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View Full Version : यह जन लोकपाल बिल दलित विरोधी क्यों है?



Bisky
August 26th, 2011, 11:47 PM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

imankadian
August 27th, 2011, 08:56 AM
Dear Pardeep

Janlokpal bill kisi bhi dharam ya jati ke liye nahi h.Ye bharat ke har nagrik ko uske mul adhikaron ka labh mile aur bhrastachar khatam ho issi ke liye h ye bill. Jo baat aap kah rehe hain thik h uska karan bhi unke leader hi honge jinhone galat sandesh un tak diya hoga

Dhanyawad

navdeepkhatkar
August 27th, 2011, 09:44 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

kyu ki unko waise to isme koi fault nazar nahi aa raha.... par dedh rahe to dedh hi ge ... to apni rajneeti chamka rahe h ... andar se sab mile hue h ...

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:33 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

भाई मैं बताता हूं इसका कारण
ये सरकार की चाल थी, उन्नै सोच्या अक सारे लोकपाल बिल के साथ है तो कोन एसा है जो खिलाफ हो सकता है! बडी चतुराई से उनहोने थोडे भोत दलितों को यह कह कर भडकाया कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, और आपको पता है संविधान लिख्या था डा. भीमराव अम्बेडकर नै (यानी दलित नै), तो ये बिल इनडायरैक्टली दलितों के खिलाफ है! बस के था फेर दो चार दलित भडक गये!
वैसे दलित भी खिलाफ नही है इसके, तीन दिन पहलयां काफी दलितों ने एक रेली निकाली बिल के खिलाफ, जिसमे सिरफ थोडे भोत रैली के आगै आले भडका राखे थे, जब मिडिया ने लोगों से पूछा कि आप बिल के खिलाफ क्यों हो, तो रैली के लोगों ने कहा कि हमे तो ये कह के लाया गया था कि हम अन्ना के समरथन में जा रहें है ! उन बेचारों को ये भी नही पता था कि बिल खिलाफ के बैनर लगा राखे सै रेली आला नै, क्यूंकि सारे अनपढ थे, अर पिस्से दे कै बुलाए ओड थे

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:34 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

भाई मैं बताता हूं इसका कारण
ये सरकार की चाल थी, उन्नै सोच्या अक सारे लोकपाल बिल के साथ है तो कोन एसा है जो खिलाफ हो सकता है! बडी चतुराई से उनहोने थोडे भोत दलितों को यह कह कर भडकाया कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, और आपको पता है संविधान लिख्या था डा. भीमराव अम्बेडकर नै (यानी दलित नै), तो ये बिल इनडायरैक्टली दलितों के खिलाफ है! बस के था फेर दो चार दलित भडक गये!
वैसे दलित भी खिलाफ नही है इसके, तीन दिन पहलयां काफी दलितों ने एक रेली निकाली बिल के खिलाफ, जिसमे सिरफ थोडे भोत रैली के आगै आले भडका राखे थे, जब मिडिया ने लोगों से पूछा कि आप बिल के खिलाफ क्यों हो, तो रैली के लोगों ने कहा कि हमे तो ये कह के लाया गया था कि हम अन्ना के समरथन में जा रहें है ! उन बेचारों को ये भी नही पता था कि बिल खिलाफ के बैनर लगा राखे सै रेली आला नै, क्यूंकि सारे अनपढ थे, अर पिस्से दे कै बुलाए ओड थे

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:35 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

भाई मैं बताता हूं इसका कारण
ये सरकार की चाल थी, उन्नै सोच्या अक सारे लोकपाल बिल के साथ है तो कोन एसा है जो खिलाफ हो सकता है! बडी चतुराई से उनहोने थोडे भोत दलितों को यह कह कर भडकाया कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, और आपको पता है संविधान लिख्या था डा. भीमराव अम्बेडकर नै (यानी दलित नै), तो ये बिल इनडायरैक्टली दलितों के खिलाफ है! बस के था फेर दो चार दलित भडक गये!
वैसे दलित भी खिलाफ नही है इसके, तीन दिन पहलयां काफी दलितों ने एक रेली निकाली बिल के खिलाफ, जिसमे सिरफ थोडे भोत रैली के आगै आले भडका राखे थे, जब मिडिया ने लोगों से पूछा कि आप बिल के खिलाफ क्यों हो, तो रैली के लोगों ने कहा कि हमे तो ये कह के लाया गया था कि हम अन्ना के समरथन में जा रहें है ! उन बेचारों को ये भी नही पता था कि बिल खिलाफ के बैनर लगा राखे सै रेली आला नै, क्यूंकि सारे अनपढ थे, अर पिस्से दे कै बुलाए ओड थे

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:38 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

