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View Full Version : Bhoondi baat laaggi



ravinderjeet
March 20th, 2010, 02:38 PM
इब्ब पछली फ़रवरी में में गाम में गया था ३-४ दिन खातर | एक वाने में जाना था | ऊँ तो आई बरिया में किस्से रिश्तेदार की गाडी ले लिया करदा ,पर ईबके सबे के घरां में किम्मे ना किम्मे वाना था तो मन्ने गाडी मिली कोणी | में एर मेरी बड्डी साली रोहतक तें बस में चढ़ लिए सोनीपत खातर | बस जम्मा ठूकी पड़ी थी | बस में स्पोर्ट्समेन कद पे इंडिया लिखे होड़े , कमांडो एर घने सारे जवान मानस भी बेठे थे सिट्टाआं पे | एर घने सारे बूढ़े -बूढी एर बाल्कां आली लुगाई कड़ी थी | म्हारे बर्गे कईया ने कही भी रे ऊठ ल्यो पर कालू पुर चोकी ताहि एक भी बन्दा खड्या कोणी होया | लगभग एक घंटे का सफ़र था | माने नु सोची अक रे ये किस्से स्पोर्टस में सें एर किस्से कमांदी -एर सिपाही से जो आपने बूढ़े-बूढी लूगाइयां नु भी सीट देवन नु तैयार कोणी | इतना संस्कर्तिक पतन हरयाना का मन्ने पहली बार देख्या | एर या बात मन्ने घणी भुंडी लागी |

VJ
March 20th, 2010, 03:07 PM
भाईसाहब जिब मै बालक होया करता , जिब मै अपने आप ए छोड़ दिया करता सीट....बुड्डा खातिर...
पर मेरे गैला के बना करती...ताऊ ताई ते उतर के चाल पड़ा करते .....अर्र उड़े फेर और कोई बैठ जाया करता ...फेर मैंने नु लगा करता मखा बेवकूफ बन गया.....उस पाछे मैंने कदे अपने आप सीट ना छोड़ी ...पर जै कोई बुड्डी कह दिया करती ते छोड़ दिया करता.....
अर्र इब ते बस में गए भी कई साल हो गए...इब ते मै bike पे ए लिफ्ट दे दिया करू....कोई ताऊ-ताई जीप की बाट में खड़े फस जा ते.....

लोग-बाग नु सोचे जा सै....कोई दूसरा अपने आप उठ जागा, अर बैठे रहवे सै....अर आजकल जो घनी समाज सेवा करा करे , वो दुखी रहा करे....घन्करे मानसा ने किसे और ते कोई मतबल नहीं सै....सब अपना सुख देखे सै.....किसे ते उम्मीद करनी ए नहीं चहिये

ravinderjeet
March 20th, 2010, 03:12 PM
भाईसाहब जिब मै बालक होया करता , जिब मै अपने आप ए छोड़ दिया करता सीट....बुड्डा खातिर...
पर मेरे गैला के बना करती...ताऊ ताई ते उतर के चाल पड़ा करते .....अर्र उड़े फेर और कोई बैठ जाया करता ...फेर मैंने नु लगा करता मखा बेवकूफ बन गया.....उस पाछे मैंने कदे अपने आप सीट ना छोड़ी ...पर जै कोई बुड्डी कह दिया करती ते छोड़ दिया करता.....
अर्र इब ते बस में गए भी कई साल हो गए...इब ते मै bike पे ए लिफ्ट दे दिया करू....कोई ताऊ-ताई जीप की बाट में खड़े फस जा ते.....

लोग-बाग नु सोचे जा सै....कोई दूसरा अपने आप उठ जागा, अर बैठे रहवे सै....अर आजकल जो घनी समाज सेवा करा करे , वो दुखी रहा करे....घन्करे मानसा ने किसे और ते कोई मतबल नहीं सै....सब अपना सुख देखे सै.....किसे ते उम्मीद करनी ए नहीं चहिये

baat to teri theek se VJ , meri gelyaan bhi kai be ulti ban li ,me aagli past me bataaungaa,par eekaa matalab nu to koni ak purey samaaj kaa bhatthaa bethjaa er haam khadey-khadey dekhey jaawaange

rana1
March 20th, 2010, 03:15 PM
इब्ब पछली फ़रवरी में में गाम में गया था ३-४ दिन खातर | एक वाने में जाना था | ऊँ तो आई बरिया में किस्से रिश्तेदार की गाडी ले लिया करदा ,पर ईबके सबे के घरां में किम्मे ना किम्मे वाना था तो मन्ने गाडी मिली कोणी | में एर मेरी बड्डी साली रोहतक तें बस में चढ़ लिए सोनीपत खातर | बस जम्मा ठूकी पड़ी थी | बस में स्पोर्ट्समेन कद पे इंडिया लिखे होड़े , कमांडो एर घने सारे जवान मानस भी बेठे थे सिट्टाआं पे | एर घने सारे बूढ़े -बूढी एर बाल्कां आली लुगाई कड़ी थी | म्हारे बर्गे कईया ने कही भी रे ऊठ ल्यो पर कालू पुर चोकी ताहि एक भी बन्दा खड्या कोणी होया | लगभग एक घंटे का सफ़र था | माने नु सोची अक रे ये किस्से स्पोर्टस में सें एर किस्से कमांदी -एर सिपाही से जो आपने बूढ़े-बूढी लूगाइयां नु भी सीट देवन नु तैयार कोणी | इतना संस्कर्तिक पतन हरयाना का मन्ने पहली बार देख्या | एर या बात मन्ने घणी भुंडी लागी |

bhai balhara sahab eb wo haryana na rehyaa ........................eb t koi seet chod bhi de t 2 bhai ukeena dekh k hasee gee rr keh geee bana leye number ..........................................sab matlabi ho re s......................kiseee n kisee t koi matlab nahi ....................

ravinderjeet
March 23rd, 2010, 05:04 PM
इब्ब सीट देवन एर लेवन की बात चाल्गी तो में एक -दो घटना और बताणा चाहूँगा | जब मेंने कोलेज में अदमीसन लिया तो में १४-१५ साल का था एर गात का भी हल्का था | मन्ने कोए नु नहीं कह सके था अक यो कोलेज में पढता होगा | घणे तोंह घणा ६-७ में पढता होगा नु कह्या करदे | सांझ नु गाम में जांदी हान बसां में अछि भीड़ हो जाया करदी | एक दिम में महम आली बस में बैठा था एर बस कसुती ठाड़ी भरी थी | मेरे साहरे एक कोलेज की छोरी खड़ी थी जो मेरे तें कम तें कम ४-५ साल बड्डी होगी | एर भीड़ के बोझ तें वा आछी दब रि थी | मन्ने सोची एक या म्हारे गाम की तो स कोणी आगे किते जांदी होगी एर मखा महारा गाम तो रोहतक तें चाल्दे-ए ८-१० मिनट में आले से | मन्ने ऊ ताहि कह दी अक बेबे तू सीट पे बैठ जा | तो वा नु बोली " तू के घणा सीट देनिया बणे स ,पडया रे बोल - बाला " | जब पाछे मन्ने आज ताहि, जा किस्से नु मांग ली तो बेशक ना तो जवान छोरी- लुगाई ताहि सीट ऑफर नहीं करी स | एर या बात मन्ने इतणी भुंडी लागी अक में आपने आप तें -ए कई दिन ताहि चिड सा गया था |

anilsangwan
March 23rd, 2010, 06:43 PM
तेरा कसूर कोणी रविंदर... उस छोरी ने सुवाद आ र होगा भीड़ में खड़े होवन में .........तेंने भंग कर दिया ..... तेंने कोणी बेरा आज काल के बालका का .... ha ha ha ha ha h ah......



