SALURAM
November 8th, 2012, 11:46 PM
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
जगह जगह दिन दहाड़े हो रहे बलात्कार,
कभी होता है शोषण तो कभी दुत्कार,
घर बाहर हो रहा है तेरा तिरस्कार,
बंद कमरों मे दबी है तेरी चीत्कार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
तेरे बिना अधूरा है पुरुष का संसार,
जन्म देकर किया तूने पुरुष पर उपकार,
हर कदम पर दिया तूने पुरुष को सहकार,
माँ बहन बेटी पत्नी तेरे है कई अवतार ,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
आज की नारी है तू , नए हैं तेरे विचार,
तू शक्ति है, इस बात को करले स्वीकार ,
ममता की मूरत, परिवार की सलाहकार,
आधी दुनिया पर तेरा जन्म सिद्ध अधिकार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
अपना मूल्य पहचान,समय की यही पुकार,
इक्कीसवी सदी मे तू दिखा कोई चमत्कार,
पुरुषो के रचे समाज मे तू मचादे हाहाकार,
जाग, उठ, लड़ने को होजा तू तैयार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
जगह जगह दिन दहाड़े हो रहे बलात्कार,
कभी होता है शोषण तो कभी दुत्कार,
घर बाहर हो रहा है तेरा तिरस्कार,
बंद कमरों मे दबी है तेरी चीत्कार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
तेरे बिना अधूरा है पुरुष का संसार,
जन्म देकर किया तूने पुरुष पर उपकार,
हर कदम पर दिया तूने पुरुष को सहकार,
माँ बहन बेटी पत्नी तेरे है कई अवतार ,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
आज की नारी है तू , नए हैं तेरे विचार,
तू शक्ति है, इस बात को करले स्वीकार ,
ममता की मूरत, परिवार की सलाहकार,
आधी दुनिया पर तेरा जन्म सिद्ध अधिकार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?
अपना मूल्य पहचान,समय की यही पुकार,
इक्कीसवी सदी मे तू दिखा कोई चमत्कार,
पुरुषो के रचे समाज मे तू मचादे हाहाकार,
जाग, उठ, लड़ने को होजा तू तैयार,
नारी कब तक सहेगी तू अत्याचार?