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View Full Version : Sonia Gandhi...



ratheetheraist
February 25th, 2011, 03:04 PM
the lady ruling our nation is an Agent of KGB(national security agency of Russia)...
and the worst thing is many of Us are not able to know and understand the whole game planned by the KGB...

Hamara desh KGB key ishaaron par naach raha hai..aur Sonia auntie nacha rahi hai..aur hum khushi sey naach bhi rahey hain... :(

rajpaldular
February 25th, 2011, 03:43 PM
Vikas Rathi Ji baat aapki sahi hee lagti hai, parantu jab tak ek nayee kranti nahi ayegi tab tak kuchh nahi hoga..

ravinderpannu
February 25th, 2011, 04:01 PM
the lady ruling our nation is an Agent of KGB(national security agency of Russia)...
and the worst thing is many of Us are not able to know and understand the whole game planned by the KGB...

Hamara desh KGB key ishaaron par naach raha hai..aur Sonia auntie nacha rahi hai..aur hum khushi sey naach bhi rahey hain... :(

rathi ji,,koi evidence hai iske pichhe ya bas emotion driven hai ye statement..!!!

kuldeeppunia25
February 25th, 2011, 04:12 PM
the lady ruling our nation is an agent of kgb(national security agency of russia)...
And the worst thing is many of us are not able to know and understand the whole game planned by the kgb...

Hamara desh kgb key ishaaron par naach raha hai..aur sonia auntie nacha rahi hai..aur hum khushi sey naach bhi rahey hain... :(

भाई kgb का तो बेरा नि पर इस देश की खसमणि जरुर बन गयी ............एक लाल और जाम दिया ........बिना ब्याहा खसम ........वो सुपने लेवे स लूटन के देश न...............

ashoo
February 25th, 2011, 04:17 PM
such kind of statements are being able to be prosecuted in courts.
people who can not make a clerk (babu) work in accordance with the constitution ,would not be able to tackle such blind beliefs without any proof.
had you would be able to understand politics,you would have known these are "satta ke khel"

ashoo
February 25th, 2011, 04:28 PM
re jaatan ne kimme likhan ki akl aavege ke nahin.
isa ae josh se to takkar maar ke dekh.
sattadhari party ne ke bera koni kisme kitna paani se.

re lootan ne to koon kitna lootega bera koni, par kasar to koe koni chode.

satta ke khel mein mohre bahut bhadda bolte hain.


editor ----language should be controlled.
jaatan ne kati ae image kharaab kar li,proof ki bhi jaroorat koni.

ashoo
February 25th, 2011, 04:33 PM
re satta ke khel ka mohra.

rajpaldular
March 1st, 2011, 11:18 AM
Mr. Mossad Israeli - a member of Facebook

जब इंटरनेट और ब्लॉग की दुनिया में आया तो सोनिया गाँधी के बारे में काफ़ी कुछ पढने को मिला । पहले तो मैंने भी इस पर विश्वास नहीं किया और इसे मात्र बकवास सोच कर खारिज कर दिया, लेकिन एक-दो नहीं कई साईटों पर कई लेखकों ने सोनिया के बारे में काफ़ी कुछ लिखा है जो कि अभी तक प्रिंट मीडिया में नहीं आया है (और ...भारत में इंटरनेट कितने और किस प्रकार के लोग उपयोग करते हैं, यह बताने की आवश्यकता नहीं है) । यह तमाम सामग्री हिन्दी में और विशेषकर "यूनिकोड" में भी पाठकों को सुलभ होनी चाहिये, यही सोचकर मैंने "नेहरू-गाँधी राजवंश" नामक पोस्ट लिखी थी जिस पर मुझे मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली, कुछ ने इसकी तारीफ़ की, कुछ तटस्थ बने रहे और कुछ ने व्यक्तिगत मेल भेजकर गालियाँ भी दीं (मुंडे-मुंडे मतिर्भिन्नाः) । यह तो स्वाभाविक ही था, लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात यह रही कि कुछ विद्वानों ने मेरे लिखने को ही चुनौती दे डाली और अंग्रेजी से हिन्दी या मराठी से हिन्दी के अनुवाद को एक गैर-लेखकीय कर्म और "नॉन-क्रियेटिव" करार दिया । बहरहाल, कम से कम मैं तो अनुवाद को रचनात्मक कार्य मानता हूँ, और देश की एक प्रमुख हस्ती के बारे में लिखे हुए का हिन्दी पाठकों के लिये अनुवाद पेश करना एक कर्तव्य मानता हूँ (कम से कम मैं इतना तो ईमानदार हूँ ही, कि जहाँ से अनुवाद करूँ उसका उल्लेख, नाम उपलब्ध हो तो नाम और लिंक उपलब्ध हो तो लिंक देता हूँ) ।
पेश है "आप सोनिया गाँधी को कितना जानते हैं" की पहली कडी़, अंग्रेजी में इसके मूल लेखक हैं एस.गुरुमूर्ति और यह लेख दिनांक १७ अप्रैल २००४ को "द न्यू इंडियन एक्सप्रेस" में - अनमास्किंग सोनिया गाँधी- शीर्षक से प्रकाशित हुआ था ।
"अब भूमिका बाँधने की आवश्यकता नहीं है और समय भी नहीं है, हमें सीधे मुख्य मुद्दे पर आ जाना चाहिये । भारत की खुफ़िया एजेंसी "रॉ", जिसका गठन सन १९६८ में हुआ, ने विभिन्न देशों की गुप्तचर एजेंसियों जैसे अमेरिका की सीआईए, रूस की केजीबी, इसराईल की मोस्साद और फ़्रांस तथा जर्मनी में अपने पेशेगत संपर्क बढाये और एक नेटवर्क खडा़ किया । इन खुफ़िया एजेंसियों के अपने-अपने सूत्र थे और वे आतंकवाद, घुसपैठ और चीन के खतरे के बारे में सूचनायें आदान-प्रदान करने में सक्षम थीं । लेकिन "रॉ" ने इटली की खुफ़िया एजेंसियों से इस प्रकार का कोई सहयोग या गठजोड़ नहीं किया था, क्योंकि "रॉ" के वरिष्ठ जासूसों का मानना था कि इटालियन खुफ़िया एजेंसियाँ भरोसे के काबिल नहीं हैं और उनकी सूचनायें देने की क्षमता पर भी उन्हें संदेह था ।
सक्रिय राजनीति में राजीव गाँधी का प्रवेश हुआ १९८० में संजय की मौत के बाद । "रॉ" की नियमित "ब्रीफ़िंग" में राजीव गाँधी भी भाग लेने लगे थे ("ब्रीफ़िंग" कहते हैं उस संक्षिप्त बैठक को जिसमें रॉ या सीबीआई या पुलिस या कोई और सरकारी संस्था प्रधानमन्त्री या गृहमंत्री को अपनी रिपोर्ट देती है), जबकि राजीव गाँधी सरकार में किसी पद पर नहीं थे, तब वे सिर्फ़ काँग्रेस महासचिव थे । राजीव गाँधी चाहते थे कि अरुण नेहरू और अरुण सिंह भी रॉ की इन बैठकों में शामिल हों । रॉ के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने दबी जुबान में इस बात का विरोध किया था चूँकि राजीव गाँधी किसी अधिकृत पद पर नहीं थे, लेकिन इंदिरा गाँधी ने रॉ से उन्हें इसकी अनुमति देने को कह दिया था, फ़िर भी रॉ ने इंदिरा जी को स्पष्ट कर दिया था कि इन लोगों के नाम इस ब्रीफ़िंग के रिकॉर्ड में नहीं आएंगे । उन बैठकों के दौरान राजीव गाँधी सतत रॉ पर दबाव डालते रहते कि वे इटालियन खुफ़िया एजेंसियों से भी गठजोड़ करें, राजीव गाँधी ऐसा क्यों चाहते थे ? या क्या वे इतने अनुभवी थे कि उन्हें इटालियन एजेंसियों के महत्व का पता भी चल गया था ? ऐसा कुछ नहीं था, इसके पीछे एकमात्र कारण थी सोनिया गाँधी । राजीव गाँधी ने सोनिया से सन १९६८ में विवाह किया था, और हालांकि रॉ मानती थी कि इटली की एजेंसी से गठजोड़ सिवाय पैसे और समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है, राजीव लगातार दबाव बनाये रहे । अन्ततः दस वर्षों से भी अधिक समय के पश्चात रॉ ने इटली की खुफ़िया संस्था से गठजोड़ कर लिया । क्या आप जानते हैं कि रॉ और इटली के जासूसों की पहली आधिकारिक मीटिंग की व्यवस्था किसने की ? जी हाँ, सोनिया गाँधी ने । सीधी सी बात यह है कि वह इटली के जासूसों के निरन्तर सम्पर्क में थीं । एक मासूम गृहिणी, जो राजनैतिक और प्रशासनिक मामलों से अलिप्त हो और उसके इटालियन खुफ़िया एजेन्सियों के गहरे सम्बन्ध हों यह सोचने वाली बात है, वह भी तब जबकि उन्होंने भारत की नागरिकता नहीं ली थी (वह उन्होंने बहुत बाद में ली) । प्रधानमंत्री के घर में रहते हुए, जबकि राजीव खुद सरकार में नहीं थे । हो सकता है कि रॉ इसी कारण से इटली की खुफ़िया एजेंसी से गठजोड़ करने मे कतरा रहा हो, क्योंकि ऐसे किसी भी सहयोग के बाद उन जासूसों की पहुँच सिर्फ़ रॉ तक न रहकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक हो सकती थी ।
जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था तब सुरक्षा अधिकारियों ने इंदिरा गाँधी को बुलेटप्रूफ़ कार में चलने की सलाह दी, इंदिरा गाँधी ने अम्बेसेडर कारों को बुलेटप्रूफ़ बनवाने के लिये कहा, उस वक्त भारत में बुलेटप्रूफ़ कारें नहीं बनती थीं इसलिये एक जर्मन कम्पनी को कारों को बुलेटप्रूफ़ बनाने का ठेका दिया गया । जानना चाहते हैं उस ठेके का बिचौलिया कौन था, वाल्टर विंसी, सोनिया गाँधी की बहन अनुष्का का पति ! रॉ को हमेशा यह शक था कि उसे इसमें कमीशन मिला था, लेकिन कमीशन से भी गंभीर बात यह थी कि इतना महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्बन्धी कार्य उसके मार्फ़त दिया गया । इटली का प्रभाव सोनिया दिल्ली तक लाने में कामयाब रही थीं, जबकि इंदिरा गाँधी जीवित थीं । दो साल बाद १९८६ में ये वही वाल्टर विंसी महाशय थे जिन्हें एसपीजी को इटालियन सुरक्षा एजेंसियों द्वारा प्रशिक्षण दिये जाने का ठेका मिला, और आश्चर्य की बात यह कि इस सौदे के लिये उन्होंने नगद भुगतान की मांग की और वह सरकारी तौर पर किया भी गया । यह नगद भुगतान पहले एक रॉ अधिकारी के हाथों जिनेवा (स्विटजरलैण्ड) पहुँचाया गया लेकिन वाल्टर विंसी ने जिनेवा में पैसा लेने से मना कर दिया और रॉ के अधिकारी से कहा कि वह ये पैसा मिलान (इटली) में चाहता है, विंसी ने उस अधिकारी को कहा कि वह स्विस और इटली के कस्टम से उन्हें आराम से निकलवा देगा और यह "कैश" चेक नहीं किया जायेगा । रॉ के उस अधिकारी ने उसकी बात नहीं मानी और अंततः वह भुगतान इटली में भारतीय दूतावास के जरिये किया गया । इस नगद भुगतान के बारे में तत्कालीन कैबिनेट सचिव बी.जी.देशमुख ने अपनी हालिया किताब में उल्लेख किया है, हालांकि वह तथाकथित ट्रेनिंग घोर असफ़ल रही और सारा पैसा लगभग व्यर्थ चला गया । इटली के जो सुरक्षा अधिकारी भारतीय एसपीजी कमांडो को प्रशिक्षण देने आये थे उनका रवैया जवानों के प्रति बेहद रूखा था, एक जवान को तो उस दौरान थप्पड़ भी मारा गया । रॉ अधिकारियों ने यह बात राजीव गाँधी को बताई और कहा कि इस व्यवहार से सुरक्षा बलों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और उनकी खुद की सुरक्षा व्यवस्था भी ऐसे में खतरे में पड़ सकती है, घबराये हुए राजीव ने तत्काल वह ट्रेनिंग रुकवा दी,लेकिन वह ट्रेनिंग का ठेका लेने वाले विंसी को तब तक भुगतान किया जा चुका था ।
राजीव गाँधी की हत्या के बाद तो सोनिया गाँधी पूरी तरह से इटालियन और पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों पर भरोसा करने लगीं, खासकर उस वक्त जब राहुल और प्रियंका यूरोप घूमने जाते थे । सन १९८५ में जब राजीव सपरिवार फ़्रांस गये थे तब रॉ का एक अधिकारी जो फ़्रेंच बोलना जानता था, उनके साथ भेजा गया था, ताकि फ़्रेंच सुरक्षा अधिकारियों से तालमेल बनाया जा सके । लियोन (फ़्रांस) में उस वक्त एसपीजी अधिकारियों में हड़कम्प मच गया जब पता चला कि राहुल और प्रियंका गुम हो गये हैं । भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को विंसी ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है, दोनों बच्चे जोस वाल्डेमारो के साथ हैं जो कि सोनिया की एक और बहन नादिया के पति हैं । विंसी ने उन्हें यह भी कहा कि वे वाल्डेमारो के साथ स्पेन चले जायेंगे जहाँ स्पेनिश अधिकारी उनकी सुरक्षा संभाल लेंगे । भारतीय सुरक्षा अधिकारी यह जानकर अचंभित रह गये कि न केवल स्पेनिश बल्कि इटालियन सुरक्षा अधिकारी उनके स्पेन जाने के कार्यक्रम के बारे में जानते थे । जाहिर है कि एक तो सोनिया गाँधी तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के अहसानों के तले दबना नहीं चाहती थीं, और वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर विश्वास नहीं करती थीं । इसका एक और सबूत इससे भी मिलता है कि एक बार सन १९८६ में जिनेवा स्थित रॉ के अधिकारी को वहाँ के पुलिस कमिश्नर जैक कुन्जी़ ने बताया कि जिनेवा से दो वीआईपी बच्चे इटली सुरक्षित पहुँच चुके हैं, खिसियाये हुए रॉ अधिकारी को तो इस बारे में कुछ मालूम ही नहीं था । जिनेवा का पुलिस कमिश्नर उस रॉ अधिकारी का मित्र था, लेकिन यह अलग से बताने की जरूरत नहीं थी कि वे वीआईपी बच्चे कौन थे । वे कार से वाल्टर विंसी के साथ जिनेवा आये थे और स्विस पुलिस तथा इटालियन अधिकारी निरन्तर सम्पर्क में थे जबकि रॉ अधिकारी को सिरे से कोई सूचना ही नहीं थी, है ना हास्यास्पद लेकिन चिंताजनक... उस स्विस पुलिस कमिश्नर ने ताना मारते हुए कहा कि "तुम्हारे प्रधानमंत्री की पत्नी तुम पर विश्वास नहीं करती और उनके बच्चों की सुरक्षा के लिये इटालियन एजेंसी से सहयोग करती है" । बुरी तरह से अपमानित रॉ के अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ । अंतरराष्ट्रीय खुफ़िया एजेंसियों के गुट में तेजी से यह बात फ़ैल गई थी कि सोनिया गाँधी भारतीय अधिकारियों, भारतीय सुरक्षा और भारतीय दूतावासों पर बिलकुल भरोसा नहीं करती हैं, और यह निश्चित ही भारत की छवि खराब करने वाली बात थी । राजीव की हत्या के बाद तो उनके विदेश प्रवास के बारे में विदेशी सुरक्षा एजेंसियाँ, एसपीजी से अधिक सूचनायें पा जाती थी और भारतीय पुलिस और रॉ उनका मुँह देखते रहते थे । (ओट्टावियो क्वात्रोची के बार-बार मक्खन की तरह हाथ से फ़िसल जाने का कारण समझ में आया ?) उनके निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज सीधे पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के सम्पर्क में रहते थे, रॉ अधिकारियों ने इसकी शिकायत नरसिम्हा राव से की थी, लेकिन जैसी की उनकी आदत (?) थी वे मौन साध कर बैठ गये ।
संक्षेप में तात्पर्य यह कि, जब एक गृहिणी होते हुए भी वे गंभीर सुरक्षा मामलों में अपने परिवार वालों को ठेका दिलवा सकती हैं, राजीव गाँधी और इंदिरा गाँधी के जीवित रहते रॉ को इटालियन जासूसों से सहयोग करने को कह सकती हैं, सत्ता में ना रहते हुए भी भारतीय सुरक्षा अधिकारियों पर अविश्वास दिखा सकती हैं, तो अब जबकि सारी सत्ता और ताकत उनके हाथों मे है, वे क्या-क्या कर सकती हैं, बल्कि क्या नहीं कर सकती । हालांकि "मैं भारत की बहू हूँ" और "मेरे खून की अंतिम बूँद भी भारत के काम आयेगी" आदि वे यदा-कदा बोलती रहती हैं, लेकिन यह असली सोनिया नहीं है । समूचा पश्चिमी जगत, जो कि जरूरी नहीं कि भारत का मित्र ही हो, उनके बारे में सब कुछ जानता है, लेकिन हम भारतीय लोग सोनिया के बारे में कितना जानते हैं ? (भारत भूमि पर जन्म लेने वाला व्यक्ति चाहे कितने ही वर्ष विदेश में रह ले, स्थाई तौर पर बस जाये लेकिन उसका दिल हमेशा भारत के लिये धड़कता है, और इटली में जन्म लेने वाले व्यक्ति का...??????????