इब्ब सीट देवन एर लेवन की बात चाल्गी तो में एक -दो घटना और बताणा चाहूँगा | जब मेंने कोलेज में अदमीसन लिया तो में १४-१५ साल का था एर गात का भी हल्का था | मन्ने कोए नु नहीं कह सके था अक यो कोलेज में पढता होगा | घणे तोंह घणा ६-७ में पढता होगा नु कह्या करदे | सांझ नु गाम में जांदी हान बसां में अछि भीड़ हो जाया करदी | एक दिम में महम आली बस में बैठा था एर बस कसुती ठाड़ी भरी थी | मेरे साहरे एक कोलेज की छोरी खड़ी थी जो मेरे तें कम तें कम ४-५ साल बड्डी होगी | एर भीड़ के बोझ तें वा आछी दब रि थी | मन्ने सोची एक या म्हारे गाम की तो स कोणी आगे किते जांदी होगी एर मखा महारा गाम तो रोहतक तें चाल्दे-ए ८-१० मिनट में आले से | मन्ने ऊ ताहि कह दी अक बेबे तू सीट पे बैठ जा | तो वा नु बोली " तू के घणा सीट देनिया बणे स ,पडया रे बोल - बाला " | जब पाछे मन्ने आज ताहि, जा किस्से नु मांग ली तो बेशक ना तो जवान छोरी- लुगाई ताहि सीट ऑफर नहीं करी स | एर या बात मन्ने इतणी भुंडी लागी अक में आपने आप तें -ए कई दिन ताहि चिड सा गया था |

nitindev
March 23rd, 2010, 08:57 PM
do baatein -

Pehele to bhai jab tum sahi kaam karo to apne par garv hona chahiye. Ab agle ke reaction se apne karmo ko nahi parakhna chahiye aur na hee sharmindgee honee chaheeye. Mein tumhaaree bhaavnaon ko achi tarah samajh sakta hoon par kya tum itne nirbal maansikta ke ho kee ek ladki ya ek anubhav ne fitrat hee badal dee. Mein to aisa nahi samajhta.. Ab uss baawli booch ke chakkar mein kitne aur log seat paane se vanchit reh gaye. Tumne kitno ko seat nahi dee. Mein to keheta hoon agar 5 mein se 3 bhi mana karde to apne acche karmo ko aur swabhaav ko nahi parakhna ya badla chahiye. iib agli baar fir poochiye aur koi naat jaye to bus muskuraa diye... :)

Dooji baat - Jawaan ladkiyon ko shaareerik taur par itna kamzor nahi samajhna chahiye, kee woh safar mein khadi nahi rehe sakti. Woh har jagah mukaabla karna chahti hai aur apne ko kahin bhi kam nahi samajhti. haan jab bus mein dabba dabbi ho rahi ho to baat mein farak se...




इब्ब सीट देवन एर लेवन की बात चाल्गी तो में एक -दो घटना और बताणा चाहूँगा | जब मेंने कोलेज में अदमीसन लिया तो में १४-१५ साल का था एर गात का भी हल्का था | मन्ने कोए नु नहीं कह सके था अक यो कोलेज में पढता होगा | घणे तोंह घणा ६-७ में पढता होगा नु कह्या करदे | सांझ नु गाम में जांदी हान बसां में अछि भीड़ हो जाया करदी | एक दिम में महम आली बस में बैठा था एर बस कसुती ठाड़ी भरी थी | मेरे साहरे एक कोलेज की छोरी खड़ी थी जो मेरे तें कम तें कम ४-५ साल बड्डी होगी | एर भीड़ के बोझ तें वा आछी दब रि थी | मन्ने सोची एक या म्हारे गाम की तो स कोणी आगे किते जांदी होगी एर मखा महारा गाम तो रोहतक तें चाल्दे-ए ८-१० मिनट में आले से | मन्ने ऊ ताहि कह दी अक बेबे तू सीट पे बैठ जा | तो वा नु बोली " तू के घणा सीट देनिया बणे स ,पडया रे बोल - बाला " | जब पाछे मन्ने आज ताहि, जा किस्से नु मांग ली तो बेशक ना तो जवान छोरी- लुगाई ताहि सीट ऑफर नहीं करी स | एर या बात मन्ने इतणी भुंडी लागी अक में आपने आप तें -ए कई दिन ताहि चिड सा गया था |

ravinderjeet
March 24th, 2010, 02:52 PM
nitin bhaai aap ki baat ek dum solaa aane saachi se, naa haamne seat deni chhodi , er itney kamjor maansiktaa ke naa saa bhai, haam to aaj bhi seat dewaan saan par haalaat dekh kein.saawdhaani se.er issi baat hondi to me yo thread suru naa kardaa.

ravinderjeet
March 25th, 2010, 02:36 PM
एक बे में ट्रेन में कित्ते जाऊं था | एक लुगाई आपने पति गेल्याँ ट्रेन में चढ़ गी एर घनी भीड़ थी जयां तें मन्ने ऊ ताहि सीट दे दी | आड़े मुंबई में सीट देवन की कम्मे रिवाज से | एर माड़ी वार पाछे जब दूसरी सीट खाली होई तो उने आपणा पति खींच के आपणे धोरे बिठा लिया एर ऊ ताहि सीट देवानिया खडा रह्या लखान्दा | एर इस्सी घटना मेरी गेल्याँ २-३ बे और बणी | मन्ने लूगाइयां का यो सवार्थ पणा घणा भुंडा लाग्या |

akshaymalik84
March 25th, 2010, 03:24 PM
रविंदर ये पुराने किस्से सोश्यल रिस्पोंसिबिलिटी में क्यूँ गेरे स.......

इनका एक नया तागा शुरू कर ले " शरीफ बालका गेल भूंडी बननी"

malikdeepak1
March 25th, 2010, 03:36 PM
इनका एक नया तागा शुरू कर ले " शरीफ बालका गेल भूंडी बननी"

"शरीफ "????? :rolleyes:
"अल्बादी बालका गेल भूंडी बणी! " :rock

ravinderjeet
March 25th, 2010, 03:51 PM
"शरीफ "????? :rolleyes:
"अल्बादी बालका गेल भूंडी बणी! " :rock

bhai albaadi to me naa thaa samaaj ne banaa diyaa.ee me meraa ke kasoor se.

ravinderjeet
March 25th, 2010, 03:53 PM
रविंदर ये पुराने किस्से सोश्यल रिस्पोंसिबिलिटी में क्यूँ गेरे स.......

इनका एक नया तागा शुरू कर ले " शरीफ बालका गेल भूंडी बननी"

social responcablity me naa aawenge to aur kit aawenge , ye baat samaaj ke saath sambandhit se, er issi ghatnaa naa ghatein yaa jo bandey padhey wey kam toh kam isaa naa karein ak ye baat galat sein

ravinderjeet
March 26th, 2010, 03:32 PM
मेरे ताऊ की छोरी का बियाह था | सारे काम ठीक -ठाक निबट गे | जब परस माँ तें हाम खाट ठावन गए बारात जाए पाछे तो उनकी घंखरियाँ की पांद कटी पाई | जब छोरे आल्याँ तें सिकायत करी तो वे नु बोले अक के कराँ दारु पि के ने कुछ बालका ने यो काम कर दिया होगा | उने नु नि सोची अक जिन गेलयाँ आज रिश्तेदारी बनावन लाग रे सो उनका नुक्सान कर के के फेदा मिलेगा | एर या बात मन्ने घणी भुंडी लागी | इस्से बेवकूफ भी सें |

ravinderjeet
March 29th, 2010, 06:28 PM
एक बे में आपने बालकां की गेल रोहतक तें दिल्ली जाऊ था ट्रेन पकड़न खातर | हाम रोअडवेज की बस में बेठे थे | एर कई सवारी बीडी सिगरेट पीवन लागरी थी| जाड्यां के दिन थे एर सारी खिड़की बंद थी | घना कसूता दम घुटन लाग्या तो में कंडेक्टर ताहि बोल्या एक भाई यो बंद करवा एर ऊँ भी बीडी सिगरेट पीनी अलाऊड ना से , ऊ तेई कहन का के फेदा था वो आप बीडी मांग कें पीवन लाग्या | हाम सारे भी दुखी हो लिए थे , फेर म्हारी गेल एक बुड्ढा ताऊ एर एक सरदार भी बोलन लागे अक बंद करो | २ जणे बुझा दे तो और २, ३ जणे किते हो पीवन लाग्ज्याँ | फेर हाम कई जाने एर २-३ लुगाई भो बोलन लागी अक बीडी पीनी बंद करो | घणा रोला होगया तो नांगलोई धोरे सी जा कें कंडेक्टर नु बोल्या जिन्ने तकलीफ से वे उतर जाओ हाम तो नुएइ पिवांगे | कंडेक्टर , ड्राइवर एर कई सवारियां का यो ढीठ पणा मन्ने घणा भुंडा लाग्या, जो बिना सोचे समझे लोका नु तकलीफ दे |

urmiladuhan
October 15th, 2011, 06:54 PM
इब्ब पछली फ़रवरी में में गाम में गया था ३-४ दिन खातर | एक वाने में जाना था | ऊँ तो आई बरिया में किस्से रिश्तेदार की गाडी ले लिया करदा ,पर ईबके सबे के घरां में किम्मे ना किम्मे वाना था तो मन्ने गाडी मिली कोणी | में एर मेरी बड्डी साली रोहतक तें बस में चढ़ लिए सोनीपत खातर | बस जम्मा ठूकी पड़ी थी | बस में स्पोर्ट्समेन कद पे इंडिया लिखे होड़े , कमांडो एर घने सारे जवान मानस भी बेठे थे सिट्टाआं पे | एर घने सारे बूढ़े -बूढी एर बाल्कां आली लुगाई कड़ी थी | म्हारे बर्गे कईया ने कही भी रे ऊठ ल्यो पर कालू पुर चोकी ताहि एक भी बन्दा खड्या कोणी होया | लगभग एक घंटे का सफ़र था | माने नु सोची अक रे ये किस्से स्पोर्टस में सें एर किस्से कमांदी -एर सिपाही से जो आपने बूढ़े-बूढी लूगाइयां नु भी सीट देवन नु तैयार कोणी | इतना संस्कर्तिक पतन हरयाना का मन्ने पहली बार देख्या | एर या बात मन्ने घणी भुंडी लागी |

reminds me of a student of mine who would greet me with his hand on his heart! - so gracious!

ravinderjeet
October 15th, 2011, 07:31 PM
reminds me of a student of mine who would greet me with his hand on his heart! - so gracious!


