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View Full Version : '''गुजरात में लेउआ पटेल जाट ने ठोकी तेली के खि



raka
July 8th, 2012, 02:31 PM
'''गुजरात में लेउआ पटेल जाट ने ठोकी तेली के खिलाफ ताल '''

सबसे पहले मैं लेउआ पटेल जाटों के बारे में बता दू की इन्हें लेउआ पटेल क्यों कहा जाता हैं | लेउआ पटेल असल में लाहौर के जाट थे , 1100 के आस पास लाहौर या लेउआ से 500 परिवार सौराष्ट्र में जा कर बस गए | जैसा की जाटों का मुख्या काम खेती हैं तो इन लोगो ने वहा पट्टे पर ज़मीन लेकर खेती शुरू की जिससे इनका नाम पट्टीदार से पटेल पड़ा और लेउआ या लाहौर के असल बासिन्दे होने के कारण इन्हें लेउआ पटेल कहा जाने लगा | इन पटेल जाटों ने चौधरी चरण सिंह को प्रधान मंत्री बनाने में भी अहम् भूमिका निभाई थी |
जैसे राजस्थान में राजपूत भाजपा के साथ हैं तो जाट कांग्रेस का साथ देगा ऐसा ही हाल गुजरात का हैं | सरदार वल्लब भाई पटेल के समय में लगभग सभी पटेल कांग्रेस के साथ थे | वल्लब भाई पटेल और नेहरु के आपसी मत भेद जग जाहिर थे , यहाँ तक की जब वल्लब भाई पटेल का देहांत हुआ तो नेहरु उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं गए और अन्य लोगो को भी ना जाने के निर्देश दिए | इस घटना के बाद वहां के पटेलों का कांग्रेस से मोह भंग हो गया और इसका सही फायदा उठाया भाजपा व संघ ने | केशुभाई पटेल ने इस भाजपा की गुजरात में नीवं रखी | परन्तु जैसा की जाट का स्वभाव हैं जाट कभी धार्मिक तौर पर कट्टरपंथी नहीं हो सकता इन्ही कारणों से केशुभाई संघ को नहीं सुहाए | संघ व भाजपा ने केशुभाई का इस्तेमाल करके पहले वहाँ पर अपने पैर जमाये और फिर केशुभाई को मक्खी की तरह निकाल फेंका और उनकी जगह मोदी (तेली) को कुर्सी पर बैठा दिया | मोदी ने कुर्सी पर बैठते ही जो संघ चाहता था उनकी चाहत पूरी की | संघ ने इन बातों को छुपाने के लिए और मोदी के पैर ज़माने के लिए मीडिया में मोदी की एक विकासपुरुष के रूप में तस्वीर बनानी शुरू कर दी | जबकि गुजरात तो एक ऐसा राज्य रहा हैं जिसकी गिनती शुरू से ही देश के अव्वल राज्यों में रही हैं , केशुभाई के राज में भी गुजरात एक नंबर की दौड़ में था पर संघ व मीडिया ने ऐसा प्रचार किया की बाहर के लोगो को लगा की गुजरात का हाल तो बिहार से भी बद्दतर था यह तो मोदी ने ही आ कर सुधारा हैं | संघ भाजपा की इन सब हरकतों से तंग आ कर आज केशुभाई को इन्ही के खिलाफ जंग छेड़नी पड़ रही हैं |
हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ था और चौधरी बंसी लाल जी लेघा के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसका जो विकाश शुरू हुआ वो आजतक जारी हैं चाहे किसी की भी सरकार रही हो कम ज्यादा विकास होता रहा हैं | समय के हिसाब से नई तकनीक आती रहती हैं उसी हिसाब से विकास होता रहता हैं , अब कोई यह कहे की चौ.बंसी लाल ने आईटी क्षेत्र में विकास नहीं किया , चौटाला साहब सेज लेके नहीं आये हुड्डा लाया तो यह सब बाते बेमानी हैं | ऐसा ही कुछ केशुभाई के साथ हुआ मोदी को कुर्सी तो किसी और कारण से दी थी परन्तु सोलर पॉवर वगैरा का नाम लेकर अब उसको प्रोजेक्ट किसी और रूप कर दिया गया |
इन सब घटनाओ से पता चलता हैं की जाट चाहे वो पंजाब का सिक्ख जाट हो या हरियाणा , उत्तर प्रदेश , दिल्ली , राजस्थान का जाट हो या फिर गुजरात का पटेल जाट हो का यह लोग कैसे इस्तेमाल करते हैं और फिर इन लोगो की बातों में आकर हमारे ही लोग अंधों की तरह इनका साथ देते हैं, बिना किसी बात की गहराई में जाए इनके सुर में सुर मिलाना शुरू कर देते हैं | हमारे ही कुछ लोग अब इस मोदी को भगवान बनाने में लगे हुए हैं |
हमारी इस साईट पर भी कुछ लोग बावले हो कर इस तेली के लिए जोर लगा रहे हैं |

