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View Full Version : हुड्डा सरकार ने किसानों का अपमान किया



ravinderjeet
July 23rd, 2013, 05:36 PM
https://fbcdn-sphotos-e-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/1003001_485556138208078_2134212759_n.jpg

पिछले साल ( 2012 ) रोहतक संसदीय क्षेत्र के झज्जर जिले के बेरी हलके सहित अनेक स्थानों पर भारी बारिश के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी। उन किसानों को हुड्डा सरकार ने मुआवजे के नाम पर एक रुपए, दो रुपए व तीन रुपए के चेक देकर न सिर्फ उन किसानों का अपमान किया है बल्कि प्रकृति की मार झेल रहे किसानों के जख्मो पर नमक छिड़कने का भी काम किया....

yogeshdahiya007
July 24th, 2013, 10:09 AM
गरीब से मजाक : बाढ़ पीडि़तों को मुआवजे में 2 और 3 रुपए के चेक

bhaskar news | Jul 24, 2013, 07:37AM IST





आर्टिकल




http://i10.dainikbhaskar.com/dainikbhaskar2010/images/outsource/images/z.gif (http://api.addthis.com/oexchange/0.8/forward/email/offer?url=http://www.bhaskar.com/article-ht/HAR-HIS-flood-abhay-chautala-politics-chandigarh-haryana-4329010-NOR.html&title=http://www.bhaskar.com/article-ht/HAR-HIS-flood-abhay-chautala-politics-chandigarh-haryana-4329010-NOR.html&pco=bkm-152&username=internal)http://i10.dainikbhaskar.com/dainikbhaskar2010/images/outsource/images/z.gif (http://www.bhaskar.com/dainikbhaskar2010/scripts/print/index.php?printfile=http://www.bhaskar.com/article-ht/HAR-HIS-flood-abhay-chautala-politics-chandigarh-haryana-4329010-NOR.html)http://i10.dainikbhaskar.com/dainikbhaskar2010/images/outsource/images/z.gif (http://www.bhaskar.com/article-ht/HAR-HIS-flood-abhay-chautala-politics-chandigarh-haryana-4329010-NOR.html#comment)





http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/300x259/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/24/9477_20.jpg

चंडीगढ़. रोहतक संसदीय क्षेत्र में झज्जर जिले के बेरी सहित कई इलाकों में किसानों को सरकार ने फसल खराबे के मुआवजे के रूप में 1, 2 और 3 रुपए के चेक दिए हैं। इन किसानों की फसलें पिछले साल भारी बारिश के कारण बर्बाद हो गई थीं। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने सरकार के इस कदम को किसानों के साथ भद्दा मजाक और उनके जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया है।
चौटाला ने मंगलवार को यहां मीडिया से बातचीत में चेक दिखाते हुए कहा कि इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य किसानों को हुड्डा सरकार कैसा मुआवजा देगी।
पार्टी प्रधान अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार केवल झूठी घोषणाएं करके किसानों का हमदर्द होने का ढोंग कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 5500 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मिलता है, परंतु जिस तरह से किसानों को 1, 2 और 3 रुपए के चैक दिए गए हैं, उससे लगता है कि सरकार ने 1 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया है। जबकि 35000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।

किसानों को जेल में डलवा रही है सरकार:इनेलो नेताओं ने आरोप लगाया कि हुड्डा सरकार फसल के लिए कर्ज लेने वाले किसानों को जेल में डलवा रही है।राज्य में 25 हजार से ज्यादा किसानों को डिफाल्टर घोषित करके 11 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन नीलाम करने की तैयारी कर ली गई।कर्जा लेने वाले किसानों की जमीन और ट्रैक्टर गिरवी रखने के बावजूद उनसे हस्ताक्षरित चैक लिए जा रहे हैं।
बाद में इन चैकों को बाउंस करवाकर कोर्ट से उन्हें सजा करवाई जा रही है। अंबाला जिले के धुराला गांव के किसान बलवीर सिंह को हाल ही एक साल कैद और जुर्माने की सजा हुई है।जबकि इसी गांव के 14 किसानों पर केस चल रहे हैं। इस बारे में मुख्यमंत्री हुड्डा का कहना है कि उन्होंने यह तो कहा था कि किसानों को जेल में नहीं डालेंगे, लेकिन यह तो नहीं कहा था कि कर्ज लेकर उसे चुकाएं ही नहीं।

