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View Full Version : What if no Gandhi in Indian Politics ?



Prikshit
February 11th, 2012, 11:06 AM
Please share your views on where you see Indian politics if no Gandhi is a part of it. What impact it will have on Congress ?

ravinderjeet
February 11th, 2012, 11:34 AM
Please share your views on where you see Indian politics if no Gandhi is a part of it. What impact it will have on Congress ?


than no congress will be there.

raka
February 11th, 2012, 11:57 AM
अगर ये गाँधी नहीं होते तो फेर ना या कांग्रेस होणी थी, ना देश आजाद होना था (क्योंकि आज़ादी का शेहरा गाँधी के सर बांधा जाता हैं ) , ना कांग्रेस का राज़ होना था , ना ये घोटाले होने थे, ना अन्ना का नाम होना था :)

डी ऍन कालेज हिसार की बात स कई छोरे एक ग्रुप में बैठे आपस में अपने अपने गाँव में जाटों की चौधर पर चर्चा कर रहे थे , उस ग्रुप में एक अहीरों का लड़का भी बैठा था .....वो अहिरा वाला छोरा बोला के माहरे गाँव में तो सारे राव साहब स ......इतने में उस ग्रुप में बैठे जींद कंट्री के एक चौधरी न उस अहीर त पूछी के ताहरे गाँव में साची में कोई जाट कोणी ?..........अहीर का बोला ना सारे राव साहब स .......जींद कंट्री आल्ला बोला के... फेर ताहरे गाँव में चौधर कौन करे स ? ;)
वाहे बात स अगर ये गाँधी नहीं होते तो फेर देश पर राज कौन करता :)




http://www.jatland.com/forums/image/gif;base64,R0lGODlhAQABAIAAAP///////yH5BAEKAAEALAAAAAABAAEAAAICTAEAOw==

skarmveer
February 11th, 2012, 01:31 PM
Gandhi/Congress na hoti to hum kuchh saal pahley aazaad ho gaye hotey....Aaj jo desh mein jagah-2 aatankwaad dikhai deta hai wo nahi hota...is desh ka batwara nahi hota or agar hota to is mein muslamman nahi hotey...or agar muslmaan nahi hotey to aadhi pareshani to vaise hee khatam ho jaati......So India (-) Congress/Gandhi = Khush-haal Bharat.

rajpaldular
February 11th, 2012, 02:51 PM
भारत का सर्वनाश अकेले गाँधी ने नहीं किया था, अपितु नेहरु भी उतना ही उत्तरदायी है.

देश का सत्यानाश करके ये दोनों तो मर-खप गए अब चाहे इनको गालिया दो अथवा दोनों की समाधि पर कोड़े बरसाओ, भारत वर्ष का कोई भला होने वाला नहीं है.