DrRajpalSingh
July 8th, 2012, 03:40 PM
'''गुजरात में लेउआ पटेल जाट ने ठोकी तेली के खिलाफ ताल '''

सबसे पहले मैं लेउआ पटेल जाटों के बारे में बता दू की इन्हें लेउआ पटेल क्यों कहा जाता हैं | लेउआ पटेल असल में लाहौर के जाट थे , 1100 के आस पास लाहौर या लेउआ से 500 परिवार सौराष्ट्र में जा कर बस गए | जैसा की जाटों का मुख्या काम खेती हैं तो इन लोगो ने वहा पट्टे पर ज़मीन लेकर खेती शुरू की जिससे इनका नाम पट्टीदार से पटेल पड़ा और लेउआ या लाहौर के असल बासिन्दे होने के कारण इन्हें लेउआ पटेल कहा जाने लगा | इन पटेल जाटों ने चौधरी चरण सिंह को प्रधान मंत्री बनाने में भी अहम् भूमिका निभाई थी |
जैसे राजस्थान में राजपूत भाजपा के साथ हैं तो जाट कांग्रेस का साथ देगा ऐसा ही हाल गुजरात का हैं | सरदार वल्लब भाई पटेल के समय में लगभग सभी पटेल कांग्रेस के साथ थे | वल्लब भाई पटेल और नेहरु के आपसी मत भेद जग जाहिर थे , यहाँ तक की जब वल्लब भाई पटेल का देहांत हुआ तो नेहरु उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं गए और अन्य लोगो को भी ना जाने के निर्देश दिए | इस घटना के बाद वहां के पटेलों का कांग्रेस से मोह भंग हो गया और इसका सही फायदा उठाया भाजपा व संघ ने | केशुभाई पटेल ने इस भाजपा की गुजरात में नीवं रखी | परन्तु जैसा की जाट का स्वभाव हैं जाट कभी धार्मिक तौर पर कट्टरपंथी नहीं हो सकता इन्ही कारणों से केशुभाई संघ को नहीं सुहाए | संघ व भाजपा ने केशुभाई का इस्तेमाल करके पहले वहाँ पर अपने पैर जमाये और फिर केशुभाई को मक्खी की तरह निकाल फेंका और उनकी जगह मोदी (तेली) को कुर्सी पर बैठा दिया | मोदी ने कुर्सी पर बैठते ही जो संघ चाहता था उनकी चाहत पूरी की | संघ ने इन बातों को छुपाने के लिए और मोदी के पैर ज़माने के लिए मीडिया में मोदी की एक विकासपुरुष के रूप में तस्वीर बनानी शुरू कर दी | जबकि गुजरात तो एक ऐसा राज्य रहा हैं जिसकी गिनती शुरू से ही देश के अव्वल राज्यों में रही हैं , केशुभाई के राज में भी गुजरात एक नंबर की दौड़ में था पर संघ व मीडिया ने ऐसा प्रचार किया की बाहर के लोगो को लगा की गुजरात का हाल तो बिहार से भी बद्दतर था यह तो मोदी ने ही आ कर सुधारा हैं | संघ भाजपा की इन सब हरकतों से तंग आ कर आज केशुभाई को इन्ही के खिलाफ जंग छेड़नी पड़ रही हैं |
हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ था और चौधरी बंसी लाल जी लेघा के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसका जो विकाश शुरू हुआ वो आजतक जारी हैं चाहे किसी की भी सरकार रही हो कम ज्यादा विकास होता रहा हैं | समय के हिसाब से नई तकनीक आती रहती हैं उसी हिसाब से विकास होता रहता हैं , अब कोई यह कहे की चौ.बंसी लाल ने आईटी क्षेत्र में विकास नहीं किया , चौटाला साहब सेज लेके नहीं आये हुड्डा लाया तो यह सब बाते बेमानी हैं | ऐसा ही कुछ केशुभाई के साथ हुआ मोदी को कुर्सी तो किसी और कारण से दी थी परन्तु सोलर पॉवर वगैरा का नाम लेकर अब उसको प्रोजेक्ट किसी और रूप कर दिया गया |
इन सब घटनाओ से पता चलता हैं की जाट चाहे वो पंजाब का सिक्ख जाट हो या हरियाणा , उत्तर प्रदेश , दिल्ली , राजस्थान का जाट हो या फिर गुजरात का पटेल जाट हो का यह लोग कैसे इस्तेमाल करते हैं और फिर इन लोगो की बातों में आकर हमारे ही लोग अंधों की तरह इनका साथ देते हैं, बिना किसी बात की गहराई में जाए इनके सुर में सुर मिलाना शुरू कर देते हैं | हमारे ही कुछ लोग अब इस मोदी को भगवान बनाने में लगे हुए हैं |
हमारी इस साईट पर भी कुछ लोग बावले हो कर इस तेली के लिए जोर लगा रहे हैं |

