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View Full Version : Lyrics of a famous raagni of Fauji Mehar Singh



spdeshwal
February 9th, 2008, 06:18 PM
फौजी कवी मेहर्सींह की अमर रचानाओं मैं से एक आप सभी के लीये सप्रेम भेट





रस बीन इश्क, इश्क बीन आशक
आशक बीन संसार नही
शर्म बीन लाज, लाज बीन बीन मतलब
मतलब बीन कोई यार नही

धन बीन दान, दान बीन दाता
दाता बीन जर सूना है
सत बीन मर्द, मर्द बीन तीरीया
तीरीया बीन घर सूना है
रण बीन शूरा, शूरे बीन तेगा
तेगे बीन घर सूना है
तप बीन कर्म, कर्म बीन कीसमत
कीसमत बीन नर सूना है
हठ बीन हार, हार बीन हाणी
हाणी बीन होशीयार नही .....शरम बीन लाज

शशी बीन रैन, रैन बीन तारे
तार्याँ बीन गगन सूना है
मोह बीन मेल, मेल बीन ममता
ममता बीन मन सूना है
हरे, गुल बीन बाग़, बीन बुलबुल
ये सब गुलशन सूना है
रंग बीन रूप, रूप बीन जोबन
जोबन बीन तन सूना है
हक़ बीन हुकम, हुकम बीन हाकम
हाकम बीन हकदार नही ...शरम बीन

मन बीन मेल, मेल बीन प्यारा
प्यारे बीन दो बात नही
जन बीन जार, जार बीन जारी
जारी बीन उत्पात नही
हे रे छल बीन दुवेष, दुवेष बीन कातल
कातल बीन कुल्घात नही
सजन बीन साजन, साजन बीन सजनी
सजनी रह एक साथ नही
दुःख बीन दर्द, दर्द बीन दुखीया
हे रे दुखीया बीन पुकार नही .. शरम

मोह बीन काम, काम बीन बीन क्रोध
क्रोध बीन अभीमान नही
गुण बीन कदर, कदर बीन शोभ्या
शोभ्या बीन सम्मान नही
भजन बीन भगत, भगत बीन भक्ती
भक्ती बिना कल्याण नही
शुर बीन साज, साज बीन गाणा
गाणे बीन तुक्दान नही
गुरु बीन ग्यान, ग्यान बिना मेहर्सींह
बद्द्यां का सत्कार नही ... शरम बीन




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खुश रहो!!