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View Full Version : शहीद मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा शहादत को नमन



anuragsunda
June 24th, 2012, 02:27 PM
14931 शहीदमेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की शहादत को नमन

रविवार २४ जून २०१२: कूदन गांव के अमर सपूत मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की पार्थिव देह को तिरंगे में लिपटा देख हर शख्स नतमस्तक हो गया। देश की आन-बान और शान के लिए जान की बाजी लगाने वाले सुरेन्द्र की शहादत व वीरगाथाएं युवाओं में जोश भर रही थीं। हालांकि हर शख्स की आंखें नम थी, लेकिन उसकी शहादत पर लोगों को फख्र था। शहीद की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची वातावरण गमगीन हो गया। मां, बहिन, भाई और पत्नी के आंसु भले ही थम नहीं रहे थे, लेकिन फौजी पिता का हौसला चट्टान की तरह अडिग था। कूदन की माटी भी लाडले सपूत की शहादत पर आज धन्य हो उठी थी।कूदन में शनिवार का दिन खास था। खामोशी और इंतजार में डूबा ग्रामीण शहीद मेजर सुरेन्द्र (32) के साथ बिताये पलों को यादकर सुबक-सुबक कर रो रहा था। हालांकि गांव के पहले शहीद की शहादत पर उनका सीना चौड़ा था, लेकिन लाडले सपूत को खोने का गम भी था।सुरेन्द्र को सैन्य अधिकारी होने का तनिक भी घमण्ड नहीं था। गांव में जब भी आते सबसे घुल-मिलकर ऎसे मिलते जैसे परिवार का ही सदस्य हो। सुरेन्द्र की मिलनसारिता को लेकर ग्रामीण कायल थे।
मेजर सुरेन्द्र कूदन गांव के पहले शहीद है और गांव के सैकड़ो जवान सेना में कार्यरत हैं। सुरेन्द्र के छोटे भाई नरेन्द्र बढ़ासरा ने बताया कि सुरेन्द्र का मुठभेड़ से पहले फोन आया था और उन्होंने कहा था कि भाई मुझे कई काम करने है जल्द ही में कुछ दिन बाद घर आवूगां। लेकिन उनकी यह तमन्ना पूरी नहीं हुई और शनिवार को उनके बड़े भाई का पार्थिव शव तिरंगे में लिपटा हुआ ही घर पहुंचा।फौजी पिता केशर का जज्बा देखते ही बना। हालांकि लोग उन्हें सीने से लगाकर सांत्वना देते रहे। इस दौरान पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी है। इस बात को एक फौजी ही समझ सकता है। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है।
शहीद तेरी शहादत को करने चला में नमन...
कूदन गांव में गोधूलि वेला में शहीद मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा को राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ जब अंतिम विदाई दी गई तो सूरज भी कुछ पिघलता सा मायूस नजर आया। अस्तांचल को जाता सूरज भी क्षितिज पर आकर कुछ क्षण के लिए ठहर गया। मानो अपने लाडले को सलामी दे रहा हो।
1493214933

dndeswal
June 24th, 2012, 04:21 PM
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हवासिंह सांगवान जी ने एक पुस्तक लिखी है - असली लुटेरे कौन । यह पुस्तक Jatland Wiki पर भी आप पढ़ सकते हैं (इसको जाटलैंड विकी पर मैने ही अपलोड किया है) - http://www.jatland.com/home/Asli_Lutere_Koun

इस धागे से संबन्धित एक उद्धरण मैं इसी किताब से कापी-पेस्ट कर रहा हूं -

................सन् 1947 में जब सरदार पटेल जी ने भारतीय संघ में देशी रियासतों के विलय का आह्वान किया तो उनमें सबसे पहले विलय होने वाली रियासतों में जाटों की रियासत भरतपुर उनमें से एक थी। जब 27 अक्टूबर सन् 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर में कबाईलों की घुसपैठ करवाई और महाराजा हरिसिंह की कश्मीर में ब्रिगेडियर राजेन्द्रसिंह के अधीन कुल 165 सैनिकों की सेना लड़ते-लड़ते शहीद हुई तो वही राजा हरिसिंह भागकर दिल्ली पहुंचे और पंडित नेहरू तथा लार्ड माउंटबैटन से काश्मीर को संभालने की लिखित में प्रार्थना की। जब 18 सितम्बर 1948 को सरदार पटेल ने जूनागढ़ को फतेह करने के बाद मेजर जनरल जे.एन. चौधरी की अगवाई में हैदराबाद को फतेह कर लिया तो पंडित नेहरु ने समझ लिया अब पटेल का अगला निशाना जम्मू काश्मीर है तो उन्होंने तुरन्त जम्मू कश्मीर रियासत का विभाग जो पहले पटेल के गृहमंत्रालय के अधीन था, छीन लिया। जब 27 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी कबाईलों को खदेड़ते हुए भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर की ओर बढ़ रही थी तो पं. नेहरू ने दूसरी मूर्खता करते हुए एकतरफा युद्धविराम का ऐलान कर दिया जिस कारण आधा कश्मीर पाकिस्तान के पास रह गया। इसी बीच पं. नेहरू ने संयुक्त राष्ट्रसंघ (यू.एन.ओ.) में लिखित रूप में देकर तीसरी गलती की कि कश्मीरियों को यह अधिकार दिया जाये कि वो किस देश के साथ रहना चाहते हैं। आज वही लिखित पत्र हमारे गले की हड्डी बनकर फंसा है, यदि हम उस पत्र के अनुसार चलते हैं तो निश्चित है आज कश्मीरी भारत के साथ नहीं आयेंगे। इसीलिए पाकिस्तान बार-बार उस पत्र पर अमल की बात करता है तो हमें पीछे खिसकना पड़ता हैं। परिणामस्वरूप आज हर तीसरे दिन उत्तर भारत की एक माँ का लाडला पूत, बहन की राखी का रक्षक, पत्नी के माथे का सिन्दूर व चूडियों का पहरेदार लकड़ी के खोखे में बन्द होकर और तिरंगे झण्डे में लिपटकर अपने घर पहुंच रहा है। ............

