Parth

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पार्थ अर्जुन का ही दूसरा नाम है । भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पार्थ ही सम्बोधन दिया था । महाभारत के युद्ध में श्रीभगवतगीता का ज्ञान देते समय, इसलिए कुछ तोमर पार्थ को उपनाम के रूप में काम लेते है क्योकि तोमर जाट पाण्डुवंशी अर्जुन के ही वंशज है ।

शूरसेन कुंती के वास्तविक पिता थे । कुंती के बचपन का नाम पृथा था| इसलिए अर्जुन को पार्थ ( पृथा पुत्र ) भी कहा जाता है । पृथा को बचपन में राजा कुन्तीभोज ने गोद ले लिया था । इसलिए पृथा का नाम कुन्ती रख दिया गया था। कुंती के नाम पर पांडवो को कौन्तेय भी कहा जाता है| तोमर जाटो को कौन्तेय से ही कुंतल कहा जाने लगा ।


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