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View Full Version : एक दिन में 4 करोड़ से भी ज्यादा कमा लेते हैं न



rajpaldular
April 4th, 2012, 02:59 PM
निर्मल दरबार लगा कर लोगों की हर समस्*या का आसान समाधान बताने वाले निर्मल बाबा को हर रोज चढ़ावे के तौर पर कितने पैसे मिलते हैं? हर दिन टीवी पर दिख कर दर्शकों और लोगों पर शक्तियों की कृपा बरपाने वाले बाबा जी को किसी ने अन्य बाबाओं की तरह चढ़ावा या पैसा लेकर पैर छूने के लिए मिलते नहीं देखा, लेकिन फिर भी उन्हें हर रोज़ करोड़ों रुपए मिल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि बाबा जी की इस मोटी कमाई का एक बड़ा हिस्सा मीडिया को भी मिल रहा है।http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/03/nirmal-baba-tv-300x221.jpg (http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/03/nirmal-baba-tv.jpg)
हाल ही में अचानक निर्मल बाबा के भक्तों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। अगर इंटरनेट पर ही बाबा जी की वेबसाइट की लोकप्रियता का आकलन किया जाए तो पता चलता है कि एक साल में इसे देखने वालों की संख्या में 400 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। टीवी चैनलों पर उनके कार्यक्रम के दर्शकों की संख्या में भी भारी इज़ाफा हुआ है। हालांकि उनके समागम का प्रसारण देश विदेश के 35 से भी अधिक चैनलों पर होता है जिन्हें खासी लोकप्रियता भी मिल रही है, लेकिन उनके बीच कोई ब्रेक या विज्ञापन नहीं होता। न्यूज़ 24 पर पिछले हफ्ते उनके कार्यक्रम की लोकप्रियता 52 प्रतिशत रही जो शायद चैनल के किसी भी बुलेटिन या शो को नहीं मिल पाई है।
चैनलों को इन प्रसारणों के लिए मोटी कीमत भी मिल रही है जिसका नतीजा है कि उन्होंने अपने सिद्धांतों और क़ायद-क़ानूनों को भी ताक पर रख दिया है। नेटवर्क 18 ने तो बाबा के समागम का प्रसारण अपने खबरिया चैनलों के साथ-साथ हिस्ट्री चैनल पर भी चलवा रखा है। खबर है कि इन सब के लिए नेटवर्क 18 की झोली में हर साल करोड़ रुपए से भी ज्यादा बाबा के ‘आशीर्वाद’ के तौर पर पहुंच रहे हैं। कमोवेश हरेक छोटे-बड़े चैनल को उसकी हैसियत और पहुंच के हिसाब से तकरीबन 25,000 से 2,50,000 रुपए के बीच प्रति एपिसोड तक।
http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/03/nirmal-192x300.jpg (http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/03/nirmal.jpg) फेसबुक पर निर्मल बाबा का ये कार्टून खासा लोकप्रिय हो रहा है

अब जरा देखा जाए कि चढ़ावा नहीं लेने वाले निर्मल बाबा के पास इतनी बड़ी रकम आती कहां से है? महज़ डेढ़ दो सालों मे लोकप्रियता की बुलंदियों को छू रहे निर्मल बाबा हर समस्या का आसान सा उपाय बताते हैं और टीवी पर भी ‘कृपा’ बरसाते हैं। काले पर्स में पैसा रखना और अलमारी में दस के नोट की एक गड्डी रखना उनके प्रारंभिक सुझावों में से है। इसके अलावा जिस ‘निर्मल दरबार’ का प्रसारण दिखाया जाता है उसमें आ जाने भर से सभी कष्ट दूर कर देने की ‘गारंटी’ भी दी जाती है। लेकिन वहां आने की कीमत 2000 रुपये प्रति व्यक्ति है जो महीनों पहले बैंक के जरिए जमा करना पड़ता है। दो साल से अधिक उम्र के बच्चे से भी प्रवेश शुल्क लिया जाता है। अगर एक समागम मे 20 हजार लोग (अमूमन इससे ज्यादा लोग मौज़ूद होते हैं) भी आते हैं तो उनके द्वार जमा की गई राशि 4 करोड़ रुपये बैठती है।
ये समागम हर दूसरे दिन किसी इनडोर स्टेडियम में होता है और अगर महीने में 15 ऐसे समागम भी होते हों, तो बाबा जी को कम से कम 60 करोड़ रुपये का प्रवेश शुल्क मिल चुका होता है। बाबा जी को सिर्फ स्टेडियम का किराया, सुरक्षा इंतजाम और ऑडियो विजुअल सिस्टम पर खर्च करना पड़ता है जो कि महज़ कुछ हज़ार रुपय़े होते हैं। समागम कुछ ही घंटो का होता है जिसमें बाबा जी अपनी बात कहते कम और सुनते ज्यादा हैं। महज़ कुछ घंटे आने और कृपा बरसाने के लिए करोड़ों रुपये कमा लेने वाले बाबा जी अपना कार्यक्रम अधिकतर दिल्ली में ही रखते हैं जहां सारी सुविधाएं कम खर्चे में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
इस मोटी कमाई में एक छोटा, लेकिन अहम हिस्सा उस मीडिया को भी जाता है जिसने बाबा जी को इतनी शोहरत दी है। हालांकि अब कुछ अनचाहे हिस्सेदार भी मिलने लगे हैं। पिछले महीने निर्मल बाबा को एक ‘भक्त’ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस तक की मदद लेनी पड़ी। लुधियाना के रहने वाले इंद्रजीत आनंद ने अपने परिवार के साथ मिल कर जालसाज़ी से बाबा जी को भेजे जाने वाले पैसे में से 1.7 करोड़ रुपये अपने और अपने परिवार के खाते में डलवा लिए। पुलिस ने बताया कि निर्मल बाबा ने बैंक को शिकायत दी थी। बैंक ने जांच की, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया।
उनके भक्त अपनी समस्या सुलझाने के लिए सवाल तो करते ही हैं, उन पर पिछले दिनों बरसी कृपा का गुनगान भी करते है। टीवी चैनलों पर उनके भाव विह्वल होकर सुनाए गए अनुभवों का प्रसारण भी किया जाता है जिसमें उसके सभी कष्टों के निवारण का विवरण होता है। लोगों को कार्यक्रम का यही हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित करता है दरबार में आने के लिए। निर्मल बाबा की बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। ट्विटर पर उन्हें फॉलो करने वालों की संख्या करी 40 हजार हो चुकी है। रहे हैं। फेसबुक पर निर्मल बाबा के प्रशंसकों का पेज है, जिसे 3 लाख लोग पसंद करते हैं। इस पेज पर निर्मल बाबा के टीवी कार्यक्रमों का समय और उनकी तारीफ से जुड़ी टिप्पणियां हैं।
लेकिन सभी लोग निर्मल बाबा के प्रशंसक नहीं हैं। फेसबुक पर कई लोग उन पर और उनके दावों पर संदेह भी जता रहे हैं। किसी ने उन्हें ‘फ्रॉड’ बताया है तो कोई ‘पैसे हजम करने वाला’। एक शख्स ने तो लिखा है, ‘बाबा बहुत चालाक आदमी है… आपको हाथ दिखाएगा तो आप पर ऊपर वाले की कृपा हो जाएगी…सिर्फ टीवी देखने से भी भला होता है?’ एक दूसरे व्यक्ति ने लिखा है: ‘महाठग जो बुद्धू लोगों को चूना लगा रहा है और लोग हंस रहे है..पता नहीं लोग कब समझेंगे भगवान और आदमी का
फर्क..?’
निर्मल बाबा के जीवन या उनकी पृष्ठभूमि के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। उनकी आधिकारिक वेबसाइट निर्मलबाबा. कॉम पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस वेबसाइट पर उनके कार्यक्रमों, उनके समागम में हिस्सा लेने के तरीकों के बारे में बताया गया है और उनसे जुड़ी प्रचार प्रसार की सामग्री उपलब्ध है। झारखंड के एक अखबार के संपादक ने फेसबुक पर निर्मल बाबा की तस्वीर के साथ यह टिप्पणी की है, ‘ये निर्मल बाबा हैं। पहली बार टीवी पर उन्हें देखा। भक्तों की बात भी सुनी। पता चला..यह विज्ञापन है. आखिर बाबाओं को विज्ञापन देने की जरूरत क्यों पड़ती है? सुनने में आया है…ये बाबा पहले डाल्टनगंज (झारखंड) में ठेकेदारी करते थे?’
लेकिन एक दूसरी वेबसाइट निर्मलबाबा.नेट.इन उनके बारे में कई दावे किए गए हैं। वेबसाइट के मुताबिक निर्मल बाबा आध्यात्मिक गुरु हैं और भारत में वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इस वेबसाइट पर उन्हें दैवीय इंसान बताया गया है। उनकी शान में कसीदे गढ़ते हुए बताया गया है कि किसी भी इंसान का सबसे बड़ा गुण ‘देना’ होता है और निर्मल बाबा लंबे समय से लोगों को खुशियां दे रहे हैं। वेबसाइट का दावा है कि बाबा के पास छठी इंद्रिय (सिक्स्थ सेंस) भी है जिससे मनुष्य को भविष्य में होने वाली घटना के बारे में पहले से ही पता चल जाता है। ग़ौरतलब है कि उनके समागम का शीर्षक ही ‘थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबा’ होता है।
हालांकि, निर्मलबाबा.कॉम में बताया गया है कि निर्मलबाबा.नेट.इन एक फर्जी वेबसाइट है, लेकिन इसमें बाबा की तारीफ़ ही छपी है। वेबसाइट के अनुसार, ‘बाबा नई दिल्ली में रहने वाले आध्यात्मिक गुरु हैं। वेबसाइट के मुताबिक वे 10 साल पहले साधारण व्यक्ति थे, लेकिन बाद में उन्होंने ईश्वर के प्रति समर्पण से अपने भीतर अद्वितीय शक्तियों का विकास किया। ध्यान के बल पर वह ट्रांस (भौतिक संसार से परे किसी और दुनिया में) में चले जाते हैं। ऐसा करने पर वह ईश्वर से मार्गदर्शन ग्रहण करते हैं, जिससे उन्हें लोगों के दुख दूर करने में मदद मिलती है।
उनकी इस साईट के मुताबिक निर्मल बाबा के पास मुश्किलों का इलाज करने की शक्ति है। वे किसी भी मनुष्य के बारे मेंटेलीफोन पर बात करके पूरी जानकारी दे सकते हैं। यहां तक कि सिर्फ फोन पर बात करके वह किसी भी व्यक्ति की आलमारी में क्या रखा है, बता सकते हैं। उनकी रहस्मय शक्ति ने कई लोगों को कष्ट से मुक्ति दिलाई है।’ निर्मल बाबा के बारे में जानने के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो नंबर लगातार व्यस्त रहे।
निर्मल बाबा के दावों पर कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं। इंडीजॉब्स. हबपेजेस.कॉम वेबसाइट पर निर्मल बाबा की कार्यशैली और दावों पर कुछ सवाल उठाए गए थे, लेकिन बाद में डिलीट कर दिए गए। हबपेजेस.कॉम पर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के आर्टिकल प्रकाशित कर सकता है। इस वेबसाइट पर दावा किया गया है कि ऐसे आर्टिकल प्रकाशित करने पर क्लिक के आधार पर वह पैसे भी कमा सकता है।
इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख ‘इज निर्मल बाबा अ फ्रॉड’ में कहा गया था कि उनके इतिहास के बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध है। वेबसाइट के मुताबिक, ‘वे वर्तमान में समागम के अलावा क्या करते हैं और अपने भक्तों से मिलने वाली करोड़ों रुपये की राशि से वे क्या कर रहे हैं, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर प्रकृति ने उन्हें दैवीय शक्ति दी है, तो वे लोगों से पैसे लेकर क्यों उनका भला कर रहे हैं?
हालांकि अब ये पेज उपलब्ध नहीं है। लेख में लिखा था ‘अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो निर्मल बाबा आपका चेहरा तक नहीं देखेंगे।’

