एक बाबा आटा मांगण चाल्या गया । बाबा नै एक घर में जा-कै रूका मारा । बाबा नै देख्या अक सारा घर
खिंढ़्या पड़ा था -
कितै बर्तन पड़े, कितै चप्पल-जूते, कितै लत्ते-कपड़े पड़े थे । फेर एक बेसूहरी सी लुगाई बाहर आई अर
बोली -
बाबा, न्यूं आटा मांगता हांडै सै ईब, घर क्यूं ना बसाया ?
बाबा नै जवाब दिया - बेबे...