HawaSinghSangwan
May 3rd, 2013, 01:19 PM
केंद्रीय सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए खुशखबरी तथा राज्य सेवानिवृत कर्मचारियों की बंंधी आस : सांगवान
भिवानी। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जो कर्मचारी सन 2006 से सेवानिवृत हुए थे, उनकी पेंशन दोबारा से निश्चित करने के लिए केंद्रीय सरकार ने 28 जनवरी को आदेश दिया, जिसमें पेंशन धारकों को 24 सितंबर, 2012 से एरियर देने का फैसला लिया गया था, लेकिन 24 सितंबर से एरियर देने का फैसला न्यायोचित नहीं था, इसलिए कुछ अधिकारियों ने मिलकर इस फैसले के विरोध में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका डाली, जिसका फैसला गत 30 अप्रैल को आया, जिसमें 2006 से पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को प्रथम जनवरी, 2006 से एरियर देने का फैसला लिया गया और आशा है, केंद्र सरकार इसे अब जल्दी ही लागू करेगी, जिससे लगभग 30 लाख केंद्रीय सेवानिवृत कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार के द्वारा लागू करने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारी भी अपने हक के लिए राज्य सरकार से मांग कर सकते हैं। सांगवान ने कहा कि महंगाई का बोझ विशेषतौर पर किसान और बेरोजगार ही झेल रहे हैं, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई के अनुसार भत्ता बढ़ाया जाता है, वहीं व्यापारी व अपना काम धंधा करने वाले महंगाई के अनुसार अपना मुनाफा बढ़ा लेते हैं। सांगवान ने आगे कहा कि वे सन् 1969 में केवल 173 रूपए वेतन पर भर्ती हुए थे, जबकि वर्तमान में उनकी पेंशन 42000 से बढक़र 50400 होने वाली है, लेकिन किसान को अपनी पैदावार की कीमत निश्चित करने का कोई अधिकार नहीं, बेरोजगार तो वैसे ही खाली हाथ है।
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भिवानी। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जो कर्मचारी सन 2006 से सेवानिवृत हुए थे, उनकी पेंशन दोबारा से निश्चित करने के लिए केंद्रीय सरकार ने 28 जनवरी को आदेश दिया, जिसमें पेंशन धारकों को 24 सितंबर, 2012 से एरियर देने का फैसला लिया गया था, लेकिन 24 सितंबर से एरियर देने का फैसला न्यायोचित नहीं था, इसलिए कुछ अधिकारियों ने मिलकर इस फैसले के विरोध में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका डाली, जिसका फैसला गत 30 अप्रैल को आया, जिसमें 2006 से पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को प्रथम जनवरी, 2006 से एरियर देने का फैसला लिया गया और आशा है, केंद्र सरकार इसे अब जल्दी ही लागू करेगी, जिससे लगभग 30 लाख केंद्रीय सेवानिवृत कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार के द्वारा लागू करने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारी भी अपने हक के लिए राज्य सरकार से मांग कर सकते हैं। सांगवान ने कहा कि महंगाई का बोझ विशेषतौर पर किसान और बेरोजगार ही झेल रहे हैं, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई के अनुसार भत्ता बढ़ाया जाता है, वहीं व्यापारी व अपना काम धंधा करने वाले महंगाई के अनुसार अपना मुनाफा बढ़ा लेते हैं। सांगवान ने आगे कहा कि वे सन् 1969 में केवल 173 रूपए वेतन पर भर्ती हुए थे, जबकि वर्तमान में उनकी पेंशन 42000 से बढक़र 50400 होने वाली है, लेकिन किसान को अपनी पैदावार की कीमत निश्चित करने का कोई अधिकार नहीं, बेरोजगार तो वैसे ही खाली हाथ है।
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