rajpaldular
April 4th, 2012, 03:10 PM
http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/04/Nirmal-Baba-2-300x204.jpg (http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/04/Nirmal-Baba-2.jpg)हबपेजेस के खिलाफ़ हाईकोर्ट पहुंचने वाले टीम निर्मल बाबा के हौसले बुलंद हो गए हैं। बुधवार को सुबह-सुबह खुद को निर्मल दरबार का प्रतिनिधि बताने वाली एक महिला ने लेखक धीरज भारद्वाज को फोन कर धमकाया और कहा कि दो घंटे के भीतर मीडिया दरबार से बाबा जी के खिलाफ़ लिखा आलेख हटा लिया जाए वर्ना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जब लेखक ने उनसे आपत्ति की वजह जाननी चाही तो महिला ने कहा कि सब उनका वकील बता देगा।
दोपहर तक एक कानूनी नोटिस भी मेल के जरिए आ गया। नोटिस की भाषा खासी आक्रामक और आदेशात्मक है। नोटिस में मीडिया दरबार के लेख- ‘एक दिन में 4 करोड़ से भी ज्यादा कमा लेते हैं निर्मल बाबा, मीडिया भी लेता है चढ़ावा’ (http://www.mediadarbar.com/5391/nirmal-baba-earns-huge-money/) और हबपेजेस पर शुरु की गई एक ताज़ा बहस ‘Is Nirmal Baba A Fraud? (http://nirmalbabafraud.hubpages.com/hub/Nirmal-Baba-A-Fraud)‘ के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है।
http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/04/legal-notice-389x1024.jpg (http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/04/legal-notice.jpg)

दिल्ली की इस कानूनी फर्म ने ग्रेटर कैलाश में रहने वाले निर्मलजीत नरुला की तरफ से भेजे गए अपने नोटिस के साथ हबपेजेस से पहले से ही हटाए जा चुके एक लेख के खिलाफ़ मिले हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भी नत्थी की है।
दिलचस्प बात यह है कि मीडिया दरबार ने हबपेजेस पर जो नई बहस शुरु की है उसका पुराने हटाए जा चुके पेज से कोई संबंध ही नहीं है। ये आलेख (http://nirmalbabafraud.hubpages.com/hub/Nirmal-Baba-A-Fraud) अभी भी हबपेजेस (http://nirmalbabafraud.hubpages.com/hub/Nirmal-Baba-A-Fraud) पर आसानी से उपलब्ध है जो खासी लोकप्रियता बटोर रहा है। यह आलेख हबपेजेस के पिछले लेख से अलग है और इसे एक स्वस्थ बहस का मंच बनाया गया है।
रहा सवाल मीडिया दरबार पर छपे लेख का तो उसमें कोई आक्षेप या आक्रामक आरोप नहीं लगाए गए हैं। उसमें कुछ तथ्य सामने लाने की कोशिश की गई है, जो कोई आम आदमी भी आसानी से समझ सकता है।
आलेख में बाबाजी के तेजी से फैलते विशाल कारोबार के बारे में बताया गया है जिसकी अधिकतर सामग्री निर्मलबाबा.कॉम से ही ली गई है। आलेख में बाबाजी की लोकप्रियता से संबंधित जो भी आंकड़े दिए गए हैं वो टैम और ऐलेक्सा के शोध पर आधारित हैं।
नोटिस में आईटी ऐक्ट 2000 का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि अगर नोटिस मिलने के 36 घंटे तक सामग्रियां नहीं हटाई गईं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके लिए मीडिया दरबार जिम्मेदार होगा।
फिलहाल मीडिया दरबार ने अपने आलेखों को आरोपों के दायरे से बाहर मानते हुए किसी भी आलेख को न हटाने का फैसला किया है और मामले के विस्तृत अध्ययन के लिए अपने कानूनी सलाहकारों से संपर्क साधा है।
ग़ौरतलब है कि मीडिया दरबार ने अपने पिछले लेख में राजफाश किया था कि निर्मल बाबा किस तरह अपने दरबार का प्रचार टीवी चैनलों के जरिए कर रहे हैं और उसमें आने वाले श्रद्धालुओं से ऐंट्री फीस के तौर पर पैसे लेकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
अमेरिकी वेबसाइट हबपेजेस पर भी पुराने पेज के हटने के बाद मीडिया दरबार ने एक नई बहस (http://nirmalbabafraud.hubpages.com/hub/Nirmal-Baba-A-Fraud)शुरु की है। इस पेज पर सवाल उठाए गए हैं कि आखिर निर्मल बाबा अपने भक्तों का भला करने के लिए पैसे क्यों वसूलते हैं? यह पेज अंग्रेजी में है और देश विदेश से इस पर पाठकों के कई कमेंट आ रहे हैं।

ravinderjeet
April 4th, 2012, 03:25 PM
ये काले धन को बिना टेक्स दिए सफ़ेद करने का एक तरिका हे | इस आदमी के पीछे किसी राजनेतिक दल औए भर्सठाचारिओं का हाथ मिलेगा | और भारत जेसे पाथर पूजने वाले धर्मभीरु देश में एक ज़िंदा गधे को पूजने वाले करोड़ों गधे मिलजायेंगे |

vikram.dahiya
April 4th, 2012, 04:05 PM
पिछले कुछ दिनों से निर्मल बाबा की कमाई में 250 % इजाफा हो गया है क्योकि बाबा ने प्रवेश शुल्क Rs. 2000/- से बढाकर Rs. 5000/- कर दिया है इसलिए निर्मल बाबा की कमाई 150 करोड़ महीना है

rakeshsehrawat
April 5th, 2012, 11:13 AM
Dular iske sariya tata karke la de kulle pe

rajpaldular
April 6th, 2012, 11:46 AM
Nirmal Baba se bhee adhik "DURDANT BABA" hai Dera Sachcha Sauda, Sirsa ka "Baba Ram Rahim"

aur iske 4 crore kattar bhakt hain, itne kattar hain ye bhakt ki jo mai ye likh raha hoon aur galti se yadi mai unke saamne pad gaya to mujhe kachcha chaba jayen.