raka
February 11th, 2012, 08:07 PM
करमवीर भाईसाहब आपने सही बात कही परन्तु आपकी मुसलमान वाली बात से मैं सहमत नहीं हु क्योंकि इस देश के हालातों के लिए असल में अकेले मुस्लमान जिम्मेवार नहीं हैं | इस देश में आज तक जितने भी घपले घोटाले हुए हैं उनका आप हिसाब किताब लगा के देखना की इनमे शामिल कौन से मजहब के लोग ज्यादा हैं कितने प्रतिशत हिन्दू हैं कितने प्रतिशत मुस्लिम हैं और कौन सी जाति के लोग ज्यादा हैं ? आप हिसाब किताब लगाओगे तो देखोगे की सिर्फ तीन-चार जाति के लोग हैं ( गाँधी, नेहरु, जिन्ना की जाति के लोग) जो हर मजहब में मौजूद हैं जो लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | ऐसे ही इन्ही जाति के लोग उस पार के देश में लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | उस पार का जाट भी ऐसे ही रोता कोसता रहता हैं इन तीन चार जाति के लोगो को | जितने भी धार्मिक मजहबी संगठन हैं उनमे भी सिर्फ यही तीन चार जाति के लोग उन संगठनो के मुख्या मिलेंगे जिनकी बातों में आकर हम अपनों से नफरत करते हैं |
जहाँ तक मैंने इतिहास में पढ़ा हैं सुना हैं हमारे संयुक्त पंजाब में हिन्दू जाट ,सिक्ख जाट,मुस्लिम जाट सब एक साथ थे और हमारे जाटों के मसीहा चौ.छोटूराम हिन्दू जाटों की बजाये मुस्लिम जाटों में ज्यादा लोकप्रिय थे | सब मुस्लिम उन्हें चचा कहके बुलाते थे |
2-3 साल पहले की बात हैं चंडीगढ़ में ''चंडीगढ़ जाट सभा'' की मीटिंग हुई थी उसमे पंजाब से मनप्रीत बादल भी आया हुआ था | मनप्रीत बादल ने एक किस्सा सुनाया की ''एक बार अपने हरियाणा पंजाब से कुछ लोग पाकिस्तान घुमने गए थे | एक दिन वो लोग किश्ती से नदी पार कर रहे थे तो उस किश्ती वाले ने पूछा के ''जनाब किथों आए हो '' | उनमे से एक ने कहा रोहतक हरियाणा से, सुना हैं कभी ., किश्ती वाला बोला अच्छा छोटूखान के इलाके तो हो तुसी | हरियाणा वाला बोला उनका नाम छोटूखान नहीं छोटूराम था , किश्ती वाला बड़े मायूसी वाले अंदाज में बोला ''अच्छा ऐना चंगा बन्दा हिन्दू सी '' | इसे से पता चलता हैं की एक हिन्दू जाट नेता को मुस्लिम किस कदर चाहते थे कितनी इज्जत थी मुसलमानों के दिल में |
हाँ यह हकीक़त हैं की अगर चौ. छोटूराम जल्दी नहीं मरते तो देश का बंटवारा नहीं होता अगर होता भी तो हम जाटों की शर्तों पर होता गाँधी नेहरु जिन्ना की शर्तों पर नहीं |
आरक्षण आन्दोलन में हर मजहब का जाट हमारे साथ जुड़ा हैं यु.पी के मुस्लिम जाट हमारा बहुत साथ देते हैं |चंडीगढ़ रैल्ली में एक राजौरी पूंछ का मुस्लिम जाट आया था वो अपने दुसरे मजहबो के जाट भाइयों को एक साथ देख कर इतना भावुक हो गया की बोलते वक़्त उसका गला भर आया |
अगर मुस्लमान जाट भी हमसे इतनी ही नफरत करते तो वो लोग आज के इस कट्टर धार्मिक दौर में अपनी लाहौर विधानसभा में चौ.छोटूराम की तश्वीर नहीं लगाते |
इसलिए आप लोगो से गुजारिश हैं की किसी मजहब से नफरत करने की बजाए इन मजहबो में मौजूद गाँधी,नेहरु,जिन्ना की जाति के लोगो से घृणा करो , वे स असली सांपा की माँ |