पिछली सरकार में तो डिफाल्टर किसानों को सीधे ही गिरफ्फ्तार करके जेल भेज दिया जाता था और उनके खाने का पैसा भी उन्हीं के खाते में जोड़ा जाता था।

यमुना बाढ़ पीडि़तों को मुआवजा देने की मांग: इनेलो नेताओं ने यमुना नगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले के बाढ़ पीडि़त किसानों को डीएलसी दर से मुआवजा दिए जाने अथवा दूसरी जगह जमीन आवंटित करने की मांग की है।इन किसानों की जमीनें बाढ़ के कारण नदी में आ गई हैं।

चेक से महंगी फोटो कॉपी
इन नेताओं ने बताया कि उनकी मीटिंगों में आए किसानों ने जब यह चेक बताए तो उन्होंने उनसे इनकी फोटो कॉपी मांगी थी। इस पर किसानों ने यह कहते हुए असल चेक ही थमा दिए कि फोटो कॉपी महंगी पड़ेगी। किसानों ने कहा कि चेक की राशि का भुगतान लेने के लिए बैंक में खाता खुलवाने के लिए ही कम से कम 500 रुपए चाहिए।
इन्हें मिला कम मुआवजा

बेरी उपमंडल के गोच्छी, डीघल, पहाड़ीपुर के संदीप को 6 रुपए, टेकचन्द्र 2 रुपए, सत्यनारायण 2 रुपए , रीना 6 रुपए बिमला 9 रुपए, रणबीर 31 रुपए, सूबेदार कपूर सिंह 30 रुपए मिला है। किसान जगदेव सिंह ने बताया कि उसके चार एकड़ खराब हुए, लेकिन उन्हें कुल 800 रुपए मुआवजा मिला है। किसानों का कहना है कि सरकार यदि सरकार मुआवजा नहीं देती तो अच्छा था।
कम से कम आस तो नहीं होती। किसान महेंद्र सिंह ने बताया कि उसके दादा के 200 बीघा जमीन है। खेवट इकट्ठी है। हम बार-बार तहसील कार्यालय मेें संपर्क करते रहे कि मुआवजा कब आएगा, लेकिन बाद मे पता चला कि हमारा 78 हजार रुपए मुआवजा तहसील ने वापिस भेज दिया है। जसबीर पुत्र युद्धवीर ने बताया कि कुल 400 रुपए मुआवजा मिला है।

मुआवजे की पारदर्शी व्यवस्था: मुख्यमंत्री

पीडि़त किसानों को मुआवजा देने की इससे ज्यादा पारदर्शी और न्यायपूर्ण व्यवस्था क्या होगी? फसल खराबे के आधार पर जिस काश्तकार का जितनी हिस्सा राशि बनती थी, उतना उसे मुआवजा दिया गया है। अगर किसी का एक रुपए मुआवजा भी बना है तो सरकार ने उसे वह राशि दी है। किसान चाहें तो चैक सरेंडर करके नकद राशि प्राप्त कर सकते हैं।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सीएम हरियाणा

malikdeepak1
July 24th, 2013, 12:12 PM
"Number 1 Haryana!"

ssgoyat
July 24th, 2013, 01:43 PM
Ohhooo...... lumber kat gaye eeb to khaangress ke.... rohtak arr jhajjhar me bhi..

Abb kahan hai Sangwan sahab... Jo B* S* Hooda ke haath majboot karne ko keh rahe the.

arr wo Botru kit gaya arrr..... kit kunn me lukh rahya sae bairi...

ravinderjeet
July 24th, 2013, 02:00 PM
फसलों का बीमा होता हे । जो सरकार उगाही करती हे ,उस्सी पेसे में से कुछ पैसा दे कर बीमा करवाया जाता हे । सरकार अपने खाते से कोई पैसा नहीं देती । बीमाँ कंपनी से पैसा लिया जाता हे । अब फसल खराब होने पर कम से कम जो ५५००/-की जो रकम मुक़र्रर की गई हे वो सरकार तो ले लेती हे पर उसमे से ५४९८/-रुपया कहाँ जाता हे ?मिनिमम रकम बीज ,खाद ,बहाई ,बिजाई आर ध्याड़ी का खर्चा जोड़ कर बनाई गई हे ,जो की कई साल पुरानी हे ,पर अब तो वो भी नहीं दी जा रही । अब सवाल ये हे की ये किसानों पैसा कोण खा रहा हे ?

