SALURAM
August 17th, 2010, 08:39 PM
एक रन, एक नो बोल और एक शतक
क्रिकेट के खेल में भावना नाम की चीज को तार तार होते देखा कल भारत और श्रीलंका के बिच हुए मैच में जब एस रणदिव द्वारा फेंकी गयी लास्ट बोल को उनके द्वारा विरेन्द्र सहवाग को शतक से वंचित करने के लिए थी. क्या किसी विपक्षी टीम के खिलाडी को किसी खास स्कोर पर पहुँचने से रोकने के लिए इस तरह से गेंदबाजी करना और उसके बाद टीम के कप्तान के द्वारा माफ़ी मांगना और यह कबूल करना की गेंदबाज ने जानबूझ कर ऐसा किया और दोषी खिलाडी को सजा मिलना चाहिए यह कप्तान का बयान काबिले तारीफ हैं. लेकिन किसी भी विपक्षी खिलाडी से ऐसे आशा नहीं की जाती . Icc को चाहिए की आगे से ऐसी कोई भी घटना न हो इसके लिए समन्धित खिलाडी को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए. भारतीय खिलाडियों के साथ विदेशों में विपक्षी टीम के द्वारा और अंपायरों के द्वारा व्यवहार के बारे में icc कभी कठोर कदम नहीं उठती ऐसे में जब icc के आध्यक्ष खुद भारतीय शरद पवार हैं.
क्रिकेट के खेल में भावना नाम की चीज को तार तार होते देखा कल भारत और श्रीलंका के बिच हुए मैच में जब एस रणदिव द्वारा फेंकी गयी लास्ट बोल को उनके द्वारा विरेन्द्र सहवाग को शतक से वंचित करने के लिए थी. क्या किसी विपक्षी टीम के खिलाडी को किसी खास स्कोर पर पहुँचने से रोकने के लिए इस तरह से गेंदबाजी करना और उसके बाद टीम के कप्तान के द्वारा माफ़ी मांगना और यह कबूल करना की गेंदबाज ने जानबूझ कर ऐसा किया और दोषी खिलाडी को सजा मिलना चाहिए यह कप्तान का बयान काबिले तारीफ हैं. लेकिन किसी भी विपक्षी खिलाडी से ऐसे आशा नहीं की जाती . Icc को चाहिए की आगे से ऐसी कोई भी घटना न हो इसके लिए समन्धित खिलाडी को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए. भारतीय खिलाडियों के साथ विदेशों में विपक्षी टीम के द्वारा और अंपायरों के द्वारा व्यवहार के बारे में icc कभी कठोर कदम नहीं उठती ऐसे में जब icc के आध्यक्ष खुद भारतीय शरद पवार हैं.