Ratiya

From Jatland Wiki
(Redirected from Ratiya Bolan)
Jump to navigation Jump to search

Also see Ratia Fatehabad


Ratiya (रतिया) or Ratia (रतिया) Ratiya Bolan (रतिया बोलान) village is in Hisar district of Haryana.

Location

Founder

Ratiya Suhag in the family tree of Suhag clan.

Jat Gotra

Bolan (Sihag)[1]

Population

History

सिहाग गोत्र की बोलान शाखा

सिहाग गोत्र की बोलान शाखा का विकास बाबर (1483 – 1530) के समय में रणजीत सिंह सिहाग से हुआ। पानीपत के युद्ध के समय उनकी एक प्रेयसी बेगम रास्ता भटक कर रतिया नामक स्थान पर पहुँच गयी। रंजीत सिंह सिहाग को जब पता लगा कि एक नारी भटक कर आई है तो उसको अपने परिवार में शरण दे दी। वहीँ बेगम ने एक पुत्र को भी जन्म दिया बताते हैं जो आगे चलकर बाबर के वंश का किसी क्षेत्र का महत्वपूर्ण शासक बना। बाबर जब वापस पंजाब होकर कांधार जा रहा था तो उसको रानी का पता चला। खुश होकर उसने रणजीत सिंह को कुछ मांगने के लिए कहा। रणजीत सिहाग ने एक नगाड़ा माँगा। रणजीत सिहाग ने शरणागत की रक्षा कर कुल को यशस्वी बनाया। समाज ने माँगने की बात पर प्रतिक्रिया स्वरुप एकत्र होकर उसे बोला की संज्ञा दी जो बोलान का अपभ्रंश है। उसके वंशज बोलान कहलाये। रतिया बोलान, सिवानी बोलान, सिसाय बोलान गाँव सिहाग गोत्री हैं। ये रणजीत सिंह के वंशज माने जाते हैं। रणजीत सिंह को बाबर ने नगाड़ा बजाने कि स्वीकृति दी थी जो उस काल में बड़ी प्रतिष्ठा का प्रतीक थी। इसीलिए आज समाज में विवाह के अवसर पर स्त्रियां गति है - "नगाड़ा बाज्या हे रणजीत का म्हारै हाकिम आया।"[2]

दादी जाखण सिहाग : दूसरी एक किंवदंती है कि रणजीत सिंह सिहाग के परिवार में ही रिश्ते में उसकी एक बहन जाखड़ नाम की महिला थी। उसका रिश्ता भटिंडा में कर दिया था, लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी । उसका होने वाला पति जब जंगल के क्षेत्र से गुजर रहा था तो शेर से भिडंत हो गयी और वह मारा गया परन्तु वीरता से लड़ा और शेर भी घायल होकर दम तोड़ दिया। इस बात का पता रतिया गाँव में जाखड़ को पता लगा तो वह सती हो गयी। दादी जाखड़ के नाम से एक मंदिर इस क्षेत्र में है। सिहाग लोगों में इस मंदिर कि बहुत मान्यता है। इस सती मंदिर में एक भव्य मेले का भी आयोजन होता है। बोलन सिहाग क्षत्रिय दादी जाखड़ की पूजा अर्चना कर अपने को धन्य समझते हैं। [3]

Notable persons

External links

References

  1. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III (Page 304)
  2. जाट समाज, अक्टूबर,2013,p.26
  3. जाट समाज, अक्टूबर,2013,p.26
  4. Jat Samaj, October,2013,p.26

Back to Jat Villages