ssgoyat
July 24th, 2013, 02:27 PM
फसलों का बीमा होता हे । जो सरकार उगाही करती हे ,उस्सी पेसे में से कुछ पैसा दे कर बीमा करवाया जाता हे । सरकार अपने खाते से कोई पैसा नहीं देती । बीमाँ कंपनी से पैसा लिया जाता हे । अब फसल खराब होने पर कम से कम जो ५५००/-की जो रकम मुक़र्रर की गई हे वो सरकार तो ले लेती हे पर उसमे से ५४९८/-रुपया कहाँ जाता हे ?मिनिमम रकम बीज ,खाद ,बहाई ,बिजाई आर ध्याड़ी का खर्चा जोड़ कर बनाई गई हे ,जो की कई साल पुरानी हे ,पर अब तो वो भी नहीं दी जा रही । अब सवाल ये हे की ये किसानों पैसा कोण खा रहा हे ?

Jaan ne ke liye padhe:- Asli lutere kaun- 1st Edition :tears_of_joy:

malikdeepak1
July 24th, 2013, 02:48 PM
फसलों का बीमा होता हे । जो सरकार उगाही करती हे ,उस्सी पेसे में से कुछ पैसा दे कर बीमा करवाया जाता हे । सरकार अपने खाते से कोई पैसा नहीं देती । बीमाँ कंपनी से पैसा लिया जाता हे । अब फसल खराब होने पर कम से कम जो ५५००/-की जो रकम मुक़र्रर की गई हे वो सरकार तो ले लेती हे पर उसमे से ५४९८/-रुपया कहाँ जाता हे ?मिनिमम रकम बीज ,खाद ,बहाई ,बिजाई आर ध्याड़ी का खर्चा जोड़ कर बनाई गई हे ,जो की कई साल पुरानी हे ,पर अब तो वो भी नहीं दी जा रही । अब सवाल ये हे की ये किसानों पैसा कोण खा रहा हे ?


Bhaisaab 280 rapiye ka to urea ka katta ho rhya se. Je mihntee laa diye to wo 8-10 hajaar bina na maante. Deejal ka bhaa roj badh jaave hai.
Mhintee naa bhi laaye to bhi Kisaan ki fasal ki laagat bhi na likde 5500 ruppali me ar waa bhi khaa ge.

dndeswal
July 24th, 2013, 04:21 PM
[QUOTE=ravinderjeet;342310]https://fbcdn-sphotos-e-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/1003001_485556138208078_2134212759_n.jpg

रवीन्द्र, ये चेक भी AXIS Bank के सैं । झज्जर में पंजाब नैशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (दोनों पब्लिक सैक्टर के बैंक) सबतैं पुराने सैं, पर सरकार नै उनमैं खाता नहीं खोल्या क्योंकि उनमें कमीशन मिल्लण के चांस कोनी! ईब झज्जर में 24-25 प्राइवेट बैंक खुल ग्ये - कारपोरेशन बैंक, एक्सिस बैंक - और बी बेरा-ना कितने नाम सैं। SEZ में रिलायंस आळां नै जब जमीन ली, उस्सै टाइम ये सारे बैंक खुले थे। जब झज्जर में AXIS Bank खुल्या तै उसका मैनेजर गामां में हांड्या करदा अक ये मुआवजे के पईसे म्हारे बैंक में जमा करवाओ!

न्यूं लाग्गै सै अक एक्सिस बैंक आळां नै केभरा तहसीलदार का कमीशन फिक्स कर राख्या सै हरेक चैक पै!

.

cooljat
July 24th, 2013, 06:19 PM
HAHA :D Yo kaatya Rog ! :D


Jaan ne ke liye padhe:- Asli lutere kaun- 1st Edition :tears_of_joy:

sivach
July 26th, 2013, 03:59 PM
सेवा में ..
......... बेईमान मुख्यमंत्री
......... हरामी सरकार
..........कमीना नगर , घंटाघररोड ,

विषय : मुआवजे में मिले 2 रूपये चैक के बाबत ......