google search me jakar aap log bahut se video hain vo dekhiye....

rajpaldular
April 10th, 2012, 12:34 PM
मानहानि के एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाठग निर्मल बाबा को जमकर लताड ...लगाई और कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज करने का आदेश दिया... मित्रों, एक मानहानी के केस मे निर्मल के वकील ने निर्मल की तरफ से कोर्ट ने एफिडेविट दिया था कि उसका मुवक्किल निर्मलजीत सिंह नरुला विश्व का एक जाना माना आध्यात्मिक गुरु है और उसके कार्यक्रमों का विश्व मे 40 टीवी चैनेलो पर प्रसारण होता है.


बस इसी मुद्दे पर सामने वाले वकील ने कोर्ट का ध्यान खीचा... सामने वाले वकील ने जज से रिक्वेस्ट किया कि ये प्रसारण नही है बल्कि खरीदे हुए टाइम स्लोट मे एक एडवरटाइज है... जैसे संधिसुधा तेल या स्लिम सोना बेल्ट बेचा जाता है... वैसे ही ये किरिपा या कृपा बेचा जा रहा है... फिर कोर्ट ने निर्मलजीत उर्फ निर्मल बाबा के वकील से कहा कि क्या वो कम से कम पांच टीवी चैनल की तरफ से एक पत्र कोर्ट ने जमा करवा सकते है, जिसमे लिखा हो कि आपका टीवी का कार्यक्रम चैनल वाले जनहित मे मुफ्त मे प्रसारण करते है.?


इस पर निर्मल बाबा के वकील को सांप सूंघ गया और उसने स्वीकार किया कि एफिडेविट गलत है प्रसारण नही बल्कि एडवरटाइज होना चाहिए था... और फिर कोर्ट ने निर्मल बाबा की तरफ से दायर की गयी मानहानी के मुकदमे को तुरंत ख़ारिज करते हुए निर्मल बाबा पर कोर्ट को गुमराह करने के आरोप मे दस हजार रूपये जुर्माना लगाया... बाबा धंधे का सबसे ढोंगी बाबा... मूर्ख बनाऊ बाबा, निर्मल बाबा..

kuldeeppunia25
April 10th, 2012, 01:16 PM
: तीसरी आंख मतलब लाफ्टर शो : भाई साधु संतों से तो मैं भी डरता हूं, इसलिए मैं पहले ही बोल देता हूं निर्मल बाबा के चरणों में मेरा और मेरे परिवार का कोटि कोटि प्रणाम। वैसे मैं जानता हूं कि साधु संत अगर आपको आशीर्वाद दें तो उसका एक बार फायदा आपको हो सकता है, पर वो चाहें कि आपको शाप देकर नष्ट कर दें तो ईश्वर ने अभी उन्हें ऐसी ताकत नहीं दी है। इसलिए ऐसे लोगों से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन मेरा उद्देश्य सिर्फ लोगों को आगाह भर करना है, मैं किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहता। चलिए आपको एक वाकया सुनाता हूं शायद आपकी समझ में खुद ही आ जाए।
पिछले दिनों मुझे लगभग 11 घंटे ट्रेन का सफर करना था, इसके लिए मैं रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के बुक स्टाल पर खड़ा देख रहा था कि कोई हल्की फुल्की किताब ले लूं, जिससे रास्ता थोड़ा आसान हो जाए। बहुत नजर दौड़ाई तो मेरी निगाह एक किताब पर जा कर टिक गई। किताब का नाम था धन कमाने के 300 तरीके। मैने सोचा इसी किताब को ले लेते हैं इससे कुछ ज्ञान की बातें पता चलेंगी, साथ ही बिजिनेस के तौर तरीके सीखने को मिलेगें और सबसे बड़ी बात कि ट्रेन का सफर आसानी से कट जाएगा। लेकिन दोस्तों सफर आसानी से भले ना कटा हो पर जेब जरूर कट गई। 280 रुपये की इस किताब में माचिस, टूथपेस्ट, पालीथीन पैक, जूते की पालिस, मोमबत्ती, आलू चिप्स, पापड, मसाले के पैकेट तैयार करने जैसी बातें शामिल थीं। पूरी किताब पढ़ने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा धन कमाने का सबसे कारगर तरीका तो इसमें शामिल है ही नहीं, यानि मेरी नजर में धन कमाने के 300 तरीके वाली किताब छाप कर जितनी कमाई की गई है, किताब में शामिल तरीकों को अपना कर उसका आधा भी नहीं कमाया जा सकता।
बस जी भूमिका समझा दिया ना आपको, क्योंकि आजकल कुछ ऐसा ही कहानी चल रही है निर्मल बाबा के समागम यानि टीवी के लाफ्टर शो में। निर्मल बाबा की खास बात ये है कि उनके भक्तों की किसी भी तरह की समस्या हो, ये बाबा हर समस्या का समाधान वो पलक झपकते बता देते हैं। अब देखिए ना हम बीमार होते हैं तो डाक्टर के पास जाते हैं, पढाई लिखाई में कामयाब होने के लिए कोचिंग करते हैं, नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की गंभीरता से तैयारी करते हैं, किसी ने मकान या जमीन पर कब्जा कर लिया तो पुलिस की मदद लेते हैं, दुर्घटना हो जाने पर जल्दी से जल्दी अस्पताल जाने की कोशिश करते हैं, बेटी की शादी तय नहीं होने पर दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद लेते हैं, नौकरी में प्रमोशन हो इसके लिए अपने काम को और मन लगाकर करते हैं, व्यापारियों का कहीं पेमेंट फंस जाए तो तगादा और ज्यादा करते हैं, बाल झड़ने लगे तो कुछ दवाएं लेते हैं, सुंदरता बनाए रखने के लिए ब्यूटिशियन की मदद लेते हैं, बुढापे में चलने फिरने में तकलीफ ना हो तो व्यायाम और सुबह टहलने जाते हैं, लेकिन अब आपको ये सब करने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप बिना देर किए चले आएं निर्मल बाबा के दरबार में।
बाबा के पास तीसरी आंख है, वो सामने आने वाले भक्त को 100 मीटर दूर से जान जाते हैं कि इसे क्या तकलीफ है और उसका इलाज क्या है। बाबा का मानना कि जीवन में अगर कुछ गड़बड़ होता है तो ईश्वर की कृपा आनी बंद हो जाती है और बाबा तीसरी आंख के जरिए बता देते हैं कि कृपा के रास्ते में कहां रुकावट है और इस रुकावट का इलाज क्या है। हालांकि बाबा कब क्या बोल दें, कोई भरोसा नहीं है। एक ओर तो वो खुद ही लोगों को बताते हैं कि पाखंड से दूर रहें। साधु संतों के ड्रामे में नहीं फंसना चाहिए, खुद पूजा करो, क्योंकि ईश्वर भावना देखते हैं, सच्चे मन से भगवान को याद करें तो कृपा खुद आ जाएगी। ये बात मैं नहीं कह रहा हूं, खुद निर्मल बाबा कहते हैं, फिर मेरी समझ में नहीं आता कि ये बाबा पाखंडी किसे बता रहे हैं। पाखंड की सारी बातें तो उनके समागम में होती हैं और ये ज्ञान की बातें किसे समझा रहे हैं।
अब देखिए दो दिन पहले निर्मल बाबा एक नवजवान भक्त से पूछ रहे थे – तुम अपनी कमीज़ की बटन कैसे खोलते हो जल्दी जल्दी या देर से। सकपकाया भक्त बोला कभी जल्दी तो कभी देर से भी। बाबा बोले आराम-आराम से खोला करो। कृपा आनी शुरू हो जाएगी। अब भला ये भी कोई प्रश्न है? एक भक्त से उन्होंने पूछा बाल कहां कटवाते हो, भक्त बोला नाई से कटवा लेता हूं। बाबा बोले कभी पारर्लर जाने का मन नहीं होता, भक्त संकोच करते हुए बोला होता तो है, तो जाओ पारर्लर में एक बार बाल कटवा लो, कृपा आनी शुरू हो जाएगी। एक गरीब महिला कुछ गंभीर समस्याओं से घिरी हुई थी, उनके सामने आई, वो बाबा से कुछ कहती, उसके पहले बाबा ही बोल पड़े, अरे भाई तुम्हारे सामने से मुझे कढ़ी चावल क्यों दिखाई दे रहा है। वो बोली मैने कल कढ़ी चावल ही खाया था, बाबा क्या बोलते, कहा अकेले ही खाया तुमने। वो बोली नहीं पूरे परिवार ने खाया। हां यही तो गलती है तुमने किसी बाहर के लोगों को नहीं खिलाया, जाओ चार दूसरे लोगों को कढ़ी चावल खिला देना, कृपा आनी शुरू हो जाएगी।
कुछ और वाकये का जिक्र करना जरूरी समझ रहा हूं। बाबा कहते हैं कि पूजा में भावना होनी चाहिए, लेकिन जब बिहार की एक महिला को देखते ही उन्होंने कहाकि तुम छठ पूजा करती हो। वो बोली हां बाबा करती हूं, बाबा ने कहा कितने रुपये का सूप इस्तेमाल करती हो, वो बोली दस बारह रुपये का। बाबा ने कहा बताओ दस बारह रुपये के सूप से भला कृपा कैसे आएगी, तुम 30 रुपये का सूप इस्तेमाल करो। कृपा आनी शुरू हो जाएगी। बात यहीं खत्म नही हुई। एक महिला भक्त को उन्होंने पहले समागम में बताया था कि शिव मंदर में दर्शन करना और कुछ चढ़ावा जरूर चढ़ाना। अब दोबारा समागम में आई उस महिला ने कहा कि मैं मंदिर कई और चढ़ावा भी चढ़ाया, लेकिन मेरी दिक्कत दूर नहीं हुई। बाबा बोले कितना पैसा चढ़ाया, उसने कहा कि 10 रुपये, बाबा ने फिर हंसते हुए कहा कि दस रुपये में कृपा कहां मिलती है, अब की 40 रुपये चढ़ाना देखना कृपा आनी शुरू हो जाएगी।
अब देखिए इस महिला को बाबा ने ज्यादा पैसे चढ़ाने का ज्ञान दिया, जबकि एक दूसरी महिला दिल्ली से उनके पास पहुंची, बाबा उसे देखते ही पहचान गए और पूछा शिव मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया या नहीं। बोली हां बाबा चढ़ा दिया। बाबा ने पूछा कितना चढ़ाया, वो बोली आपने 50 रुपये कहा था वो मैने चढ़ा दिया, और मंदिर परिसर में ही जो छोटे छोटे मंदिर थे, वहां दस पांच रुपये मैने चढ़ा दिया। बस बाबा को मौका मिल गया, बोले फिर कैसे कृपा आनी शुरू होगी, 50 कहा तो 50 ही चढ़ाना था ना, दूसरे मंदिर में क्यों चली गई। बस फिर जाओ.. और 50 ही चढ़ाना। क्या मुश्किल है, ज्यादा चढ़ा दो तो भी कृपा रुक जाती है, कम चढ़ाओ तो कृपा शुरू ही नहीं होती है। निर्मल बाबा ऐसा आप ही कर सकते हो, आपके चरणों में पूरे परिवार का कोटि कोटि प्रणाम।
एक भक्त को बाबा ने भैरो बाबा का दर्शन करने को कहा। वो भक्त माता वैष्णों देवी पहुंचा और वहां देवी के दर्शन के बाद और ऊपर चढ़ाई करके बाबा भैरोनाथ का दर्शन कर आया। बाद में फिर बाबा के पास पहुंचा और बताया कि मैंने भैरो बाबा के दर्शन कर लिए, लेकिन कृपा तो फिर भी शुरू नहीं हुई। बाबा ने पूछा कहां दर्शन किए, वो बोला माता वैष्णों देवी वाले भैरो बाबा का। बाबा ने कहा कि यही गड़बड़ है, तुम्हें तो दिल्ली वाले भैरो बाबा का दर्शन करना था। अब बताओ जिस बाबा ने कृपा रोक रखी है, उनके दर्शन ना करके, इधर उधर भटकते रहोगे तो कृपा कैसे चालू होगी। भक्त बेचारा खामोश हो गया।
contd,....