spdeshwal
June 25th, 2012, 07:02 AM
शहीद शूरवीर मेजर सुरेंदर बडेसरा को भावभीनी श्रधांजलि !
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार और रिश्तेदारों को इस असीम दुःख की घड़ी में
अतुलनीय अक्ष्ति को सहने की शक्ति प्रदान करे!

सत्यपाल

DrRajpalSingh
June 29th, 2012, 06:18 PM
14931 शहीदमेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की शहादत को नमन

रविवार २४ जून २०१२: कूदन गांव के अमर सपूत मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की पार्थिव देह को तिरंगे में लिपटा देख हर शख्स नतमस्तक हो गया। देश की आन-बान और शान के लिए जान की बाजी लगाने वाले सुरेन्द्र की शहादत व वीरगाथाएं युवाओं में जोश भर रही थीं। हालांकि हर शख्स की आंखें नम थी, लेकिन उसकी शहादत पर लोगों को फख्र था। शहीद की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची वातावरण गमगीन हो गया। मां, बहिन, भाई और पत्नी के आंसु भले ही थम नहीं रहे थे, लेकिन फौजी पिता का हौसला चट्टान की तरह अडिग था। कूदन की माटी भी लाडले सपूत की शहादत पर आज धन्य हो उठी थी।कूदन में शनिवार का दिन खास था। खामोशी और इंतजार में डूबा ग्रामीण शहीद मेजर सुरेन्द्र (32) के साथ बिताये पलों को यादकर सुबक-सुबक कर रो रहा था। हालांकि गांव के पहले शहीद की शहादत पर उनका सीना चौड़ा था, लेकिन लाडले सपूत को खोने का गम भी था।सुरेन्द्र को सैन्य अधिकारी होने का तनिक भी घमण्ड नहीं था। गांव में जब भी आते सबसे घुल-मिलकर ऎसे मिलते जैसे परिवार का ही सदस्य हो। सुरेन्द्र की मिलनसारिता को लेकर ग्रामीण कायल थे।
मेजर सुरेन्द्र कूदन गांव के पहले शहीद है और गांव के सैकड़ो जवान सेना में कार्यरत हैं। सुरेन्द्र के छोटे भाई नरेन्द्र बढ़ासरा ने बताया कि सुरेन्द्र का मुठभेड़ से पहले फोन आया था और उन्होंने कहा था कि भाई मुझे कई काम करने है जल्द ही में कुछ दिन बाद घर आवूगां। लेकिन उनकी यह तमन्ना पूरी नहीं हुई और शनिवार को उनके बड़े भाई का पार्थिव शव तिरंगे में लिपटा हुआ ही घर पहुंचा।फौजी पिता केशर का जज्बा देखते ही बना। हालांकि लोग उन्हें सीने से लगाकर सांत्वना देते रहे। इस दौरान पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी है। इस बात को एक फौजी ही समझ सकता है। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है।
शहीद तेरी शहादत को करने चला में नमन...
कूदन गांव में गोधूलि वेला में शहीद मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा को राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ जब अंतिम विदाई दी गई तो सूरज भी कुछ पिघलता सा मायूस नजर आया। अस्तांचल को जाता सूरज भी क्षितिज पर आकर कुछ क्षण के लिए ठहर गया। मानो अपने लाडले को सलामी दे रहा हो।
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Salute to the Martyr.

Shahidon kee chitaon per lagenge har varas mele !

Watan pe mar mitane walaon kaa yahi baki nishan hoga !!

lrburdak
June 30th, 2012, 08:17 AM
शहीद मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की शहादत को शत-शत नमन !!!

yogeshdahiya007
June 30th, 2012, 10:12 AM
शहीद मेजर सुरेन्द्र बढ़ासरा की शहादत को शत-शत नमन ............ व भावभीनी श्रधांजलि !!!

rajeshsangwan
June 30th, 2012, 11:22 AM
vande matram....jai hind

lrburdak
June 30th, 2012, 08:13 PM
Tributes from Jatland ! We have a page on Jatland Wiki here - Surendra Badhasra