आछा करया उर्मिला जी , आप इह तागे नु उप्पर ले आई ,में कई दिन तें इहने फेर सुरु करण की सोच रया था |

अर आप ने जो उप्पर लिखा स वो तो न्यू कहना चाहिए था " या बात मन्ने घणी आछी लागी "|

urmiladuhan
October 15th, 2011, 07:42 PM
आछा करया उर्मिला जी , आप इह तागे नु उप्पर ले आई ,में कई दिन तें इहने फेर सुरु करण की सोच रया था |

अर आप ने जो उप्पर लिखा स वो तो न्यू कहना चाहिए था " या बात मन्ने घणी आछी लागी "|

you may be right. i got reminded of a positive incident in regards to giving respect (as stated above)

ravinderjeet
October 24th, 2011, 10:43 AM
कई माणस जाण पिछान के किताब मांग ले जावें अर फेर उलटी ना देवें | या बात मन्ने भोत भुंडी लागी अक आप ते किम्मे खरीद के पढ़े कोणी अर दुसर्यां की ले आवें ते उलटी ना देवें |

ravinderjeet
October 26th, 2011, 02:27 PM
कई लोग जब किहे के घरां जावें तें वे उड़े बैठ के ने बीडी क: सिगरेट पीवण लाग ज्यां सें | इब्ब आगले ना पींदे हों तें उनके सारे घर में बांस फेल जा अर फेर कई घंटे वा बांस ना लिकड़े | ख़ास कर महानगरआँ में जित फ्लेट सिस्टम स उह में ते घणी दिक्कत बण जा स | मन्ने या बात भोत भुंडी लागे स अक लोग बिना बुझे किहे क घर में बीडी सिगरेट पीवें |

dahiyarocks
October 26th, 2011, 04:09 PM
कई माणस जाण पिछान के किताब मांग ले जावें अर फेर उलटी ना देवें | या बात मन्ने भोत भुंडी लागी अक आप ते किम्मे खरीद के पढ़े कोणी अर दुसर्यां की ले आवें ते उलटी ना देवें |

ek chora meri purani skool ki kitab le jaya karta.........ar mera beta apna pass hote un ne bech ke addhe pissa mein party kara karta.............

btao ke kare issa ka??????

dahiyarocks
October 26th, 2011, 04:12 PM
reminds me of a student of mine who would greet me with his hand on his heart! - so gracious!

matlb ki masterni so aap???????



balak usse master ki respect kara kare se ji ne ya te badiya padaya ho....ya koe sudhara ho

dahiyarocks
October 26th, 2011, 04:13 PM
ravinder g madd te karde per unke ke kare jo madad kare pache ulta sunan lag ja???????

ravinderjeet
November 3rd, 2011, 03:33 PM
लोग आपणी काराँ ने सड़क के बीचाले खड़ी कर के ने जब सुआरी तारें ,मन्ने वे भोत भुंडे लागें | ख़ास कर सरकारी बस आले ते कती-ए बीचाले खड़ी कर के ने सुआरी तारेंगे अर ट्रेफिक जाम | खासकर जब कार माहं तें लुगाई उतरदी हों ते वे ते आदमी तें पांच छः गुणा फ़ालतू बखत लाया करें साडी ,सूंट ,सामान ,बालक ,मेकअप संभाल के उतरण में |

urmiladuhan
November 3rd, 2011, 07:05 PM
matlb ki masterni so aap???????



balak usse master ki respect kara kare se ji ne ya te badiya padaya ho....ya koe sudhara ho

I think I respect my students - that is the reason, I think. In reality, they are my Guru (teacher) :) They are good task masters!

rajneeshantil
November 3rd, 2011, 08:27 PM
ek solid sa gusand de

ravinderjeet
December 11th, 2011, 10:57 AM
लोग बाग़ तडके तड़क जो घुम्मण आया करें अर गेल्याँ आपणे कुत्ते लाया करें ,अर जब वे उन् ने पार्क में या सड़क पे हगाया करें मन्ने भोत भुंडे लाग्या करें | उन ते न्यू कहवेंगे अक हामने इतने हजार का फलानी नशल का भोत शयाना कुत्ता खरीदया स | पर उनकी सिविक सेन्स कित मर्ज्या स जब वे सड़क पे हगा के जांदे रहवें अर फेर लोग लुगाइयां के पाँ धंसे उस में | पढ़े-लिखे बेवकूफ,अनाड़ी लोग |

urmiladuhan
December 11th, 2011, 11:45 AM
लोग बाग़ तडके तड़क जो घुम्मण आया करें अर गेल्याँ आपणे कुत्ते लाया करें ,अर जब वे उन् ने पार्क में या सड़क पे हगाया करें मन्ने भोत भुंडे लाग्या करें | उन ते न्यू कहवेंगे अक हामने इतने हजार का फलानी नशल का भोत शयाना कुत्ता खरीदया स | पर उनकी सिविक सेन्स कित मर्ज्या स जब वे सड़क पे हगा के जांदे रहवें अर फेर लोग लुगाइयां के पाँ धंसे उस में | पढ़े-लिखे बेवकूफ,अनाड़ी लोग |

what is wrong with this perfectly natural biological function? the Prevention of Cruelty to Animals people will get you if you object to dogs doing it!

ravinderjeet
December 11th, 2011, 12:02 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जिन्न ने क्याहें का ना बेरा, कोम्मन सेन्स की बेहद कमी हो स इनमे | आपणी उम्र का लिहाज भी ना राखें अर बुढापे में आ के सठिया ज्यां अर फेर समझायें तें भी ना माने | इस्से लोग आपणे परिवार ,समाज, आस पड़ोस सब क्यां-ए ने खराब कर देवें सें | इस्से लोग आपणे घमंड ,थोथी डीग्री , ऊटपटांग व्यवाहर के कारण स्वयं और समाज ने तकलीफ पहुंचा के ने वातावरण में वैचारिक परदुषण फेलावें सें | अर आपणे आप ने सब तें श्याणे अर समझदार बतावें सें | घोड़े के चंधाल लागे , मिंडकी टांग ठावे |

urmiladuhan
December 11th, 2011, 12:07 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जिन्न ने क्याहें का ना बेरा, कोम्मन सेन्स की बेहद कमी हो स इनमे | आपणी उम्र का लिहाज भी ना राखें अर बुढापे में आ के सठिया ज्यां अर फेर समझायें तें भी ना माने | इस्से लोग आपणे परिवार ,समाज, आस पड़ोस सब क्यां-ए ने खराब कर देवें सें | इस्से लोग आपणे घमंड ,थोथी डीग्री , ऊटपटांग व्यवाहर के कारण स्वयं और समाज ने तकलीफ पहुंचा के ने वातावरण में वैचारिक परदुषण फेलावें सें | अर आपणे आप ने सब तें श्याणे अर समझदार बतावें सें | घोड़े के चंधाल लागे , मिंडकी टांग ठावे |

chalo, aap nae aapna gubaar toh neekala!

urmiladuhan
December 11th, 2011, 12:12 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जिन्न ने क्याहें का ना बेरा, कोम्मन सेन्स की बेहद कमी हो स इनमे | आपणी उम्र का लिहाज भी ना राखें अर बुढापे में आ के सठिया ज्यां अर फेर समझायें तें भी ना माने | इस्से लोग आपणे परिवार ,समाज, आस पड़ोस सब क्यां-ए ने खराब कर देवें सें | इस्से लोग आपणे घमंड ,थोथी डीग्री , ऊटपटांग व्यवाहर के कारण स्वयं और समाज ने तकलीफ पहुंचा के ने वातावरण में वैचारिक परदुषण फेलावें सें | अर आपणे आप ने सब तें श्याणे अर समझदार बतावें सें | घोड़े के चंधाल लागे , मिंडकी टांग ठावे |

jaatu mein "gadhae nae taang..." kehtae hein - aap kee jaatu "kam chaloo" lagtee hae! JL is a good place to improve Jaatu skills (personal experience).