kuldeeppunia25
April 10th, 2012, 01:17 PM
यहां मुझे एक कहानी याद आ रही है। एक आदमी बीबी से हर बात पर झगड़ा करता था। उसकी बीबी ने नाश्ते में एक दिन उबला अंडा दे दिया, तो पति ने बीबी को खूब गाली दी और कहा कि आमलेट खाने का मन था, और तुमने अंडे को उबाल दिया। अगले दिन बेचारी पत्नी ने अंडे का आमलेट बना दिया, तो फिर गाली सुनी। पति ने कहा आज तो उबला अंडा खाने का मन था। तुमने आमलेट बना दिया। तीसरे दिन बीबी ने सोचा एक अंडे को उबाल देती हूं और एक का आमलेट बना देती हू, इससे वो खुश हो जाएंगे। लेकिन नाश्ते के टेबिल पर बैठी पत्नी को उस दिन भी गाली सुननी पड़ी। पति बोला तुमसे कोई काम नहीं हो सकता, क्योंकि जिस अंडे को उबालना था, उसका तुमने आमलेट बना दिया और जिसका आमलेट बनाना था, उसे उबाल दिया। कहने का मतलब मैं नहीं समझाऊंगा। आप मुझे इतना बेवकूफ समझ रहे हैं क्या, कि निर्मल बाबा से सारे पंगे मैं ही लूंगा, कुछ चीजें आप अपने से भी तो समझ लो।
बहरहाल दोस्तों तीसरी आंखे क्या क्या चीजें देखतीं है, मैं तो ज्यादा नहीं जानता। पर परेशान हाल आदमी से ये पूछा जाए कि आपने मटके का पानी कब पिया, भक्त कहे कि मटका तो बाबा मैंने कब देखा याद ही नहीं, फिर बाबा बोले कि याद करो, भक्त कहता है कि हां कुछ याद आ रहा है कहीं प्याऊ पर रखा देखा था। बाबा कहते है कि हां यही बात मैं याद दिलाना चाहता था, आप प्याऊ पर एक मटका दान दे आओ और उस मटके पानी खुद भी पियो और दूसरों को भी पिलाओ। एक दूसरे भक्त को बाबा कहते हैं कि आप के सामने मुझे सांप क्यों दिखाई दे रहा है। भक्त घबरा गया, बोला बाबा सांप से तो मैं बहुत डरता हूं। बाबा बोले तुमने सांप कब देखा, भक्त ने कहा मुझे याद नहीं कब देखा। बाबा बोले याद करो, बहुत जोर डालने पर उसने कहा एक सपेरे के पास कुछ दिन पहले देखा था। बस बाबा को मिल गया हथियार, बोले कुछ पैसे दिए थे सपेरे को, भक्त ने कहा नहीं पैसे तो नहीं दिए। बस वहीं से कृपा रुक रही है। अगली बार सपेरे को देखो तो पैसे चढ़ा देना, कृपा आनी शुरू हो जाएगी।
वैसे तो बाबा के किस्से खत्म होने वाले ही नहीं है, पर एक आखिरी किस्सा बताता हूं। एक भक्त को उन्होंने कहाकि आपके मन में बड़ी-बड़ी इच्छाएं क्यों पैदा होती हैं? बेचारा भक्त खामोश रहा। बाबा बोले आप कैसे चलते हो, साइकिल, बाइक या कार से। वो बोला बाइक से। इच्छा होती है ना बडी गाड़ी पर चलने की, उसने कहा हां, बस बाबा ने तपाक से कह दिया कि यही गलत इच्छा से कृपा रुकी है। आप बड़ी गाड़ी रास्ते पर देखना ही बंद कर दें। अब बताओ भाई कोई आदमी रास्ते पर है, अब बड़ी गाड़ी आ जाए तो बेचारा क्या करेगा। आंख तो बंद नहीं करेगा ना। इसीलिए कहता हूं कि मुझे तो लगता है कि बाबा के सामने मूर्खों की जमात लगती है । आप अगर उनके प्रश्न और सलाह सुन लें तो हँस-हँस कर लोटपोट हो जाएँ। जय हो इस निर्मूल बाबा की!
चलिए बात खत्म करें, इसके पहले मैं आपको बता दूं कि कुछ लोगों ने अपने निर्मल बाबा की कृपा को ही रोक लिया और उन्हें सवा करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। बात लुधियाना की है। बाबा को बैंक ने जो चेक बुक दी है, उसकी हूबहू कापी तैयार करके एक व्यक्ति ने सवा करोड़ रुपये बाबा के एकाउंट से निकाल लिया। हालाकि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज हो गई है, पुलिस को फर्जीवाड़ा करने वालों की तलाश है। पर मेरा सवाल है कि जब बाबा के खुद के एंकाउंट में सेंधमारी हो गई और बाबा बेचारे कुछ नहीं कर पा रहे तो वो दूसरों के एकाउंट की रक्षा कैसे कर पाएंगे।
वैसे भी निर्मल बाबा के जीवन या उनकी पृष्ठभूमि के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। उनकी आधिकारिक वेबसाइट nirmalbaba.com पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस वेबसाइट पर उनके कार्यक्रमों, उनके समागम में हिस्सा लेने के तरीकों के बारे में बताया गया है और उनसे जुड़ी प्रचार प्रसार की सामग्री उपलब्ध है। झारखंड के एक अखबार के संपादक ने फेसबुक पर निर्मल बाबा की तस्वीर के साथ यह टिप्पणी की है, ‘ये निर्मल बाबा हैं। पहली बार टीवी पर उन्हें देखा। भक्तों की बात भी सुनी। पता चला..यह विज्ञापन है. आखिर बाबाओं को विज्ञापन देने की जरूरत क्यों पड़ती है? सुनने में आया है…ये बाबा पहले डाल्टनगंज http://www.bhadas4media.com/images/april2012/msm.jpg(झारखंड) में ठेकेदारी करते थे?’। मित्रों आप बाबा पर भरोसा करें, मुझे कोई दिक्कत नहीं, पर जरा संभल कर और हां बाबा जी आपकी कृपा बनी रहनी चाहिए, देखिए ज्यादा लंबी लंबी मत छोड़िएगा, क्योंकि ये पब्लिक है, सब जानती है।