भाई मैं बताता हूं इसका कारण
ये सरकार की चाल थी, उन्नै सोच्या अक सारे लोकपाल बिल के साथ है तो कोन एसा है जो खिलाफ हो सकता है! बडी चतुराई से उनहोने थोडे भोत दलितों को यह कह कर भडकाया कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, और आपको पता है संविधान लिख्या था डा. भीमराव अम्बेडकर नै (यानी दलित नै), तो ये बिल इनडायरैक्टली दलितों के खिलाफ है! बस के था फेर दो चार दलित भडक गये!
वैसे दलित भी खिलाफ नही है इसके, तीन दिन पहलयां काफी दलितों ने एक रेली निकाली बिल के खिलाफ, जिसमे सिरफ थोडे भोत रैली के आगै आले भडका राखे थे, जब मिडिया ने लोगों से पूछा कि आप बिल के खिलाफ क्यों हो, तो रैली के लोगों ने कहा कि हमे तो ये कह के लाया गया था कि हम अन्ना के समरथन में जा रहें है ! उन बेचारों को ये भी नही पता था कि बिल खिलाफ के बैनर लगा राखे सै रेली आला नै, क्यूंकि सारे अनपढ थे, अर पिस्से दे कै बुलाए ओड थे

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:38 AM
Dear Friends


मेरी एक दुविधा या कशमकश दूर करने में कृपया मेरी सहायता करें।
ये अपना समाज इतना क्यूँ गिर गया है कि हम चाह कर भी उसे उठाने की बात नहीं कर सकते हैं। इस जन लोकपाल बिल का विरोध ये दलित क्यों कर रहे हैं? जबकि उसमें व्यक्ति जाति या समुदाय विशेष के प्रति पक्षपात या विरोध जैसी कोई बात नहीं है।
Thanx.

भाई मैं बताता हूं इसका कारण
ये सरकार की चाल थी, उन्नै सोच्या अक सारे लोकपाल बिल के साथ है तो कोन एसा है जो खिलाफ हो सकता है! बडी चतुराई से उनहोने थोडे भोत दलितों को यह कह कर भडकाया कि ये बिल संविधान के खिलाफ है, और आपको पता है संविधान लिख्या था डा. भीमराव अम्बेडकर नै (यानी दलित नै), तो ये बिल इनडायरैक्टली दलितों के खिलाफ है! बस के था फेर दो चार दलित भडक गये!
वैसे दलित भी खिलाफ नही है इसके, तीन दिन पहलयां काफी दलितों ने एक रेली निकाली बिल के खिलाफ, जिसमे सिरफ थोडे भोत रैली के आगै आले भडका राखे थे, जब मिडिया ने लोगों से पूछा कि आप बिल के खिलाफ क्यों हो, तो रैली के लोगों ने कहा कि हमे तो ये कह के लाया गया था कि हम अन्ना के समरथन में जा रहें है ! उन बेचारों को ये भी नही पता था कि बिल खिलाफ के बैनर लगा राखे सै रेली आला नै, क्यूंकि सारे अनपढ थे, अर पिस्से दे कै बुलाए ओड थे

nainsunil007
August 27th, 2011, 10:40 AM
पहल्यां तै एक बै भी रिपलाई ना होया, इब सुसरा रैली के ढाल भीड लाग गी रिपलाइयां की

ravinderjeet
August 27th, 2011, 11:14 AM
सही में ये बात फेलाई गई स अक जा धरने दे के ने अर भूख हड़ताल कर के ने इन् ने या सफलता पा ली तो आगली बरियाँ इस्से तरीके तें ये रिजर्वेसन ख़तम कर्वावेंगे | इह बात तें डरा के ने ये दलित भड़काए सें | या कान्ग्रेसियाँ की चाल स | तीन दिन पहलम महारास्ट्र के दलित अर आदिवासी स्न्ग्ठानों ने भी आजाद मैदान तक रेली निकाल कर अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल का समर्थन किया हे |

yogeshdahiya007
August 27th, 2011, 12:14 PM
सही में ये बात फेलाई गई स अक जा धरने दे के ने अर भूख हड़ताल कर के ने इन् ने या सफलता पा ली तो आगली बरियाँ इस्से तरीके तें ये रिजर्वेसन ख़तम कर्वावेंगे | इह बात तें डरा के ने ये दलित भड़काए सें | या कान्ग्रेसियाँ की चाल स | तीन दिन पहलम महारास्ट्र के दलित अर आदिवासी स्न्ग्ठानों ने भी आजाद मैदान तक रेली निकाल कर अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल का समर्थन किया हे |

Sir Ji ...... Mujhe ek baat or Samjha do to aap ki Meharbani ......

Jo Dalit (SC +ST) A ya B class officer ho jate hain to unka reservation kyun nahi khatam hoo jata ...... wo phir bhi reserved rehte hai jabki reservation to unko hamare brabar lane ke liye hota hai ......... A ya B class officer to hamare se bhi upar chala jata hai ....... to phir ye reservation kyun ......

htomar
August 27th, 2011, 12:32 PM
Agar A ya B class officers ke bachcho ka reservation naa mile to fir aur jyada logo ka vikas ho jayega..
bulk mai vote unhi logo se milta hai jo develope nahi hai.. sab kursi ka khel hai bhai..


