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View Full Version : Maharee Diwali



dahiyars
October 10th, 2006, 08:18 PM
Dear All,

Diwali is coming. Donot know how to address? Please go through the Folk song-Ragni and comment.

R.s.Dahiya

dndeswal
October 11th, 2006, 08:16 PM
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इसको पढ़कर नरसिंह भजनी का मशहूर पुराना भजन याद आ गया, जो यहां पहले भी लिखा जा चुका है ।


कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का ।

कितै बणैं थी खीर, कितै हलवे की खुशबू ऊठ रही -
हाळी की बहू खड़ी कूण मैं दो पाव बाजरा कूट रही ।
हाळी नै ली खाट बिछा, वा पैत्यां कानी तैं टूट रही -
भर कै हुक्का बैठ गया वो, चिलम तळे तैं फूट रही॥

दो बखोरे तीन कटोरे, काम नहीं था थाळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का

सभी पड़ौसी बाळकां खातिर खील-खेलणे ल्यावैं थे -
हाळी के बाळक ऊकड़ू बैठे उनकी तरफ लखावैं थे ।
पाछले दिन की जळी खीचड़ी घोळ सीत मैं खावैं थे -
बगड़ मैं बैठे दोनूं कुत्ते कान और पूंछ हलावैं थे॥

फूल सूख गे सारे बाग के, पता चल्या ना माळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का ॥
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deepakchoudhry
October 11th, 2006, 08:32 PM
Beautiful...Very touching.:(

downtoearth
October 17th, 2006, 06:52 PM
.
इसको पढ़कर नरसिंह भजनी का मशहूर पुराना भजन याद आ गया, जो यहां पहले भी लिखा जा चुका है ।


कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का ।
-
बगड़ मैं बैठे दोनूं कुत्ते कान और पूंछ हलावैं थे॥

फूल सूख गे सारे बाग के, पता चल्या ना माळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का ॥
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deswal sir thanx a lot fr sharing in hindi... its my fav:)

bharti
October 17th, 2006, 09:05 PM
देसवाल जी...
मैंने जब ये भजन कोयल को सुनाया तो वह भी रोने लगी... हाल सुना जब हाळी का

[QUOTE=dndeswal;118660].

[SIZE=3]कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का -
आंख्यां कै म्हां आंसू आ-गे घर देख्या जिब हाळी का ।

ravinderdahiya
October 17th, 2006, 11:49 PM
bahot badiya sir
ek dum theek picture hai aaj kal ki

spdeshwal
October 18th, 2006, 03:32 AM
Dahiyaji,

Bahut-2 dhanyawaad iss badiya bhajan ke liye!

Dayanand ji, Desh ne kitni bhi tarraki kar li ho Hali/Kissan ki haalat mein tab mein aur ab mein koi sudhaar nahi hai.

In fact the conditions have worsened due to smaller land holdings.