लेखक महेंद्र श्रीवास्*तव पत्रकार हैं. लगभग डेढ़ दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. कई राष्*ट्रीय समाचार पत्रों में काम करने के बाद एक न्*यूज चैनल को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनका यह लेख उनके ब्*लॉग आधा सच से साभार लिया गया

vikda
April 11th, 2012, 10:39 AM
Samajh mein nahi aata ki moorakhon ki itni badi jamaat kaise rehti hai desh mein jo kisi bhi baba ko hit bana deti hai.....

malikdeepak1
April 11th, 2012, 11:51 AM
Samajh mein nahi aata ki moorakhon ki itni badi jamaat kaise rehti hai desh mein jo kisi bhi baba ko hit bana deti hai.....

Kayi beerbaanni to apne ghar ne chhod ke inke darbaar me haajri mare jaa se. Ghar me balak che bhukhe mar jao, inki hajri nahi chookni chaiye! Upar te pisse bhi pooj ki aavengi. Naash kar raakhya se in moddyaa ne desh ka. Upar te susre tax bracket te bhi bahar sae. Ya tax bharen ki bhi jimmevari mhaare jisya ki e sae jo mehnat karke apna ghar chalaawe se.

Mai to nyu kahu hu in moddyaa dhore dhan likdwao sabte pahlam. Swiss account bhi ek ber nyu kah denge "o teri XXXX ke! itna maal daab rhya tha rey yu modda?" :livid:

rajpaldular
April 12th, 2012, 11:24 AM
एक तरफ नाकामयाब व्यापारी निर्मल सिंह नरूला है जो खुद कभी व्यापार में कामयाब नहीं हो पाया लेकिन लोगो को व्यपार में कामयाब होने के नुक्से बता कर लुट लुट कर आज वो अरबोपति बन गया है | हिंदुत्व के नाम पर कोई भी उपलब्धि नहीं है , ज्ञान के नाम पर 10वि कक्षा का विद्यार्थी ज्याद गुणवान होगा , गीता , रामायण , वेद शायद ही कभी पढ़े हो ? श्लोक , मन्त्र , स्वस्तिवाचन कभी मुह से निकलते ही नहीं | किसी को कामयाब बनाने के तरीके भी महान है कोई बच्चा अगर पढाई में मन नहीं लगा पाटा तो निर्मल सिंह उसको कहता है की चोकोलेट खाते हो , बच्चा कहता है हाँ , तो निर्मल सिंह हँस कर कहता है हा हा हा हा हा तो पढाई भी कर लिया करो | अरे ढोंगी ये कौन सा उपाय है ? खैर बाबजूद इसके भीड़ तंत्र में विश्वाश रखने वाली भारतीय जनता ढोंगी निर्मल बाबा के यंहा ३५०० रूपया का टिकट लेकर उसको देखने और उसकी कृपा पाने जाते है ,, जबकि यही लोग दरबाजे पर आये भिखारी को प्रेम से बैठा कर दो रोटी तक नहीं खिलाते और मांगने वाले को ऐसे दुत्कारते है जैसे उसका गरीब होना अपराध है , लेकिन यही लोग निर्मल सिंह के कहने पर उसके अकाउंट में हजारों रुपये ऐसे डलवाते है जैसे अपने माँ बाप को महीने का खर्च भेज रहे हो || यह बिकाऊ खबरिया चैनल के अलावा फेसबुक पर भी एक्टिव हो कर अपना धंदा चला रहा है | जिसके पास पैसा नहीं उस पर कृपा नहीं होती | यंहा निर्मल सिंह के अनुयायियों को कहना चाहूँगा की मूर्खों जिस भगवान् ने स्वयं तुम्हारा जीवन तुम्हारे कर्मों के आधार पर तय किया हो उसे निर्मल जैसे ढोंगी कैसे बदल सकते है ? फेसबुक पर निर्मल के अनुयायी 1,12,123 ( एक लाख बारह हज़ार एक सौ तेईस ) है ||

दूसरा चित्र है एक सच्ची साध्वी का , साध्वी प्रज्ञा का जिसने ना सिर्फ सनातन संस्क्रती का प्रचार और पालन किया बल्कि स्वयं के जीवन को राष्ट्र और धर्म के लिए न्योछार करने की ठान ली | किसी सिंघणी की भाति दहाड़ने वाली साध्वी प्रज्ञा सनातन धर्म और हिंदुत्व की नयी पहचान बन कर उभर रही थी तो सांसारिक छल और कपट से अनभिन्न थी किन्तु धर्म और राष्ट्र की सेवा को अपना लक्ष्य बना चुकी साध्वी प्रज्ञा भारत की कांग्रेस सरकार की आँख में खटकने लगी हत्या ,आतंकवाद के आरोप लगा कर उस सिंघणी को जेल की सलाखों के पीछे डाल कर यातनाये देकर कांग्रेस सरकार ने साध्वी को अपने इशारे पर नाचने वाली सर्कस की सिंघणी बनाना चाह | किन्तु साध्वी प्रज्ञा ने तरह तरह के प्रभोलन को लात मार कर असहनीय यातनाये झेल कर अपने अस्तित्व और सम्मान को जीवित रखा हुआ है बाबजूद इसके की आज वो कांग्रेस द्वारा दिलवाई जा रही यातनाओं को सह सह कर मरणसन्न अवस्था में पहुच गयी है लेकिन झुकना स्वीकार नहीं किया | केवल एक बिकी हुयी मोटर साइकल के दम पर भारत की कांग्रेस सरकार हिन्दू आतंकवाद का हौआ भारत की जनता के दिलो में बैठना चाहती है सेकुलर , मुल्ले , कम्युनिस्ट और असामाजिक तत्व कांग्रेस के इस कदम से अति प्रसन्न है और साध्वी प्रज्ञा के अत्यधिक उत्पीडन और मरणसन्न स्तिथि पर पर्याप्त चिकित्सा के अधिकार का हनन होते देखने के बाद भी राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाए मुह छुपा साध्वी प्रज्ञा की स्तिथि देख कर हँस रही जबकि सारे सबूत होने के बाबजूद पाकिस्तान के मौलाना हाफ़िज़ सईद के खिलाफ अमेरिका के इनाम जारी करने के बाद भी पकिस्तान अपने एक मौलाना के लिए अमेरिका और भारत दोनों को ठेगा दिखा रहा है और चेतावनी दे रहा है | बाबजूद इसके हिंदुत्व का दम भरने वाले तमाम संगठन गहरी निंद्रा में सो रहे है या फिर कांग्रेस की तरह क्षेत्रवाद और तुस्टीकरण की राजनीति कर सत्ता सुख भोगने के सपने देखने में मस्त है ||

