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View Full Version : म्हारै काके का ब्याह सै, काकी ल्याणी सै नया &



dahiyarocks
October 31st, 2011, 08:40 AM
हरियाणावी भाषा में छपे शादी-विवाह के निमंत्रण पत्रों ने मचाई धूम, लोगों को मिल रही है इसमें अपनत्व की झलक

शादियों के निमंत्रण पत्र में इस बार नया ट्रेंड चलन में आ गया है। अब लोग हरियाणवी में भी निमंत्रण पत्र छपवा कर न्योता भेजने लगे हैं। इसे देखते हुए कार्ड विक्रेताओं ने इस बार ऐसे निमंत्रण पत्र छापे हैं और प्रिंटिंग प्रेसों के संचालक इन्हें बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं। खरीदें भी क्यों न? लोगों की डिमांड जो है। प्रदेश में बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के लोग भी रहते हैं, इसलिए पंजाबी में भी शादी के कार्ड बाजार में हैं। हालांकि पंजाबी में शादी के कार्ड पहले भी छपते रहे हैं, लेकिन हरियाणवी के शादी कार्ड बाजार में पहली बार छप कर आए हैं और लोग इन्हें पसंद भी कर रहे हैं।


http://epaper.bhaskar.com/cph/Details.aspx?id=89157&boxid=103125343984
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चिरंजीव के बजाए लाडला

शादी के कार्ड की शब्दावली पूरी तरह हरियाणवी से पगी है। गणेश जी की वंदना के श्लोक की जगह उनकी जय बोली गई है, वहीं लीली छतरी (भगवान) आलै की मेहरबानी लिखा जा रहा है। चिरंजीव की जगह लाडला और सौभाग्यवती की जगह लाडली लिखा जा रहा है। खाने को माल खाण का टेम और जनेत चढण का टेम भी हरियाणवी में ही लिखा गया है। शादी में जलूल-जलूल आने की जगह पर लिखा है कि म्हारै काका की शादी म्ह चाल्णा सै अर काकी ल्याणी सै।
http://epaper.bhaskar.com/cph/Details.aspx?id=89157&boxid=10312534315

सबको आ रहे हैं पसंद

प्रिंटिंग प्रेस संचालक रमेश बंसल के अनुसार इस बार हरियाणवी कार्ड पिछले साल के मुकाबले ज्यादा चलन में हैं और करीब 20 में एक ने तो हरियाणवी में कार्ड छपवाया ही है। हरियाणवी हास्य कवि वीएम बेचैन भी शादियों में हरियाणवी के ट्रेंड से बेहद खुश हैं। बेचैन के अनुसार हरियाणवी हमारी संस्कृति की पहचान है तो भी फिर शादी के कार्ड में छपवाने में क्या हर्ज है। खुशी है कि हरियाणवी में कार्ड छप रहे हैं और यह जिस्सै आण की बात सै।

http://epaper.bhaskar.com/cph/Details.aspx?id=89157&boxid=103125342890

kuldeeppunia25
October 31st, 2011, 10:50 AM
http://epaper.bhaskar.com/cph/EpaperImages/31102011/BP4319-small.jpg

हरियाणावी भाषा में छपे शादी-विवाह के निमंत्रण पत्रों ने मचाई धूम, लोगों को मिल रही है इसमें अपनत्व की झलक

शादियों के निमंत्रण पत्र में इस बार नया ट्रेंड चलन में आ गया है। अब लोग हरियाणवी में भी निमंत्रण पत्र छपवा कर न्योता भेजने लगे हैं। इसे देखते हुए कार्ड विक्रेताओं ने इस बार ऐसे निमंत्रण पत्र छापे हैं और प्रिंटिंग प्रेसों के संचालक इन्हें बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं। खरीदें भी क्यों न? लोगों की डिमांड जो है। प्रदेश में बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के लोग भी रहते हैं, इसलिए पंजाबी में भी शादी के कार्ड बाजार में हैं। हालांकि पंजाबी में शादी के कार्ड पहले भी छपते रहे हैं, लेकिन हरियाणवी के शादी कार्ड बाजार में पहली बार छप कर आए हैं और लोग इन्हें पसंद भी कर रहे हैं।

चिरंजीव के बजाए लाडला

शादी के कार्ड की शब्दावली पूरी तरह हरियाणवी से पगी है। गणेश जी की वंदना के श्लोक की जगह उनकी जय बोली गई है, वहीं लीली छतरी (भगवान) आलै की मेहरबानी लिखा जा रहा है। चिरंजीव की जगह लाडला और सौभाग्यवती की जगह लाडली लिखा जा रहा है। खाने को माल खाण का टेम और जनेत चढण का टेम भी हरियाणवी में ही लिखा गया है। शादी में जलूल-जलूल आने की जगह पर लिखा है कि म्हारै काका की शादी म्ह चाल्णा सै अर काकी ल्याणी सै।

सबको आ रहे हैं पसंद

प्रिंटिंग प्रेस संचालक रमेश बंसल के अनुसार इस बार हरियाणवी कार्ड पिछले साल के मुकाबले ज्यादा चलन में हैं और करीब 20 में एक ने तो हरियाणवी में कार्ड छपवाया ही है। हरियाणवी हास्य कवि वीएम बेचैन भी शादियों में हरियाणवी के ट्रेंड से बेहद खुश हैं। बेचैन के अनुसार हरियाणवी हमारी संस्कृति की पहचान है तो भी फिर शादी के कार्ड में छपवाने में क्या हर्ज है। खुशी है कि हरियाणवी में कार्ड छप रहे हैं और यह जिस्सै आण की बात सै।

dahiyarocks
October 31st, 2011, 12:10 PM
re khakoi kasuta kaam kar gya..........

fb pe te hadde chap gya...........