Ram Narain Chaudhary

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Ram Narain Chaudhary

श्री रामनारायण चौधरी (मुंडेल) अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष हैं. आपका जन्म २७ जनवरी १९६२ को गाँव - नोखागुलाबनगर, जिला नागौर में श्री हरिनारायण चौधरी के घर श्रीमती रुखमा देवी के कोख से हुआ. आपने बी.ए., बी.जे.ऍम.सी. तक शिक्षा प्राप्त की.

अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ईकाई का गठन रामनारायण के प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के साथ ही सितम्बर २००६ में हुआ. आदर्श जाट महासभा के माध्यम से आपने समाज एवं जाटों को संगठित करने के अनेक प्रयास किये. आपका ध्येय है कि जाट समाज के महापुरुषों की जयंतियां व पुन्यतिथियाँ मनाकर उनको नियमित याद किया जावे. जाट समाज के किसी व्यक्ति के साथ कोई अन्याय किया जाता है तो उसे सामूहिक रूप से विरोध किया जावे. समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने के लिए समाज आगे आये. शिक्षा को बढावा देने के लिए जाट प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जावे और उनके लिए समाज छात्रवृतियां देने की व्यवस्था करे. आदर्श जाट महा सभा ने जाट कौम की भलाई के लिए दो चिंतन शिविर आयोजित किये. पहला २९ एवं ३० मई २००७ को पुष्कर में राष्ट्रीय स्तर का तथा दूसरा २० एवं २१ अक्टूबर २००८ को जयपुर में. वीर तेजा जयंती २००७ को भोपालगढ़ में बड़े स्तर पर मनाई गई तो कारगिल विजय दिवस २००८ को नागौर में मनाया गया.

राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री देखना आपका मुख्य लक्ष्य है.

सामाजिक कार्य

रामनारायण जी द्वारा समाज के लिए किये गये कार्यों का आपको संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है :

(1). 2003 मे आप आगरा ताजमहल देखने गये। वहां शिलालेख मे लिखा था - "अठारवीं सदी मे जाटो ने ताजमहल को लूटा"। उन्हे लगा की जैसे सिर पर किसी ने हथोडे से वार कर दिया। इन्होने तुरंत पु्रातत्व विभाग मे इसका विरोध दर्ज करवा कर उस को तीन महिने में मिटवा दिया।

(2). 2003 मे एक कालदर्शन का प्रकाशन किया जिसका नाम था "किसान काल दर्शन"।

(3). 2004 मे एक पुस्तक प्रकाशित की जिसका नाम था "किसानो के कंस"। इस पुस्तक ने इनको सबसे अधिक पहचान दिलाई जो बहुत चर्चित थी।

(4). 2006 मे तत्त्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) धन्यवाद यात्रा के दौरान मुन्डवा के ज्ञान तालाब की जमीन को सीमेंट फेक्ट्री के लिये देने की घोषणा की। जिसका नागौर जिले में एक मात्र व्यक्ति रामनारायण चौधरी ने इसका विरोध यह कहकर किया कि यह जमीन वीर तेजाजी महाराज की है और हमारे लिये पूजनीय हैं। कडे संघर्ष के बाद ज्ञान तालाब की छः सौ बीघा जमीन को छोडने के लिये सरकार को मजबूर कर दिया। इस लडाई मे समाजसेवी भागीरथ जी नैण (Bhagirath Nain) व मुकेश जी कडवासडा (Mukesh Kadwasra) ने इनका साथ दिया व प्रेस के माध्यम से के.आर.गोदारा जी का अभुतपुर्व सहयोग रहा।

(5). 2006 मे जीवनराम गोदारा हत्याकांड के विरोध मे हुये आन्दोलन में बढचढ कर भाग लिया व आन्दोलन लम्बा खिंचने पर अपने गांव से बस भर कर एक दिन का धरना दिया।

(6). आदर्श जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद 2007 में जाट इतिहास में पहला दो दिवसीय कार्यक्रम किया जिसका नाम था "राष्ट्रीय जाट चिंतन शिविर"।