spsu
March 1st, 2011, 12:52 PM
how intelegent u are conrates

rajpaldular
March 1st, 2011, 01:23 PM
how intelegent u are conrates

The Mills of God grinding slowly but surely.........:)

rakeshsehrawat
March 1st, 2011, 01:27 PM
Ashoo Total Post 3
SPSU total post 3
How Interesting

ravinderjeet
March 1st, 2011, 06:08 PM
वि.पी. जी कित हो ? बगाओ किम्मे जल्दी-बल्दी |

rajpaldular
March 1st, 2011, 06:16 PM
वि.पी. जी कित हो ? बगाओ किम्मे जल्दी-बल्दी |


ha ha ha ha .... Ravinder Jeet Singh Ji aapki Haryana bhasha kee kya baat hai........mazaa aa gaya.......lage raho......bahut achchha laga....

rinkusheoran
March 22nd, 2011, 08:22 AM
Me also expecting some reply from VpSingh as he has lot of knowledge about her through papers.....

narwaldeepak
March 22nd, 2011, 08:51 AM
i strongly believe that Sonia marrying Rajiv was not merely love or a coincidence, it had smethng deep in it. Mr Subrimanyam has quoted some facts for this on his blog. But accusing the political head of a nation tht too of a capacity lke India, to be an agent of some KGB , that too with baseless ideology , isnt reasonable .
those who study international relationships know the fact well that the strategic alliance of INdian Union is now Pro America and Pro Europe , it has no sharp inclination to Russia , weakens the argument of Sonia being a Russian agent.

ravinderjeet
March 22nd, 2011, 09:07 AM
Me also expecting some reply from VpSingh as he has lot of knowledge about her through papers.....


वि.पि. जी आसनपाटी ले रे सें |

singhvp
March 22nd, 2011, 10:17 AM
वि.पि. जी आसनपाटी ले रे सें |

रविंदरजीत भाई, आसनपाटी तो ना ले राखी पर किम्मे प्रतिक्रया करण लायक सौदा हो तो मानस लिखा पढी भी करै i
म्हारे लोग्गां मैं आदत होया करै पीढी ऊथलन की i किसका छोरा कुनसे गाम ब्याह राख्या सै i फलाने नेता की बहू कौन से गाम की सै i उसका बाप के काम करै सै i आज कांग्रेस के गीत गा दिए, काल नै बीजेपी के गीत गा दिए बिना किम्मे सोचे समझे. बहोत से भाई तो न्यूं बात करण लग रहे सें कि आज ऐ Putin तैं मिल के सीधे Moscow तैं आ रहे सें सारी जाँच पड़ताल करके. किसे नें अमरीका का agent बता दे सें आर किसे नें रूस का. एक आध नै तो न्यू भी न बेरा होगा के सोविएत संघ के कई टुकड़े होगे आर इब KGB नै कोए ना बूझता.

कोई नीतिगत बात हो तो कुछ चर्चा करने का फायदा भी है . न्यू सब नै बेरा सै आज के दिन भारतवर्ष में जितनी राजनैतिक पार्टियाँ हैं वो काले धन के नीचे दबी पड़ी सें क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में बिना दो नंबर के पैसे और गुंडागर्दी के कोई भी पार्टी मैदान में टिक नहीं सकती i तभी तो बेचारे communist इमानदारी का ढोल पीटते पीटते बूढ़े होगे पर बंगाल, त्रिपुरा आर केरला तैं बाहर अपनी जगह नहीं बना पाए.
ये आड़े दो चार गाभरू बिना ऐ किम्मे सोचे समझे कुछ भी कह देते हैं और किसी पर कोई राजनैतिक लेबल चिपका देते हैं बिना किसी को जाने पहचाने . इनके हिसाब से तो जो कांग्रेस को या सोनिया को दो चार भद्दी और बेहूदी गाली ना देता हो वो समझो के कांग्रेस का पक्का माणस सै. जरूरत तैं ज्यादा knowledge आर घणी सयानपत्ति सब तैं के हज़म होया करे .

singhvp
March 22nd, 2011, 10:31 AM
i strongly believe that Sonia marrying Rajiv was not merely love or a coincidence, it had smethng deep in it.
भाई दीपक सीधी सी बात सै छोरी सुथरी घणी थी उस टेम मैं, छोरे कै पसंद आगी आर दोनों प्रेम जाल मैं फंस गे फेर ब्याह होग्या. Rest is history.

singhvp
March 22nd, 2011, 12:02 PM
ha ha ha ha .... Ravinder jeet singh ji aapki haryana bhasha kee kya baat hai........mazaa aa gaya.......lage raho......bahut achchha laga....

राजपाल जी, रोहतक जिले का माणस हरयाणवी नहीं बोल्लैगा तो के फ्रेंच बोल्लैगा i

rinkusheoran
March 22nd, 2011, 08:03 PM
Rathee to khudh INSO k member hain to unka to Sonia aur congress k khilaf bolna lajmi hai chahe karan ho ya na ho , vaise VP ji always give news based on facts unlike TOI, good to read your post VPji.

anoj
March 22nd, 2011, 10:29 PM
Dear Friend,Till the time we dont have enough evidences to proove same we should avoid such allegation be it sonia or some one else

Fateh
March 29th, 2011, 12:35 PM
Bhai VP, WHICH SIDE DO YOU CONSIDER HER BEAUTY? it is different that Rajiv liked her but she was never a beaty. I DO AGREE THAT WITHOUT ANY PROOF ONE CANNOT BLAME ANY BODY, but dear there are certain circomstances due to which doubts about her do rise in mind of nation lovers. They are not jats who talk about sonia but at many occasions even media has expressed certain doubts about her. I personally feel the way things are happenning, the nation is moving towards very dangerous situation, weather due to her or others, but we are moving towards a big problem. I also donot agree that KGB OR RUSSIA has anything with sonia but certain forces from Itali & USA seems to be close. certain points for your kind consideration please,
a) Let us face the facts - she is not beautiful, not from very reach/high family, not very educated & didnot held any big post but still hooked a very handsom young man from no1 family of India- love or something else
b) Indiraji was very intelligent & worldliwise, she didnot accept her in her house for many years, I donnot think she was against love marriage or what ?
c) May be co-insidance but howmany times
1) once she came to the family after some time Sanjay met unnatural death, Indiraji, Rajiv, Poilet, Sindhia & Jitenderprashad all left and died unnatural death, after that against all odds the way she has managed things in her favour, brought mionerity communities & poor/Barsati leaders in power, the way she captured party funds etc, do indicate that either she has some supernatural power or some unknown power is helping her. Things are not normal in the country and simple & less aware people like us , bound to get afraide/ doubtful. Anyway this is all part of a discussion only no blame to anybody.

rinkusheoran
March 30th, 2011, 08:22 AM
i dont know about any supenatural power but the current power she has is given by people of India who are old enough to understand what they are doing. somewhere i read..majority means all the fools are on same side so do we consider all the people who voted for congress are fools :rolleyes: n i just want to understand why it is the people from opposition parties who most of the time raise these issue? ( i.e -thread is started by INSO member) people will not say anything on JAT reservation or the infrastructure issues or power crisis that our farmers are facing or the rate of food crops but leave no stone unturned to accuse Sonia of blasphemy or traitor or any problem that happen here :)

Fateh
March 30th, 2011, 01:14 PM
Requested to re-read, try to understand and than comment.

rinkusheoran
April 2nd, 2011, 04:30 AM
i commented what i felt after going through all the threads n it reply to some your questions as well.

Fateh
April 2nd, 2011, 10:29 AM
Beti, if this is your understanding than I have no further comments But donnot feel bad on jat reservation, try to understand this requiremenmt also.

rinkusheoran
April 5th, 2011, 07:27 AM
Beti, if this is your understanding than I have no further comments But donnot feel bad on jat reservation, try to understand this requiremenmt also.

thanks for calling me Beti however Beta would have been better as me a boy :) n i think u again misunderstood what i said.

ravinderjeet
April 5th, 2011, 10:06 AM
thanks for calling me Beti however Beta would have been better as me a boy :) n i think u again misunderstood what i said.

भाई इस्से बेमतलब के नाम धरोगे तो नु-ए होवेगा | टिंकू ,पिंकू ,टोमी, टोनी

Fateh
April 5th, 2011, 11:00 AM
thanks for calling me Beti however Beta would have been better as me a boy :) n i think u again misunderstood what i said.

Rinku Beta, I am very sorry, I was realy under the impression that you are a sweat Bitia, anyway there is no difference, a chield is a chiled, please take it lighter side. I always give perference to my daughter than my son.

VivekGathwala
April 6th, 2011, 02:09 AM
thanks for calling me beti however beta would have been better as me a boy :) n i think u again misunderstood what i said.



beti plz go & sleep ..hahahahhahahahahahah

rajpaldular
April 12th, 2011, 12:25 PM
To know more about Sonia You should follow the page :
Do You Know Your Sonia ?
by Dr. Subramanian Swamy.
You may visit this page : http://janataparty.org/sonia.html (http://janataparty.org/sonia.html)
Thank you.

Fateh
May 16th, 2011, 04:39 PM
To know more about Sonia You should follow the page :
Do You Know Your Sonia ?
by Dr. Subramanian Swamy.
You may visit this page : http://janataparty.org/sonia.html (http://janataparty.org/sonia.html)
Thank you.


After reading the swamys point of view, I think mr rathee is right in his apprehention about sonia gandhi. Indians must wakeup at the earliest

wadomor1
May 30th, 2011, 01:59 PM
Bhai Ke Beech Main Chitthi Diya karda isi pakki garanti leva sa, Junsa intni kaani Likh gya oh to bola.. Isqhe ke garantar saache..

wadomor1
May 30th, 2011, 02:08 PM
Bhai Sheoran Saheb,
INSO member ne thread bheja ya NSUI member ne, replies mein kahin to sach aa raha hai...

wadomor1
May 30th, 2011, 02:14 PM
Chalo personal comment chhod dete hain... Aap... Kay kahte hain, Adarsh Sosiety Scam, CWG Scam, 2G Scam...??.... ye to INSO dwara raised question nahin hai...

rinkusheoran
June 1st, 2011, 06:03 AM
भाई इस्से बेमतलब के नाम धरोगे तो नु-ए होवेगा | टिंकू ,पिंकू ,टोमी, टोनी

Ravinder , tanne paida hote hi apna naam khud dhara tha k ???

rinkusheoran
June 1st, 2011, 06:09 AM
Bhai Sheoran Saheb,
INSO member ne thread bheja ya NSUI member ne, replies mein kahin to sach aa raha hai...