VPannu
December 11th, 2011, 01:06 PM
what is wrong with this perfectly natural biological function? the Prevention of Cruelty to Animals people will get you if you object to dogs doing it!How can you justify your dog taking cr.ap on the road and you leaving the dog sh!t behind? For stray dogs, it is ok because they are not y/our responsibility. You've been/lived overseas, gore dekhe honge apni geil panni le ke jaate jab kutte ne fresh karvaan le ja hain. kutta by chance kaam kar de to usne panni me tthaa ke bin me fenkenge. aap ki baat ka to ye matlab huva, ak ghar me sidaandh nahi honi chahiye, bhaar kitni hi kar do?

urmiladuhan
December 11th, 2011, 01:10 PM
How can you justify your dog taking cr.ap on the road and you leaving the dog sh!t behind? For stray dogs, it is ok because they are not y/our responsibility. You've been/lived overseas, gore dekhe honge apni geil panni le ke jaate jab kutte ne fresh karvaan le ja hain. kutta by chance kaam kar de to usne panni me tthaa ke bin me fenkenge. aap ki baat ka to ye matlab huva, ak ghar me sidaandh nahi honi chahiye, bhaar kitni hi kar do?

you are right - it must be picked up by the dog's owner - I do that :)

ravinderjeet
December 11th, 2011, 05:46 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जो घर में कुत्ता पालें अर जब कोए उनके घरां आवे ते न्यू कहवें " पुचर-पुचर ,बस करो टौमी ,मेहमान हैं , आने दो इन्हें अन्दर ,आप आजाइए हमारा कुत्ता बड़ा ही समझदार हे ,काटेगा नहीं "| (या थी पहली बेजती )इब्ब उड़े इस्सा लागे अक जा कुत्ता नाट गा ते मालिक भी किम्मे नि कर सकदा ,फेर घर का असली मालिक कुत्ता दीखण लाग जा स | जब घर आले पुचकार देवेंगे ते कुत्ता हाथां ने अर पायां ने इस्सी ढाल चाटेगा के जणू ते भीतर बडन तें पहलम हामने पवित्र करे स | (या थी दूसरी बेजती )फेर सोफे पे आगंतुक तें पहलम जा के ने बैठ जा गा अर आगन्तुक कानी इस्सी ढाल लाखावेगा अक जाणु ते कोए उह का सिंघासन खोसण आग्या | फेर मालिक कहवेगा " हे हे हे हे असल में हम तो बेड रूम में या फिर टेर्रेस पर ज्यादा बैठते हैं और ये हमारे टौमी यहीं पर आराम फरमाते हैं,इस्सी लिए ये हमेशा यहीं पर डेट रहते हैं ,चलो टौमी अन्दर, प्लीज गो इनसाइड "| और उसकी जगह म्हारे ताहीं मिल ज्या स जिह पर के सारे के बाल खींड रे सें |( या स तीसरी बेजती )| टौमी फेर भीतर जा के ने बाहर आ जावेगा अर मालिक न्यू कहवेगा (आपणी नोकरानी या लुगाई ताहीं )अक टौमी को शायद भूख लगी हे उसको कुछ खिलाइए | फेर आगन्तुक पे बुझेगा "आप भी कुछ लेंगे "| इस्सा लागेगा जाणु ते कुत्ते आला बच्या होड़ सौदा म्हारे आगे गेर दिया जावेगा |(या स चौथी बेजती ) फेर चाय बिस्कुट आज्यांगे अर टौमी आपने नाम का खा के ने पुन्झअड़ हिलान्दा आगन्तुक की पलेट में मुंह देवण ने होज्यागा | फेर मालिक कहवेगा "नो टौमी खाने दो ,यु आर सो नोटी"| फेर मादी मोती जो भी बात करनी होंगी वे कर के ने मालिक न्यू कहवेगा "चलो आप किस तरफ जा रहे हैं, में भी थोड़ी दूर तक चलता हूँ ,टौमी को घुमाना हे "|पहलम ते माणस न्यू सोचेगा अक यु माड़ी दूर मन्ने छोड़न आवे स पर आखरी वाक्य में सब किम्मे ख़त्म ,यानी की कुत्ते की ओकात तेरे तें घणी बाध स |( या स पांच्मी बेजती ) फेर जब आगन्तुक बाहर लिकडन लाग्ज्या गा जब वो गुर्रावेगा इस्सी ढाल अक जाणु ते न्यू कहवे स अक मेरी थां बेठ्गा अर मेरी-ए पलेट में मेरा-ए भोजन कर के ने जावे स ,इबके ना भोड़ के आइये | फेर आगन्तुक जा न्यू कह देगा अक "थारा कुत्ता बड़ा प्यारा स", ते मालिक नाराज हो जावेगा अर न्यू कहवेगा "डोंट काल हिम कुत्ता ,ही इज टौमी ,ही इज लाईक अवर सन ,इनकी मम्मी (मालकिन ) सून लेंगी तो बहुत नाराज हो जायेंगी , फेर मालिक न्यू कहवेगा "लेट हिम गो टौमी ,नो नॉनसेन्स "| ( या स छट्टी बेजती ) अर कुत्ता (सॉरी टौमी ) इतने भोंसे जावेगा ,इतने तेरे कान इतनी दूर ना जा लेवें अक उह की आवाज सुननी बंद ना होज्या | अर रात ने खाणा खांदी हाण भी इस्सा लागेगा जाणु ते इब्बी उह की लार हाथां में लाग री स | टौमी के मान- सम्मान आगे ते हाम कुछ भी नहीं |-----सद भावनाओं सहित |

urmiladuhan
December 11th, 2011, 06:52 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जो घर में कुत्ता पालें अर जब कोए उनके घरां आवे ते न्यू कहवें " पुचर-पुचर ,बस करो टौमी ,मेहमान हैं , आने दो इन्हें अन्दर ,आप आजाइए हमारा कुत्ता बड़ा ही समझदार हे ,काटेगा नहीं "| (या थी पहली बेजती )इब्ब उड़े इस्सा लागे अक जा कुत्ता नाट गा ते मालिक भी किम्मे नि कर सकदा ,फेर घर का असली मालिक कुत्ता दीखण लाग जा स | जब घर आले पुचकार देवेंगे ते कुत्ता हाथां ने अर पायां ने इस्सी ढाल चाटेगा के जणू ते भीतर बडन तें पहलम हामने पवित्र करे स | (या थी दूसरी बेजती )फेर सोफे पे आगंतुक तें पहलम जा के ने बैठ जा गा अर आगन्तुक कानी इस्सी ढाल लाखावेगा अक जाणु ते कोए उह का सिंघासन खोसण आग्या | फेर मालिक कहवेगा " हे हे हे हे असल में हम तो बेड रूम में या फिर टेर्रेस पर ज्यादा बैठते हैं और ये हमारे टौमी यहीं पर आराम फरमाते हैं,इस्सी लिए ये हमेशा यहीं पर डेट रहते हैं ,चलो टौमी अन्दर, प्लीज गो इनसाइड "| और उसकी जगह म्हारे ताहीं मिल ज्या स जिह पर के सारे के बाल खींड रे सें |( या स तीसरी बेजती )| टौमी फेर भीतर जा के ने बाहर आ जावेगा अर मालिक न्यू कहवेगा (आपणी नोकरानी या लुगाई ताहीं )अक टौमी को शायद भूख लगी हे उसको कुछ खिलाइए | फेर आगन्तुक पे बुझेगा "आप भी कुछ लेंगे "| इस्सा लागेगा जाणु ते कुत्ते आला बच्या होड़ सौदा म्हारे आगे गेर दिया जावेगा |(या स चौथी बेजती ) फेर चाय बिस्कुट आज्यांगे अर टौमी आपने नाम का खा के ने पुन्झअड़ हिलान्दा आगन्तुक की पलेट में मुंह देवण ने होज्यागा | फेर मालिक कहवेगा "नो टौमी खाने दो ,यु आर सो नोटी"| फेर मादी मोती जो भी बात करनी होंगी वे कर के ने मालिक न्यू कहवेगा "चलो आप किस तरफ जा रहे हैं, में भी थोड़ी दूर तक चलता हूँ ,टौमी को घुमाना हे "|पहलम ते माणस न्यू सोचेगा अक यु माड़ी दूर मन्ने छोड़न आवे स पर आखरी वाक्य में सब किम्मे ख़त्म ,यानी की कुत्ते की ओकात तेरे तें घणी बाध स |( या स पांच्मी बेजती ) फेर जब आगन्तुक बाहर लिकडन लाग्ज्या गा जब वो गुर्रावेगा इस्सी ढाल अक जाणु ते न्यू कहवे स अक मेरी थां बेठ्गा अर मेरी-ए पलेट में मेरा-ए भोजन कर के ने जावे स ,इबके ना भोड़ के आइये | फेर आगन्तुक जा न्यू कह देगा अक "थारा कुत्ता बड़ा प्यारा स", ते मालिक नाराज हो जावेगा अर न्यू कहवेगा "डोंट काल हिम कुत्ता ,ही इज टौमी ,ही इज लाईक अवर सन ,इनकी मम्मी (मालकिन ) सून लेंगी तो बहुत नाराज हो जायेंगी , फेर मालिक न्यू कहवेगा "लेट हिम गो टौमी ,नो नॉनसेन्स "| ( या स छट्टी बेजती ) अर कुत्ता (सॉरी टौमी ) इतने भोंसे जावेगा ,इतने तेरे कान इतनी दूर ना जा लेवें अक उह की आवाज सुननी बंद ना होज्या | अर रात ने खाणा खांदी हाण भी इस्सा लागेगा जाणु ते इब्बी उह की लार हाथां में लाग री स | टौमी के मान- सम्मान आगे ते हाम कुछ भी नहीं |-----सद भावनाओं सहित |



