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View Full Version : लोभी नेता...........



jatshiva1947
April 6th, 2012, 08:34 AM
राजधानी में एम सी डी के चुनाव होने वालें है। और सारे प्रत्यासी जनता को लुभाने के लिए पता नही क्या क्या कर रहे हैं कुछ तो ऐसे हैं कि जिन्होंने 3-4 माहिने पहले से पानी लगवाना गलीयां साफ कराना राशन कार्ड आदि कामों में जनता को प्रलोभन देने की पुरी कोशिश है। अब जब से नांमाकन भर दिया गया है तब से तो औरतों को अपने साथ प्रचार के लिए कोई 300 तो कोई 400 रूपये तक दे रहा है, और इसमें सही पैसा कमा रहे हैं वो लोग जो नेता के थोङे नजदीकी है। वो क्या करते हैं कि 50-100 महिलाओं को ले गये या फिर 50-100 लङको को ले गये और बीच बीच में ही अपना रोजाना का 1000-1500 बना लेते हैं।
अब विचार करने वाली बात है कि जो नेता ऐसे प्रलोभन दे रहा है या धन बल का प्रयोग कर रहे हैं वो बाद में कुछ काम करेंगे या नहीं। जो पहले जीते हुए हैं उन लोगो ने कितना काम किया क्या हमारें अंदर इन बातों पर विचार करने की शक्ति नही है। भ्रष्टाचार तो हम लोग ही करने कामौका देते हैं क्योंकि जब हमें मालुम है कि फलां आदमी ने 5 साल में कुछ नही किया आज तक हमारे पास तक नही आया और अब हमें वो साम दाम दंड भेद अपनाकर अपना उल्लु सिधा करना चाहता है और हम उसकी मिठी बातों में आ रहे हैं तो गलती किसकी है।
खाली नेताओं की गलती नही है हर आदमी अपना काम निकालना चाहता है लेकिन हम भी तो पैसे के पिछे या किसी दुसरे स्वार्थ के पिछे भागकर उनका सहयोग कर रहे हैं।
हमें ही सावधान होना है समाज और देश में किसी भी प्रकार की गंदगी नही फैलने देनी है नही तो आगे चलकर हमें इसका खामियाजा भुगतना पङेगा........ जय हिंद

ygulia
April 7th, 2012, 06:25 AM
People are only literate but they are not educated that is why such things happens...................


राजधानी में एम सी डी के चुनाव होने वालें है। और सारे प्रत्यासी जनता को लुभाने के लिए पता नही क्या क्या कर रहे हैं कुछ तो ऐसे हैं कि जिन्होंने 3-4 माहिने पहले से पानी लगवाना गलीयां साफ कराना राशन कार्ड आदि कामों में जनता को प्रलोभन देने की पुरी कोशिश है। अब जब से नांमाकन भर दिया गया है तब से तो औरतों को अपने साथ प्रचार के लिए कोई 300 तो कोई 400 रूपये तक दे रहा है, और इसमें सही पैसा कमा रहे हैं वो लोग जो नेता के थोङे नजदीकी है। वो क्या करते हैं कि 50-100 महिलाओं को ले गये या फिर 50-100 लङको को ले गये और बीच बीच में ही अपना रोजाना का 1000-1500 बना लेते हैं।
अब विचार करने वाली बात है कि जो नेता ऐसे प्रलोभन दे रहा है या धन बल का प्रयोग कर रहे हैं वो बाद में कुछ काम करेंगे या नहीं। जो पहले जीते हुए हैं उन लोगो ने कितना काम किया क्या हमारें अंदर इन बातों पर विचार करने की शक्ति नही है। भ्रष्टाचार तो हम लोग ही करने कामौका देते हैं क्योंकि जब हमें मालुम है कि फलां आदमी ने 5 साल में कुछ नही किया आज तक हमारे पास तक नही आया और अब हमें वो साम दाम दंड भेद अपनाकर अपना उल्लु सिधा करना चाहता है और हम उसकी मिठी बातों में आ रहे हैं तो गलती किसकी है।
खाली नेताओं की गलती नही है हर आदमी अपना काम निकालना चाहता है लेकिन हम भी तो पैसे के पिछे या किसी दुसरे स्वार्थ के पिछे भागकर उनका सहयोग कर रहे हैं।
हमें ही सावधान होना है समाज और देश में किसी भी प्रकार की गंदगी नही फैलने देनी है नही तो आगे चलकर हमें इसका खामियाजा भुगतना पङेगा........ जय हिंद

DrRajpalSingh
April 7th, 2012, 08:42 AM
राजधानी में एम सी डी के चुनाव होने वालें है। और सारे प्रत्यासी जनता को लुभाने के लिए पता नही क्या क्या कर रहे हैं कुछ तो ऐसे हैं कि जिन्होंने 3-4 माहिने पहले से पानी लगवाना गलीयां साफ कराना राशन कार्ड आदि कामों में जनता को प्रलोभन देने की पुरी कोशिश है। अब जब से नांमाकन भर दिया गया है तब से तो औरतों को अपने साथ प्रचार के लिए कोई 300 तो कोई 400 रूपये तक दे रहा है, और इसमें सही पैसा कमा रहे हैं वो लोग जो नेता के थोङे नजदीकी है। वो क्या करते हैं कि 50-100 महिलाओं को ले गये या फिर 50-100 लङको को ले गये और बीच बीच में ही अपना रोजाना का 1000-1500 बना लेते हैं।
अब विचार करने वाली बात है कि जो नेता ऐसे प्रलोभन दे रहा है या धन बल का प्रयोग कर रहे हैं वो बाद में कुछ काम करेंगे या नहीं। जो पहले जीते हुए हैं उन लोगो ने कितना काम किया क्या हमारें अंदर इन बातों पर विचार करने की शक्ति नही है। भ्रष्टाचार तो हम लोग ही करने कामौका देते हैं क्योंकि जब हमें मालुम है कि फलां आदमी ने 5 साल में कुछ नही किया आज तक हमारे पास तक नही आया और अब हमें वो साम दाम दंड भेद अपनाकर अपना उल्लु सिधा करना चाहता है और हम उसकी मिठी बातों में आ रहे हैं तो गलती किसकी है।
खाली नेताओं की गलती नही है हर आदमी अपना काम निकालना चाहता है लेकिन हम भी तो पैसे के पिछे या किसी दुसरे स्वार्थ के पिछे भागकर उनका सहयोग कर रहे हैं।
हमें ही सावधान होना है समाज और देश में किसी भी प्रकार की गंदगी नही फैलने देनी है नही तो आगे चलकर हमें इसका खामियाजा भुगतना पङेगा........ जय हिंद

Any remedy!

SumitJattan
April 7th, 2012, 01:47 PM
Any remedy!

Think before Vote

DrRajpalSingh
April 7th, 2012, 03:16 PM
Think before Vote

The elite involved in elections leaves very meager scope for choice; hence much delayed electoral reforms required.