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View Full Version : go hatya



BHAGWANSINGHSIR
August 26th, 2012, 10:20 PM
अमृत जैसा दूध पिला कर मैंने तुमकोबड़ा किया
अपने बच्चे से भी छीना पर तुमकोमैंने दूध दिया.
रूखी सूखी खाती थी मैं
कभी न किसीको सताती थी मैं
कोने में पड़ जाती थी मैं
दूध नहीं दे सकती अब तो
गोबर से काम तो आती थी मैं
मेरे उपलों की आग से तूने भोजनअपना पकाया था
गोबर गैस से रोशन कर के तेरा घरउजलाया था
क्योंकर मुझको बेच रहा रे उस कसाईके हाथों में ?
पड़ी रहूंगी इक कोने में मत करलालच माँ हूँ मैं.
मर कर भी है कीमत मेरी खाल भीतेरे काम आए
मेरी हड्डी की कुछ कीमत शायद तू हीघर लाए
मैं हूँ तेरे क्रिशन की प्यारी
वह कहता था जग से न्यारी
उसकी बंसी की धुन पर मैं
भूली थी यह दुनिया सारी
मत कर बेटा तू यह पाप
अपनी माँ को न बेच आप
रूखी सूखी खा लूँगी मैं
किसीको नहीं सताऊँगी मैं
तेरे काम ही आई थी मैं
तेरे काम ही आउंगी मैं.15341

ravinderjeet
August 27th, 2012, 01:30 PM
भाई नेट पे लिख के या कविता लिख के आपां राजी ते जरूर हे लेवाँ सां , पर इतने सडकआँ पे आके इन् ह्त्यार्यां गेल्याँ खुल्लम-खुल्लाँ यूद्ध नि होवेगा , इतने कोणी रुके गो ह्त्या | क्यूंकि इन् ने सरकारी संरक्षण मिलर्य़ा स | क्यूंकि ये कतल खाने चलाने वाले सब मुसलमान सें अर इह देश पे भी एक मुस्लिम परिवार शासन करण लागर्या स |

vijaykajla1
August 27th, 2012, 03:01 PM
भाई नेट पे लिख के या कविता लिख के आपां राजी ते जरूर हे लेवाँ सां , पर इतने सडकआँ पे आके इन् ह्त्यार्यां गेल्याँ खुल्लम-खुल्लाँ यूद्ध नि होवेगा , इतने कोणी रुके गो ह्त्या | क्यूंकि इन् ने सरकारी संरक्षण मिलर्य़ा स | क्यूंकि ये कतल खाने चलाने वाले सब मुसलमान सें अर इह देश पे भी एक मुस्लिम परिवार शासन करण लागर्या स |

भाई साब गौ माता की इस दुर्दशा के लिए सरकार के साथ साथ हम भी जिम्मेदार है !! आज लोग गाय पालना छोड़कर कुत्तों को अपनी गोद में बिठाकर घूम रहे हैं,तो फिर गाय की दुर्दशा नहीं होगी तो क्या होगा !!