(7). कारगिल में सबसे ज्यादा जाट यौद्धा शहिद हुये लेकिन कोई कारगिल विजय दिवस नही मना रहे थे इसलिये 26 जुलाई 2008 को नागौर मे कारगिल विजय दिवस काभव्य आयोजन करके इस दिवस को मनाने की परम्परा डाली।

(8). 20-21 अक्टूबर 2008 को प्रदेश में पहली बार आम जाट की राय जानने के लिये दो दिवसिये "राजनैतिक चिंतन शिविर" का जयपुर मे आयोजन करवाया।

(9). 2008 के विधान सभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस ने जाटों के साथ धोखा किया और सी.एम.गहलोत (Ashok Gehlot) को बनाया तो एक रात मे किताब लिखी "ऐसे निकला जाट राजनिति का जनाजा"। जिसने जाटों मे जोश भर दिया। पुस्तकें खत्म होने पर दस रुपयेकी एक किताब एक हजार रुपये मे बिकी।

(10). 2009 मे जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब मे पूरे देश के विद्वानों को आमंत्रित करके एक सेमीनार का आयोजन किया जिसका नाम था "आजादी में जाटों का योगदान"।

(11). 2009 मे गोटन गांव मे वीर तेजाजी का मन्दिर प्रशासन ने तोडा उस समये इन्होने विरोध किया जिसके कारण पुलिस ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया। आठ दिन जेल में रहे । पांच साल तक मुकदमा चला।

(12). 2009 मे देश में पहली बार आदर्श जाट महासभा ने पांच दिवसीय युवा जाट संस्कार शिविर की परंपरा डाली जो अब तक लगातार जारी है। यह काम जाट कौम की दशा व दिशा दोनों बदल रहे है। इस शिविर मे भाग लेने वाले युवा पूरे देश मे धूम मचा रहे है। इस वर्ष शिविर में तैयार युवा अजय जाखड़ बाड़मेर का चयन आई.आई.एम.सी दिल्ली मे चयन हुआ। राजस्थान से एक मात्र चयन है।

(13). जाट समाज के लिये धरने व ज्ञापन सबसे अधिक राजस्थान में किसी ने दिये है तो वो है रामनारायण जी चौधरी।

(14). 2011 मे जब मारवाड के किसान मसीहा परसराम मदेरणा को बदनाम करने की नियत से महिपाल मदेरणा को हत्या के जुर्म मे झूठा फसाया गया तब मदेरणा समर्थको ने बदनामी व सरकार से डर कर चुपी साध ली थी। मारवाड़ मे मदेरणा परिवार एकेला पड़ गया था। उस समय सभी जाट नेताओं के मना करने के बावजूद यह कहकर रामनारायण जी चौधरी मदेरणा परिवार के साथ खडे हुए कि मदेरणाजी ने किसानों की साठसाल सेवा की है चाहे सारी दुनियां उन्हे छोड़ दे लेकिन मैं नही छोडुंगा। अकेले ने जयपुर में धरने प्रदर्शन शुरु किये और फिर आम जनता का समर्थन मिलता गया जिसका परिणाम यह हुआ कि 23 दिसंबर 2011 को डेढ लाख लोग मदरेणा परिवार के समर्थन में रैली के रुप मे जुटकर उनको फिर से राजनिति मे एक ताकत के रुप में स्थापित किया हालांकि रामनारायण जी का सरकार ने इतना नुकसान किया कि पूरा परिवार ही आर्थिक रुप से टुट गया। परिवार के लोगों ने इन्हे बर्बादी का कारण मानते हुये कई ताने दिये लेकिन इन्होने कहा कि कौम ही मेरा परिवार है उसकी मजबुती ही मेरा परम व अंतिम लक्ष्य है।

(15). आप ने किसानों के लिये भी सैंकड़ों धरने प्रदर्शनों मे भाग लिया। सात देशों के सम्मेलन मे बतोर वक्ता इन्हे बुलाया गया।