Mor sahab, me not against anyone or supporter of any party. Why these people dont raise these issue at the time of election or not taking these things at the ground level that is my question. Why people keep voting for congress with her at helm and when these things are true, even if 1%? telling a problem is always easy but telling a solution with the problem is another thing. Our political parties and there agenda are always subjective i.e we will create 10k jobs but when you ask them how they dont know. so be it INSO or NSUI or ABVP they dont answer questions they finger point and so are there parent parties.

ravinderjeet
June 1st, 2011, 08:04 AM
Ravinder , tanne paida hote hi apna naam khud dhara tha k ???

किस्से ने भी धरया हो | गलती धरनिये की स | महारा एक रिश्तेदार स आड़े मुंबई में | उह का नाम उनके घर्क्याँ ने धर्या, हनी(हनी लोहचब ) ,वो नोकरी भी लाग लिया इब्ब वो जित भी जावे स सब थां उह पे उह्का असली नाँ बूझें सें अक ना यो तो ऊँ कहंदे होंगे तू आपणा सही नाँ बता | जब उह का नाँ यो हनी धरया था जब भी मन्ने कही थी अक इससे बेमतलब के नाँ ना धरया करें पर उह के माँ बाप माने कोणी | इब्ब वो खुद आपने घर्क्याँ नु कहवे से अक यो के नाँ धरया | ५०० रपिये लागे सें सरकारी गजट में नाम बदला जा स |

rajpaldular
June 10th, 2011, 04:38 PM
तीन झूठ
कांग्रेस पार्टी और खुद सोनिया गांधी अपनी पृष्ठभूमि के बारे में जो बताते हैं , वो तीन झूठों पर टिका हुआ है। पहला ये है कि उनका असली नाम अंतोनिया है न की सोनिया। ये बात इटली के राजदूत ने नई दिल्ली में 27 अप्रैल 1973 को लिखे अपने एक पत्र में जाहिर की थी। ये पत्र उन्होंने गृह मंत्रालय को लिखा था , जिसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। ...सोनिया का असली नाम अंतोनिया ही है , जो उनके जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार एकदम सही है।

सोनिया ने इसी तरह अपने पिता का नाम स्टेफनो मैनो बताया था। वो दूसरे वल्र्ड वार के समय रूस में युद्ध बंदी थे। स्टेफनो नाजी आर्मी के वालिंटियर सदस्य थे। बहुत ढेर सारे इतालवी फासिस्टों ने ऐसा ही किया था। सोनिया दरअसल इतालवी नहीं बल्कि रूसी नाम है। सोनिया के पिता रूसी जेलों में दो साल बिताने के बाद रूस समर्थक हो गये थे। अमेरिकी सेनाओं ने इटली में सभी फासिस्टों की संपत्ति को तहस-नहस कर दिया था।

सोनिया ओरबासानो में पैदा नहीं हुईं , जैसा की उनके बायोडाटा में दावा किया गया है। इस बायोडाटा को उन्होंने संसद में सासंद बनने के समय पर पेश किया था , सही बात ये है कि उनका जन्म लुसियाना में हुआ। शायद वह इस जगह को इसलिए छिपाने की कोशिश करती हैं ताकि उनके पिता के नाजी और मुसोलिनी संपर्कों का पता नहीं चल पाये और साथ ही ये भी उनके परिवार के संपर्क इटली के भूमिगत हो चुके नाजी फासिस्टों से युद्ध समाप्त होने तक बने रहे। लुसियाना नाजी फासिस्ट नेटवर्क का मुख्यालय था , ये इटली-स्विस सीमा पर था। इस मायनेहीन झूठ का और कोई मतलब नहीं हो सकता।

तीसरा सोनिया गांधी ने हाईस्कूल से आगे की पढ़ाई कभी की ही नहीं , लेकिन रायबरेली से चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने अपने चुनाव नामांकन पत्र में उन्होंने ये झूठा हलफनामा दायर किया कि वो अंग्रेजी में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डिप्लोमाधारी हैं। ये हलफनामा उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान रायबरेली में रिटर्निंग ऑफिसर के सम्मुख पेश किया था।

इससे पहले 1989 में लोकसभा में अपने बायोग्राफिकल में भी उन्होंने अपने हस्ताक्षर के साथ यही बात लोकसभा के सचिवालय के सम्मुख भी पेश की थी , जो की गलत दावा था। बाद में लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने इसे मानते हुए इसे टाइपिंग की गलती बताया।

सही बात ये है कि श्रीमती सोनिया गांधी ने कभी किसी कालेज में पढाई की ही नहीं। वह पढ़ाई के लिए गिवानो के कैथोलिक नन्स द्वारा संचालित स्कूल मारिया आसीलेट्रिस गईं , जो उनके कस्बे ओरबासानों से 15 किलोमीटर दूर था। उन दिनों गरीबी के चलते इटली की लड़कियां इन मिशनरीज में जाती थीं और फिर किशोरवय में ब्रिटेन ताकि वहां वो कोई छोटी-मोटी नौकरी कर सकें। मैनो उन दिनों गरीब थे। सोनिया के पिता और माता की हैसियत बेहद मामूली थी और अब वो दो बिलियन पाउंड की अथाह संपत्ति के मालिक हैं। इस तरह सोनिया ने लोकसभा और हलफनामे के जरिए गलत जानकारी देकर आपराधिक काम किया है , जिसके तहत न केवल उन पर अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है बल्कि वो सांसद की सदस्यता से भी वंचित की जा सकती हैं। ये सुप्रीम कोर्ट की उस फैसले की भावना का भी उल्लंघन है कि सभी उम्मीदवारों को हलफनामे के जरिए अपनी सही पढ़ाई-लिखाई से संबंधित योग्यता को पेश करना जरूरी है।

इस तरह ये सोनिया गांधी के तीन झूठ हैं , जो उन्होंने छिपाने की कोशिश की। कहीं ऐसा तो नहीं कि कतिपय कारणों से भारतीयों को बेवकूफ बनाने के लिए उन्होंने ये सब किया। इन सबके पीछे उनके उद्देश्य कुछ अलग थे। अब हमें उनके बारे में और कुछ भी जानने की जरूरत है।

rinkusheoran
June 12th, 2011, 04:42 AM
किस्से ने भी धरया हो | गलती धरनिये की स | महारा एक रिश्तेदार स आड़े मुंबई में | उह का नाम उनके घर्क्याँ ने धर्या, हनी(हनी लोहचब ) ,वो नोकरी भी लाग लिया इब्ब वो जित भी जावे स सब थां उह पे उह्का असली नाँ बूझें सें अक ना यो तो ऊँ कहंदे होंगे तू आपणा सही नाँ बता | जब उह का नाँ यो हनी धरया था जब भी मन्ने कही थी अक इससे बेमतलब के नाँ ना धरया करें पर उह के माँ बाप माने कोणी | इब्ब वो खुद आपने घर्क्याँ नु कहवे से अक यो के नाँ धरया | ५०० रपिये लागे सें सरकारी गजट में नाम बदला जा स |

Mera to naam garbare lagya aapne aur kisi ki sakal garbar ho to :)
Dont bother about my name, i never complained like your relative why this name was given to me so tell him this thing that he can change it.

jakharanil
June 12th, 2011, 10:37 AM
पति की हत्या होने के पश्चात कोंग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति अपनी घृणा और अविश्वास को इन शब्दों में व्यक्त किया कि मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूँगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूँगी। काफ़ी समय तक राजनीति में कदम न रख कर उन्होंने अपने बेटे और बेटी का पालन पोषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A 4%BE_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80


the lady ruling our nation is an Agent of KGB(national security agency of Russia)...
and the worst thing is many of Us are not able to know and understand the whole game planned by the KGB...

Hamara desh KGB key ishaaron par naach raha hai..aur Sonia auntie nacha rahi hai..aur hum khushi sey naach bhi rahey hain... :(

urmiladuhan
June 12th, 2011, 10:48 AM
पति की हत्या होने के पश्चात कोंग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति अपनी घृणा और अविश्वास को इन शब्दों में व्यक्त किया कि मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूँगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूँगी। काफ़ी समय तक राजनीति में कदम न रख कर उन्होंने अपने बेटे और बेटी का पालन पोषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A 4%BE_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80

I admire Sonia Gandhi for the courage she has shown in the face of all kinds of challenges she has faced in her political and personal life. Moreover, she keeps her health in such good shape!

Regards,

Urmila.

rajpaldular
June 14th, 2011, 05:41 PM
पति की हत्या होने के पश्चात कोंग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति अपनी घृणा और अविश्वास को इन शब्दों में व्यक्त किया कि मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूँगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूँगी। काफ़ी समय तक राजनीति में कदम न रख कर उन्होंने अपने बेटे और बेटी का पालन पोषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A 4%BE_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80

पति की हत्या होने के पश्चात सोनिया को इटली चले जाना चाहिए था, पर गयी नहीं वो इसलिए कि उसको एक "five star' सुविधाओं में रहने की आदत हो गयी थी, और हमारे काले अंग्रेजों (कांग्रेस के नेताओं) ने देखा कि यदि सोनिया चली गयी तो कांग्रेस के इतने टुकड़े हो जायेंगे कि गिन भी नहीं पाएंगे और हमारी दुकान बंद हो जाएगी. सब काले अंग्रेज सोनिया के पैरों में नाक रगड़ - रगड़ कर भारत में रहने के लिए विवश कर दिया, और इस प्रकार भारत का सर्वनाश कर दिया. एक पुस्तक भी लिखी गयी है, "Red Saree ', हर भारतीय को इस पुस्तक का एक बार अवश्य अध्ययन करना चाहिए, इस पुस्तक को पढेंगे तो आँखे फटी की फटी रह जाएँगी.

rinkusheoran
June 15th, 2011, 08:12 AM
"Red Saree ', .

where we can a copy of this?

rajpaldular
June 20th, 2011, 04:14 PM
where we can a copy of this?


ye India me nahi milegi, Rinku ji aap to America me ho, vahan aapko easily mil jayegi.

rajpaldular
June 20th, 2011, 04:37 PM
पिछले तीन वर्ष में सोनिया की सरकारी ऐश का सुबूत

मित्रों सोनिया गाँधी के उपर सरकार ने पिछले तीन वर्ष में जितनी रकम उनकी निजी विदेश यात्राओं पर की है उतना खर्च तो प्रधानमंत्री ने भी नहीं किया है ..एक सूचना के अनुसार पिछले तीन वर्षों में सरकार ने लगभग एक हज़ार आठ सौ अस्सी करोड रूपये सोनिया के विदेश दौरे के उपर व्यय किये हैं ..कैग ने इस पर आपति भी व्यक्त की थी तो दो अधिकारियो का स्थानांतरण कर दिया गया .अब इस पर एक पत्रकार रमेश वर्मा ने सरकार से आर टी आई के तहत निम्न जानकारी मांगी है :-

१- सोनिया के उपर पिछले तीन वर्ष में कुल कितने रूपये सरकार ने उनकी विदेश यात्रा के लिए व्यय की है ?
२- क्या ये यात्रायें सरकारी थी ? - यदि सरकारी थी तो फिर उन यात्राओ से इस देश को क्या लाभ हुआ?
३- भारत के संविधान में सोनिया की हैसियत एक सांसद की है तो फिर उनको प्रोटोकॉल में एक राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा कैसे मिला है ?
४- सोनिया गाँधी आठ बार अपनी बीमार माँ को देखने न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में गयी जो कि उनकी एक निजी यात्रा थी फिर हर बार हिल्टन होटल में चार महंगे सुइट भारतीय दूतावास ने क्यों सरकारी पैसे से बुक करवाए?
५- इस देश के प्रोटोकॉल के अनुसार केवल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ही विशेष विमान से अपने लाव लश्कर के साथ विदेश यात्रा कर सकते हैं तो फिर एक सांसद को विशेष सरकारी विमान लेकर विदेश यात्रा की अनुमति क्यों दी गयी?
६- सोनिया गाँधी ने पिछले तीन वर्ष में कितनी बार इटली और vatican की यात्रायें की है ?

मित्रों कई बार प्रयास करने के पश्चात भी जब सरकार की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला तो थक हारकर केंद्रीय सूचना आयोग में अपील करनी पड़ी .केन्द्रीय सूचना आयोग प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय के गलत रवैये से हैरान हो गया .और उसने प्रधानमंत्री के उपर बहुत ही सख्त टिपण्णी की ..केन्द्रीय सूचना आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी दौरों पर उस पर खर्च हुए पैसे को सार्वजनिक करने को कहा है. सीआईसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इसके निर्देश भी दिए हैं. हिसार के एक आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से सोनिया गांधी के विदेशी दौरों, उन पर खर्च, विदेशी दौरों के उद्देश्य और दौरों से हुए लाभ के बारे में जानकारी मांगी है. 26 फरवरी 2010 को प्रधानमंत्री कार्यालय को वर्मा की याचिका मिली, जिसे पीएमओ ने 16 मार्च 2010 को विदेश मंत्रालय को भेज दिया. 26 मार्च 2010 को विदेश मंत्रालय ने याचिका को संसदीय कार्य मंत्रालय के पास भेज दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय के इस ढ़ीले रवैए पर रोष जताते हुए मुख्य सूचना आयुक्त सत्येन्द्र मिश्रा ने निर्देश दिया कि भविष्य में याचिका को संबंधित मंत्रालय ही भेजा जाए. वर्मा ने पीएमओ के सीपीआईओ को याचिका दी थी. सीपीआईओ को यह याचिका संबंधित मंत्रालय को भेजनी चाहिए थी. आखिर सोनिया की विदेश यात्राओ में वो कौन सा राज छुपा है जो इस देश के " संत " प्रधानमंत्री इस देश की जनता को बताना नहीं चाहते ?

navdeepkhatkar
June 20th, 2011, 04:44 PM
पिछले तीन वर्ष में सोनिया की सरकारी ऐश का सुबूत

मित्रों सोनिया गाँधी के उपर सरकार ने पिछले तीन वर्ष में जितनी रकम उनकी निजी विदेश यात्राओं पर की है उतना खर्च तो प्रधानमंत्री ने भी नहीं किया है ..एक सूचना के अनुसार पिछले तीन वर्षों में सरकार ने लगभग एक हज़ार आठ सौ अस्सी करोड रूपये सोनिया के विदेश दौरे के उपर व्यय किये हैं ..कैग ने इस पर आपति भी व्यक्त की थी तो दो अधिकारियो का स्थानांतरण कर दिया गया .अब इस पर एक पत्रकार रमेश वर्मा ने सरकार से आर टी आई के तहत निम्न जानकारी मांगी है :-

१- सोनिया के उपर पिछले तीन वर्ष में कुल कितने रूपये सरकार ने उनकी विदेश यात्रा के लिए व्यय की है ?
२- क्या ये यात्रायें सरकारी थी ? - यदि सरकारी थी तो फिर उन यात्राओ से इस देश को क्या लाभ हुआ?
३- भारत के संविधान में सोनिया की हैसियत एक सांसद की है तो फिर उनको प्रोटोकॉल में एक राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा कैसे मिला है ?
४- सोनिया गाँधी आठ बार अपनी बीमार माँ को देखने न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में गयी जो कि उनकी एक निजी यात्रा थी फिर हर बार हिल्टन होटल में चार महंगे सुइट भारतीय दूतावास ने क्यों सरकारी पैसे से बुक करवाए?
५- इस देश के प्रोटोकॉल के अनुसार केवल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ही विशेष विमान से अपने लाव लश्कर के साथ विदेश यात्रा कर सकते हैं तो फिर एक सांसद को विशेष सरकारी विमान लेकर विदेश यात्रा की अनुमति क्यों दी गयी?
६- सोनिया गाँधी ने पिछले तीन वर्ष में कितनी बार इटली और vatican की यात्रायें की है ?

