spdeshwal
July 14th, 2010, 05:08 PM
भगत सिंह
एक जादुई नाम ! किसी नदी की तेज धार जैसा! किसी भी भारतीय को देश प्रेम के अथाह समुद्र में बहा ले जाता है !
इस रागनी गायक को ही सुन लीजिये, इस अमर बलिदानी की गाथा गाते हुए इतना गौरवान्वित महशुश कर रहा है कि
आवाज गर्व से लरजती है और सुनने वालों में एक अधभुत उर्जा का संचार सहज ही होता चला जाता है !
इस आशा के साथ, कि ये सुंदर रागनी सुन कर , कुछ पल के लिए ही सही , आप सब के हृदय में राष्ट्रप्रेम कि अनुभूति हिलोरे मारने लगेगी !
दखे में मरग्या तै, म्हारे हिंद के, के सुने डेरे होज्यांगे !
मेरे केसे वीर भगत सिंह और भतेरे होज्यांगे !
में मरग्या...
दखे आपै जल के मर जाओगे, आग गेर दी पाती में !
थारे राज का दीवा गुल हो, तेल रह न बाती में !
पाप की कौली भर रे सो, थारे धर्म रहा न गाती में !
फांसी तोड़ो , घीटी घोटो, या गोली मारो छाती में !
मरे हुए भी सेधैंगे, बिच्छू सर्प घुरेरे होज्यांगे!
दखे में मरग्या .....
अरे काम रहण का ना थारा, आड़े हिंद में नहीं गुजरा हो !
के लेह रे और थारे धौरे, पुलिस महकमा म्हारा हो !
जितणी पलटन हिन्दुस्तानी, गेल्यान फ़ौज नगाड़ा हो !
घोडायां पै चढ़के करैं लड़ाई, रे जाट रिसाला महारा हो !
अरे मारें टाप मंडेरयां परकै, इससे ऊत बछेरे होज्यांगे !
में मरग्या ......
धखे थारे कितणी कुबध किसे राजा ते नहीं करी जा से !
थारे दर्द कि मारी सारी जनता जली मरी जा से !
गऊ हत्या ना बंध करी, पाप कि नहर भरी जा से !
मेरे मरण तैं कांग्रेस के राज कि नीव भरी जा से !
भगत सिंह मारया फांसी तैं, न्यू घर हगर बेरे होज्यांगे!
में मरग्या ...
हो मांगेराम कह, हाँ मांगेराम कह, टूटेगा ना सदा किसेका मेल रहा !
भगतसिंह कि छाती पै , ताण कुफर के सेल रहा !
आप नतीजा लिकड़ेगा, फेर कोण पास कोण फेल रहा !
कृषणजी कि दया तैं , महारा थारा यो खेल रहा !
जैसे यादु बंसी खेले थे, न्यू तलवार पटरे होज्यांगे !
में मरग्या .....
http://www.youtube.com/watch?v=ytaI3rhiqFc&feature=related
खुश रहो!
एक जादुई नाम ! किसी नदी की तेज धार जैसा! किसी भी भारतीय को देश प्रेम के अथाह समुद्र में बहा ले जाता है !
इस रागनी गायक को ही सुन लीजिये, इस अमर बलिदानी की गाथा गाते हुए इतना गौरवान्वित महशुश कर रहा है कि
आवाज गर्व से लरजती है और सुनने वालों में एक अधभुत उर्जा का संचार सहज ही होता चला जाता है !
इस आशा के साथ, कि ये सुंदर रागनी सुन कर , कुछ पल के लिए ही सही , आप सब के हृदय में राष्ट्रप्रेम कि अनुभूति हिलोरे मारने लगेगी !
दखे में मरग्या तै, म्हारे हिंद के, के सुने डेरे होज्यांगे !
मेरे केसे वीर भगत सिंह और भतेरे होज्यांगे !
में मरग्या...
दखे आपै जल के मर जाओगे, आग गेर दी पाती में !
थारे राज का दीवा गुल हो, तेल रह न बाती में !
पाप की कौली भर रे सो, थारे धर्म रहा न गाती में !
फांसी तोड़ो , घीटी घोटो, या गोली मारो छाती में !
मरे हुए भी सेधैंगे, बिच्छू सर्प घुरेरे होज्यांगे!
दखे में मरग्या .....
अरे काम रहण का ना थारा, आड़े हिंद में नहीं गुजरा हो !
के लेह रे और थारे धौरे, पुलिस महकमा म्हारा हो !
जितणी पलटन हिन्दुस्तानी, गेल्यान फ़ौज नगाड़ा हो !
घोडायां पै चढ़के करैं लड़ाई, रे जाट रिसाला महारा हो !
अरे मारें टाप मंडेरयां परकै, इससे ऊत बछेरे होज्यांगे !
में मरग्या ......
धखे थारे कितणी कुबध किसे राजा ते नहीं करी जा से !
थारे दर्द कि मारी सारी जनता जली मरी जा से !
गऊ हत्या ना बंध करी, पाप कि नहर भरी जा से !
मेरे मरण तैं कांग्रेस के राज कि नीव भरी जा से !
भगत सिंह मारया फांसी तैं, न्यू घर हगर बेरे होज्यांगे!
में मरग्या ...
हो मांगेराम कह, हाँ मांगेराम कह, टूटेगा ना सदा किसेका मेल रहा !
भगतसिंह कि छाती पै , ताण कुफर के सेल रहा !
आप नतीजा लिकड़ेगा, फेर कोण पास कोण फेल रहा !
कृषणजी कि दया तैं , महारा थारा यो खेल रहा !
जैसे यादु बंसी खेले थे, न्यू तलवार पटरे होज्यांगे !
में मरग्या .....
http://www.youtube.com/watch?v=ytaI3rhiqFc&feature=related
खुश रहो!