खोट तै बता !

पुलिस आळे नै जवाब दिया - तू छः महीने ताहीं कोए खोट ना करै, तै हम के तेरै पाच्छै घूमीं जांगे ?


बदमाश उजागर अमली

एक बै किसे आदमी के बैल चोरी हो गये। उसनै पुलिस में रपट लिखा दी। पुलिस आयी अर पूछताछ करण लाग्यी। गाम का शरीफ़ सा आदमी नाम “उजागर अमली” बैल चुराण की बात मान गया। पुलिस ने उसकी मार-मार कै हड्डी-पसली तोड गेरी। दो दिन पाछे बैल चुरावण आला असली चोर और बैल पकडे गये। गाम आलै पूछण लाग्ये…….अरै उजागर तनै हामी क्यूं भरी……?

उजागर बोल्या…….मनै न्यू तै बेरा कोन्या…..पर लोगां नै न्यू तै बेरा लाग्या….अक उजागर अमली भी बदमाश सै !!

Virender Narwal

लात मारने की आदत

कई किस्से असली नहीं होते, बनावटी होते हैं - पर हंसाने वाले खूब होते हैं । ऐसा ही एक किस्सा सुनो ।


एक जाट गांव के स्कूल में मास्टर था । स्कूल के सामने ही पुलिस थाना था । एक दिन एक कुम्हार अपने गधों को लेकर स्कूल के सामने से गुजर रहा था कि एक गधे का बच्चा भागकर स्कूल में घुस गया और पीछे पेड़ों की ओट में चला गया । कुम्हार जब स्कूल में उसे ढूंढने गया तो मास्टर बोला "जा, भाग आड़े तैं" । कुम्हार बोल्या "ठीक सै, तू-ऐं राख ले उस गधे के बच्चे नै आपणै धोरै, उसनै पढ़ा-लिखा दिये" । मास्टर बोल्या - "ठीक सै" ।


कुम्हार चला गया और एक महीने बाद आया और मास्टर से उस गधे के बच्चे के बारे में पूछा । मास्टर बोल्या - "वो तै पढ़-लिख कै बड्डा आदमी हो-ग्या और थाणेदार बण-ग्या । देख वो बैठ्या थाणे आगै वर्दी पहने" ।


कुम्हार थाने पर पहुंचा और वहां बैठे थानेदार से बोला "अरै मेरा गधा का बच्चा, तू थाणेदार हो-ग्या?" थानेदार ने कुम्हार को पकड़ कर दो लात मारी । कुम्हार फिर बोल्या "आंछ्या, थाणेदार बण-ग्या पर लात मारण की बाण्य (आदत) ईब ताहीं ना छूटी" !!


थानेदार की दुकान

थानेदार साहब जब नौकरी से रिटायर हुए तो उन्होंने जूतों की दुकान खोल ली । एक पुराना जानकार दुकान पर आकर बोला - दारोगा साहब, तो आपने जूतों की दुकान खोल ली !


जवाब मिला : "भाई, म्हारा तै सदा जूत्यां तैं-ऐं गुजारा चाल्या सै - पहल्यां जूते मार-कै रोटी खाया करते, ईब जूते बेच-कै खावां सां" !!


"म्हारी तै खळ भे दो"

एक बै एक गाम में रौळा हो-ग्या । थाणेदार अर उसकी गैल्यां तीन-चार सिपाही गाम में आ-गे । रोळा सुलझा नहीं, रात हो गई । गाम आळे बोले अक थाणेदार साहब, हाड़ै-ए सो ज्याओ, हम आपके खाने का इन्तजाम करवा देंगे । थाणेदार मान ग्या ।

गाम आळे थाणेदार नै बूझण लागे - साहब के खाओगे ? थाणेदार बोल्या - "भाई, आजकल मेरा तै पेट खराब सै, थोड़ा सा दळिया बणवा दो । अर इन सिपाहियां तैं बूझ ल्यो अक ये के खावैंगे ।"

सिपाही थोड़ी सी दूर बैठे थे, गाम आळे उन धोरै गए अर उनकी पसंद पूछी । सिपाही बोले - पहल्यां न्यूं बताओ, अक थाणेदार साहब के (क्या) खावैंगे ।

गाम आळां नै बता दी अक थाणेदार साहब ताहीं तै दळिया बणै सै ।

न्यूं सुणतीं-हें एक सिपाही बोल्या - "अच्छा, जब म्हारे साहब ऐ दळिया खावैंगे, तै म्हारी तै खळ* भे (भिगो) दो" !!