aap teh ghana bolo ho! short is sweet :)

kapdal
December 12th, 2011, 01:11 AM
How can you justify your dog taking cr.ap on the road and you leaving the dog sh!t behind? For stray dogs, it is ok because they are not y/our responsibility. You've been/lived overseas, gore dekhe honge apni geil panni le ke jaate jab kutte ne fresh karvaan le ja hain. kutta by chance kaam kar de to usne panni me tthaa ke bin me fenkenge. aap ki baat ka to ye matlab huva, ak ghar me sidaandh nahi honi chahiye, bhaar kitni hi kar do?

Aur nahin uthaya to baaki log to ghoorenge hi, on-the-spot fine alag lagne ki sambhaavna hai.

ritu
December 12th, 2011, 02:41 AM
ravinder ji aapki supari de raakhi se kisne madam te.bach ke rahiyo.
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जो घर में कुत्ता पालें अर जब कोए उनके घरां आवे ते न्यू कहवें " पुचर-पुचर ,बस करो टौमी ,मेहमान हैं , आने दो इन्हें अन्दर ,आप आजाइए हमारा कुत्ता बड़ा ही समझदार हे ,काटेगा नहीं "| (या थी पहली बेजती )इब्ब उड़े इस्सा लागे अक जा कुत्ता नाट गा ते मालिक भी किम्मे नि कर सकदा ,फेर घर का असली मालिक कुत्ता दीखण लाग जा स | जब घर आले पुचकार देवेंगे ते कुत्ता हाथां ने अर पायां ने इस्सी ढाल चाटेगा के जणू ते भीतर बडन तें पहलम हामने पवित्र करे स | (या थी दूसरी बेजती )फेर सोफे पे आगंतुक तें पहलम जा के ने बैठ जा गा अर आगन्तुक कानी इस्सी ढाल लाखावेगा अक जाणु ते कोए उह का सिंघासन खोसण आग्या | फेर मालिक कहवेगा " हे हे हे हे असल में हम तो बेड रूम में या फिर टेर्रेस पर ज्यादा बैठते हैं और ये हमारे टौमी यहीं पर आराम फरमाते हैं,इस्सी लिए ये हमेशा यहीं पर डेट रहते हैं ,चलो टौमी अन्दर, प्लीज गो इनसाइड "| और उसकी जगह म्हारे ताहीं मिल ज्या स जिह पर के सारे के बाल खींड रे सें |( या स तीसरी बेजती )| टौमी फेर भीतर जा के ने बाहर आ जावेगा अर मालिक न्यू कहवेगा (आपणी नोकरानी या लुगाई ताहीं )अक टौमी को शायद भूख लगी हे उसको कुछ खिलाइए | फेर आगन्तुक पे बुझेगा "आप भी कुछ लेंगे "| इस्सा लागेगा जाणु ते कुत्ते आला बच्या होड़ सौदा म्हारे आगे गेर दिया जावेगा |(या स चौथी बेजती ) फेर चाय बिस्कुट आज्यांगे अर टौमी आपने नाम का खा के ने पुन्झअड़ हिलान्दा आगन्तुक की पलेट में मुंह देवण ने होज्यागा | फेर मालिक कहवेगा "नो टौमी खाने दो ,यु आर सो नोटी"| फेर मादी मोती जो भी बात करनी होंगी वे कर के ने मालिक न्यू कहवेगा "चलो आप किस तरफ जा रहे हैं, में भी थोड़ी दूर तक चलता हूँ ,टौमी को घुमाना हे "|पहलम ते माणस न्यू सोचेगा अक यु माड़ी दूर मन्ने छोड़न आवे स पर आखरी वाक्य में सब किम्मे ख़त्म ,यानी की कुत्ते की ओकात तेरे तें घणी बाध स |( या स पांच्मी बेजती ) फेर जब आगन्तुक बाहर लिकडन लाग्ज्या गा जब वो गुर्रावेगा इस्सी ढाल अक जाणु ते न्यू कहवे स अक मेरी थां बेठ्गा अर मेरी-ए पलेट में मेरा-ए भोजन कर के ने जावे स ,इबके ना भोड़ के आइये | फेर आगन्तुक जा न्यू कह देगा अक "थारा कुत्ता बड़ा प्यारा स", ते मालिक नाराज हो जावेगा अर न्यू कहवेगा "डोंट काल हिम कुत्ता ,ही इज टौमी ,ही इज लाईक अवर सन ,इनकी मम्मी (मालकिन ) सून लेंगी तो बहुत नाराज हो जायेंगी , फेर मालिक न्यू कहवेगा "लेट हिम गो टौमी ,नो नॉनसेन्स "| ( या स छट्टी बेजती ) अर कुत्ता (सॉरी टौमी ) इतने भोंसे जावेगा ,इतने तेरे कान इतनी दूर ना जा लेवें अक उह की आवाज सुननी बंद ना होज्या | अर रात ने खाणा खांदी हाण भी इस्सा लागेगा जाणु ते इब्बी उह की लार हाथां में लाग री स | टौमी के मान- सम्मान आगे ते हाम कुछ भी नहीं |-----सद भावनाओं सहित |

ravinderjeet
December 12th, 2011, 09:58 AM
ravinder ji aapki supari de raakhi se kisne madam te.bach ke rahiyo.