Prikshit
February 12th, 2012, 09:39 AM
करमवीर भाईसाहब आपने सही बात कही परन्तु आपकी मुसलमान वाली बात से मैं सहमत नहीं हु क्योंकि इस देश के हालातों के लिए असल में अकेले मुस्लमान जिम्मेवार नहीं हैं | इस देश में आज तक जितने भी घपले घोटाले हुए हैं उनका आप हिसाब किताब लगा के देखना की इनमे शामिल कौन से मजहब के लोग ज्यादा हैं कितने प्रतिशत हिन्दू हैं कितने प्रतिशत मुस्लिम हैं और कौन सी जाति के लोग ज्यादा हैं ? आप हिसाब किताब लगाओगे तो देखोगे की सिर्फ तीन-चार जाति के लोग हैं ( गाँधी, नेहरु, जिन्ना की जाति के लोग) जो हर मजहब में मौजूद हैं जो लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | ऐसे ही इन्ही जाति के लोग उस पार के देश में लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | उस पार का जाट भी ऐसे ही रोता कोसता रहता हैं इन तीन चार जाति के लोगो को | जितने भी धार्मिक मजहबी संगठन हैं उनमे भी सिर्फ यही तीन चार जाति के लोग उन संगठनो के मुख्या मिलेंगे जिनकी बातों में आकर हम अपनों से नफरत करते हैं |
जहाँ तक मैंने इतिहास में पढ़ा हैं सुना हैं हमारे संयुक्त पंजाब में हिन्दू जाट ,सिक्ख जाट,मुस्लिम जाट सब एक साथ थे और हमारे जाटों के मसीहा चौ.छोटूराम हिन्दू जाटों की बजाये मुस्लिम जाटों में ज्यादा लोकप्रिय थे | सब मुस्लिम उन्हें चचा कहके बुलाते थे |
2-3 साल पहले की बात हैं चंडीगढ़ में ''चंडीगढ़ जाट सभा'' की मीटिंग हुई थी उसमे पंजाब से मनप्रीत बादल भी आया हुआ था | मनप्रीत बादल ने एक किस्सा सुनाया की ''एक बार अपने हरियाणा पंजाब से कुछ लोग पाकिस्तान घुमने गए थे | एक दिन वो लोग किश्ती से नदी पार कर रहे थे तो उस किश्ती वाले ने पूछा के ''जनाब किथों आए हो '' | उनमे से एक ने कहा रोहतक हरियाणा से, सुना हैं कभी ., किश्ती वाला बोला अच्छा छोटूखान के इलाके तो हो तुसी | हरियाणा वाला बोला उनका नाम छोटूखान नहीं छोटूराम था , किश्ती वाला बड़े मायूसी वाले अंदाज में बोला ''अच्छा ऐना चंगा बन्दा हिन्दू सी '' | इसे से पता चलता हैं की एक हिन्दू जाट नेता को मुस्लिम किस कदर चाहते थे कितनी इज्जत थी मुसलमानों के दिल में |
हाँ यह हकीक़त हैं की अगर चौ. छोटूराम जल्दी नहीं मरते तो देश का बंटवारा नहीं होता अगर होता भी तो हम जाटों की शर्तों पर होता गाँधी नेहरु जिन्ना की शर्तों पर नहीं |
आरक्षण आन्दोलन में हर मजहब का जाट हमारे साथ जुड़ा हैं यु.पी के मुस्लिम जाट हमारा बहुत साथ देते हैं |चंडीगढ़ रैल्ली में एक राजौरी पूंछ का मुस्लिम जाट आया था वो अपने दुसरे मजहबो के जाट भाइयों को एक साथ देख कर इतना भावुक हो गया की बोलते वक़्त उसका गला भर आया |
अगर मुस्लमान जाट भी हमसे इतनी ही नफरत करते तो वो लोग आज के इस कट्टर धार्मिक दौर में अपनी लाहौर विधानसभा में चौ.छोटूराम की तश्वीर नहीं लगाते |
इसलिए आप लोगो से गुजारिश हैं की किसी मजहब से नफरत करने की बजाए इन मजहबो में मौजूद गाँधी,नेहरु,जिन्ना की जाति के लोगो से घृणा करो , वे स असली सांपा की माँ |

Rakesh ji,

I thank you for sharing this with us. I think hatred towards any religion just because few people in it are bad is not at all justified. I have worked with many Muslim friends, I never felt any difference in their attitude or behavior. Hatred is not preached in any religion, spite against any religion is bad. I think we should get over this and promote brotherhood.

