दरिये ने भी क्या ख्वाइश की है,
आँखों को शर्म आये कुछ ऐसी बात की है |
होठों पर मुस्कान दिल बहला देती लेकिन,
कातिल है ‘मसरूर’ उसकी नज़र ने मोहब्बत की बात की है |
सच तो कह ज़रा आइना रोज़ बदलता है,
टूटे हुए शीशे ने आज ज़िन्दगी की बात की है |
बेवफाई का ज़माना किसे अपना ना समज,
मस्जिद में आज खुदा ने...