दूसरों को निपटाने वाले समय के साथ खुद निपट जाते हैं |

satyenderdeswal
December 12th, 2011, 11:25 AM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जो घर में कुत्ता पालें अर जब कोए उनके घरां आवे ते न्यू कहवें " पुचर-पुचर ,बस करो टौमी ,मेहमान हैं , आने दो इन्हें अन्दर ,आप आजाइए हमारा कुत्ता बड़ा ही समझदार हे ,काटेगा नहीं "| (या थी पहली बेजती )इब्ब उड़े इस्सा लागे अक जा कुत्ता नाट गा ते मालिक भी किम्मे नि कर सकदा ,फेर घर का असली मालिक कुत्ता दीखण लाग जा स | जब घर आले पुचकार देवेंगे ते कुत्ता हाथां ने अर पायां ने इस्सी ढाल चाटेगा के जणू ते भीतर बडन तें पहलम हामने पवित्र करे स | (या थी दूसरी बेजती )फेर सोफे पे आगंतुक तें पहलम जा के ने बैठ जा गा अर आगन्तुक कानी इस्सी ढाल लाखावेगा अक जाणु ते कोए उह का सिंघासन खोसण आग्या | फेर मालिक कहवेगा " हे हे हे हे असल में हम तो बेड रूम में या फिर टेर्रेस पर ज्यादा बैठते हैं और ये हमारे टौमी यहीं पर आराम फरमाते हैं,इस्सी लिए ये हमेशा यहीं पर डेट रहते हैं ,चलो टौमी अन्दर, प्लीज गो इनसाइड "| और उसकी जगह म्हारे ताहीं मिल ज्या स जिह पर के सारे के बाल खींड रे सें |( या स तीसरी बेजती )| टौमी फेर भीतर जा के ने बाहर आ जावेगा अर मालिक न्यू कहवेगा (आपणी नोकरानी या लुगाई ताहीं )अक टौमी को शायद भूख लगी हे उसको कुछ खिलाइए | फेर आगन्तुक पे बुझेगा "आप भी कुछ लेंगे "| इस्सा लागेगा जाणु ते कुत्ते आला बच्या होड़ सौदा म्हारे आगे गेर दिया जावेगा |(या स चौथी बेजती ) फेर चाय बिस्कुट आज्यांगे अर टौमी आपने नाम का खा के ने पुन्झअड़ हिलान्दा आगन्तुक की पलेट में मुंह देवण ने होज्यागा | फेर मालिक कहवेगा "नो टौमी खाने दो ,यु आर सो नोटी"| फेर मादी मोती जो भी बात करनी होंगी वे कर के ने मालिक न्यू कहवेगा "चलो आप किस तरफ जा रहे हैं, में भी थोड़ी दूर तक चलता हूँ ,टौमी को घुमाना हे "|पहलम ते माणस न्यू सोचेगा अक यु माड़ी दूर मन्ने छोड़न आवे स पर आखरी वाक्य में सब किम्मे ख़त्म ,यानी की कुत्ते की ओकात तेरे तें घणी बाध स |( या स पांच्मी बेजती ) फेर जब आगन्तुक बाहर लिकडन लाग्ज्या गा जब वो गुर्रावेगा इस्सी ढाल अक जाणु ते न्यू कहवे स अक मेरी थां बेठ्गा अर मेरी-ए पलेट में मेरा-ए भोजन कर के ने जावे स ,इबके ना भोड़ के आइये | फेर आगन्तुक जा न्यू कह देगा अक "थारा कुत्ता बड़ा प्यारा स", ते मालिक नाराज हो जावेगा अर न्यू कहवेगा "डोंट काल हिम कुत्ता ,ही इज टौमी ,ही इज लाईक अवर सन ,इनकी मम्मी (मालकिन ) सून लेंगी तो बहुत नाराज हो जायेंगी , फेर मालिक न्यू कहवेगा "लेट हिम गो टौमी ,नो नॉनसेन्स "| ( या स छट्टी बेजती ) अर कुत्ता (सॉरी टौमी ) इतने भोंसे जावेगा ,इतने तेरे कान इतनी दूर ना जा लेवें अक उह की आवाज सुननी बंद ना होज्या | अर रात ने खाणा खांदी हाण भी इस्सा लागेगा जाणु ते इब्बी उह की लार हाथां में लाग री स | टौमी के मान- सम्मान आगे ते हाम कुछ भी नहीं |-----सद भावनाओं सहित |



bHAI...BAAT TE SAHI HAI...JAB LOG KUTTEY NE ITNA PADHA LIKHA SAKE HAIN ;) TO USTE POTTY SHEET PE KAAM KARNA BHI SIKHA SAKEY HAIN...TENSION E KHTAM HO JYAGI SAARI :)

ravinderjeet
December 12th, 2011, 01:13 PM
मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो पहलम ते लिफ्ट मांग लेंगे अर फेर नई गाडी ने न्यू बूझें गे अक पुराणी ली स के ? क: फेर न्यू कहवेंगे अक इब्ब ताहीं बेचीं कोणी के ? जा उन् पे न्यू बुझ ले अक" क्यूँ ,बेचनी क्यूँ थी भाई ",ते न्यू कहवेंगे "अक ना में ते न्यू सोचूं था अक आजकाल गाडी राखणा काफी महंगा स ,ज्यां तें हो सके स बेचदी हो" | फेर जब जित उहने उतरणा होगा, उड़े जा के ने न्यू कहवेंगे अक" र उड़े सिक ताहीं और छोड़ दे तू न्यून के लिकड़ जाइए ,तेरी ते ज़रा सी लागेगी अर मेरी हांड बच जा गी "| फेर गाडी में तें उतरदी हाण न्यू कहवेंगे " र: जा बेचे ते मन्ने बता दिए ,मन्ने लेनी स "| -----"गधी मरी पड़ी सोनीपत के भाड़े करें"|

skarmveer
December 12th, 2011, 03:34 PM
Bhai ji kai tey keh dein hai bhai tanney key jarurat say iskee khamkhan peesey bigadey hai....aaram tey metrom mein jaya kar keu liye handey.....mein to keh deu hun bhai jey mein ney na lee rakhi hoti tey tanney lift kaun dey tha....

मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो पहलम ते लिफ्ट मांग लेंगे अर फेर नई गाडी ने न्यू बूझें गे अक पुराणी ली स के ? क: फेर न्यू कहवेंगे अक इब्ब ताहीं बेचीं कोणी के ? जा उन् पे न्यू बुझ ले अक" क्यूँ ,बेचनी क्यूँ थी भाई ",ते न्यू कहवेंगे "अक ना में ते न्यू सोचूं था अक आजकाल गाडी राखणा काफी महंगा स ,ज्यां तें हो सके स बेचदी हो" | फेर जब जित उहने उतरणा होगा, उड़े जा के ने न्यू कहवेंगे अक" र उड़े सिक ताहीं और छोड़ दे तू न्यून के लिकड़ जाइए ,तेरी ते ज़रा सी लागेगी अर मेरी हांड बच जा गी "| फेर गाडी में तें उतरदी हाण न्यू कहवेंगे " र: जा बेचे ते मन्ने बता दिए ,मन्ने लेनी स "| -----"गधी मरी पड़ी सोनीपत के भाड़े करें"|

skarmveer
December 12th, 2011, 03:38 PM
Eak bey mein Ludhiyaney tey Shatabdi mein aaun tha eak bahut padhi likhi jananni ney apney balak pay (toilet) washbasin mein potty karva dee or jisney bhee dekhya usney ea ghani bhundi laagi....or logan ney us teyghani layant dee tey wo bolli mein to dho rahi thee iskee potti isney or kardi mein kaya karti..............batao wa key dhon kee jagaj thee.....

ravinderjeet
December 12th, 2011, 04:45 PM
कई लोग उप्पर आली बर्थ पे आपणे जुत्याँ ने ले के ने चढ़ ज्यां सें अर उड़-ए बैठ के ने फेर किम्मे-किम्मे खावेंगे आर छिलके या दूसरी चीज तले बगावेंगे वे भी भोत भुन्ड़े लाग्या करें ,कहें तें भी ना मानें इस्से माणस |

urmiladuhan
December 12th, 2011, 06:33 PM
कई लोग उप्पर आली बर्थ पे आपणे जुत्याँ ने ले के ने चढ़ ज्यां सें अर उड़-ए बैठ के ने फेर किम्मे-किम्मे खावेंगे आर छिलके या दूसरी चीज तले बगावेंगे वे भी भोत भुन्ड़े लाग्या करें ,कहें तें भी ना मानें इस्से माणस |

I don't like it when people keep staring at me without saying anything! Don't they know staring is rude?

deshi-jat
December 12th, 2011, 10:47 PM
मैंने तो किम्मे "अळबादी" से लागे इसे माणस ..lol


कई लोग उप्पर आली बर्थ पे आपणे जुत्याँ ने ले के ने चढ़ ज्यां सें अर उड़-ए बैठ के ने फेर किम्मे-किम्मे खावेंगे आर छिलके या दूसरी चीज तले बगावेंगे वे भी भोत भुन्ड़े लाग्या करें ,कहें तें भी ना मानें इस्से माणस |

ritu
December 13th, 2011, 03:40 AM
bhoondi baat ya laage se jab do aadmia me bahas ho rahi ho to kuch swaadu type ke aadmi sulah karan k bajay aur aag me ghee kyu gere se.ve do aadmi te ke bera baad me dost ban bhi ja par vo swaadu donua te gaya.dhobi ka kutta na ghar ka na ghaat ka jisi ban ja se un gail.

malikdeepak1
December 13th, 2011, 07:57 AM
जाटलैंड पे रोज जूत बाजे जा है.. मन्ने या बात भोत भूंडी लागी! :victorious:

ssgoyat
December 13th, 2011, 10:50 AM
जाटलैंड पे रोज जूत बाजे जा है.. मन्ने या बात भोत भूंडी लागी! :victorious:

बात कित की कित चाल रही पावे, आर कोए हो खामखा अपने ऊपर ले के तमाशा शुरू करण लाग जा,.... मन्ने या बात बोहोत भुंडी लाग्गी

ravinderjeet
December 13th, 2011, 02:25 PM
बात तो स्यानी सै, पर नाम तै बता दिया होता, हम ने बी बेरा लाग ज्या किम्मे, बच कै रहा इसया तै

मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो बिना कोनटेंट ने समझें पहलम ते लुगाइयां की पोस्टां पे लाइक पे लाइक मारे जावें अर जब उन् ने समझावें तें जाण बावले बाण जावें अर जब उनके भीजे होड़ खोंश्ड़े लागें ,तो जाटलैंड पे रोंदे आवें |

ravinderjeet
December 13th, 2011, 02:28 PM
मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो कार चलान्दी हाण सड़क पे अडंगा बगांदे जावें अर पान या ओर किम्मे इस्सी-ए चीज का थूक चाल्दी कार में ते बहार बगावें |