मित्रों कई बार प्रयास करने के पश्चात भी जब सरकार की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला तो थक हारकर केंद्रीय सूचना आयोग में अपील करनी पड़ी .केन्द्रीय सूचना आयोग प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय के गलत रवैये से हैरान हो गया .और उसने प्रधानमंत्री के उपर बहुत ही सख्त टिपण्णी की ..केन्द्रीय सूचना आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी दौरों पर उस पर खर्च हुए पैसे को सार्वजनिक करने को कहा है. सीआईसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इसके निर्देश भी दिए हैं. हिसार के एक आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से सोनिया गांधी के विदेशी दौरों, उन पर खर्च, विदेशी दौरों के उद्देश्य और दौरों से हुए लाभ के बारे में जानकारी मांगी है. 26 फरवरी 2010 को प्रधानमंत्री कार्यालय को वर्मा की याचिका मिली, जिसे पीएमओ ने 16 मार्च 2010 को विदेश मंत्रालय को भेज दिया. 26 मार्च 2010 को विदेश मंत्रालय ने याचिका को संसदीय कार्य मंत्रालय के पास भेज दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय के इस ढ़ीले रवैए पर रोष जताते हुए मुख्य सूचना आयुक्त सत्येन्द्र मिश्रा ने निर्देश दिया कि भविष्य में याचिका को संबंधित मंत्रालय ही भेजा जाए. वर्मा ने पीएमओ के सीपीआईओ को याचिका दी थी. सीपीआईओ को यह याचिका संबंधित मंत्रालय को भेजनी चाहिए थी. आखिर सोनिया की विदेश यात्राओ में वो कौन सा राज छुपा है जो इस देश के " संत " प्रधानमंत्री इस देश की जनता को बताना नहीं चाहते ?

these are some facts we should know .. but i don't think that we will ever be able to get the answers for these questions.

rajpaldular
July 16th, 2011, 12:00 PM
pls read my new thread...

rajpaldular
July 16th, 2011, 12:04 PM
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सामने जब सोनिया गांधी ने सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया, तो वो असमंजस में थे. ये 17 मई 2004 का दिन था. तब इस मामले में कई संवैधानिक अड़चनें थीं और कलाम इस पर परामर्श लेना चाहते थे. मीडिया के तमाम हाइप के बावजूद वो तब सौ करोड़ से अधिक लोगों के इस देश की प्रधानमंत्री नहीं बन पाईं. मैं यही कहूंगा कि ये संयोग था कि हमारी राष्ट्रीयता की अस्मिता की तब रक्षा हुई और इस पर खरोंच लगने से बच गई. इसके पश्चात ये स्वर भी उठे कि भला किस तरह लोकतांत्रिक विधि से और संवैधानिक विधि से सोनिया गांधी को किसी सार्वजनिक पद से दूर रखा जा सकता है.

मेरा सोनिया गांधी से विरोध केवल इसलिए नहीं है कि वो इतालवी हैं और इटली में जन्मी हैं. किसी भी लोकतांत्रिक देश में, जिसमें इटली भी सम्मिलित है इस प्रकार का मुद्दा उठ ही नहीं पाता कि किसी विदेशी मूल के व्यक्ति को किस प्रकार से देश का प्रमुख होने से रोका जाये, क्योंकि वहां संविधान में पहले से ही इस बात की साफ-साफ व्यवस्था की जा चुकी है. उनके कानून में साफ लिखा है कि जिस व्यक्ति का यहां जन्म हुआ होगा वही यहां का प्रमुख बन सकता है. भारत में इस प्रकार का कोई कानून नहीं है परन्तु मेरी जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति ने भारतीय सिटिजनशिप एक्ट (1855) के सेक्शन पांच के तहत काम किया. किसी विदेशी का भारतीय नागरिक के तौर पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए वही स्थिति अपनानी चाहिए थी जो कि इटली में होती है. ऐसे में श्रीमती गांधी पर भी वह नियम लागू होना चाहिए था जो कि किसी भारतीय के इटली में नागरिकता प्राप्त करने के लिए होता है.

राष्ट्रपति ने 17 मई 2004 की दोपहर श्रीमती गांधी को सूचित किया यदि वह स्वयं अपनी सरकार बनाने पर जोर देंगी तो वह पहले एक बात को स्पष्ट करना चाहेंगे, जो सुप्रीम कोर्ट के रिफरेंस में होगा कि उनके प्रधानमंत्री बनने को लेकर विदेशी मूल के मामले पर चुनौती तो नहीं दी जा सकती है. राष्ट्रपति की ये रिपोर्ट एकदम सही थी. मैंने इस संबंध में दो दिन पहले ही अर्थात 15 मई 2004 को एक याचिका दायर कर रखी थी कि सोनिया गांधी की नागरिकता कंडीशनल है और इस स्थिति में वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं.

राष्ट्रपति ने मुझे 17 मई 2004 की दोपहर मिलने के लिए बुलाया. उसमें मुझसे राय मांगी गई. मैंने उनसे कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट में इस असंवैधानिक नियुक्ति का विरोध करूंगा, जैसा कि मैंने 2001 में भी किया था, जब जयललिता को तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.

खैर हम अब सोनिया गांधी की ओर लौटते हैं और पहले ये जानते हैं कि सोनिया गांधी कौन हैं, उनसे, उनके परिवार और इटली के मित्रों से क्या खतरे हैं? बहुत कम लोग उनके अतीत के बारे में जानते हैं. उनका असली नाम एडविग एंतोनिययो अल्बिना मैनो है और जानेंगे उन झूठ बातों के बारे में जो सोनिया से जुड़ी हैं. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि भारतीय लोग सोनिया के बारे में कुछ नहीं जानते और वो किन लोगों से सम्बन्ध रखती हैं? यहां तक भारत में जन्मे हुए नागरिक के बारे में भी कई बार हमें उसकी सही सही पृष्ठभूमि के बारे में ज्ञात नहीं हो पाता तो ऐसे में एक विदेशी के बारे में जानना जो बहुत छोटी सी जगह से सम्बन्ध रखता हो, वास्तव में बहुत कठिन है.

तीन झूठ:-


कांग्रेस पार्टी एवं स्वयं सोनिया गांधी अपनी पृष्ठभूमि के बारे में जो बताते हैं, वो तीन झूठों पर टिका हुआ है.

पहला ये है कि उनका असली नाम अंतोनिया है न कि सोनिया. ये बात इटली के राजदूत ने नई दिल्ली में 27 अप्रैल 1973 को लिखे अपने एक पत्र में स्पष्ट की थी. ये पत्र उन्होंने गृह मंत्रालय को लिखा था, जिसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. सोनिया का वास्तविक नाम अंतोनिया ही है , जो उनके जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार एकदम सही है. सोनिया ने इसी प्रकार अपने पिता का नाम स्टेफनो मैनो बताया था. वो दूसरे वर्ल्ड वार के समय रूस में युद्ध बंदी थे. स्टेफनो नाजी आर्मी के वालिंटियर सदस्य थे. बहुत ढेर सारे इतालवी फासिस्टों ने ऐसा ही किया था. सोनिया वास्तव में इतालवी नहीं अपितु रूसी नाम है. सोनिया के पिता रूसी जेलों में दो वर्ष व्यतीत करने के पश्चात रूस समर्थक हो गये थे. अमेरिकी सेनाओं ने इटली में सभी फासिस्टों की संपत्ति को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था.

सोनिया का ओरबासानो में जन्म नहीं हुआ, जैसा कि उनके बायोडाटा में घोषणा की गयी है. इस बायोडाटा को उन्होंने संसद में सासंद बनने के समय पर प्रस्तुत किया था, सत्य बात ये है कि उनका जन्म लुसियाना में हुआ. संभवतः वह इस स्थान को इसलिए छिपाने का प्रयास करती हैं जिससे कि उनके पिता के नाजी और मुसोलिनी संपर्कों का पता नहीं चल पाये और साथ ही ये भी उनके परिवार के संपर्क इटली के भूमिगत हो चुके नाजी फासिस्टों से युद्ध समाप्त होने तक बने रहे. लुसियाना नाजी फासिस्ट नेटवर्क का मुख्यालय था, ये इटली-स्विस सीमा पर था. इस अर्थ हीन झूठ का और कोई आशय नहीं हो सकता.

Contd.

rajpaldular
July 16th, 2011, 12:14 PM
तीसरा सोनिया गांधी ने हाईस्कूल से आगे की पढ़ाई कभी की ही नहीं, परन्तु रायबरेली से चुनाव लड़ने के समय उन्होंने अपने चुनाव नामांकन पत्र में उन्होंने ये असत्य हलफनामा दायर किया कि वो अंग्रेजी में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डिप्लोमाधारी हैं. ये हलफनामा उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों के समय रायबरेली में रिटर्निंग ऑफिसर के सम्मुख प्रस्तुत किया था. इससे पहले 1989 में लोकसभा में अपने बायोग्राफिकल में भी उन्होंने अपने हस्ताक्षर के साथ यही बात लोकसभा के सचिवालय के सम्मुख भी प्रस्तुत की थी, जो कि दोषपूर्ण दावा था. तत्पश्चात लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने इसे मानते हुए इसे टाइपिंग की त्रुटि बताया. सत्य बात ये है कि श्रीमती सोनिया गांधी ने कभी किसी कालेज में पढाई की ही नहीं. वह पढ़ाई के लिए गिवानो के कैथोलिक नन्स द्वारा संचालित स्कूल मारिया आसीलेट्रिस गईं, जो उनके कस्बे ओरबासानों से 15 किलोमीटर दूर था. उन दिनों निर्धनता के चलते इटली की लड़कियां इन मिशनरीज में जाती थीं और फिर किशोरवय में ब्रिटेन चली जाती जिससेवहां वो कोई छोटी-मोटी नौकरी कर सकें. मैनो उन दिनों निर्धन थे. सोनिया के पिता और माता की हैसियत अत्यंत मामूली थी और अब वो दो बिलियन पाउंड की अथाह संपत्ति के स्वामी हैं. इस प्रकार सोनिया ने लोकसभा में हलफनामे के माध्यम से दोषपूर्ण जानकारी देकर आपराधिक कार्य किया है, जिसके तहत न केवल उन पर अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है अपितु वो सांसद की सदस्यता से भी वंचित की जा सकती हैं. ये सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय की भावना का भी उल्लंघन है कि सभी प्रत्याशियों को हलफनामे के माध्यम से अपनी सही पढ़ाई-लिखाई से संबंधित योग्यता को प्रस्तुत करना आवश्यक है. इस प्रकार ये सोनिया गांधी के तीन झूठ हैं, जो उन्होंने छिपाने का प्रयास किया. कहीं ऐसा तो नहीं कि कतिपय कारणों से भारतीयों को मूर्ख बनाने के लिए उन्होंने ये सब किया. इन सबके पीछे उनके उद्देश्य कुछ अलग थे. अब हमें उनके बारे में और कुछ भी जानने की आवश्यकता है.

See Video : http://www.youtube.com/watch?v=SFMy44L9w28

सोनिया का भारत में पर्दार्पण :-

सोनिया गांधी ने इतनी इंग्लिश सीख ली थी कि वो कैम्ब्रिज टाउन के यूनिवर्सिटी रेस्टोरेंट में वैट्रेस बन गईं. वो राजीव गांधी से पहली बार तब मिलीं जब वो 1965 में रेस्टोरेंट में आये. राजीव यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट थे, परन्तु वो लंबे समय तक अपने पढ़ाई के साथ तालमेल नहीं बिठा पाये इसलिए उन्हें 1966 में लंदन भेज दिया गया, जहां उनका नामांकन इंपीरियल कालेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुआ. सोनिया भी लंदन चली आईं. मेरी सूचना के अनुसार उन्हें लाहौर के एक व्यवसायी सलमान तासिर के आउटफिट में नौकरी मिल गई. तासीर की एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी का मुख्यालय दुबई में था परन्तु वो अपना अधिक समय लंदन में व्यतीत करता था. आईएसआई से जुडे होने के लिए उसकी ये प्रोफाइल आवश्यक थी.

