sivach
December 29th, 2012, 01:44 PM
सुन ओ छोड के जाने वाली
लौट के फिर ना आने वाली
गम -ए- हयात का मिटा गई
हम सबको तु रुला गई
याद आयेगा वो मजंर घिनौना
पङेगा हमको बार-बार रोना
तुमने भोगा वो भोगे ना कोई
यहाँ है सबकी आत्मा सोई
ना आना फिर से इस देश में बहना
यहाँ पर है भेडियों का रहना
तेरे कातिल है अभी जिन्दा
तु क्योँ उड गई बनके परिन्दा
ओ छोङ के हमको जाने वाली
आँखो मेँ है हम सबके लाली
दे भगवान तेरी आत्मा को शाँति
ये रुह एक रुह के लिये यही दुआँ मांगती. . . . . . . :(:(:(
लौट के फिर ना आने वाली
गम -ए- हयात का मिटा गई
हम सबको तु रुला गई
याद आयेगा वो मजंर घिनौना
पङेगा हमको बार-बार रोना
तुमने भोगा वो भोगे ना कोई
यहाँ है सबकी आत्मा सोई
ना आना फिर से इस देश में बहना
यहाँ पर है भेडियों का रहना
तेरे कातिल है अभी जिन्दा
तु क्योँ उड गई बनके परिन्दा
ओ छोङ के हमको जाने वाली
आँखो मेँ है हम सबके लाली
दे भगवान तेरी आत्मा को शाँति
ये रुह एक रुह के लिये यही दुआँ मांगती. . . . . . . :(:(:(