Arvindc
December 13th, 2011, 03:07 PM
मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो कार चलान्दी हाण सड़क पे अडंगा बगांदे जावें अर पान या ओर किम्मे इस्सी-ए चीज का थूक चाल्दी कार में ते बहार बगावें |

Ravinderjeet Ji,

अच्छे लोगों और उनकी अच्छी आदतों के बारे मैं बात करें तो क्या ज्यादा ठीक नहीं रहेगा?
जसे की मुझे रविंदरजीत जी और उनकी लिखी कविताएं अछि लगती हैं|

ravinderjeet
December 13th, 2011, 03:22 PM
Ravinderjeet Ji,

अच्छे लोगों और उनकी अच्छी आदतों के बारे मैं बात करें तो क्या ज्यादा ठीक नहीं रहेगा?
जसे की मुझे रविंदरजीत जी और उनकी लिखी कविताएं अछि लगती हैं|

नकारात्मक चीजों को उजागर करने से लोगों के मन में सकारातमक विचार भी आते हैं | बहुत सारे लोगों को ये पता ही नहीं होता की जो वे कर रहे हैं वो ठीक ह या नहीं | पर जब इस तरह की बात सामने आती हैं की लोग उनके बारे में उन् द्वारा किये हुए कर्म से उनकी केसी छवि बनाते हैं तो उनमे सकारातमक परिवर्तन आने की संभावना होती हे | किसी की आदत होती हे बात बात में सामने वाले को हाथ लगाने की या हलके से चप्पत लगाने की गाल पर | ये हरकतें बुरी होती हैं | अर मन्ने भोत भुंडी लाग्या करें | और मेने इसे कई आदमिओं की आदतें छुड़वाई हैं उनके साथ वेसा ही व्यवाहर कर के | जब उनके साथ वेसा ही होता हे जेसा वे दूसरों के साथ करते हैं तो उनको समझ में आजाता हे की वे गलत कर रहे थे क्योंकि ये बात जब इनके साथ हुई तो उन्हें अच्छी नहीं लगी | ये बातें आपको भी समझ में आई होंगी जब कई लोग जाटलैंड पर घायल हो गए पिछले दो-तीन दिन में ,जब उनके साथ वेसा ही वाय्वाहर किया गया जो वे मेरे साथ कर रहे थे |थप्पड़ मारने वाले की मुंह पर जब तक वापस थप्पड़ नहीं पड़ता तब तक थप्पड़ का दरद उसकी समझ में नहीं आता ----साद भावनाओं सहित |

ssgoyat
December 13th, 2011, 03:25 PM
मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो बिना कोनटेंट ने समझें पहलम ते लुगाइयां की पोस्टां पे लाइक पे लाइक मारे जावें अर जब उन् ने समझावें तें जाण बावले बाण जावें अर जब उनके भीजे होड़ खोंश्ड़े लागें ,तो जाटलैंड पे रोंदे आवें |

मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो उन् तो कदे पोस्ट लिखते नहीं, विचार व्यक्त करते नहीं .. किसे हॉट चाल रही थ्रेड में ..बिना कोनटेंट ने समझें आर पढ़े,.. दोनों पस्से आले के आर्गुमेंट्स पे 'like ' के खटके दाब्बी जा से.. आर diplomatic स्टैंड दिखावे से...

JSRana
December 13th, 2011, 03:29 PM
मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो उन् तो कदे पोस्ट लिखते नहीं, विचार व्यक्त करते नहीं .. किसे हॉट चाल रही थ्रेड में ..बिना कोनटेंट ने समझें आर पढ़े,.. दोनों पस्से आले के आर्गुमेंट्स पे 'like ' के खटके दाब्बी जा से.. आर diplomatic स्टैंड दिखावे से...

भाई सतिंदर इन् ने कहया करें सै " मुफ्त के स्वादू " या फेर "जीसेदार" |

Arvindc
December 13th, 2011, 03:53 PM
नकारात्मक चीजों को उजागर करने से लोगों के मन में सकारातमक विचार भी आते हैं | बहुत सारे लोगों को ये पता ही नहीं होता की जो वे कर रहे हैं वो ठीक ह या नहीं | पर जब इस तरह की बात सामने आती हैं की लोग उनके बारे में उन् द्वारा किये हुए कर्म से उनकी केसी छवि बनाते हैं तो उनमे सकारातमक परिवर्तन आने की संभावना होती हे | किसी की आदत होती हे बात बात में सामने वाले को हाथ लगाने की या हलके से चप्पत लगाने की गाल पर | ये हरकतें बुरी होती हैं | अर मन्ने भोत भुंडी लाग्या करें | और मेने इसे कई आदमिओं की आदतें छुड़वाई हैं उनके साथ वेसा ही व्यवाहर कर के | जब उनके साथ वेसा ही होता हे जेसा वे दूसरों के साथ करते हैं तो उनको समझ में आजाता हे की वे गलत कर रहे थे क्योंकि ये बात जब इनके साथ हुई तो उन्हें अच्छी नहीं लगी | ये बातें आपको भी समझ में आई होंगी जब कई लोग जाटलैंड पर घायल हो गए पिछले दो-तीन दिन में ,जब उनके साथ वेसा ही वाय्वाहर किया गया जो वे मेरे साथ कर रहे थे |थप्पड़ मारने वाले की मुंह पर जब तक वापस थप्पड़ नहीं पड़ता तब तक थप्पड़ का दरद उसकी समझ में नहीं आता ----साद भावनाओं सहित |
आप जो कह रहे हो वो भी हो सकता है| सबका अनुभव भिन्न होता है|

मनोविज्ञानीयों के अनुसार अगर आप सिर्फ अपने सकारातमक पहलू (विचार, आदत) को उजागर करें तो नकारात्मक खुद ब खुद पीछे रह जायेगा|
वसे, कभी-कभी आपकी उपर्युक्त बात भी तर्कसंगत लगती है|

ravinderjeet
December 13th, 2011, 04:05 PM
आप जो कह रहे हो वो भी हो सकता है| सबका अनुभव भिन्न होता है|

मनोविज्ञानीयों के अनुसार अगर आप सिर्फ अपने सकारातमक पहलू (विचार, आदत) को उजागर करें तो नकारात्मक खुद ब खुद पीछे रह जायेगा|
वसे, कभी-कभी आपकी उपर्युक्त बात भी तर्कसंगत लगती है|

अरविन्द जी , मन्ने यु तागा समाज में फेली होई कुछ गलत आदत, जो की कई बे हामने बेरा कोणी होंदा, पर करें जावां सां ,लोगाँ का ध्यान आकर्षित करण खातर शुरू करया था | कई बे इस्सा भी हो सके स अक में किम्मे करदा होऊं अर मन्ने बेरा कोणी अक इह तें किहे के तकलीफ भी हो स ,अर जे ओर कोए वा बात लिख दे अक या बात उहने भुंडी लागे स ,ते हो सके स में आगे तें उह बात का ध्यान राखूँ अक किहे ने तकलीफ ना होज्या | उप्पर मन्ने टौमी कुत्ते का एक उदाहरण दिया था अर इस समस्या तें कम या ज्यादा घनखरे आदमियां ने गुजरना पड़े स जा किहे कुत्ता पाल्निये के ये बात समझ में आज्यां ते आगे तें किहे मेरे बरगे ने शर्मींदा ना होना पडेगा |कोए भाई इस्सा तागा भी शुरू कर सके स अक "या बात मन्ने भोत आछि लागी "-----सद भावनाओं सहित |

vijaykajla1
December 13th, 2011, 04:14 PM
बुरा जो देखन मैं चला ,बुरा ना मिलया कोय
जो मन खोजा अपना , तो मुझसे बुरा ना कोय !!

urmiladuhan
December 13th, 2011, 04:18 PM
अरविन्द जी , मन्ने यु तागा समाज में फेली होई कुछ गलत आदत, जो की कई बे हामने बेरा कोणी होंदा, पर करें जावां सां ,लोगाँ का ध्यान आकर्षित करण खातर शुरू करया था | कई बे इस्सा भी हो सके स अक में किम्मे करदा होऊं अर मन्ने बेरा कोणी अक इह तें किहे के तकलीफ भी हो स ,अर जे ओर कोए वा बात लिख दे अक या बात उहने भुंडी लागे स ,ते हो सके स में आगे तें उह बात का ध्यान राखूँ अक किहे ने तकलीफ ना होज्या | उप्पर मन्ने टौमी कुत्ते का एक उदाहरण दिया था अर इस समस्या तें कम या ज्यादा घनखरे आदमियां ने गुजरना पड़े स जा किहे कुत्ता पाल्निये के ये बात समझ में आज्यां ते आगे तें किहे मेरे बरगे ने शर्मींदा ना होना पडेगा |कोए भाई इस्सा तागा भी शुरू कर सके स अक "या बात मन्ने भोत आछि लागी "-----सद भावनाओं सहित |

If the attention is focussed on what is good around us, there is no time to think or do bad things. I think your priorities need serious re adjustment.