स्वाभाविक तौर पर सोनिया इस नौकरी से इतना पैसा कमा लेती थीं कि राजीव को लोन फंड कर सकें. राजीव, मां इंदिरा गांधी द्वारा भारत से भेजे गये पैसों से कहीं अधिक पैसे व्यय कर देते थे. इंदिरा ने राजीव की इस आदत पर मेरे सामने भी 1965 में क्रोध प्रकट किया था जब मैं हार्वर्ड में इकोनामिक्स का प्रोफेसर था. श्रीमती इंदिरा गांधी ने मुझे ब्रेंनेडिस यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में, जहां वो ठहरी थीं, व्यक्तिगत तौर पर चाय के लिए आमंत्रित किया. पीएन लेखी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में प्रस्तुत किये गये राजीव के छोटे भाई संजय को लिखे गये पत्र में स्पष्ट रूप से संकेत दिया गया है कि वह वित्तीय रूप से सोनिया के बहुत ऋणी हो चुके थे और उन्होंने संजय से अनुरोध किया था, जो उन दिनों स्वयं ब्रिटेन में थे और बहुत पैसा उड़ा रहे थे और ऋण में आकंठ डूबे हुए थे.

उन दिनों सोनिया के मित्रों में केवल राजीव गांधी ही नहीं थे अपितु माधवराव सिंधिया भी थे. सिंधिया और एक स्टीगलर नाम का जर्मन युवक भी सोनिया के अच्छे मित्रों में थे. माधवराव की सोनिया से मित्रता राजीव की सोनिया से शादी के बाद भी जारी रही. 1972 में माधवराव आईआईटी दिल्ली के मुख्य गेट के पास एक एक्सीडेंट के शिकार हुए और उसमें उन्हें बुरी तरह चोटें आईं, ये रात दो बजे की बात है, उसी समय आईआईटी का एक छात्र बाहर था. उसने उन्हें कार से निकाल कर ऑटोरिक्शा में बिठाया और साथ में घायल सोनिया को श्रीमती इंदिरा गांधी के आवास पर भेजा जबकि माधवराव सिंधिया का पैर टूट चुका था और उन्हें इलाज की आवश्यकता थी. दिल्ली पुलिस ने उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया. दिल्ली पुलिस वहां तब पहुंची जब सोनिया वहां से जा चुकी थीं. बाद के सालों में माधवराव सिंधिया व्यक्तिगत तौर पर सोनिया के बड़े आलोचक बन गये थे और उन्होंने अपने कुछ निकट मित्रों से अपनी आशंकाओं के बारे में भी बताया था. कितना दुर्भाग्य है कि वो 2001 में एक विमान दुर्घटना में मारे गये. मणिशंकर अय्यर और शीला दीक्षित भी उसी विमान से जाने वाले थे परन्तु उन्हें अंतिम क्षणों में फ्लाइट से न जाने को कहा गया. वो परिस्थितियां भी विवादों से भरी हैं जब राजीव ने ओरबासानो के चर्च में सोनिया से विवाह रचाया था, परन्तु ये प्राइवेट बातें है, इसका विवरण देना ठीक नहीं होगा. इंदिरा गांधी आरंभ में इस विवाह के अत्यंत विरूद्ध थीं, उसके कुछ कारण भी थे जो उन्हें बताये जा चुके थे. वो इस विवाह को हिन्दू रीतिरिवाजों से दिल्ली में पंजीकृत कराने की सहमति तब दी जब सोवियत समर्थक टी एन कौल ने इसके लिए उन्हें कंविंस किया, उन्होंने इंदिरा जी से कहा था कि ये विवाह भारत-सोवियत दोस्ती के वृहद इंटरेस्ट में श्रेष्ठ कदम सिद्ध हो सकती है. कौल ने भी तभी ऐसा किया जब सोवियत संघ ने उनसे ऐसा करने को कहा.

सोनिया के केजीबी कनेक्शन:-


बताया जाता है कि सोनिया के पिता के सोवियत समर्थक होने के बाद से सोवियत संघ का संरक्षण सोनिया और उनके परिवार को मिलता रहा. जब एक प्रधानमंत्री का पुत्र लंदन में एक लड़की के साथ डेटिंग कर रहा था, केजीबी जो भारत और सोवियत रिश्तों की विशेष ध्यान रखती थी, ने अपनी दृष्टि इस पर लगा दी, ये स्वाभाविक भी था, तब उन्हें पता लगा कि ये तो स्टेफनो की पुत्री है, जो उनका इटली का पुराना विश्वस्त सूत्र है. इस प्रकार केजीबी ने इस विवाह को हरी झंडी दे दी. इससे ज्ञात होता है कि केजीबी श्रीमती इंदिरा गांधी के घर में कितने अंदर तक घुसा हुआ था.
राजीव और सोनिया के सम्बन्ध सोवियत संघ के हित में भी थे, इसलिए उन्होंने इस पर कार्य भी किया. राजीव के विवाह के पश्चात मैनो परिवार को सोवियत संबंधों से विशेष लाभ भी हुआ. भारत के साथ सभी प्रकार के सोवियत सौदों, जिसमें रक्षा सौदे भी सम्मिलित थे, से उन्हें घूस के रूप में मोटी रकम मिलती रही. एक प्रतिष्ठित स्विस मैगजीन स्विट्जर इलेस्ट्रेटेड के अनुसार राजीव गांधी के स्विस बैंक अकाउंट में दो बिलियन पाउंड जमा थे, जो बाद में सोनिया के नाम हो गये. डॉ. येवगेनी अलबैट (पीएचडी , हार्वर्ड) जाने माने रूसी स्कॉलर और जर्नलिस्ट हैं तथा वो अगस्त 1981 में राष्ट्रपति येल्तिसिन द्वारा बनाये गये केजीबी कमीशन के सद्स्यों में भी थीं. उन्होंने समस्त केजीबी की गोपनीय फाइलें देखीं, जिसमें सौदों से संबंधित फाइलें भी थीं. उन्होंने अपनी पुस्तक "द स्टेट विदइन स्टेट – केजीबी इन द सोवियत यूनियन" में उन्होंने इस प्रकार की गोपनीय बातों के रिफरेंस नंबर तक दे दिये हैं, जिसे किसी भी भारतीय सरकार द्वारा क्रेमलिन से औपचारिक अनुरोध पर देखा जा सकता है.
Contd.

rajpaldular
July 16th, 2011, 12:15 PM
रूसी सरकार की 1982 में अल्बैटस से मीडिया के सामने ये सब उजागर करने पर भिङत भी हुई. उनकी बातों की सत्यता की पुष्टि रूस के आधिकारिक प्रवक्ता ने भी की. (ये हिन्दू 1982 में प्रकाशित हुई थी). प्रवक्ता ने इन वित्तीय भुगतानों की पैरवी करते हुए कहा था कि सोवियत हितों की दृष्टि से ये आवश्यक थे. इन भुगतानों में कुछ भाग मैनो परिवार के पास गया, जिससे उन्होंने कांग्रेस पार्टी की चुनावों में भी फंडिंग की.

1981 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो परिस्थितियां श्रीमती सोनिया गांधी के लिए परिवर्तित हो गयी. उनका संरक्षक देश 16 देशों में विभाजित हो गया. अब रूस वित्तीय रूप से खोखला हो चुका था तथा अव्यवस्थाएं अलग थीं. इसलिए श्रीमती सोनिया गांधी ने अपनी निष्ठाएं बदल लीं और किसी और कम्युनिस्ट देश के निकट हो गईं, जो रूस का विरोधी है. रूस के वर्तमान प्रधानमंत्री व इससे पहले वहां के राष्ट्रपति रहे पुतिन एक जमाने में केजीबी के बड़े अधिकारी थे. जब डा. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो रूस ने अपने करियर डिप्लोमेट राजदूत को नई दिल्ली से वापस बुला लिया और तुरंत उसके पद पर नये राजदूत को नियुक्त किया, जो नई दिल्ली में 1960 के दशक में केजीबी का स्टेशन चीफ हुआ करता था.

इस मामले में डॉ. अल्बैट्स का रहस्योदघाटन समझ में आता है कि नया राजदूत सोनिया के केजीबी के संपर्कों के बारे में श्रेष्ठ रूप से जानता था. वो सोनिया से स्थानीय संपर्क का काम कर सकता था. नई सरकार सोनिया के इशारों पर ही चलती है और उनके माध्यम से आने वाली रूसी मांगों को अनदेखा भी नहीं कर सकती. क्या इससे ये नहीं लगता कि ये भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक भी हो सकता है?

वर्ष 2001 में मैंने दिल्ली में एक रिट याचिका दायर की, जिसमें केजीबी डाक्यूमेंट्स की फोटोकापियां भी थीं और इसमें मैंने सीबीआई जांच की मांग की थी परन्तु वाजपेयी सरकार ने इसे निरस्त कर दिया. इससे पहले सीबीआई विभाग को देखने वाली गृह राज्य मंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने मेरे 3 मार्च 2001 के पत्र पर सीबीआई जांच का आदेश भी दे दिया था परन्तु इस मामले पर सोनिया और उनकी पार्टी ने संसद की कार्यवाही रोक दी. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने वसुधरा की जांच के आदेश को निरस्त कर दिया. मई 2002 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक दिशा निर्देश issue किया कि वो रूस से पता करे कि सत्यता क्या है? रुसियों ने ऐसी किसी पूछताछ का कोई उत्तर नहीं दिया किन्तु प्रश्न ये है कि किसने सीबीआई को इस मामले पर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था? वाजपेयी सरकार ने, पर क्यों? इसकी भी एक कहानी है. अब सोनिया ड्राइविंग सीट पर हैं और सीबीआई की स्वायत्ता लगभग समाप्त सी हो चुकी है.

सोनिया और भारत के कानूनों का हनन :-

सोनिया के राजीव से विवाह के पश्चात वह और उनके इतालवी परिवार को उनके दोस्त और स्नैम प्रोगैती के नई दिल्ली स्थित प्रतिनिधि आटोवियो क्वात्रोची से सहायता मिली. देखते ही देखते मैनो परिवार इटली में निर्धनता से उठकर बिलियोनायर हो गया. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं था जिसे छोड़ा गया. 19 नवंबर 1964 को नये सांसद के तौर पर मैंने प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी से संसद में पूछा क्या उनकी बहू पब्लिक सेक्टर की इंश्योरेंस के लिए इंश्योरेंस एजेंट का काम करती है (ओरिएंट फायर एंड इंश्योरेंस) और वो भी प्रधानमंत्री हाउस के पते पर और उसके माध्यम से अपने प्रभाव का प्रयोग करके पीएमओ के अधिकारियों का इंश्योरेंस करती हैं? जबकि वो अभी इतालवी नागरिक ही हैं (ये फेरा के उल्लंघन का मामला भी था). संसद में हंगामा हो गया. कुछ दिनों के पश्चात एक लिखित उत्तर में उन्होंने इसे स्वीकार किया और कहा हां ऐसा हुआ था और ऐसा गलती से हुआ था परन्तु अब सोनिया गांधी ने इंश्योरेंस कंपनी से त्यागपत्र दे दिया है.

जनवरी 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी पुनः सत्ता में लौटीं और सोनिया ने पहला काम किया और ये था स्वयं को वोटर लिस्ट में सम्मिलित कराने का. ये नियमों और कानूनों का सरासर उल्लंघन था. इस आधार पर उनका वीसा भी निरस्त किया जा सकता था तब तक वो इतालवी नागरिक के रूप में कागजों में दर्ज थीं. जब मीडिया ने इस पर हल्ला मचाया तो मुख्य निर्वाचक अधिकारी ने उनका नाम 1972 में डिलीट कर दिया. परन्तु जनवरी 1973 में उन्होंने फिर से स्वयं को एक वोटर के रूप में दर्ज कराया जबकि वो अभी भी विदेशी ही थीं और उन्होंने पहली बार भारतीय नागरिकता के लिए अप्रैल 1973 में आवेदन किया था.
Contd.

rajpaldular
July 16th, 2011, 12:16 PM
सोनिया गांधी आधुनिक रॉबर्ट क्लाइव :-

मोटे रूप में कहा जा सकता है कि सोनिया गांधी भारतीय कानूनों का सम्मान नहीं करतीं. यदि कभी उन्हें किसी मामले में दोषपूर्ण पाया गया अथवा कठघरे में खडा किया गया तो वो सदैव इटली भाग सकती हैं. पेरू में राष्ट्रपति फूजीमोरी जो स्वयं को पेरू में जन्मे हुए बताते थे, जब भ्रष्टाचार के मामले में फंसे और उन पर अभियोग चलने लगा तो वो जापान दौड़ गये और जापानी नागरिकता के लिए दावा पेश कर दिया. 1977 में जब जनता पार्टी ने चुनावों में कांग्रेस को पराजित कियाऔर नई सरकार बनाई तो सोनिया अपने दोनों बच्चों के साथ नई दिल्ली के इतालवी दूतावास में भाग गईं और वहीं छिपी रहीं यहां तक कि इस अवसर पर उन्होंने इंदिरा गांधी को भी उस समय छोड़ दिया. ये बात अब कोई नई नहीं है अपितु कई बार प्रकाशित भी हो चुकी है.

राजीव गांधी उन दिनों सरकारी कर्मचारी (इंडियन एयरलाइंस में पायलट) थे. परन्तु वो भी सोनिया के साथ इस विदेशी दूतावास में छिपने के लिए चले गये. ये था सोनिया का उन पर प्रभाव. राजीव १९७८ में सोनिया के प्रभाव से बाहर निकल चुके थे परन्तु जब तक वो स्थितियों को समझ पाते तब तक उनकी हत्या हो चुकी थी. जो लोग राजीव के निकट हैं, वो जानते हैं कि वो 1981 के चुनावों के पश्चात सोनिया को लेकर कोई सही कदम उठाने वाले थे. उन्होंने सभी प्रकार के वित्तीय घोटालों और १९७८ के चुनावों में पराजय के लिए सोनिया को उत्तरदायी माना था.

मैं तो ये भी मानता हूं कि सोनिया के निकटस्थ लोग राजीव से घृणा करते थे. इस बात का उत्तर है कि राजीव के हत्यारों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट के मृत्युदंड के निर्णय पर मर्सी पीटिशन की अपील राष्ट्रपति से की गई. ऐसा उन्होंने इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के लिए क्यों नहीं किया अथवा धनंजय चट्टोपाध्याय के लिए नहीं किया?