ravinderjeet
February 12th, 2012, 03:16 PM
करमवीर भाईसाहब आपने सही बात कही परन्तु आपकी मुसलमान वाली बात से मैं सहमत नहीं हु क्योंकि इस देश के हालातों के लिए असल में अकेले मुस्लमान जिम्मेवार नहीं हैं | इस देश में आज तक जितने भी घपले घोटाले हुए हैं उनका आप हिसाब किताब लगा के देखना की इनमे शामिल कौन से मजहब के लोग ज्यादा हैं कितने प्रतिशत हिन्दू हैं कितने प्रतिशत मुस्लिम हैं और कौन सी जाति के लोग ज्यादा हैं ? आप हिसाब किताब लगाओगे तो देखोगे की सिर्फ तीन-चार जाति के लोग हैं ( गाँधी, नेहरु, जिन्ना की जाति के लोग) जो हर मजहब में मौजूद हैं जो लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | ऐसे ही इन्ही जाति के लोग उस पार के देश में लूट रहे हैं राज कर रहे हैं | उस पार का जाट भी ऐसे ही रोता कोसता रहता हैं इन तीन चार जाति के लोगो को | जितने भी धार्मिक मजहबी संगठन हैं उनमे भी सिर्फ यही तीन चार जाति के लोग उन संगठनो के मुख्या मिलेंगे जिनकी बातों में आकर हम अपनों से नफरत करते हैं |
जहाँ तक मैंने इतिहास में पढ़ा हैं सुना हैं हमारे संयुक्त पंजाब में हिन्दू जाट ,सिक्ख जाट,मुस्लिम जाट सब एक साथ थे और हमारे जाटों के मसीहा चौ.छोटूराम हिन्दू जाटों की बजाये मुस्लिम जाटों में ज्यादा लोकप्रिय थे | सब मुस्लिम उन्हें चचा कहके बुलाते थे |
2-3 साल पहले की बात हैं चंडीगढ़ में ''चंडीगढ़ जाट सभा'' की मीटिंग हुई थी उसमे पंजाब से मनप्रीत बादल भी आया हुआ था | मनप्रीत बादल ने एक किस्सा सुनाया की ''एक बार अपने हरियाणा पंजाब से कुछ लोग पाकिस्तान घुमने गए थे | एक दिन वो लोग किश्ती से नदी पार कर रहे थे तो उस किश्ती वाले ने पूछा के ''जनाब किथों आए हो '' | उनमे से एक ने कहा रोहतक हरियाणा से, सुना हैं कभी ., किश्ती वाला बोला अच्छा छोटूखान के इलाके तो हो तुसी | हरियाणा वाला बोला उनका नाम छोटूखान नहीं छोटूराम था , किश्ती वाला बड़े मायूसी वाले अंदाज में बोला ''अच्छा ऐना चंगा बन्दा हिन्दू सी '' | इसे से पता चलता हैं की एक हिन्दू जाट नेता को मुस्लिम किस कदर चाहते थे कितनी इज्जत थी मुसलमानों के दिल में |
हाँ यह हकीक़त हैं की अगर चौ. छोटूराम जल्दी नहीं मरते तो देश का बंटवारा नहीं होता अगर होता भी तो हम जाटों की शर्तों पर होता गाँधी नेहरु जिन्ना की शर्तों पर नहीं |
आरक्षण आन्दोलन में हर मजहब का जाट हमारे साथ जुड़ा हैं यु.पी के मुस्लिम जाट हमारा बहुत साथ देते हैं |चंडीगढ़ रैल्ली में एक राजौरी पूंछ का मुस्लिम जाट आया था वो अपने दुसरे मजहबो के जाट भाइयों को एक साथ देख कर इतना भावुक हो गया की बोलते वक़्त उसका गला भर आया |
अगर मुस्लमान जाट भी हमसे इतनी ही नफरत करते तो वो लोग आज के इस कट्टर धार्मिक दौर में अपनी लाहौर विधानसभा में चौ.छोटूराम की तश्वीर नहीं लगाते |
इसलिए आप लोगो से गुजारिश हैं की किसी मजहब से नफरत करने की बजाए इन मजहबो में मौजूद गाँधी,नेहरु,जिन्ना की जाति के लोगो से घृणा करो , वे स असली सांपा की माँ |

भाई जाट चाहे किते का भी हो , अर कुनसे भी पंथ ने मानदा हो ,धार्मिक कट्टर कोणी होंदा |

Rajkamal
February 13th, 2012, 03:29 PM
अगर ये गाँधी नहीं होते तो फेर ना या कांग्रेस होणी थी, ना देश आजाद होना था (क्योंकि आज़ादी का शेहरा गाँधी के सर बांधा जाता हैं ) , ना कांग्रेस का राज़ होना था , ना ये घोटाले होने थे, ना अन्ना का नाम होना था :)

डी ऍन कालेज हिसार की बात स कई छोरे एक ग्रुप में बैठे आपस में अपने अपने गाँव में जाटों की चौधर पर चर्चा कर रहे थे , उस ग्रुप में एक अहीरों का लड़का भी बैठा था .....वो अहिरा वाला छोरा बोला के माहरे गाँव में तो सारे राव साहब स ......इतने में उस ग्रुप में बैठे जींद कंट्री के एक चौधरी न उस अहीर त पूछी के ताहरे गाँव में साची में कोई जाट कोणी ?..........अहीर का बोला ना सारे राव साहब स .......जींद कंट्री आल्ला बोला के... फेर ताहरे गाँव में चौधर कौन करे स ? ;)
वाहे बात स अगर ये गाँधी नहीं होते तो फेर देश पर राज कौन करता :)




http://www.jatland.com/forums/image/gif;base64,R0lGODlhAQABAIAAAP///////yH5BAEKAAEALAAAAAABAAEAAAICTAEAOw==







Bhai sahab Jind Country aale to nu a roog katyaa kare....... Kaaangress ka soopda saaaf kar diyaa tha 5 me te 1 bhi seat na di.......

vicky84
February 14th, 2012, 09:44 AM
भाई जाट चाहे किते का भी हो , अर कुनसे भी पंथ ने मानदा हो ,धार्मिक कट्टर कोणी होंदा |

Jat dharam se upar hai. Jai Jat!!