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View Full Version : Is the Bhondu Yuvraj is a Kaliygi Avtaar of Kalidaas ??????



rajpaldular
November 8th, 2012, 11:35 AM
एक कालिदास थे। कहते हैं, वे जिस डाल पर बैठते थे, उसी को काटते थे। अपने (भोंदू) राहुल गांधी भी ऐसा ही कर रहे हैं। माना कि देश में कांग्रेस बड़ी पार्टी है। इतनी बड़ी कि बीजेपी को पूरे देश में उसका मुकाबला करने के लिए कई जन्म लेने पड़ेंगे। पर, राहुल गांधी जो कर और कह रहे हैं, वह उनको नहीं करना चाहिए। बेचारी सोनिया माता बहुत चेष्टा कर रही है। एवं राहुल बाबा हैं कि पार्टी का भट्टा बिठाने पर तुले हुए हैं।



पहले युवक कांग्रेस का कबाड़ा किया। फिर यूपी में पार्टी को पस्त किया। पता नहीं उनके दिमाग में क्या चल रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में रामलीला मैदान में पार्टी की रैली में बढ़िया भाषण दिया। इतना बढ़िया कि मत पूछो। कांग्रेस का कोई नेता ऐसा नहीं बोल सकता। राहुल ने मनमोहन सिंह की सरकार और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। राहुल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या हमारा राजनैतिक सिस्टम है। ये सिस्टम आम और कमजोर व्यक्ति के लिए बंद है। यह भी कहा कि इस सिस्टम के कारण आम व्यक्ति की भागीदारी नहीं होने से देश आगे नहीं बढ़ रहा। राहुल ने देश के प्रेजेंट राजनैतिक सिस्टम को जनविरोधी बताया। और यह भी कहा कि हमारा राजनैतिक सिस्टम ऐसा होना चाहिए जो आम व्यक्ति की पीड़ा को समझे।



अर्थात राहुल स्वयं मानते हैं कि मनमोहन सिंह की सरकार आम व्यक्ति की नहीं सुनती। पर, राहुल को कौन समझाए कि हमारे देश में यह जो राजनैतिक सिस्टम है, वह सबसे पहले उनके पिता के नाना जवाहर लाल नेहरू ने आरंभ किया। फिर उनकी दादी इंदिरा गांधी ने उसको शक्ति प्रदान की। और इसके पश्चात उनके पिता राजीव गांधी ने उस सिस्टम को और शक्ति दी । फिर यह सिस्टम तो उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी ने ही बनाया है। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि राहुल अपने पूर्वजों को कोस रहे थे। अरे भैया, आप तो स्वयं इतने बड़े व्यक्ति हो। सुपर प्रधानमंत्री हो। सिस्टम को ठीक कर सकते हो। पर, करते क्यों नहीं? और यदि ठीक नहीं कर सकते तो चुप-चाप बैठे रहो ना यार। पर राहुल हैं कि बोले जा रहे थे।



जिस पार्टी के महासचिव हैं, उस कांग्रेस पर भी राहुल ने प्रहार किया। बोले, पार्टी में आम कार्यकर्ताओं के लिए दरवाजे बंद हैं और उन्हें खोले बिना देश का चित्र नहीं बदल सकते । मंच पर बैठी राजमाता सोनिया गांधी सुन रही थी। और अपने मम्मू प्रधानमंत्री सदा की तरह मौन थे। राहुल गांधी पार्टी के महासचिव हैं। बरसों से हैं। तो फिर अब तक कार्यकर्ताओं के लिए दरवाजे खोले क्यों नहीं? और अब समझ में आ गया है तो भी दरवाजे नहीं खुलेंगे। यह अपना दावा है।



कांग्रेस के अपने भाई लोग भले ही कुछ भी कहें। पर, अपना मानना है कि राम जेठमलानी ने उनको अनुभवहीन कहा। ठीक कहा। सुब्रमण्यम स्वामी ने भोंदू युवराज कहा। अत्यंत सत्य वचन कहे। जेठमलानी जैसे जीवंत व्यक्ति और स्वामी जैसे सक्षम व्यक्ति की छोड़िए। अपने ही नहीं देश के लाखों कांग्रेसी भी राहुल गांधी को भारतीय राजनीति में कालीदास का कलयुगी अवतार ही मानते हैं।

आप क्या मानते हैं ?

SALURAM
November 23rd, 2012, 12:54 AM
bhai hum to yeh maante hain ki isko vapas itally bhej do... nanihal me...

rinkusheoran
November 23rd, 2012, 05:34 AM
राहुल को कौन समझाए कि हमारे देश में यह जो राजनैतिक सिस्टम है, वह सबसे पहले उनके पिता के नाना जवाहर लाल नेहरू ने आरंभ किया।



Rajpal Ji, Nehru was even better but the biggest traitor was Grand father of Jawahar lal Nehru who gave tip off to Britisher about Raja Nahar Singh and after that only he was hanged in Chandani Chowk. these historian are very clever that is why they never talk about him.

SandeepSirohi
November 23rd, 2012, 10:06 AM
कालिदास अपनी पत्नी द्वारा ठुकराए जाने पर एक महान कवी बन् गए ओर इतिहास में छा गए | क्या अब आउल को भी शादी कर लेनी चाहिये ?