खळ* - सरसों की खली, जिसे पानी में भिगो कर जानवरों को खिलाया जाता है ।

गधे का भाई

एक बै गाम में एक आदमी गधे की टांग बांधै था । उड़े कै एक पुलिस आळा आ-ग्या अर मजाक के मूड में बोल्या - अरै, आपणे भाई की टांग क्यूं बांधै सै ?

वो आदमी बोल्या - मैं न्यूँ बांधूं सूं कदे यो भी पुलिस में भरती ना हो-ज्या !


वकील और टोटा

एक बै एक ताऊ कै टोटा आग्या । फसल में बीमारी आगी और भैंस मरगी, बैल बीमार हो-गे ।

वो पहुँचा एक पंडित धोरै । पंडित नै बताया के भाई 7 झूठे और बेईमान आदमी जीमा दे (यानि उनको खाना खिला दे), टोटा भाज ज्या गा ।

ईब ताऊ नै सोची 7 झूठे और बेईमान आदमी कित पावैंगे . उसका धयान गया पड़ोस के गाम की पुलिस चोकी की तरफ । ताऊ उड़ै गया अर sho समेत 7 पुलिस आळां नै बुला ल्याया ।

पुलिस आळे जब जीम कै चालन लाग्गे तै sho साहब बोले - "अरे मांगे, हम जीमा तो दिए तन्नै, पर न्यूं तै बता अक वाणा के था (यानि कौन सा मौका था) ।

ताऊ बोल्या - जी आप नाराज़ हो जाओगे, जै बता दूंगा तै ।

साहब - ना भाई, कोय नाराज ना हो, बता ।

ताऊ - साहब, टोटा आ रहया सै । बामण नै कही थी 7 झूठे और बेईमान आदमी जीमा दे, भाज ज्या गा ।

साहब - अरै बावळे, तन्नै और भी टोटा कर लिया, हम 7 सात जिमाये । कोर्ट में जा कै 3 वकीलां नै पकड़ कै जीमा देता - वो 3 ही भतेरे थे !!


पुलिसिया अर वकील

एक बार कोर्ट में केस चल रहा था । एक वकील एक पुलिसिये से सवाल करता है - हाँ भाई न्यू बता अक तन्नै यो क्यूकर पकड़ा ?

वो बोल्या - "जी मेरै धोरै वायरलेस आया था आर उसमें ब्यौरा दिया गया अक इसा एक चोर मेरी डयूटी आळी गली में बड्या सै । मन्नै यो देख्या अर पकड़ लिया ।"

वकील बोल्या - "भाई, तेरे ताहीं वायरलेस किसनै करया ?"

पुलिसिया बोल्या - "जी राममेहर नै ।"

वकील - तन्नै उसपै भरोसा सै ?"

पुलिसिया - "आपणे साथियां पै मन्नैं आपणी जान थैं भी घणा भरोसा है ।"

वकील - " आछ्या भाई, तेरे थाणे में तेरी अलमारी सै ?

पुलिसिया - हाँ जी, सै !

वकील - उस पै ताला लाग रहया है?

"हाँ जी"

"क्यूं ? जब तू अपने साथियां पै इतना भरोसा करै सै तो ताला क्यों ?"

पुलिसिया बोल्या - "जी बात इसी सै अक म्हारा थाना इस कोर्ट कै लगता ऐ सै, अर उड़ै थारे बरगे वकील बहोत हांडे जां सैं !


लाल बत्ती

एक बै लाल बत्ती पै एक मेम साहब की कार खराब हो गई । कार सड़क के बीच में खड़ी रही, ना आगे गई और ना पीछे हटी । ट्रैफिक पुलिस में जिस जाट भाई की ड्यूटी थी, वो आ कै बोल्या - "मैडम, के बात सै, आप नै बत्ती का कोए भी रंग पसन्द ना आया ?"


