Raja Bhagmal
Raja Bhagmal was of Tomar clan ruler of Fafund in Etawah (present Auraiya) district in Uttar Pradesh.
History
नवाबी शासन में इस जगह के मालिक राजा भागमल थे। फफूंद जिला इटावा (वर्तमान ओरैया) में पूर्व की ओर है। सन् 1774 से 1821 ई. तक यह जिला अवध के नवाबों की मातहती में रहा था। महाराजा सूरजमल जी ने एक समय इसे अपने अधिकार में कर लिया था। किन्तु उनके स्वर्गवास के पश्चात् यह अवध के नवाबों के हाथ में चला गया। नवाबों की ओर से इस जिले में तीन आमील थे - इटावा, कुदरकोट और फफूंद।
जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-580
फफूंद में राजा भागमल जिनका कि दूसरा नाम बारामल्ल भी था, राज करते थे।[1] उन्होंने फफूंद में एक किला बनवाया था, जिसके चिन्ह अब तक शेष हैं। राजा भागमल हिन्दू-मुसलमान सभी को प्यार करते थे। उन्होंने वहां के गरीब मुसलमानों के लिए एक मसजिद भी बनवा दी थी। आज तक उस मसजिद पर जाट-नरेश राजा भागमल जी का नाम खुदा हुआ है। फफूंद को हमने स्वयं देखा है। राजा भागमल के समय में यह श्रेष्ठ व्यापारिक मण्डी थी। पुराने समय के अनेक मकान अब तक अपनी शान बता रहे हैं। सन् 1801 ई. में यह स्थान नवाब सआदतअली ने अंग्रेज सरकार को दे दिया था। राजा भागमल तोमर गोत के जाट थे। क्योंकि जसवन्त नगर के पास मौजा सिसहट में इसी गोत के जाट पाये जाते हैं।
References
- ↑ यू.पी. के जाट नामक पुस्तक से
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