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View Full Version : घमंड, बच्चा और बड़ा:



phoolkumar
February 28th, 2014, 12:35 PM
घमंड, बच्चा और बड़ा:

घमंड एक ऊर्जा का नाम है| बच्चे में यह उसके पर कुतर देने की वजह से यानि उसकी अपनी सोच बनने देने से रोक देने, ज्यादा लाड-प्यार दे उसकी सोच को बिगाड़ देने, उसके साथ भेदभाव करने अथवा उसमें भय स्थापित कर देने की वजह से आता है|

घमंड शरीर की वह ऊर्जा होती है जो जब सही दरवाजे से निकलने के मार्ग को अवरुद्ध पाती है तो बच्चे के व्यवहार जैसे कि चिड़चिड़ापन, बड़बोलापन, तुक्कालोजी, छद्म अहंकार अथवा खुद को सर्वोपरी समझने जैसे घमंड रुपी दरवाजे बना, उनसे विस्फोटित होती रहती... है|

और यह समय पर ना रोकी जाए तो उस बच्चे का विकास व् भविष्य दोनों अधर में समझो|

दूसरा घमंड होता है बड़े आदमी यानि परिपक्व इंसान का घमंड| यह घमंड बच्चे वाले घमंड से अलग होता है, जो कि लाइलाज होता है| यह अच्छा और बुरा दोनों तरह का हो सकता है, लेकिन बच्चे में घमंड हमेशा बुरा ही नहीं अपितु बच्चे के लिए घातक भी होता है|

बच्चे में घमंड का पैमाना तय करता है कि उसको किस प्रकार का पारिवारिक परिवेश मिला होगा और वह जिंदगी में कितनी दूर तक की रेस का घोड़ा बनेगा|

लेकिन ऐसे बच्चे जिनके आगे बचपन में घमंड में पड़ने के मार्गों के अलावा और कोई मार्ग नहीं रहा होता है, यह उनके लिए सबसे घातक है| क्योंकि घमंड जब उतरता है तो इंसान को खुद से मिलना होता है और जब ऐसा इंसान खुद से मिलता है तो वह जीवन में खुद को छला-ठगा महसूस करता है, यहाँ तक कि अपनी इस हालत के लिए बचपन में पालने वालों से ज्यादा भगवान तक से अपना भरोसा खो बैठता है| ऐसे बच्चे के लिए जिंदगी या तो एक जीवन में दो जन्म जीने समान होती है अथवा जो वह जीता है वो वह होता ही नहीं, कि जिसके लिए वो धरती पर आया होता है|

Phool Kumar Malik