Fantastic thread post for which thank you.

deshi-jat
July 8th, 2012, 08:48 PM
Is he really a Jat, could someone provide his Gotra?

prashantacmet
July 9th, 2012, 12:17 PM
'''गुजरात में लेउआ पटेल जाट ने ठोकी तेली के खिलाफ ताल '''

सबसे पहले मैं लेउआ पटेल जाटों के बारे में बता दू की इन्हें लेउआ पटेल क्यों कहा जाता हैं | लेउआ पटेल असल में लाहौर के जाट थे , 1100 के आस पास लाहौर या लेउआ से 500 परिवार सौराष्ट्र में जा कर बस गए | जैसा की जाटों का मुख्या काम खेती हैं तो इन लोगो ने वहा पट्टे पर ज़मीन लेकर खेती शुरू की जिससे इनका नाम पट्टीदार से पटेल पड़ा और लेउआ या लाहौर के असल बासिन्दे होने के कारण इन्हें लेउआ पटेल कहा जाने लगा | इन पटेल जाटों ने चौधरी चरण सिंह को प्रधान मंत्री बनाने में भी अहम् भूमिका निभाई थी |
जैसे राजस्थान में राजपूत भाजपा के साथ हैं तो जाट कांग्रेस का साथ देगा ऐसा ही हाल गुजरात का हैं | सरदार वल्लब भाई पटेल के समय में लगभग सभी पटेल कांग्रेस के साथ थे | वल्लब भाई पटेल और नेहरु के आपसी मत भेद जग जाहिर थे , यहाँ तक की जब वल्लब भाई पटेल का देहांत हुआ तो नेहरु उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं गए और अन्य लोगो को भी ना जाने के निर्देश दिए | इस घटना के बाद वहां के पटेलों का कांग्रेस से मोह भंग हो गया और इसका सही फायदा उठाया भाजपा व संघ ने | केशुभाई पटेल ने इस भाजपा की गुजरात में नीवं रखी | परन्तु जैसा की जाट का स्वभाव हैं जाट कभी धार्मिक तौर पर कट्टरपंथी नहीं हो सकता इन्ही कारणों से केशुभाई संघ को नहीं सुहाए | संघ व भाजपा ने केशुभाई का इस्तेमाल करके पहले वहाँ पर अपने पैर जमाये और फिर केशुभाई को मक्खी की तरह निकाल फेंका और उनकी जगह मोदी (तेली) को कुर्सी पर बैठा दिया | मोदी ने कुर्सी पर बैठते ही जो संघ चाहता था उनकी चाहत पूरी की | संघ ने इन बातों को छुपाने के लिए और मोदी के पैर ज़माने के लिए मीडिया में मोदी की एक विकासपुरुष के रूप में तस्वीर बनानी शुरू कर दी | जबकि गुजरात तो एक ऐसा राज्य रहा हैं जिसकी गिनती शुरू से ही देश के अव्वल राज्यों में रही हैं , केशुभाई के राज में भी गुजरात एक नंबर की दौड़ में था पर संघ व मीडिया ने ऐसा प्रचार किया की बाहर के लोगो को लगा की गुजरात का हाल तो बिहार से भी बद्दतर था यह तो मोदी ने ही आ कर सुधारा हैं | संघ भाजपा की इन सब हरकतों से तंग आ कर आज केशुभाई को इन्ही के खिलाफ जंग छेड़नी पड़ रही हैं |
हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ था और चौधरी बंसी लाल जी लेघा के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसका जो विकाश शुरू हुआ वो आजतक जारी हैं चाहे किसी की भी सरकार रही हो कम ज्यादा विकास होता रहा हैं | समय के हिसाब से नई तकनीक आती रहती हैं उसी हिसाब से विकास होता रहता हैं , अब कोई यह कहे की चौ.बंसी लाल ने आईटी क्षेत्र में विकास नहीं किया , चौटाला साहब सेज लेके नहीं आये हुड्डा लाया तो यह सब बाते बेमानी हैं | ऐसा ही कुछ केशुभाई के साथ हुआ मोदी को कुर्सी तो किसी और कारण से दी थी परन्तु सोलर पॉवर वगैरा का नाम लेकर अब उसको प्रोजेक्ट किसी और रूप कर दिया गया |
इन सब घटनाओ से पता चलता हैं की जाट चाहे वो पंजाब का सिक्ख जाट हो या हरियाणा , उत्तर प्रदेश , दिल्ली , राजस्थान का जाट हो या फिर गुजरात का पटेल जाट हो का यह लोग कैसे इस्तेमाल करते हैं और फिर इन लोगो की बातों में आकर हमारे ही लोग अंधों की तरह इनका साथ देते हैं, बिना किसी बात की गहराई में जाए इनके सुर में सुर मिलाना शुरू कर देते हैं | हमारे ही कुछ लोग अब इस मोदी को भगवान बनाने में लगे हुए हैं |
हमारी इस साईट पर भी कुछ लोग बावले हो कर इस तेली के लिए जोर लगा रहे हैं |

