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View Full Version : मल्लिका शेरावत स्लिवर स्क्रीन की रानी, लेè



yogeshdahiya007
September 14th, 2012, 09:42 AM
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(तस्वीर- सेठ छज्जू राम की फैमिली तस्वीर (मध्य में दांये) उनके दो भाई त्रिखा राम और हरजी राम एवं उनके बेटे सज्जन सिंह (बैठे हुए), एवं परिवार की महिला सदस्य)

अलखपुरा (भिवानी)। बॉलीवुड की हॉट सेलिब्रिटी मल्लिका शेरावत भले ही स्लिवर स्क्रीन की रानी हों, लेकिन उनकी शोहरत अपने पुरखों की तुलना में कुछ भी नहीं है। हरियाणा के रोहतक में एक जाट परिवार में जन्मी मल्लिका का असली नाम रीमा लांबा है। मल्लिका हरियाणा के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी सेठ छज्जू राम के परिवार में पैदा हुई थीं। बॉलीवुड इंडस्ट्री में मल्लिका की इमेज एक सेक्स सिंबल के रूप में है।

भिवानी जिले के बवानी खेड़ा तहसील के अलखपुरा गांव से मल्लिका की जड़ें जुड़ी हुई हैं। यह मल्लिका का पैतृक गांव है, जहां उनके पुरखे रहते थे। मल्लिका का जन्म इलाके के चर्चित जाट सेठ छज्जू राम के परिवार में हुआ था, जो अपनी परोपकारिता के लिए जाने जाते थे। भले ही मल्लिका आज कितनी भी चर्चित हो गई हों, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो सेठ छज्जू राम की लोकप्रियता के आगे मल्लिका फीकी हैं।

आइये जानते हैं हरियाणा के प्रख्यात जाट सेठ छज्जू राम और उनके परिवार के बारे में कुछ बातें...

सेठ छज्जू राम काफी परोपकारी शख्सियत थे। इन्होंने उपनिवेशी शासन के दौरान कोलकाता जाकर काफी संपत्ति बनाई और उससे कई सामजिक कार्य किए। छज्जू राम (सन् 1861-1943) ने अपने पैतृक पेशे यानी खेती-बाड़ी को छोड़कर कोलकाता जाने का निर्णय लिया और वहां जाकर जूट का बिजनेस शुरू किया। वहां कमाए धन से उन्होंने हरियाणा में स्वास्थय और पढ़ाई के क्षेत्र में काफी सामाजिक योगदान किया। हिसार में छज्जू मल के नाम पर कई स्कूल और कॉलेज हैं। उनके परोपकारी कार्यों के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें 'सर' की उपाधि दी गई थी।

मल्लिका शेरावत छज्जू राम के छोटे भाई त्रिखा राम की पड़पोती हैं। उनके पिता मुकेश लांबा, त्रिखा राम के पोते हैं। मल्लिका शेरावत के पिता अपने भाईयों के साथ गांव में मौजूद पैतृक हवेली में रहते थे। गांव में मौजूद पुरानी हवेली मल्लिका शेरावत के इस गांव से जुड़ाव की प्रतीक हैं।


मुकेश लांबा के अनुसार छज्जू राम ने हिसार में जाट एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की थी, जो उनके क्षेत्र में स्कूल और कॉलेज चलाने में मदद करती थी। छज्जू राम ने भिवानी में एक अस्पताल का निर्माण भी करवाया था, जिसे बाद में भारत सरकार ने अपने अधीन कर लिया और आज इसे सिविल अस्पताल के नाम से जाना जाता है।

मल्लिका के चाचा नरेंद्र लांबा आज भी गांव में रहते हैं और वह क्षेत्र के सबसे बड़े किसान हैं। क्षेत्र की नई पीढ़ी मल्लिका शेरावत के इलाके से पुराने संबंधों के बारे में तो नहीं मालूम, लेकिन वे छज्जू राम के योगदान को भली-भांति जानते हैं।

15411 (हंसी में शेखूपुरा कोठी) 15412