(16). बाबा रामदेव ने देश के सौ चिंतको को आमंत्रित किया जिसमे 25 एन.आर.आई.थे उनमे इनका चयन हुआ।

(17). 27 दिसंबर 2014 को टी. वी. पर इन्टरव्यू आया जो किसी जाट का पहला था। 17 मार्च 2015 को सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक फैसले में नौ राज्यों का आरक्षण खत्म कर दिया, उस समय पूरे देश में सरकार के खिलाफ सबसे पहले टीवी पर इनकी प्रतिक्रिया आई व टी वी पर लाईव जाट समाज की बात को मजबूती से रखा यही कारण था की 25 मार्च को पी.एम. नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से मिलने गये शिष्टमंडल में इन्हे शामिल किया गया था।

(18). 10 अगस्त 2015 को जयपुर हाईकोर्ट का फैसला जाट आरक्षण को लेकर आया जिसमे लाईव एक घंटे की ई.टी.वी पर जो डिबेट आई उसमें भाग लेकर जाट समाजका पक्ष मजबूती से रखा।

(19). डीडवाना के इन्द्रचन्द अपहरण कांड हो या आनन्दपाल फरारी मामला हो हमेशा समाज के साथ खड़े रहे।

(20). खींवसर विधायक हनुमान जी बेनिवाल (Hanuman Beniwal) पर हुए हमले के विरोध में हुये राजस्थान विश्वधयालय जयपुर मे प्रदर्शन पर भी "जी मरुधरा"पर डिबेट हुई उसमे भी छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुये बेनिवाल जी की तुलना नरेन्द्र मोदी से करने मे भी नही चुके। रामनारायण जी ने बताया की जाट समाज के बडे नेता व पुंजिपति मुझसे इसलिये जलते रहते है कि मेरे पास कुछ भी नही है और हर काम मे मैं आगे क्यूं रहता हूं।

(21). स्वामी सुमेधानन्द सरवस्ती जी ने "सांसद अधिनन्दन" समारोह में अपने उद्बोधन मे कहा था कि "रामनारायण को मै पिछले सात साल से जानता हूं इस व्यक्ति में इतनी ऊर्जा है की इसकी आर्थिक मदद करने वाला हो तो यह जाट समाज मे क्रान्ति ला सकता है"। रामनारायण जी का मानना है कि मैं जाट समाज के लिये हमेशा अच्छा करने का प्रयास करता हूं इसलिये वीर तेजाजी महाराज हमेशा मेरे साथ रहते है। मानवीय सहयोग तो मित्रों का हमेशा ही रहा है लेकिन आज यह संगठन जो चल रहा है वो दो महान पुरुषों की वजह से चल रहा है पहले पुर्णसिंह जी रणवा , निदेशक टैगोर शिक्षण संस्थान कुचामन व दूसरे है पाबुराम जी चौधरी , वीर तेजा सेरेमिक्स किशनगढ और मिडिया में सबसे अधिककिसी ने सहयोग किया है तो वह है ईटीवी के उपसंपादक बाबुलाल जी धायल, रामस्वरुप लामरोड, भंवर एस.चारण, "जी मरुधरा" के मनोज सोनी। सी.आर.चौधरी (C.R. Chaudhary) सांसद नागौर के प्रति आभार प्रकट करते हुये उन्होने बताया कि "लिलण ऐक्सप्रेस" की हमारी मांग को पूरा किया है। उनके जीवन का अंतिम व प्रथम लक्ष्य जाट समाज को मजबुती के साथ खड़ा करना है यही कारण है कि आजकल तीसरे मोर्चे की कवायद तेज कर दी है ताकि हनुमान जी बेनिवाल को 2018 में राजस्थान का सी.एम.बना कर जाट समाज के सपने को पूरा कर सके।

लेखक के रूप में

आपने समाज में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हुए दो पुस्तकें लिखी हैं:

  • १. किसानों के कंस
  • २. ऐसे निकला जाट राजनीति का जनाजा

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