वो लोग जो भारत से प्यार नहीं करते वो ही भारत के खजाने को बाहर ले जाने का काम करते हैं, जैसा मुहम्मद गौरी, नादिर शाह और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव ने किया था. ये कोई सीक्रेट नहीं रह गया है. परन्तु सोनिया गांधी तो उससे भी आगे निकलती हुई लग रही हैं. वो भारतीय खजाने को जबरदस्त तरीके से लूटती हुई लग रही हैं. जब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब क्रेट के क्रेट बहुमूल्य सामानों को बिना कस्टम जांच के नई दिल्ली अथवा चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रोम न भेजा गया हो. सामान ले जाने के लिए एयर इंडिया और अलीटालिया को चुना जाता था. इसमें एंटिक के सामान, बहुमूल्य मूर्तियां, शॉल्स, आभूषण, पेंटिंग्स, सिक्के और भी न जाने कितने ही बहुमूल्य सामान होते थे.

ये सामान इटली में सोनिया की बहन अनुष्का उर्फ अलेक्सांद्रो मैनो विंसी की रिवोल्टा की दुकान एटनिका और ओरबासानो की दुकान गणपति पर डिसप्ले किया जाता था. परन्तु यहां उनकी बिक्री अधिक नहीं थी इसलिए इसे लंदन भेजा जाने लगा और सोठेबी और क्रिस्टी के माध्यम से बेचा जाने लगा. इस कमाई का एक भाग राहुल गांधी के वेस्टमिनिंस्टर बैंक और हांगकांग एंड शंघाई बैंक की लंदन स्थित शाखाओं में भी जमा किया गया. किन्तु अधिकतर पैसा गांधी परिवार के लिए काइमन आइलैंड के बैंक आफ अमेरिका में है. राहुल जब हार्वर्ड में थे तो उनकी एक वर्ष की फीस बैंक आफ अमेरिका काइमन आइलैंड से ही दी जाती थी.

मैं वाजपेई सरकार को इस बारे में बार-बार बताता रहा पर उन्हें विश्वास में नहीं ले सका, तब मैंने दिल्ली हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को इंटरपोल और इटली सरकार की सहायता लेकर जांच करने को कहा. इंटरपोल ने इन दोनों दुकानों की एक पूरी रिपोर्ट तैयार करके सीबीआई को भी दी , जिसे कोर्ट ने सीबीआई से मुझे दिखाने को भी कहा , परन्तु सीबीआई ने ऐसा कभी नहीं किया. सीबीआई का झूठ तब भी अदालत में सबके सामने आ चुका था जब उसने अलेक्सांद्रो मैनो का नाम एक व्यक्ति का बताया और विया बेलिनी 14, ओरबासानो को एक गांव का नाम बताया था जबकि मैनो के निवास की स्ट्रीट का पता था. अलबत्ता सीबीआई के वकील द्वारा इस गलती के लिए अदालत के सामने खेद प्रकट करना था परन्तु उसे नई सरकार द्वारा एडिशिनल सॉलिसीटर जनरल के पद पर प्रोमोट कर दिया गया.

स्वामी ने सोनिया को लपेटा :-


जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने अब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जद में कांग्रेस व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी ले आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पौने दो लाख करोड के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 60 हजार करोड रुपए घूस बांटी गई जिसमें चार लोग भागीदार थे. इस घूस में सोनिया गांधी की दो बहनों का भाग 30-30 प्रतिशत है. 10 जनपथ को घोटाले का केंद्र बिंदु बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सब कुछ जानते हुए भी मूक दर्शक बने रहे.

स्पेक्ट्रम मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले अपने घर विश्राम करने देहरादून पहुंचे स्वामी ने पत्रकार वार्ता के दौरान २जी मामले में कांग्रेस नेतृत्व पर कई आरोप लगा स्वामी ने दावा किया कि इस घोटाले में घूस के तौर पर वितरित किये गए 60 हजार करोड़ रुपये का दस प्रतिशत भाग पूर्व संचार मंत्री ए राजा को गया. 30 प्रतिशत भागीदारी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को और 30-30 प्रतिशत भागीदारी सोनिया गांधी की दो बहनों नाडिया और अनुष्का को गया है. हालांकि इसके कोई दस्तावेजी प्रमाण उन्होंने उपलब्ध नहीं कराए. स्वामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि अमेरिका से स्पेक्ट्रम मामले में हुए लेनदेन का रिकार्ड भी मंगाया जाए. साथ ही उन्होंने पूर्व मंत्री ए राजा की सुरक्षा की मांग भी प्रधानमंत्री से की है. उनका कहना था कि ए राजा की सबसे अच्छी सुरक्षा तभी हो सकती है जब वो जेल में हों अथवा उन्हें हाउस अरेस्ट किया जाए।

स्वामी ने राजा की सुरक्षा को लेकर लिखी चिठ्ठी के उत्तर में प्रधानमंत्री की ओर से आए पत्र को भी सार्वजनिक किया. इस पत्र में कहा गया है कि ए राजा को उचच स्तरीय सुरक्षा दी जा रही है और स्पेक्ट्रम डील के बैंक रिकॉर्ड की जानकारी के लिए अमेरिका सरकार से कहा जा रहा है. ए राजा की चिंता का कारण पूछे जाने पर स्वामी ने कहा कि इस महाघोटाले की सारी जानकारी राजा के पास है. इस मामले में अरब देशों के अंडरवर्ल्ड के लोग भी सम्मिलित हैं. राजा की हत्या कर वे सबूत मिटाना चाहेंगे. उन्होंने भ्रष्टाचार के विरूद्ध बाबा रामदेव की मुहिम में सहयोग करने पर भी स्वयं को तैयार बताया.
mail recd. from Mr. Ravi Verma

rajpaldular
July 23rd, 2011, 04:25 PM
स्वामी रामदेव का अनशन टूटने के पश्चात सुब्रनियम स्वामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसे किसी भी चेनल ने नहीं दिखाया परन्तु स्टार चेनल ने इसको दिखाया उसके तुरंत पश्चात इस वीडीयो को 'यू ट्यूब' से हटा दिया गया क्यों ? किसी और चेनल ने इस वीडियो को क्यों नहीं दिखाया?वास्तव में ये सब स्विस बैंक गये थे 8 जून से 15 जून तक ये सब अपने पैसे निकालकर इटली मे डाल कर आ गये उस समय 'शेयर मार्किट' का हाल और स्विस बैंक मे से 15 लाख करोड़ का निकल जाना अपने आप मे एक सत्य है सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी-वढेरा एवं उसके पति श्री वढेरा की नामी-बेनामी संपत्ति की पूरी जांच आवश्यक है. यह जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी के माध्यम से ही कराया जाना चाहिए, क्योंकि सरकारी जांच एजेंसियां सोनिया गांधी के इशारे पर ही काम किया करती हैं. यह और बात है कि २ जी महा-घोटाले की जांच हो रही है, परन्तु यह विपक्ष के दबाव और सर्वोच्च अदालत के आदेश पर की जा रही है. बहरहाल, सोनिया परिवार की संपत्ति की जांच के लिए विपक्ष को जोरदार मांग करनी चाहिए. अब तक विपक्ष ने यह मांग क्यों नहीं की? यह आश्चर्य की बात है. सोनिया के इटली के सभी सम्बन्धियों की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए. पिछले कुछ वर्षों में सोनिया के इटली के सम्बन्धियों की संपत्ति में कितनी वृद्धि हुई है तथा किन स्रोतों से हुई है, यह जानना भारत की आम जनता के लिए बहुत आवश्यक है. Rudresh @smartrudra के अनुसार ""Aga Khan had sold islands off Sardinia in Italy to Sonia's sisters -worth $10b for $4b. make swamy tweets trends." अर्थात सोनिया की बहन को आगा खान ने १० बिलियन डॉलर के द्वीप महज ४ बिलियन डॉलर में दे दिये. यह किसके इशारे पर हुआ? इसकी भी जांच होनी चाहिए !
mail recd from mr. ravi verma

SALURAM
July 23rd, 2011, 04:31 PM
http://a5.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/264951_169024273163774_100001686080390_373457_2696 636_n.jpghttp://a8.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/284457_10150225911600927_670695926_7511001_4632579 _n.jpghttp://a5.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-ash4/270574_216382655072037_100001009132840_619917_2633 873_n.jpghttp://a3.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/261243_185420344852650_100001540569433_492126_6344 972_n.jpg

rajpaldular
September 6th, 2011, 04:03 PM
सोनिया गांधी की छवि लोगों में समझदार, निष्कपट और पद का मोह नहीं रखने वाली महिला की बने, इसके लिए पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस ने यह राजनीति बना रखी है कि जो बातें वह स्वयं नहीं कहना चाहती, उन्हें अपने पट्टों के जरिए कहलवा दिया जाए. इसमें विशेष रूप से यह ध्यान रखा जाता है कि इन बातों पर कोई टिप्पणी नहीं की जाए जब तक कोई सार्थक रणनीति तैयार नहीं हो जाए. इसके पश्चात वे मीडिया के सामने इस बात को जोर-शोर से प्रसारित करती है कि उसने इन नेताओं की जीभ पर नियंत्रण रखने की चेतावनी दी है एवं दूसरे ही दिन समाचार पत्रों में यही 'Head Line' बनती है. इससे ऐसा लगता है मानो सोनिया के अतिरिक्त सारे नेता घास खाते हों और उनके पास अक्ल नाम की कोई वस्तु नहीं है.

मीडिया में प्रकाशित दिग्विजय के आज के बयानों से इसका सुलभ ही अंदाजा लग रहा है, क्योंकि जैसे ही यह ज्ञात हुआ कि सोनिया गांधी वापस आ रही है, दिग्विजय ने अपनी वफादारी दिखाने के लिए न केवल बाबा रामदेव अपितु अन्ना के विरुद्ध भी ऊटपटांग बकवास करना प्रारंभ कर दिया है. अब जब सोनिया लौटेगी (मेरी तो हार्दिक इच्छा है कि ना ही लौटे, जहाँ है वहीँ रहे.) तो फिर मीडिया के सामने वही बातें दोहराई जाएंगी. यदि विश्वास ना हो तो बस उसके लौटने की प्रतीक्षा कर लें.

rohittewatia
September 9th, 2011, 03:26 AM
http://www.thehindu.com/news/national/article2435011.ece?homepage=true

I believe the nation has a right to know what health issues she has, where did the treatment took place. If you represent people then people have a right to know you.
PS: You are excused if it was a tourist trip to Taxhavens :)

vicky84
September 9th, 2011, 04:32 AM
http://www.thehindu.com/news/national/article2435011.ece?homepage=true

I believe the nation has a right to know what health issues she has, where did the treatment took place. If you represent people then people have a right to know you.
PS: You are excused if it was a tourist trip to Taxhavens :)

Read somewhere, she diagnosed with cervical cancer.

http://www.deccanherald.com/content/181508/sonia-diagnosed-cervical-cancer.html

Bisky
September 9th, 2011, 09:32 AM
भाई दीपक सीधी सी बात सै छोरी सुथरी घणी थी उस टेम मैं, छोरे कै पसंद आगी आर दोनों प्रेम जाल मैं फंस गे फेर ब्याह होग्या. Rest is history.

सिंह साहब या सुथरी भी तो कोन्या फेर भी क्यूँ डूब्या ।

raka
September 9th, 2011, 10:14 AM
सिंह साहब या सुथरी भी तो कोन्या फेर भी क्यूँ डूब्या ।
" किसी ने कहा मजनू से की तेरी लैला काली , मजनू ने कहा की तेरी अंख न देखण वाली "
वेद बी चिट्टे ते कुरान बी चिट्टी विच स्याही रखती काली ,
गुलाम फरीदा जिथे अंख लगी ओथे फिर क्या गोरी ते क्या काली "

Rajkamal
September 9th, 2011, 10:51 AM
सिंह साहब या सुथरी भी तो कोन्या फेर भी क्यूँ डूब्या ।

Bhai Jab gadhi pe dil aya to pari kyaa cheeez hai...................

Rajkamal
September 9th, 2011, 10:53 AM
http://a5.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/264951_169024273163774_100001686080390_373457_2696 636_n.jpghttp://a8.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/284457_10150225911600927_670695926_7511001_4632579 _n.jpghttp://a5.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-ash4/270574_216382655072037_100001009132840_619917_2633 873_n.jpghttp://a3.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-snc6/261243_185420344852650_100001540569433_492126_6344 972_n.jpg

Laage hai Sonia Gadhi ne Sardaar ji a ghane pasand hai kulfi bhi inhe pe khaave ar PM bhi inhe ne banaave dekh mari bati kaa dhyaan kulfi me ghaat ar Sardaar ji pe ghana hai............

urmiladuhan
September 9th, 2011, 12:15 PM
I admire Sonia Gandhi for the courage she has shown in the face of all kinds of challenges she has faced in her political and personal life. Moreover, she keeps her health in such good shape!

Regards,

Urmila.

Wishing Sonia Gandhi a speedy recovery!

Regards,

Urmila.

AhlawatSardar
September 9th, 2011, 12:36 PM
Laage hai Sonia Gadhi ne Sardaar ji a ghane pasand hai kulfi bhi inhe pe khaave ar PM bhi inhe ne banaave dekh mari bati kaa dhyaan kulfi me ghaat ar Sardaar ji pe ghana hai............भाई सही कही राज कमल, सरदार ना देख का तबियत खुश हो जा उसकी, पर एक और जिब ते यो मनमोहन बनया है प्रधान मंत्री चैन की नींद आवन लाग गी उन्ना पहलां तो सरदारां की धमकियों का सिक्वेंस ही नि ख़त्म होवा था | योही तो है पोलिटिक्स |

rajpaldular
September 9th, 2011, 01:20 PM
आज की तिथि में कांग्रेस (सोनिया और उसकी संतान सहित) का समर्थन निम्नलिखित व्यक्ति ही कर रहे हैं:-

०१) जिसको कांग्रेस से व्यक्तिगत रूप से सीधा सीधा लाभ (किसी भी रूप में) मिल रहा हो.