जाटनी की हाजिर जवाबी

एक बै एक कोर्ट में एक जाट-जाटणी के तलाक के केस की सुनवाई चल रही थी । उसमें जज साहिबा भी एक लुगाई थी । जज साहिबा ने जाट से पूछा - आप अपनी पत्‍नी को क्यूं छोड़ना चाहते हो ?

जाट बोल्या - जी, मैं तै नां छोड़ना चाहता इसनै, या-ए मन्नै छोडना चाहवै सै ।

फिर जज साहिबा ने जाटणी से पूछा - तू अपने पति के साथ क्यूं नहीं रहना चाहती ?


जाटणी बोल्ली - "एक हफ्ता तू रह-कै देख ले इस धोरै, तन्नै आप्पै बेरा पाट ज्यागा !!"


पुलिस का डर

एक छोरा पुलिस तैं घणा डरै था । एक बै वो कितै जावै था, साहमी पुलिस आती दीख-गी अर वो खेतां कानी भाज्या - पुलिस भी उसकै पाछै भाजण लागी ।

छोरा एक कीकर पै चढ़ कै बैठ-ग्या । पुलिस हवलदार बोल्या - अरै ऊपर के करै सै ? छोरा डरता-डरता बोल्या - जी, निंबोळी खाऊँ सूं । हवलदार नै फिर बूझी - अरै, कीकर पै के निंबोळी लागैं सैं ।

छोरा बोल्या - जी, डरते नै एकाधी पा ए जा सै !!


राज का तै धर्राटा ऊठ रहया सै

चौटाळा का राज था, एक बै दो कत्ती देसी माणस रोहतक शहर में चले गए । सारे कै घूमे अर देखते रहे, कुछ समझ में ना आया ।

जब वे एक भीड़ आळी जगह में गए तै एक बोल्या - "किमैं ना राज-रूज !"

इतने में एक पुलिस आळा आया अर उसके पाच्छे पै खींच कै लठ मारया । वो पाच्छे नै देख कै बोल्या - ना भाई, राज का तै धर्राटा ऊठ रहया सै !


"गैलड़" का मतलब

एक जाट नै वकालत शुरु कर दी । पहला ही केस जमीन-जायदाद का मिल ग्या ।

कोर्ट में बहस के दौरान सामने वाली पार्टी की तरफ इशारा कर कै बोल्या -- जज साहब, इसनै जमीन कोनी मिल सकती, यो तै गैलड़ सै ।

जज साहब की समझ में कुछ नही आया, बोल्या -- वकील साहब ये, गैलड़ क्या होता है जरा समझाओ ।

वकील बोल्या -- जी समझा तै दूँगा पर आप बुरा मान ज्याओगे ।

जज बोल्या -- भाई समझाना तो पड़ेगा, नही तो केस आगे कैसे बढेगा ? जरा विस्तार से समझाओ ।

वकील बोल्या -- सुण जज साहब । तेरा बाप मर ज्या अर तेरी माँ मेरे बाप गैल्यां आ-ज्या । फेर पाच्छै-पाच्छै तू भी आ ज्या, तै तू गैलड़ हो-ग्या अर मैं तन्नै चवन्नी भी ना लेवन दूँ आपणे घर तैं । कदे आजमाइश कर-कै देख लिए !!


किलकी बी तूँ ए मार दिए

रलदू नै चोरी करण की कसूती आदत थी। एक दिन वो चोरी करदा पकड़या ग्या। थाणेदार सिपाही से बोल्या – इसकै सौ जूत मार आप्पे सीधा हो जेगा।

सिपाही उसती हवालात म्ह जूत मारण खातर लेग्या तो रलदू उसती सौ का नोट दिखाकै बोल्या – किम्मे हो नी सकदा।

सिपाही सौ का नोट गोज म्ह घाल कै बोल्या – मैं धरती कै जूत मारूँगा अर तूँ किलकी मारै जाइये। रलदू नै एक सौ का नोट और जेब तै काढ्या अर बोल्या – लै किलकी बी तूँ ए मार दिए, मन्नै जाण दे।



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Dndeswal 21:25, 21 October 2008 (EDT)


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