Raka bhai...Any source of this information?..Your write-up give smell as all patels are Jats?....sardar patel was a Jat?..i don't think so..kurmis and Gujjar relate themselves with patels...there is not a single link false or true that links leva patidar with jats..though i got info about DHANETA jats (probably all muslims) who are living as Nomads and comes under ST in gujarat..
http://www.jattworld.com/online/forum/history-jatts/dacians-dahae-or-dhaneta-jats ....

Here are some photos of the people of this tribe

http://www.flickr.com/photos/waltercallens/sets/72157612315635441/detail/
so please atleast write something sensible..linking everyone with Jats will not make them GREAT............
....andI don't understand the hatred against Modi by SECULAR guys....I don't know Modi is TELLI and KESHU is Jat ..but this country needs Modi desperately...if you have any other name who can save this country..tell me...jats are secular..secularism is good..but it is utter nonsense to endure all injustice done against a particular religious group at the name of secularism....the current ongoing policies of these congess, mulayam, lalu etc will destroy the safeguard of 75% hindu...we can not remain blind anymore..I am a Jat first and a hindu later but current situation is untolerable but the things move on like this..soone rthis country will be slave again...

Fateh
July 9th, 2012, 07:44 PM
Patel history says that they came from Punjab via Rajesthan, BUT THERE is no mention of jat connection, Chiman bhai patel when he was Cm said at Ch Devi lal residence in one of the marriage function that patels went from Haryana area when it was part of Punjab, I am here since last 16 years, I have lot of patel friends I have lot of inter action with people including patels, seeing the nature, character, personalty traits, habits social practices, all out greed for money and business capability of patels, I doubt they were jats. I will be happy if some one provides some proof on either side, I am also trying my best to find the truth.
In very brief, Keshu was weak, corrupt, allowed his near and dear to loot and had no control over administration where as comparatively modi is much batter. regards

raka
July 10th, 2012, 04:49 PM
प्रशांत भाई सभी पटेल का तो पता नहीं पर ये लेउवा पटेल जाट हैं , और किसी प्रमाण के आधार पर ही मैंने यह लिखा हैं |
कर्नल साहब आपको वहाँ कोई पटेल जाट मिला नहीं और हमारे पास यहा पटेल जाट मिलने आते हैं |
चिम्मन भाई पटेल भी इसी लेउवा पटेल बीरदारी से हैं |

Fateh
July 10th, 2012, 06:32 PM
प्रशांत भाई सभी पटेल का तो पता नहीं पर ये लेउवा पटेल जाट हैं , और किसी प्रमाण के आधार पर ही मैंने यह लिखा हैं |
कर्नल साहब आपको वहाँ कोई पटेल जाट मिला नहीं और हमारे पास यहा पटेल जाट मिलने आते हैं |
चिम्मन भाई पटेल भी इसी लेउवा पटेल बीरदारी से हैं |
Bhai Raka, YES IT MAY BE THAT PATELS OF GUJARAT MAY NOT BE KNOWING THAT I am also jat or they may not be seeing usefulness in meeting me, However, dear let me know some reference or proof to support your statement, In Gujarat there are jats but they write chaudhary mostly found towards Mahsana, palanpur area.