समूह " एक ही विकल्प ...भारत " द्वारा एक आन्दोलन को खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है जो साध्वी प्रज्ञा जी के लिए अपने तरीके से क़ानूनी लडाई और सड़क से सरकार को चुनोती देने का काम करेगा | इसमें सभी हिन्दुत्ववादियों से सह्सोग की आशा की गयी है मदद मांगी गयी है लेकिन आज भी इस आन्दोलन से जमीन पर उँगलियों पर गिने जाने वाले लोग ही शामिल हुए है | फेसबुक के माध्यम से भी जागरूकता फ़ैलाने और सहयोग की मांग की गयी है ||

जहाँ निर्मल बाबा जैसे ढोंगी के पृष्ठ पर 1,12,123 लोग है वन्ही वीरांगना साध्वी प्रज्ञा जी के लिए आन्दोलन से केवल 2653 लोग जुड़े है जो हिन्दुओं के अहम् , सेकुलरता , निष्ठुरता , डरपोकपन को दर्शाता है ||

शायद इसीलिए अपने से कई करोडो कम संख्या वाले समुदाय से भी हमको डर कर रहना पड़ता है ||

शायद इसीलिए राजनैतिक दल हमारी परवाह नहीं करते क्योकि हम हिन्दू एक नहीं है ||

शायद इसीलिए हमारे टैक्स से मुल्लों को हज भेजा जाता है और हमसे देश के अन्दर अमरनाथ यात्रा पर भी टैक्स बसूला जाता है ||

शायद इसीलिए हमारे ऊपर साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा जैसे बिल लाने का प्रयास होता है ||

शायद इसीलिए हमारे साधू संत आसानी से जेल में डाल दिए जाते है और खुद को आईएसआई का एजेंट बता कर भारत सरकार को चुनोती देने वाला बुखारी , गिलानी , मीर वाइज़ , यासीन मालिक सरकारी सुरक्षा में देश को तोड़ने के ताना बाना बुनते रहते है ||

शायद इसीलिए हम अरुंधती राय , तीस्ता जावेद , संदीप पांडे , मेधा पाटकर , प्रशांत भूषण , हर्ष मंदर , जान पाल जैसे देश और धर्म द्रोहियों के खिलाफ कुछ नहीं कर पाते और वो चीन और विदेशी मदद से भारतीय सेना और कश्मीर के खिलाफ आये दिन षड्यंत्र करने के अलावा धर्म परिवर्तन करवाने में लगे रहते है ||

शायद इसीलिए हम ब्रिटिश इण्डिया से अलग होकर बने इण्डिया में ही रहते रहे अपने लिए पुनः सोने की चिड़िया कहलाये जाने वाले भारत का निर्माण नहीं कर पाए ||

शायद इसलिए दुनिया वाले हमको अब नपुन्सको की श्रेणी में रखते है और भ्रष्टाचार के मामलों में हम अव्वल है ||

शायद हम कभी नहीं जागेगे और इसी तरह अपने अस्तित्व को खत्म होते हुए मूक दर्शक बन कर देखते रहेगे ||

vikram.dahiya
April 12th, 2012, 12:21 PM
http://www.bhaskar.com/article/MH-the-challenge-of-eradicating-fetish-committee-nirmal-baba-3101429.html?HT1=

vikram.dahiya
April 12th, 2012, 12:21 PM
http://www.bhaskar.com/article/UP-OTH-complaint-against-nirmal-baba-police-will-investigate-3098755.html?HF-14=

vikram.dahiya
April 12th, 2012, 12:22 PM
http://www.bhaskar.com/article/NAT-who-is-nirmal-baba-3098583.html?LHS-

JSRana
April 12th, 2012, 03:15 PM
एसा लगता है दैनिक भास्कर ने निर्मल बाबा की पोल खोलने का निश्चय कर लिया है |

पढ़ें खबर

"
नकली भक्*तों को सवाल पूछने के दस हजार देते थे निर्मल बाबा!"






http://www.bhaskar.com/article/MH-the-challenge-of-eradicating-fetish-committee-nirmal-baba-3101429.html?HT1=

prashantacmet
April 13th, 2012, 01:57 PM
http://www.amarujala.com/national/nat-Nirmal-Baba-exposed-the-wealth-of-millionaires-25809.html (http://www.amarujala.com/national/nat-Nirmal-Baba-exposed-the-wealth-of-millionaires-25809.html)

sukhbirhooda
April 13th, 2012, 02:40 PM
युवराज सिंह के पिता ने अपनी पत्नी शबनम सिंह को युवराज सिंह की बीमारी के लिए दोषी बताया है | उनका कहना है कि वो उन्हें डोक्टर के बजाय निर्मल बाबा जैसे ढोंगी के पास ले जाती थी ..

और वो ढोंगी निर्मल बाबा हर बार बीस हज़ार रूपये लेता था और प्रश...ाद देता था | और कहता था कि इसकी बीमारी ठीक हों जायेगी | उसने युवराज सिंह कि माँ शबनम सिंह से कुल बीस लाख रूपये ठग लिए .. लेकिन जब युवराज को बार बार मुँह से खून आने लगा तो वो अपनी पत्नी से झगड़ा करके युवराज को डोक्टर के पास ले गए ..

ये निर्मल बाबा जैसे ढोंगी और लालची , पैसे के भूखे नकली और जालसाज बाबा ही देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं |

ये टीवी पर समय खरीद कर कुछ लोगो को इकठ्ठा करके अपना दरबार दिखाता है , लेकिन ये सिर्फ पैसों का भूखा है .. ये दो हज़ार रूपये प्रवेश शुल्क और पांच हज़ार रूपये प्रश्न पूछने के लेता है |

मित्रों आप सब लोग अपने विवेक से काम लीजिए और ऐसे ढोगी , लालची और धुर्त इंसानों से सावधान रहिये |

पंचतंत्र मे कहा गया है " जब तक इस धरती पर एक भी लालची और मूर्ख इन्सान रहेगा .तब तक कोई भी धूर्त भूखा नहीं मरेगा "

सावधान ढोंगियों से :-


SOURCE:- Jitendra Pratap Singh

JSRana
April 13th, 2012, 04:21 PM
एसा लगता है दैनिक भास्कर ने निर्मल बाबा की पोल खोलने का निश्चय कर लिया है |



पढ़ें दैनिक भास्कर की एक और खबर |

‘निर्मल दरबार’ में 4 घंटे में जमा हुए 15 करोड़, बाबा के नाम 25 करोड़ की एफडी
नई दिल्*ली. लोगों पर अपनी ‘कृपा’ बरसाने वाले निर्मल बाबा (http://www.bhaskar.com/article/NAT-how-nirmal-baba-rose-in-google-searches-3107551.html?HT1a=) की अकूत संपत्ति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। निर्मल दरबार के समागम (http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-fraud-3106938.html?HT1=) में भाग लेने के लिए भक्*तों से 2000 रुपये की फीस वसूली जाती है। ये रुपये बाबा और निर्मल दरबार के तीन बैंकों में खातों में जमा होते हैं। ये खाते हैं पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई और यश बैंक में। एक अनुमान के मुताबिक निर्मल दरबार को एक साल में करीब 84 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।

पूरी खबर का लिंक :

http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-bank-accounts-3108564.html?HT1=

JSRana
April 14th, 2012, 01:29 PM
नईदिल्ली।।टीवीचैनलोंपर थर्डआईऑफनिर्मलबाबा'नामकेविज्ञापनदिखाकरकृपाबरसानेका दावाकरनेवालेनिर्मलनरूलाउर्फनिर्मलबाबाखुदमुश्किलमें फंसते दिख रहेहैं।झारखंडकेअखबार 'प्रभातखबर' केखुलासेकेबादबतायाजारहाहैकिइनकमटैक्सडिपार्टमेंटकीन जरनिर्मलबाबाकीकमाईपरहै।इनकमटैक्सडिपार्टमेंटकेसूत्र ोंकाकहनाहैकिविभागउनकीकमाईऔररिटर्नकीजांचकरेगा।अखबार नेदावाकियाथाकिनिर्मलबाबाकेदोबैंकखातोंमेंसिर्फइससाल अबतक 232 करोड़रुपये जमाहुएहैं।
पढ़ें पूरी खबर :
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/12659761.cms

kuldeeppunia25
April 14th, 2012, 02:55 PM
निर्मल बाबा से 40 फीसदी दानदाताओं ने झाड़ा पल्*ला?


http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-in-trouble-3111474.html?HT1=


'निर्मलजीत को निर्मल बाबा नामधारी ने बनाया'
http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-says-namdhari-made-me-baba-3109037.html?HT1a= (http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-says-namdhari-made-me-baba-3109037.html?HT1a=)