०२) जो अल्पसंख्यक हो.

०३) जो मंदबुद्धि हो.

मुझे तो घोर आश्चर्य होता है कि इस कांग्रेस ने अपने भारत देश को मिट्टी में मिला दिया है फिर भी इसका कैसे समर्थन कर सकते हैं?

urmiladuhan
September 9th, 2011, 02:08 PM
आज की तिथि में कांग्रेस (सोनिया और उसकी संतान सहित) का समर्थन निम्नलिखित व्यक्ति ही कर रहे हैं:-

०१) जिसको कांग्रेस से व्यक्तिगत रूप से सीधा सीधा लाभ (किसी भी रूप में) मिल रहा हो.

०२) जो अल्पसंख्यक हो.

०३) जो मंदबुद्धि हो.

मुझे तो घोर आश्चर्य होता है कि इस कांग्रेस ने अपने भारत देश को मिट्टी में मिला दिया है फिर भी इसका कैसे समर्थन कर सकते हैं?

I like Sonia Gandhi for NON POLITICAL reasons. Political discussion/aspect is an entirely different matter.

Regards,

Urmila.

Raaksangu
September 10th, 2011, 12:44 PM
" किसी ने कहा मजनू से की तेरी लैला काली , मजनू ने कहा की तेरी अंख न देखण वाली "
वेद बी चिट्टे ते कुरान बी चिट्टी विच स्याही रखती काली ,
गुलाम फरीदा जिथे अंख लगी ओथे फिर क्या गोरी ते क्या काली " non-jat & punjabi bakwad

rajveersandhu64
September 26th, 2011, 02:36 PM
thare jisi jaat bhaiyo.na...aaj jaatan ka naam chada rakhya.............

rajveersandhu64
September 26th, 2011, 02:39 PM
sangwan saab..........bura n maniyo g.........thinkin bahut galat ha ji aapki,,,,............

Fateh
September 26th, 2011, 05:22 PM
[QUOTE=urmiladuhan;277580]I like Sonia Gandhi for NON POLITICAL reasons. Political discussion/aspect is an entirely different matter.

Regards,

Urmila.[/QUOTE

Urmilaji, what actualy impressed you about sonia, yes her quality of fooling gandhi family, congress fools and indian public, quality of wippingout all her obstacles/opposition in the family as well as congress, quality of collecting indian wealth, inspite of all her great quality of keeping calm and maintaining strong connections with her family, and her secret besses, are praise worthy

ravinderjeet
September 30th, 2011, 05:54 PM
ye FB pe milaa thaa ,yahaan chep rahaa hun,padhne ke liye :-

Who is SONIA GANDHI? ( Every Indian Should Know This )
Who is Sonia Gandhi:
Ther...e is officially no Sonia Gandhi. Her real name in passport is neither Gandhi nor Sonia. Its Edvige Antonia Albina Maino. Sonia is a Russian name and not italian. However, Antonia is an italian name and her passport is italian. Though she has married Rajiv Gandhi* she never accepted change of title officially. ( recall the time of turmoil in indian politics when Sonia Gandhi was trying to be the prime minister, but ultimately ManMohan Singh became her toy)

*Rajiv Gandhi: Actually Rajiv Khan being the son of Firoz Khan and Indira Priyadarshani. Gandhi is an assumed title to sentimentally lure indians for their political benefit. They are muslims by religion.

Father:
Stefano Eugene Maino is socially the father of Sonia. Her father was a German(hitlers army). When Hitlers army went to russia they were captured and imprisoned. He was captured near St. Petersburgh and was imprisoned for 20 years. But he became a member of KGB and his imprisonment was limited to 4 years. When he came back from prison he gave russian name to his daughters. Social father because when she was born her father was in jail for 4 years. Biological father is unconfirmed.
Mother:
Paula Maino.
Family:
She had 2 sistersin Orbassano, italy
Birthplace
Sonia claims she was born in Besano, near Turin in italy. However, as per her birth certificate, She is actually born is Luciana, in the borders of Switzerland. A resort town for German soldiers during war.
Education:
She initially put forward to Indian Govt. that she studied in Cambridge University which proved to be fake. She submitted an affidavit that she studied english in Bell Education trust at Cambridge. Even this was proven to be fake and was found she never got any education after class five. She was a young girl with no formal education living five years in england. How did she support her livelihood for 5 years? Any wild guesses?
Citizenship:
She has not given off her italian citizenship. Indira Gandhi used her power to issue her an Indian Citizenship so that she can join Indian politics. She is holding an illegal citizenship in India. No action is being taken by Home Minister.
Religion:
Cristianity.
Bank Balance:
Rajiv Gandhi and his family owned 2 billion USD in Swiss Bank as of November,1991. Benefitiary of death of Indira Gandhi and Rajiv Gandhi was Sonia Gandhi.
Family:
Sonia's sister Alexandria(or Anuska) has 2 shops in Italy selling antiques stolen from India. Sonia used her power to smuggle indian artifacts through Air India flights uninspected.
Sonia's son Rahul Gandhi, whose real name is Raul Vinci. He got admitted to Harvard in quota but was thrown off soon because he was incompetant. He has italian citizenship since his mother never gave up her citizenship. He cannot officially become the citizen of india or any politician in india as long as he doesnt give up his italian citizenship. Arrested in Boston airport for carrying 160,000 dollars cash, accompanied by Veronique (spanish). veronique is the daughter of Drug mafia leader. Rahul has also been accused for gang raping Sukanya Devi, whose petition to all courts in India have been rejected due to their political hold and the whereabouts of the family is unknown. However, the information is widely available online.

**********Friends PLEASE DO SHARE this information with the people because only general awareness can cure this nation and the corrupt government will never reveal the truth ************

ravinderjeet
September 30th, 2011, 06:03 PM
A daring letter by an IIT'an to Rahul Gandhi. Plz read and SHARE .
By Clicking on SHARE .

(HOPE EVERY ONE KNOW THIS ..)
A REPLY LETTER WRITTEN BY:

NITIN GUPTA (RIVALDO)

B. Tech, IIT Bombay

ON Rahul Gandhi: "I feel ashamed to call myself an INDIAN after seeing

what has happened here in UP".

Dear Rahul,

YOU REALLY WANT TO FEEL ASHAMED???????

But don't be disappointed, I would give you ample reasons to feel

ashamed... You really want to feel Ashamed..?

* First Ask Pranav Mukherjee, Why isn't he giving the details of

the account holders in the Swiss Banks.

* Ask your Mother, Who is impeding the Investigation against

Hasan Ali?

* Ask her, Who got 60% Kickbacks in the 2G Scam ?

* Kalamadi is accused of a Few hundred Crores, Who Pocketed the

Rest in the Common Wealth Games?

* Ask Praful Patel what he did to the Indian Airlines? Why did

Air India let go of the Profitable Routes ?

* Why should the Tax Payer pay for the Air India losses, when

you intend to eventually DIVEST IT ANYWAY!!!

* Also, You People can't run an Airline Properly. How can we

expect you to run the Nation?

* Ask Manmohan Singh. Why/What kept him quiet for so long?

* Are Kalmadi and A Raja are Scapegoats to save Big Names like

Harshad Mehta was in the 1992 Stock Market Scandal ?

* Who let the BHOPAL GAS TRAGEDY Accused go Scot Free? (20,000

People died in that Tragedy)

* Who ordered the State Sponsored Massacre of SIKHS in 84?

* Please read more about, How Indira Gandhi pushed the Nation

Under Emergency in 76-77, after the HC declared her election to Lok

Sabha Void!

* WHY ONLY HIGHLIGHT THIS ARREST?

Dear Rahul, to refresh your memory, you were arrested/detained by the

FBI the BOSTON Airport in September 2001.

You were carrying with you $ 1,60,000 in Cash. You couldn't explain why

you were carrying so much Cash.

(Incidentally He was with his Columbian girlfriend Veronique Cartelli,

ALLEGEDLY, the Daughter of Drug Mafia. 9 HOURS he was kept at the

Airport. Later then freed on the intervention of the then Prime Minister

Mr. Vajpayee.. FBI filed an equivalent of an FIR in US and released him.

When FBI was asked to divulge the information, by Right/Freedom to

Information Activists about the reasons Rahul was arrested ...

FBI asked for a NO OBJECTION CERTIFICATE from Rahul Gandhi.

So Subramaniyam Swami wrote a Letter to Rahul Gandhi, " If you have

NOTHING to HIDE, Give us the Permission"

HE NEVER REPLIED!)

Why did that arrest not make Headlines Rahul? You could have gone to the

Media and told, "I am ashamed to call myself an INDIAN?".

Or is it that, you only do like to highlight Symbolic Arrests (like in

UP) and not Actual Arrests (In BOSTON)

Kindly Clarify.....In any case, you want to feel ashamed, Read Along...

YOUR MOTHER'S SO CALLED SACRIFICE OF GIVING UP PRIME MINISTERSHIP in

2004.

According to a Provision in the Citizenship Act, A Foreign National who

becomes a Citizen of India, is bounded by the same restrictions,

which an Indian would face, If he/she were to become a Citizen of Italy.

(Condition based on principle of reciprocity)

Now Since you can't become a PM in Italy, Unless you are born there.

Likewise an Italian Citizen can't become Indian PM,

unless He/She is not born here!

Dr. SUBRAMANIYAM SWAMI (The Man who Exposed the 2G Scam) sent a letter

to the PRESIDENT OF INDIA bringing the same to his Notice.

PRESIDENT OF INDIA sent a letter to Sonia Gandhi to this effect, 3:30

PM, May 17th, 2004.

Swearing Ceremony was scheduled for 5 PM the same Day. Manmohan Singh

was brought in the Picture at the last moment to Save Face!!

Rest of the SACRIFICE DRAMA which she choreographed was an EYE WASH!!!

In fact Sonia Gandhi had sent, 340 letters, each signed by different MP

to the PRESIDENT KALAM, supporting her candidacy for PM.

One of those letters read, "I Sonia Gandhi, elected Member from Rai

Bareli, hereby propose Sonia Gandhi as Prime Minister."

So SHE was Pretty INTERESTED! Until She came to know the Facts! She

didn't make any Sacrifice, It so happens that SONIA GANDHI

couldn't have become the PM of INDIA that time.

You could be Ashamed about that Dear Rahul!! One Credential Sonia G had,

Even that was a HOAX!

THINK ABOUT YOURSELF.

You go to Harvard on Donation Quota. ( Hindujas Gave HARVARD 11 million

dollars the same year, when Rajiv Gandhi was in Power)

Then you are expelled in 3 Months/ You Dropped out in 3 Months....

(Sadly Manmohan Singh wasn't the Dean of Harvard that time, else

you might have had a chance... Too Bad, there is only one Manmohan

Singh!)

Then Why did you go about lying about being Masters in Economics from

Harvard .. before finally taking it off your Resume upon questioning

by Dr. SUBRAMANIYAM SWAMI (The Gentlemen who exposed the 2G Scam)

At St. Stephens.. You Fail the Hindi Exam. Hindi Exam!!!

And you are representing the Biggest Hindi Speaking State of the

Country?

SONIA GANDHI's EDUCATIONAL QUALIFICATIONS

Sonia G gave a sworn affidavit as a Candidate that She Studied English

at University of Cambridge

According to Cambridge University, there is no such Student EVER! Upon

a Case by Dr. Subramaniyam Swami filed against her, She subsequently

Dropped the CAMBRIDGE CREDENTIAL from her Affidavit.

Sonia Gandhi didn't even pass High School. She is just 5th class Pass!

In this sense, She shares a common Educational Background with her 2G

Partner

In Crime, Karunanidhi.

You Fake your Educational Degree, Your Mother Fakes her Educational

Degree. And then you go out saying, " We want Educated Youth into

Politics!"

WHY LIE ABOUT EDUCATIONAL CREDENTIALS?

Not that Education is a Prerequisite for being a great Leader, but then

you shouldn't have lied about your qualifications!

You could feel a little ashamed about Lying about your Educational

Qualifications. You had your reasons I know, Because in India, WE

RESPECT

EDUCATION!

But who cares about Education, When you are a Youth Icon!!

YOUTH ICON

You traveled in the Local Train for the first time at the Age of 38.

You went to some Villages as a part of Election Campaign. And You won a

Youth Icon!! ... That's why You are my Youth Icon.

For 25 Million People travel by Train Every day. You are the First

Person to win a Youth Icon for boarding a Train.

Thousands of Postmen go to remotest of Villages. None of them have yet

gotten a Youth Icon. You were neither YOUNG Nor ICONIC!

Still You became a Youth Icon beating Iconic and Younger Contenders like

RAHUL DRAVID.

SURNAME

Shakespeare said, What's in a Name?

Little did he knew, It's all in the Name, Especially the Surname!

Speaking of Surname, Sir DO YOU REALLY RESPECT GANDHI, OR IS IT JUST TO

CASH IN ON THE GOODWILL OF MAHATMA?

Because the Name on your Passport is RAUL VINCI. Not RAHUL GANDHI..

May be if you wrote your Surname as Gandhi, you would have experienced,

what Gandhi feels like, LITERALLY ( Pun Intended)

You People don't seem to use Gandhi much, except when you are fighting

Elections. ( There it makes complete sense).

Imagine fighting elections by the Name Raul Vinci...

You use the name GANDHI at will and then say, " Mujhe yeh YUVRAJ shabd

Insulting lagta hai! Kyonki aaj Hindustan mein Democracy hai, aur is

shabd

ka koi matlab nahin hai! YUVRAJ, Itna hi Insulting lagta hai, to lad lo

RAUL VINCI ke Naam se!!! Jin Kisano ke saath photo khinchate ho woh bhi

isliye entertain karte hain ki GANDHI ho.. RAUL VINCI bol ke Jao... Ghar

mein nahin ghusaenge!!!

You could feel ashamed for your Double Standards.

to be continued ................

ravinderjeet
September 30th, 2011, 06:04 PM
YOUTH INTO POLITICS.

Now You want Youth to Join Politics.

I say First you Join Politics. Because you haven't Joined Politics. You

have Joined a Family Business.

