rajpaldular
August 25th, 2008, 04:29 PM
सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेन्ट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पाबंदी जारी रखने के आदेश दिए हैं। सिमी पर पाबंदी मामले में केन्द्र सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रतिबंध की अवधि छह सप्ताह तक और बढ़ा दी है।
इससे पहले गत छह अगस्त को सुप्रीम कोर्टने ट्रिब्यूनल के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी जिसमें स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इण्डिया (सिमी) पर केन्द्र सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश गीता मित्तल की अघ्यक्षता में गठित एक विशेष न्यायाधिकरण ने 26 7 पेज में दिए गए फैसले में कहा था कि गृह मंत्रालय ऎसे प्रमाण नहीं दे पाया जिसके आधार पर इस संगठन पर प्रतिबंध बढ़ाया जा सके। न्यायाधिकरण के अनुसार सिमी के खिलाफ ऎसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि यह आतंककारी संगठन है। इसलिए सिमी पर पाबंदी हटा दी गई थी।
दो साल पहले लगी थी रोक
न्यायाधिकरण ने राजस्थान से जुड़े मामलों की सुनवाई हाल ही उदयपुर में की थी। केन्द्र ने 2006 में सिमी की गतिविघियों को समाज विरोघी मानते हुए प्रतिबंघ लगा दिया था।
लश्कर से सम्बन्ध का आरोप
सिमी पर सबसे पहले 2001 में दो साल का प्रतिबंध लगा था। खुफिया संगठन की रिपोर्ट थी कि इसके कुछ कार्यकर्ता पाकिस्तान स्थित आतंककारी संगठन लश्कर ए तोएबा के लिए काम करते हैं और उनके लिए देश में स्लीपर सेल तैयार करने का काम करते हैं।
इससे पहले गत छह अगस्त को सुप्रीम कोर्टने ट्रिब्यूनल के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी जिसमें स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इण्डिया (सिमी) पर केन्द्र सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश गीता मित्तल की अघ्यक्षता में गठित एक विशेष न्यायाधिकरण ने 26 7 पेज में दिए गए फैसले में कहा था कि गृह मंत्रालय ऎसे प्रमाण नहीं दे पाया जिसके आधार पर इस संगठन पर प्रतिबंध बढ़ाया जा सके। न्यायाधिकरण के अनुसार सिमी के खिलाफ ऎसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि यह आतंककारी संगठन है। इसलिए सिमी पर पाबंदी हटा दी गई थी।
दो साल पहले लगी थी रोक
न्यायाधिकरण ने राजस्थान से जुड़े मामलों की सुनवाई हाल ही उदयपुर में की थी। केन्द्र ने 2006 में सिमी की गतिविघियों को समाज विरोघी मानते हुए प्रतिबंघ लगा दिया था।
लश्कर से सम्बन्ध का आरोप
सिमी पर सबसे पहले 2001 में दो साल का प्रतिबंध लगा था। खुफिया संगठन की रिपोर्ट थी कि इसके कुछ कार्यकर्ता पाकिस्तान स्थित आतंककारी संगठन लश्कर ए तोएबा के लिए काम करते हैं और उनके लिए देश में स्लीपर सेल तैयार करने का काम करते हैं।