JSRana
April 14th, 2012, 06:37 PM
पूर्व सहयोगी का दावा-निर्मल, बाबा नहीं ढोंगी हैं
नई दिल्*ली. निर्मल बाबा का 'सच' सामने आता जा रहा है। निर्मल बाबा के पूर्व सहयोगी पंडित अजय गौतम ने एक निजी चैनल पर खुलासा किया है कि निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा को किसी तरह का आध्यात्मिक या धार्मिक ज्ञान नहीं है। पंडित अजय गौतम के मुताबिक निर्मल बाबा को ज्योतिष, शोडष उपचार, संस्कार, मंत्र और योग की जानकारी बिल्कुल नहीं है। इस आधार पर उन्होंने लोगों के दुख दूर करने के निर्मल बाबा के दावों को ढोंग करार दिया। पंडित अजय गौतम ने यह भी कहा कि वह निर्मल बाबा के भुक्तभोगी रहे हैं। पंडित अजय गौतम ने कहा कि 2003 के आसपास निर्मलजीत नरूला ग्रेटर कैलाश में एक बेसमेंट में प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने, किराए पर देने के साथ-साथ 40-50 लोगों का 'दरबार' लगाते थे। निर्मल खुद 'लाल किताब' पढ़कर कुछ लोगों को इकट्ठा कर उनके दुख दूर करने का दावा करते थे। बकौल अजय, 'तब बाबा लोगों से पैसे लेकर कमिटी भी चलाते थे। इसके बाद बाबा ने कुछ पीआर एजेंसियों को नियुक्त किया और अपने प्रचार-प्रसार का काम शुरू कर दिया।' वहीं, धर्माचार्य प्रीतम ने निर्मल बाबा पर सवाल उठाया कहा, 'क्या किसी व्यक्ति के पास तीसरी आंख हो सकती है? यह पूरी तरह से ढोंग है।' मनोचिकित्सक संदीप वोहरा ने निर्मल बाबा के कथित उपायों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी बातें करना कहां की सिद्धि है? http://www.bhaskar.com/article/NAT-nirmal-baba-bank-accounts-3108564.html?LHS-?HT1=

Prikshit
April 14th, 2012, 08:04 PM
Don't know what is apt, to call nirmal baba a fraud or to call people visiting him all time fools. Or to call this an act of treachery or an enterpreneurship :P. They earn more than business tycoons.
They do it openly and we see no way to curb it. Every second day we have news about "Babas or thugs" still people follow them blindly. Trust me it is huge market. Nirmal baba is one name there is a long list.

kuldeeppunia25
April 17th, 2012, 09:21 AM
नई दिल्ली.निर्मल बाबा ट्विटर और गूगल पर ट्रेंडिंग टॉपिक बन गए हैं। गूगल पर 'निर्मल बाबा फ्रॉड' खूब सर्च किया जा रहा है। मीडिया में नकारात्*मक खबरें आने के बाद लगता है बाबा ने भी इंटरनेट को हथियार के रूप में इस्*तेमाल करने की ठोस पहल की है। उनके फेसबुक पेज से साढ़े तीन लाख से अधिक लोग जुड़े हैं और रोजाना हजारों नए लोग जुड़ रहे हैं। देश के सबसे बड़े फेसबुक पेज 'इंडिया' जिससे करीब 39 लाख लोग जुड़े हैं, पर हुई पोस्ट पर भी इतनी प्रतिक्रियाएं या 'लाइक' नहीं आते जितने बाबा के पेज पर आ रहे हैं।

हजारों भक्त बाबा के फेसबुक पेज पर कोटि-कोटि प्रणाम कर रहे हैं। कोई निर्मल बाबा में आपनी आस्था का वर्णन कर रहा है तो कोई उनसे बंगला और गाड़ी मांग रहा है। लेकिन dainikbhaskar.com ने तीन दिन तक निर्मल बाबा के फेसबुक पेज का गहन अध्ययन किया तो संदेह बढ़ाने वाली कुछ अलग ही कहानी समझ में आई।


बाबा के पेज पर मीडिया के खिलाफ भी खूब भड़ास निकाली जा रही है। शुक्रवार को 'स्टार न्यूज' पर जब निर्मल बाबा पर कार्यक्रम चल रहा था तब मात्र दो घंटे के भीतर करीब पांच हजार प्रतिक्रियाएं बाबा के फेसबुक पेज पर आईं। इनमें अधिकतर में बाबा की शक्तियों का गुणगान किया गया। ये अलग बात है कि बाबा के विरोध में पोस्ट हो रही प्रतिक्रियाओं को तुरंत हटाया भी जा रहा था। 'आजतक' पर जब निर्मल बाबा 'प्रकट' हुए तब भी उनके भक्त फेसबुक पेज पर सक्रिय हो गए और बाबा का जमकर गुणगान करने लगे।


लेकिन बाबा का गुणगान कर रहे सैंकड़ों प्रोफाइल ऐसे थे जो देखते ही फर्जी प्रतीत हो रहे थे। जब हमने और गहन पड़ताल की तो पता चला कि इनमें से अधिकतर प्रोफाइल मार्च के अंत में या अप्रैल के पहले सप्ताह (ध्यान दें, इसी दौरान बाबा ब्लॉगों की चर्चा से निकलकर मेनस्ट्रीम मीडिया की सुर्खी बने थे) में बनाए गए हैं। इन फर्जी लग रहे प्रोफाइलों से बाबा के फेसबुक पेज पर नियमित टिप्पणियां की जा रही हैं। उनकी कृपा बरसने से जुड़े के किस्से भी बारी-बारी से सुनाए जा रहे हैं। हमने ऐसे ही पचास से ज्यादा प्रोफाइलों की आईडी सेव भी की है। अधिकतर लड़कियों के नाम से बनाए गए इन प्रोफाइल में लोकेशन भी अलग-अलग शहरों की बताई गई है, ताकि ये संदिग्*ध नहीं लगें। पर इनमें से किसी पर भी प्रोफाइल पिक्*चर पोस्ट नहीं है।


हमने इनमें से कुछ प्रोफाइलों को संदेश भेजकर इनके अनुभव मांगे। लेकिन एक ने भी अपना अनुभव साझा नहीं किया। एक से जवाब आया भी तो उसने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया।


बाबा के फेसबुक पेज से 3 लाख 57 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं और इस पेज पर विजिट करने वाले प्रोफाइल में करीब 60 प्रतिशित महिलाएं हैं जिनमें से ज्यातार युवा और पढ़ी लिखी पेशेवर हैं। बाबा के पेज से छात्र भी भारी संख्या में जुड़े हैं। एक छात्र ने बाबा के पेज पर अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि कॉलेज उसे परीक्षा नहीं देने दे रहा था लेकिन उसने बाबा से प्रार्थना की तो उसे इम्तेहान में बैठने की अनुमति मिल गई।

raka
April 17th, 2012, 03:36 PM
इस देश में जितने घपले हो रहे उन सबमे ये भापे जरुर मिलेंगे .......

raka
April 17th, 2012, 03:37 PM
निर्मल बाबा नहीं निर्मल भापा बोलो ....

rajpaldular
April 18th, 2012, 02:55 PM
New Delhi, Apr 18: The two-day samagam of godman Nirmal Baba, who claims to possess supernatural powers, saw a large turnout of his devotees at Delhi’s Talkatora Stadium on Tuesday and Wednesday, but the entire show was mired in controversies.

Even as news channels telecast reports about Nirmal Baba allegedly ‘duping’ his devotees by charging them Rs 2,000 per head to attend the samagam, and collecting crores of rupees in the bargain, the Baba on Tuesday lashed out at the media, and posted the video of his samagam on his Facebook.

In his address to devotees assembled in Talkatora Stadium, Nirmal Baba lashed out at the media saying it was a “conspiracy” to denigrate him.

Nirmal Baba said, the media even alleged that he was charging Rs 7,000 each from his devotees who sat in the front rows.

The baba called up a devotee sitting in the front row, and asked him whether he had paid Rs 7,000. The devotee’s reply was negative.

There was a long queue of devotees outside the Talkatora stadium since early Wednesday morning, eager to attend the second day of his samagam.

Several of the devotees stoutly defended their baba, saying that he had indeed helped them through, what they called, his “powers” (shaktiyaan).

Addressing nearly 3,000 devotees in Talkatora stadium on Tuesday, Nirmal Baba denied he was overcharging his devotees or ‘prior fixing’ (means fake devotees singing hallelujahs to him).

Another controversy arose in the meanwhile, with priests in temples of Raipur, Chhatisgarh, alleging that devotees of Baba had been bringing “shiv lingams” in large number to deposit them in temples.

The baba had reportedly advised his devotees not to keep “shiv lingams” in their homes and deposit them in temples.