Sir Ji ...... Mujhe ek baat or Samjha do to aap ki Meharbani ......

Jo Dalit (SC +ST) A ya B class officer ho jate hain to unka reservation kyun nahi khatam hoo jata ...... wo phir bhi reserved rehte hai jabki reservation to unko hamare brabar lane ke liye hota hai ......... A ya B class officer to hamare se bhi upar chala jata hai ....... to phir ye reservation kyun ......

sapverma
August 28th, 2011, 09:30 PM
Bhai,excellent "inside- thoughts," great--I liked it. thanks

Bisky
August 29th, 2011, 12:28 AM
Very Simple Gentleman.
This is the Constitutional provision in favor to them. And our constitution says that we are abide by the law.
Thanx.

mandeep333
August 29th, 2011, 10:18 PM
भाई बिस्की/प्रदीप
ऐसा लगता है कि आपने जनलोकपाल का मूल प्रारूप या मसौदा नही पढा। जनलोकपाल किसी भी द्रृष्टी से दलित विरोधी नहीं। आप गूगल पर खोज कर इसे पढें। कम से कम हम जाटों को तो यह कतई शोभा नहीं देता कि हम ऐसे मुद्दे उठाएँ जो हमारी इगनोरेंस या सीमित ज्ञान को प्रदर्शित करे। मुझे तो यह विषय जो आपने उठाया है अनावश्यक लगता है क्योंकि आपके और श्री रामबिलास पासवान या सुश्री मायावती के बोधिक स्तर में निशचित तौर पर अन्तर है। कृपया मेरी बात को अन्यथा न लें।
आपका शुभेछू
मनदीप कुल्हरिया
The question is not whether we are able to change but whether we are changing fast enough.
There is a basic law that like attracts like. Negative thinking definitely attracts negative results. Conversely, if a person habitually thinks optimistically and hopefully, his positive thinking sets in motion creative forces - and success. by Norman Vincent Peale

Bisky
August 31st, 2011, 12:00 AM
Dear Sir
I m sorry that I am trying to be entangled with a person of the age of my father. लेकिन जाट होने की वजह मुझे जवाब देने से नहीं रोक पाई.

Try to understand the sense of my question plz. And also try to see the rest of the comments above. Not even a single person misunderstood this query and all of them responded very sincerely, only because they first read it, understand it and then replied to it.
I know well that this bill doesn't have anything against the castes and minorities. I know it well. Knowing all, that it is not biased I'd put that particular query in my thread that they have the irritation on the subject which is surely more in favor to them?
और हाँ, मेरा ये भी मानना है कि सारी चीज़ें हमें पढ़ने से नहीं आती, खून में कुदरती रूप से होती हैं।

Anyway, thanx for reply!

Yajat
August 31st, 2011, 02:54 PM
Dalit,dalit,dalit,dalit who are dalits?What is dalit?Are they not man? Are they not citizen of our country? All strong and influential people always ruled.See history and learn.This is the rule of nature, even it applies in all living organisms.Those persons have divided men in cast and creed who want to flourish through shortcut.Get money and power by misleading common men.No aim more then this.I am asking many dalit polticians ruled states and ministries how many were concerned about common men or dalits?

mandeep333
August 31st, 2011, 06:25 PM
भाई प्रदीप
ऐसा लगता है कि आपने जनलोकपाल का मूल प्रारूप या मसौदा नही पढा। जनलोकपाल किसी भी द्रृष्टी से दलित विरोधी नहीं। आप गूगल पर खोज कर इसे पढें। कम से कम हम जाटों को तो यह कतई शोभा नहीं देता कि हम ऐसे मुद्दे उठाएँ जो हमारी इगनोरेंस या सीमित ज्ञान को प्रदर्शित करे। मुझे तो यह विषय जो आपने उठाया है अनावश्यक लगता है क्योंकि आपके और श्री रामबिलास पासवान या सुश्री मायावती or Sh. Laalu Yadav के बोधिक स्तर में निशचित तौर पर अन्तर है। कृपया मेरी बात को अन्यथा न लें।
आपका शुभेछू
मनदीप कुल्हरिया

mandeep333
August 31st, 2011, 06:41 PM
Dear Prdeep
I don't underestimate your capability. I only intended to express my contemplated views. We are the ones who have been politically misunderstood, underestimated and undervalued ever since independence. The times have come when we must unite with a common goal of getting the due status to our community. This can only be achieved if we wholeheartedly unite shunning our petty interests. You are young & energetic like many of your compatriot Jats on this site. So, I must say that we need to focus our attention towards higher goal.
Good Luck
Mandeep Singh Kulhria
Do not wait to strike till the iron is hot; but make it hot by striking.