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View Full Version : dilli bhot sharmindaa he



ravinderjeet
April 24th, 2013, 03:31 PM
दिल्ली भी कदे दिल वाली होया करदी
इसकी शान भी निराली होया करदी

इब तो इस्पे कसुती कालिख छारी है
बेरा ना इस्पे के आफत आरी है
आजकल तो इसकी हरकत ही न्यारी हैं
बेरा ना के के खेल खिलारी है
आज नींद भी ना आंदी कदे चैन ते सोया करदी

दिल्ली भी कदे दिल वाली होया करदी
इसकी शान भी निराली होया करदी

दुःख पहले भी बोहत सहा इसने
पर कदे किसे ते कुछ ना कहा इसने
इबे लग तो पुराने घाव ना भरे
और कुछ होरे हैं नये जमा हरे
पर जितनी इब रोवे पहले ना रोया करदी

दिल्ली भी कदे दिल वाली होया करदी
इसकी शान भी निराली होया करदी

मुग़ल - अंग्रेज सब ने बोहत सताया
जीसी आज लुटरी वैसी तो इतिहास ने भी ना बताया
बेगाने तो लूट गये उनते के उलाहणा है
जड़े अपने ही लूटें ओड़े बसण ने के ठिकाणा है
रक्षक जड़े भक्षक बणरे और बोलें कचा मंदा है
ऐसी दिल्ली पे "चैहल" बोहत शर्मिंदा है
ऐसी दिल्ली पे "चैहल" बोहत शर्मिंदा है —by
Narpal Singh Chahal