Nirmal Baba, originally Nirmal Singh Narula, was a small-time contractor in Ranchi and is a relative of BJP MP and former Jharkhand Assembly Speaker Inder Singh Namdhari (who disowns the baba’s activities completely).

He suddenly shot into fame after he ran 30-minute long paid videos about his samagams on TV channels, raising a furore among rationalists.

In the videos, the baba usually asked inane questions from his devotees, who in turn usually praised him for having solved their “problems”.

Nirmal Baba has his offices and residence in Delhi’s Nehru Place and Greater Kailash-I.

In a recent interview the baba had claimed that he was not “duping” his devotees, who only believed in faith and devotion.

Recently, several former devotees of the baba had alleged that the man had no spiritual powers and that they have been duped.

source : indiatvnews.com

ravinderjeet
April 18th, 2012, 04:25 PM
निर्मल बाबा नहीं निर्मल भापा बोलो ....


ना भाई ---- निरा-मल भाप्पा |

rajpaldular
April 21st, 2012, 03:42 PM
http://a3.sphotos.ak.fbcdn.net/hphotos-ak-ash4/s320x320/383476_391513754213162_212178015480071_1264024_740 474123_n.jpg (http://www.facebook.com/photo.php?fbid=391513754213162&set=a.213116315386241.62539.212178015480071&type=1&ref=nf)

JSRana
April 21st, 2012, 03:56 PM
निर्मल बाबा की पोल खोलने के लिए आज लगेगा दरबार |


नागपुर. अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से निर्मल बाबा की पोल खोल दरबार का
आयोजन किया जा रहा है। शनिवार की शाम 6.30 बजे झांसी रानी चौक स्थित हिंदी मोर भवन में दरबार
का आयोजन होगा।

http://www.bhaskar.com/article/MH-polls-open-today-in-the-open-court-stories-of-nirmal-baba-3146138.html?HT4=

vijaykajla1
May 26th, 2012, 04:16 PM
12000 करोड़ के बाबा: अरबों का बैंक बैलेंस, 150 करोड़ की कारें



मथुरा. गत 18 मई को में ब्रह्मलीन हुए बाबा जय गुरुदेव की संपत्ति का हिसाब-किताब लगाया जा रहा है तो आंखें चौंधिया जा रही हैं। शुरुआती आकलन के मुताबिक बाबा 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का साम्राज्*य छोड़ गए हैं। बाबा टाट के वस्*त्र धारण करने की नसीहत देते थे, लेकिन उनकी संपत्ति से ठाठ का अंदाज लगाया जा सकता है। और अब यह संपत्ति उत्*तराधिकार विवाद को गहरा सकती है।
संपत्ति में क्*या-क्*या बाबा के ट्रस्ट के मथुरा में आधा दर्जन से ज्यादा बैंक शाखाओं में खाते और एफडीहैं। एसबीआइ मंडी समिति ब्रांच के चालू खाते में एक अरब रुपए जमा बताए जाते हैं। कई अरब रुपए की एफडी भी हैं। अचल संपत्ति में ज्यादातर मथुरा-दिल्ली हाईवे पर एक तरफ साधना केंद्र से जुड़ी जमीनें हैं, तो दूसरी तरफ बाबा का आश्रम है। तीन सौ बीघे जमीन पर एक आश्रम इटावा के पास खितौरा में बन रहा है। एक आकलन के मुताबिक बाबा के ट्रस्ट के पास चार हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है। जय गुरुदेव के ट्रस्ट के नाम से मथुरा में स्कूल और पेट्रोल पंप भी हैं। बाबा के आश्रम में दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों का लंबा काफिलाहै। इसमें पांच करोड़ से ज्यादा कीमत की लिमोजिन गाड़ी भी है। करोड़ों की प्लेमाउथ, ओल्ड स्कोडा, मर्सडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू सहित तमाम गाडियों की कीमत 150 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है।
दान से आय: आश्रम को हर महीने दस-बारह लाख रुपये का दान मिलता है। इसमें पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा और होली के आयोजनों पर आने वाला दान शामिल नहीं है।
http://www.bhaskar.com/article/UP-baba-jaidevs-12000-crore-empire-3324309.html?HT2=

ravinderjeet
May 26th, 2012, 04:41 PM
एक तरफ सादगी से जीने ( बोरी के कपडे सिलवाते थे इनके अनुयायी ) का प्रचार करना , और दूसरी तरफ इतनी मंहगी गाडिओं का शौक | कथनी-करनी में जमीन आसमान का फरक | इसीलिए ये डेरे बदनाम होते हैं | ट्रस्ट के उत्राधिकातिओं को ये सब पैसा समाज सेवा में लगाना चाहिए |

vijaykajla1
June 8th, 2012, 05:02 PM
निर्मल बाबा के बाद प्रकट हुईं राधे मां, तस्वीरों में देखिए इनका जलवा

अभी बाबा का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि राधे मां की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। इन्हें उनके अनुयायी दुर्गा का अवतार बता रहे हैं। ये न तो कुछ बोलती हैं और न कोई प्रवचन देती हैं, लेकिन इनकी नजरों का कायल हर कोई है। पंजाबी के होशियापुर की रहने वाली इस महिला के आयोजनों में लाखों लोग शरीक होते हैं। शहर भर में बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाकर इनका प्रचार किया जाता है।

http://www.bhaskar.com/article/NAT-mysterious-radhe-maa-magic-in-india-3387183.html?HF-1=

rajpaldular
August 31st, 2013, 12:40 PM
निर्मल बाबा ने -----" देश का युवा जाग रहा है मीडिया वालों को मारने से कुछ नहीं होगा कांग्रेसियों को मारोगे तो देश पर कृपा आनी शुरू हो जाएगी।";)

rajpaldular
April 15th, 2014, 02:45 PM
आज ''सहारा चैनल'' पर ''निर्मल बाबा'' का ''दरबार'' देखा। लोग रो-रो कर अपने घर संसार की व्यथा बता रहे थे! कैसे बाबा की कृपा आ रही थी ! सहारा चैनल वालों का ये एक ''सराहनीय'' कार्य है कि ये लोगों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिला रहे हैं. बहुत अच्छा लगा जो काम पिछले 65 वर्षों से कांग्रेस,
भाजपा, सपा, बसपा, ममता, जया और सुषमा नहीं कर सकी वो काम ''समोसे'' और ''पकौड़े'' से हो रहा है!


''निर्मल दरबार की जय''

तभी ध्यान आया अरे भाई, सहारा का ''मालिक'' सहारा श्री सुब्रतोराय स्वयँ एक महीने से दिल्ली की तिहाड़ जेल में सड़ रहे हैं. निर्मल बाबा उन पर कृपा क्यों नहीं करता?


अब तो यही सत्य लग रहा है कि "हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्ताँ क्या होगा?

rajpaldular
April 15th, 2014, 02:51 PM
आज ''सहारा चैनल'' पर ''निर्मल बाबा'' का ''दरबार'' देखा। लोग रो-रो कर अपने घर संसार की व्यथा बता रहे थे! कैसे बाबा की कृपा आ रही थी ! सहारा चैनल वालों का ये एक ''सराहनीय'' कार्य है कि ये लोगों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिला रहे हैं. बहुत अच्छा लगा जो काम पिछले 65 वर्षों से कांग्रेस,
भाजपा, सपा, बसपा, ममता, जया और सुषमा नहीं कर सकी वो काम ''समोसे'' और ''पकौड़े'' से हो रहा है!


''निर्मल दरबार की जय''

तभी ध्यान आया अरे भाई, सहारा का ''मालिक'' सहारा श्री सुब्रतोराय स्वयँ एक महीने से दिल्ली की तिहाड़ जेल में सड़ रहे हैं. निर्मल बाबा उन पर कृपा क्यों नहीं करता?


अब तो यही सत्य लग रहा है कि "हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्ताँ क्या होगा?

rajpaldular
May 20th, 2014, 11:02 AM
निर्मल दरबार की जय हो !
2500 रूपये आने जाने भाड़ा और 2100 रूपये की एंट्री फीस
खर्च कर के ''पंजाब से मुंबई'' आये भक्त ने बाबा को बताया
बाबा जी बेटे का ''कनाडा का वीज़ा'' नहीं लग रहा !
बाबा जी ; कढ़ी ''चावल'' कब खाया था ?
भक्त ; ''डाक्टर'' ने चावल खाने से 'मना' किया है !
बाबा ; कढ़ी चावल बनवा कर गरीबों में बंटवा देना कृपा आनी शुरू हो जाएगी
5000 हज़ार रूपये का ''चूना' लगा,15 सैकंड में ''कढ़ी चावल'' में निपटा दिया ! .....
हद हो गई यार ढकोसलों की ! दूतावास ना हुआ 'बाबा जी का ढाबा' हो गया ..