बेईमान जी ,
आपका चैक मिला अति हर्ष हूआ , चैक में 2 रुपये कि धनराशी देखकर मैं तो फूला नहीं समाया .....
चैक लेकर बैंक में गया पैसे निकलवाने बैंक वालों ने मना कर दिया क्योंकि इतनी बडी रकम बैंक में नहीं थी |
फिर नजदिकी कांग्रेसी कार्यालय में जाकर मैंने चैक की बत्ती बनाकर मंत्री जी को दे दी, जैसे एटिएम मशीन में कार्ड डालते हैं
मंत्री जि के मुँह से 2 रुपये का सिक्का बाहर निकल आया जैसा कि केंन्द्र सरकार ने 28 रूपये वाले को अमिर बताया |

मैं 2 रूपये पाकर अति प्रसन्न हूआ मैंने 50 पैसे में ट्रैकटर लिया 20 पैसे का ट्युबवैल लगवाया
और 20 पैसे मैं खात बीज ले लिया 10 पैसे का डिजल लेकर बुवाई कर दी ....
अब 1 रूपया बचा है मैं सोच रहा हूँ स्वीस बैंक में जमा करा दूँ क्योंकी cbi का डर तो मुझे
भी लगता है, पत्र मिलते ही जवाब जरूर देना ...
निवेदक ..


https://www.facebook.com/groups/314752535235067/permalink/580162575360727/

ravinderjeet
August 13th, 2013, 05:12 PM
अब सरकार के चैक भी होने लगे बाउंस !

पहले आम आदमी के चैक बाउंस होते थे लेकिन क्या कभी आपने
सुना है कि सरकार द्वारा दिया गया चैक बाउंस हो गया है
या फिर सरकार के खाते में अब पैसे नहीं बचे।
अब सरकार द्वारा दिए चेक भी बाउंस होने लगे हैं,तो अब आप
थोडी सावधानी बरतें। दरअसल हुआ यू कि हरियाणा सरकार
ने एक किसान को मुआवजे के तौर पर एक चेक दिया था।
उस किसान को चैक के रुपये तो नहीं मिले पर बदले में चैक
बाउंस होने पर उसे पैनेल्टी देनी पड़ी। पैनेल्टी के तौर पर उस
किसान के खाते से 102 रुपये काट लिए गए। और
आपको चैक की राशि जानकर उससे भी ज्यादा हैरानी होगी। चैक
की राशि 316 रुपये थे,यानि हमारी सरकार के खाते में अब
316 रुपये भी नहीं बचे।
मित्रो ये भी सोचने वाली बात है

लुटेरे लुट रहे है और गरीब लुट रहे है

dndeswal
August 13th, 2013, 06:10 PM
रवीन्द्र, ये दो रुपये, तीन रुपये के चैक किसै नै आपणे खाते में जमा कर दिए (किसै प्राइवेट बैंक में) तै उनके "clearance charges" या "processing fees" भी लागैगी के?

ravinderjeet
August 13th, 2013, 07:08 PM
रवीन्द्र, ये दो रुपये, तीन रुपये के चैक किसै नै आपणे खाते में जमा कर दिए (किसै प्राइवेट बैंक में) तै उनके "clearance charges" या "processing fees" भी लागैगी के?


जा आउट ऑफ़ सटेशन के होंगे ते १५/- रपिये लगेंगे ।

pawandahiya
August 14th, 2013, 07:58 AM
Haryana govt has failed to do anything good for farmers. Being agriculture based state and more dependent on monsoons, govt should have helped farmers in a better way. Pichli baar jo karoro rupaye kharach karke Number 1 haryana ka campaign chalaya tha Hooda ne, wo ek safed jhooth hai. hakkekat to ye hai ki gaon me pani ki toothi to laga di, par paani aata hai hafte me ek bar hi aur kayi baar to wo bhi nahi aata.

cutejaatsandeep
August 14th, 2013, 10:33 AM
bhahiyo plz iss picture ko deekh ke apne comment jaroor dee:)
https://fbcdn-sphotos-b-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/1175315_593066000744134_324082808_n.jpg

Prikshit
August 14th, 2013, 11:32 AM
Agreed. Congress formed govt two times in a row, but failed to deliver on every front. They claim to be ahead of other states esp BJP ruled states, which a mere lie.

sitaram
August 14th, 2013, 01:20 PM
..............................

sitaram
August 14th, 2013, 01:21 PM
जा आउट ऑफ़ सटेशन के होंगे ते १५/- रपिये लगेंगे ।

Mhare to jyada laagya karde hai .................. mere hisaab se 105 rpiya s clearing charge for out station cheque .........