First you Join Politics. Win an Election fighting as RAUL VINCI and Not

Rahul Gandhi, then come and ask the youth and the Educated Brass for

more

involvement in Politics.

Also till then, Please don't give me examples of Sachin Pilot and Milind

Deora and Naveen Jindal as youth who have joined Politics. They are not

Politicians. They Just happen to be Politicians.

Much Like Abhishek Bachchan and other Star Sons are not Actors. They

just happen to be Actors (For Obvious Reasons)

So, We would appreciate if you stop requesting the Youth to Join

Politics till you establish your credentials...

WHY WE CAN'T JOIN POLITICS!

Rahul Baba, Please understand, Your Father had a lot of money in your

Family account ( in Swiss Bank) when he died.

Ordinary Youth has to WORK FOR A LIVING. YOUR FAMILY just needs to

NETWORK FOR A LIVING

If our Father had left thousands of Crores with us, We might consider

doing the same. But we have to Work. Not just for ourselves.

But also for you. So that we can pay 30% of our Income to the Govt.

which can then be channelized to the Swiss Banks and your Personal

Accounts under

some Pseudo Names.

So Rahul, Please don't mind If the Youth doesn't Join Politics.

We are doing our best to fund your Election Campaigns and your Chopper

Trips to the Villages.

Somebody has to Earn the Money that Politicians Feed On.

NO WONDER YOU ARE NOT GANDHIs. YOU ARE SO CALLED GANDHIs!!

Air India, KG Gas Division, 2G, CWG, SWISS BANK Account Details... Hasan

Ali, KGB., FBI Arrest..

You want to feel ashamed..?

Feel Ashamed for what the First Family of Politics has been reduced

to... A Money Laundering Enterprise.

NO WONDER YOU ARE NOT GANDHI'S BY BLOOD. GANDHI is an adopted Name. For

Indira didn't marry Mahatma Gandhi's Son.

For even if you had one GENE OF GANDHI JI in your DNA. YOU WOULDN'T HAVE

BEEN PLAGUED BY SUCH 'POVERTY OF AMBITION'

(Ambition of only EARNING MONEY)

You really want to feel Ashamed?

Feel Ashamed for what you ' SO CALLED GANDHI'S' have done to MAHATMA'S

Legacy..

I so wish GANDHI JI had Copyrighted his Name!

Meanwhile, I would request Sonia Gandhi to change her name to $ONIA

GANDHI, and you could replace

the 'R' in RAHUL/RAUL by the New Rupee Symbol!!!

RAUL VINCI : I am ashamed to call myself an Indian.

Even we are ashamed to call you so!

P.S: Popular Media is either bought or blackmailed, controlled to

Manufacture Consent! My Guess is Social Media is still a Democratic

Platform.

(Now they are trying to put legislations to censor that too!!).

Meanwhile, Let's ask these questions, for we deserve some Answers.

YOURS SINCERELY

NITIN GUPTA ( RIVALDO)

B. Tech, IIT Bombay

Fateh
October 3rd, 2011, 11:14 AM
Total expenditure on foreign trips of sonia in last three years, is said to be 1850 crors

rajpaldular
February 26th, 2014, 02:24 PM
मैं आपको 9 प्रमाण दे रहा हूँ जो सिद्ध करते हैं कि अंटोनिओ मानिया Alias सोनिया गांधी घोर हिन्दू विरोधी है। जो मित्र सहमत हैं लिखें एवं जो मित्र असहमत हैं वो अपनी राय लिख कर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं:-

1 – सोनिया ने विसेंट जार्ज को अपना निजी सचिव बनाया है जो ईसाई है।

2 – सोनिया ने अहमद पटेल को अपना राजनैतिक सचिव बनाया है जो मुसलमान है और कट्टर सोच वाला मुसलमान है।

3 – सोनिया ने मनमोहन सिंह की इच्छा के विरुद्ध पीजे थोमस को cvc बनाया जो ईसाई है।

4 – सोनिया ने अपनी एकमात्र पुत्री प्रियंका गाँधी का विवाह एक ईसाई राबर्ट बढेरा से की।

5 – अजित जोगी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री केवल उनके ईसाई होने के कारण बनाया गया।

6 – जस्टिस ……. [मै नाम नहीं लिखूंगा क्योंकि ये सम्भवतः न्यायपालिका का अपमान होगा ] को 3 जजों की वरिष्ठता को दरकिनार करके सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया जो कि एक परिवर्तित ईसाई थे।

7 – दिवंगत राजशेखर रेड्डी को आँध्रप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने में उनका ईसाई होना और आँध्रप्रदेश में ईसाइयत को फ़ैलाने में उनका योगदान ही काम आया था।

8 – मधु कोड़ा भी निर्दलीय होते हुए अपने ईसाई होने के कारण कांग्रेस के समर्थन से झारखण्ड के मुख्यमंत्री बने।

9 – पिछले केरल विधान सभा के चुनाव में कांग्रेस ने 92 % टिकट ईसाई और मुस्लिमों को दिए थे।

dndeswal
February 27th, 2014, 12:16 AM
छोटा सा चुटकुला - 2-g

दो दोस्त एक स्टाल पर चाय पी रहे थे और एक हिन्दी अखबार भी पढ रहे थे जिसमें 2-g घोटाले की खबर छपी थी। एक की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह 2-g क्या है।

उसने अपने दोस्त से पूछ लिया जिसने जवाब दिया - इसका मतलब है: सोनिया जी और राहुल जी !

.

rkumar
April 4th, 2014, 01:25 AM
Joke of the day; " Sonia Gandhi requesting Imam Bukhari to ensure that secular Muslim votes don't get split during forthcoming elections"... For Sonia Gandhi Muslims are secular and Hindus are communal it seems.

RK^2

Prikshit
April 4th, 2014, 04:55 PM
Joke of the day; " Sonia Gandhi requesting Imam Bukhari to ensure that secular Muslim votes don't get split during forthcoming elections"... For Sonia Gandhi Muslims are secular and Hindus are communal it seems.

RK^2
It has worked for the congress unlike others Muslim votes are less divided.

hemanthooda
April 4th, 2014, 05:00 PM
Yes , this is the concept of secularism as per congress.congress. Truly Secular party :(

rohittewatia
April 5th, 2014, 12:58 PM
Does anyone knows if that Expenditure is from the Public Funds? Inh Saabh cheezon ki jankaari junta ko milni chahiye. Itane sarkari paise sey kitne gareeb parivaron ka bhlaa ho sakta hai, jinko madam ji vyarth men hi baap ka maal samajh kar udaati hen. I do not get it, how ppl still hv good feelings left fr these leeches.

rajpaldular
July 31st, 2014, 03:11 PM
नटवर सिंह की बात सही, 'सुपर पीएम' थीं सोनिया गांधी: डीपी त्रिपाठी http://newshunt.com/share/31063661 (http://t.co/qslDTDrJAh)दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना...

rajpaldular
August 2nd, 2014, 10:08 AM
'कमजोर नस छूने से चिढ़ीं सोनिया'पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमले तेज कर दिए हैं। सोनिया की तीखी प्रतिक्रिया पर शुक्रवार को उन्होंने कहा कि किताब 'वन लाइफ इज नॉट एनफ' ने सोनिया गांधी की किसी कमजोर नस को छू दिया है। शुक्रवार को एक टीवी इंटरव्यू में नटवर ने कहा कि किताब के खुलासों ने सोनिया गांधी को चुप्पी तोड़ने पर मजबूर कर दिया। 50 कांग्रेसियों ने दी बधाई हालांकि सोनिया की प्रतिक्रिया पर उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह उनके सलाहकार होते तो वह उन्हें चुप रहने का ही सुझाव देते। नटवर ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया। उनका कहना था कि अगर मेरी बात में सच्चाई नहीं थी तो क्या पीएम के पीएस पुलक चटर्जी 10 जनपथ चाय पीने जाते थे। सिंह का ये भी दावा है कि खुलासे पर तकरीबन 50 कांग्रेसियों ने उन्हें बधाई दी है।
सलाहकारों का चंगुल उल्लेखनीय है कि पूर्व कांग्रेसी नेता नटवर सिंह ने अपनी ऑटोबायॉग्रफी में गांधी परिवार, खासकर सोनिया गांधी और कांग्रेस और पूरी कार्य संस्कृति को लेकर ऐसे बेबाक खुलासे और कड़ी टिप्पणियां की हैं, जिससे सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सोनिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव के बीच कुछ गलतफहमी थी, जिसे दूर करने के लिए राव ने सिंह की मदद चाही थी। सोनिया के कुछ नजदीकी सलाहकारों ने ये दूरी खत्म नहीं होने दी।

rajpaldular
August 2nd, 2014, 11:52 AM
सोनिया ने कहा है कि मैं भी पुस्तक लिखूंगी। पर जिसका भाषण कोई और लिखता हो वो पुस्तक कैसे लिखेगी?
पर अब लिखने की बात कर ही दी तो सोनिया की पुस्तक का शीर्षक होगा 'हे भगवान अगले जनम मोहे राहुल ना दीजो।'

rajpaldular
August 2nd, 2014, 12:07 PM
आदरणीय सोनिया जी ! आपसे विनती है कि अपनी पुस्तक हिंदी में मत लिखिएगा। पिछली बार नर्मदा योजना को ''नर-मादा'' योजना कह कर आप हिंदी का चीर-हरण कर चुकी हैं।

rajpaldular
August 2nd, 2014, 01:09 PM
सोनियाजी ! पुस्तक-वुस्तक छोड़ो अपने बैँक पासबुक की डिटेल सार्वजनिक कर दो, मजा आ जायेगा।

rohittewatia
August 5th, 2014, 08:50 AM
Tough times ahead for the Nehru-Gandhi family. They are facing big troubles from all sides. A lot of cases are being filed against them here & there. New facts are emerging everyday, we all know who is pulling the threads from their clothes. ;)Now, the congress ppl are in a fix too. If they let go of the top leadership, they have a ray of hope to emerge again. But, can they do so? :suspicion: They will have a tough time to keep the exisiting leadership (Raul baba & Sonia) & win again the public confidence. Especially with the kind of changes modi will introduce to the politics, the congress would have to play the game with the new rules.

rajpaldular
August 25th, 2014, 01:49 PM
सोनिया गांधी कह रही है महिलाओं को आरक्षण दिलाकर रहेंगे सोनिया जी इतने वर्षों तक आपकी सरकार थी क्या किया? किसने रोका था?

rajpaldular
September 12th, 2014, 11:06 AM
गुप्त बीमारी के ईलाज के लिए फिर अमेरिका गई सोनिया
http://goo.gl/Wxf6sJ (http://goo.gl/Wxf6sJ)
काँग्रेस अध्यक्ष और गाँधी परिवार की अंतिम बहू सोनिया गाँधी इस वर्ष भी खुफिया तौर पर पिछले सप्ताह अमेरिका गई है। सूत्रों की माने तो गाँधी परिवार की बहू अपने किसी गुप्त बीमारी के ईलाज के लिए बीते कई वर्ष से अमेरिका जा रही है। इसी रूटीन में बीते 6 या 7 सितम्बर को सोनिया गाँधी अमेरिका पहुँची है।
शेष ख़बर के लिए क्लिक करेंः
http://goo.gl/Wxf6sJ (http://goo.gl/Wxf6sJ)

Fateh
September 20th, 2014, 05:39 PM
भाई दीपक सीधी सी बात सै छोरी सुथरी घणी थी उस टेम मैं, छोरे कै पसंद आगी आर दोनों प्रेम जाल मैं फंस गे फेर ब्याह होग्या. Rest is history.

VP, SHE WAS NEVER BEAUTIFUL, BUT EVERY INDIVIDUAL HAS HIS OR HER OWN YARD STICK,however may I ask you few questions:-
a) was her father a prisoner in Russia
b) how and why she came to England just after 10th class,
c) who paid for her coaching class to learn english
d) did she worked as med in the house of one PAK ISI OFFICER IN LANDON OR NOT
E) DID SHE WORKED IN A TEA STALL AS WAITRESS IN A COLLEGE WHERE Mr Sindhia and Rajiv were studing
f) Did she became friend of sindhia before rajiv
g) why Indira did not allow them to enter her house for two years when they came to India,
h) oldest maphia is of Italy
i) after she entered PM house, she transfered lot of gold and silver from our temples to Italy or not
j) Sanjay, Rajiv, Sindhia, POILET, jITENDER PRASAD ALL DIED IN ACCIDENTS,
k) After Indira was hit why sonia took her to Ram manohar Lohia and before entering Ram Manohar Lohia she forced the ambulance to go to AIMS, Indira died due to access blood passing because 18 minets were wasted between hospitals under the directions of sonia
K) sITA rAM WAS THROWN OUT, WEALTH OF CONGRESS CAPTURED AND FLOWN AWAY FROM OUR COUNTRY,
l ) wAS HER MOTHER FRIENDLY WITH LTT OR NOT,who got contract of boffors to kutrechie and who got him free from allegations
m) Why she kept double pass port for many years

rest in next

rajpaldular
September 24th, 2014, 11:02 AM
सोनिया गांधी ने भी मंगल मिशन के सफल होने पर वैज्ञानिकों को दी बधाई , कहा " हामे अपकी साफलता पर गर्भ है।"

rajpaldular
October 4th, 2014, 01:29 PM
समय का पहिया किस तरफ करवट बदले ये कोई नहीं जानता। परन्तु एक बात पक्की है समय बड़ा बलवान होता है।



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https://scontent-b-sin.xx.fbcdn.net/hphotos-xpf1/v/t1.0-9/s480x480/10409216_759297740796079_1513865468993609890_n.jpg ?oh=f19985c3929113a30132ba62a18f6573&oe=54858098







Unlike

rajpaldular
November 24th, 2014, 10:32 AM
Upa राज में हर महीने बीमार होकर इलाज करवाने अमेरिका जाने वाली सोनिया गाँधी पिछले छ महीने से एक बार भी बीमार नहीं हुई, ना ही उन्हें चेकअप की आवश्यकता हुई। इसे कहते हैं अच्छे दिन। फिर भी कांग्रेसी पता नहीं किस गली में अच्छे दिनों की तलाश कर रहे हैं।