Sure
December 13th, 2011, 07:01 PM
मन्ने वे लोग भी भोत भुंडे लागे सें जो घर में कुत्ता पालें अर जब कोए उनके घरां आवे ते न्यू कहवें " पुचर-पुचर ,बस करो टौमी ,मेहमान हैं , आने दो इन्हें अन्दर ,आप आजाइए हमारा कुत्ता बड़ा ही समझदार हे ,काटेगा नहीं "| (या थी पहली बेजती )इब्ब उड़े इस्सा लागे अक जा कुत्ता नाट गा ते मालिक भी किम्मे नि कर सकदा ,फेर घर का असली मालिक कुत्ता दीखण लाग जा स | जब घर आले पुचकार देवेंगे ते कुत्ता हाथां ने अर पायां ने इस्सी ढाल चाटेगा के जणू ते भीतर बडन तें पहलम हामने पवित्र करे स | (या थी दूसरी बेजती )फेर सोफे पे आगंतुक तें पहलम जा के ने बैठ जा गा अर आगन्तुक कानी इस्सी ढाल लाखावेगा अक जाणु ते कोए उह का सिंघासन खोसण आग्या | फेर मालिक कहवेगा " हे हे हे हे असल में हम तो बेड रूम में या फिर टेर्रेस पर ज्यादा बैठते हैं और ये हमारे टौमी यहीं पर आराम फरमाते हैं,इस्सी लिए ये हमेशा यहीं पर डेट रहते हैं ,चलो टौमी अन्दर, प्लीज गो इनसाइड "| और उसकी जगह म्हारे ताहीं मिल ज्या स जिह पर के सारे के बाल खींड रे सें |( या स तीसरी बेजती )| टौमी फेर भीतर जा के ने बाहर आ जावेगा अर मालिक न्यू कहवेगा (आपणी नोकरानी या लुगाई ताहीं )अक टौमी को शायद भूख लगी हे उसको कुछ खिलाइए | फेर आगन्तुक पे बुझेगा "आप भी कुछ लेंगे "| इस्सा लागेगा जाणु ते कुत्ते आला बच्या होड़ सौदा म्हारे आगे गेर दिया जावेगा |(या स चौथी बेजती ) फेर चाय बिस्कुट आज्यांगे अर टौमी आपने नाम का खा के ने पुन्झअड़ हिलान्दा आगन्तुक की पलेट में मुंह देवण ने होज्यागा | फेर मालिक कहवेगा "नो टौमी खाने दो ,यु आर सो नोटी"| फेर मादी मोती जो भी बात करनी होंगी वे कर के ने मालिक न्यू कहवेगा "चलो आप किस तरफ जा रहे हैं, में भी थोड़ी दूर तक चलता हूँ ,टौमी को घुमाना हे "|पहलम ते माणस न्यू सोचेगा अक यु माड़ी दूर मन्ने छोड़न आवे स पर आखरी वाक्य में सब किम्मे ख़त्म ,यानी की कुत्ते की ओकात तेरे तें घणी बाध स |( या स पांच्मी बेजती ) फेर जब आगन्तुक बाहर लिकडन लाग्ज्या गा जब वो गुर्रावेगा इस्सी ढाल अक जाणु ते न्यू कहवे स अक मेरी थां बेठ्गा अर मेरी-ए पलेट में मेरा-ए भोजन कर के ने जावे स ,इबके ना भोड़ के आइये | फेर आगन्तुक जा न्यू कह देगा अक "थारा कुत्ता बड़ा प्यारा स", ते मालिक नाराज हो जावेगा अर न्यू कहवेगा "डोंट काल हिम कुत्ता ,ही इज टौमी ,ही इज लाईक अवर सन ,इनकी मम्मी (मालकिन ) सून लेंगी तो बहुत नाराज हो जायेंगी , फेर मालिक न्यू कहवेगा "लेट हिम गो टौमी ,नो नॉनसेन्स "| ( या स छट्टी बेजती ) अर कुत्ता (सॉरी टौमी ) इतने भोंसे जावेगा ,इतने तेरे कान इतनी दूर ना जा लेवें अक उह की आवाज सुननी बंद ना होज्या | अर रात ने खाणा खांदी हाण भी इस्सा लागेगा जाणु ते इब्बी उह की लार हाथां में लाग री स | टौमी के मान- सम्मान आगे ते हाम कुछ भी नहीं |-----सद भावनाओं सहित |



Seriously humorous

deshi-jat
December 13th, 2011, 07:03 PM
Hmm..seems either you have lot of bad experience..or hinting towards someone.. either way :cool:


मन्ने वे लोग भोत भुंडे लागें सें जो बिना कोनटेंट ने समझें पहलम ते लुगाइयां की पोस्टां पे लाइक पे लाइक मारे जावें अर जब उन् ने समझावें तें जाण बावले बाण जावें अर जब उनके भीजे होड़ खोंश्ड़े लागें ,तो जाटलैंड पे रोंदे आवें |

ravinderjeet
December 14th, 2011, 11:40 AM
Hmm..seems either you have lot of bad experience..or hinting towards someone.. either way :cool:

-------नाई के ! मेरे बाल कोड-कोड ?
-------थम जा माड़ी वार ,तेरे आगे-ए ना आण के पड़ेंगे |

rakeshsehrawat
December 14th, 2011, 12:07 PM
http://www.jatland.com/forums/image/gif;base64,R0lGODlhAQABAIAAAP///////yH5BAEKAAEALAAAAAABAAEAAAICTAEAOw==







म्हारा एक मास्टर कहया करता सुत्ते ने तो जगा दे जगे होड़ ने क्यूकर जगावे ? मेरे हंसी छुट्या करती आची बावली बावली बात करे है पर इब माडी माडी बात समझ आवे हैं ! आड़े तो या समझ नहीं आती की लोगा का इस साईट पे कुछ नहीं( आप सब जो भांडते हैं वो साईट की प्रोपर्टी है ) आड़े प्लाट भी नहीं काटन लग रहे की कोए दूसरा कब्ज़ा लेगा ! आड़े इतनी भीड़ भी नहीं की पून्झादी पे पा आता हो ! पढ़े लिखे आड़े गाम्डू अनपढ़ा की ढाला बात करण लाग रहे है ! मन्ने लोगा की डिग्री देखी आड़े लिखी होई मेरे मन में आया " हट मेरेयार तू तो अनपढ़ रह गया " फेर मन्ने उन बुधिजीवियो के विचार पढ़े आत्मा त्रिपत हो गयी ! मन में विचार आया चोखा घना न पढ़े लिखे ! मन्ने आड़े लोगा की उम्र देखी मखा तू तो बालक ए है फेर उनके विचार पढ़े समझ आया बालक ए चोखा है ! अगर आपका ज्ञान और आपका अनुभव आपको ये विचारधारा देता है तो मै चाहता हूँ मै अज्ञानी और नादान ही रहू ! मै सोचता था की जाट इतने शक्तिशाली हैं और ज्ञानवान भी पर इन्होने कभी दिल्ली पे राज क्यों नहीं किया ? अब समझ आ गया दीमाग तो सदा गोड्या में रहना है हांगे ने के धोकें ! ताकतवर तो हाथी भी है पर पाइया का मलियाली उसकी घिस काढ दे है !
कदे कदे एक आधा करदा जाट हिमायती टकर जया है न्यू कह्गा जाट न्यू कर दें न्यू कर दें ! जाट करंगे धन धन आज ताहि कीमे न होया आगे के करेंगे ? आपस की सुलटी नहीं चले दिल्ली जीतन ! पढ़ा था " अनपढ़ जाट पढ़े बराबर पढ़ा लिखा जाट खुदा बराबर " मुझे लगता है ये गलत है पढ़ा लिखा जाट अनुसूचित जाती जनजाति की श्रेणी में आता है ! जिस हिसाब का वेय्व्हार ये करते हैं उस से तो मै इसी नतीजे पर पहुंचा हूँ !

मुझे शिकायत है जब यही करना था तो ये डिग्री लको ल्यो ना मै कीमे इसा लिख दूँगा डीग्री फूकनी पड ज्यांगी! कोए क्षमा नहीं कोए माफ़ी नहीं ये तो सामाजिक मंच है जिसका आदर में कर रहा हूँ ना तो इसी इसी सुनाता कई रात नींद नहीं आती !