rskankara
June 17th, 2014, 02:22 PM
ट्रैफिक में फंसने से जहां सैकड़ों मरीज रास्ते में मरते रहे हैं, वहीं चेन्नै में कल इसके उलट एक मिसाल देखने को मिली। एक आम युवक की जिंदगी को बचाने के लिए पूरा ट्रैफिक रोक दिया गया। ऐसा एक ऐम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए किया गया, जो एक दिल को ट्रांसप्लांट के लिए 13 मिनट में 12 किलोमीटर दूर दूसरे हॉस्पिटल में पहुंचाने के एक कठिन मिशन पर निकली थी। एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में मरीज तक ट्रांसप्लांट के लिए दिल पहुंचाने की यह कहानी दरअसल किसी थ्रिलर से कम नहीं है। इस काम को अंजाम देने के लिए हॉस्पिटल के डॉक्टरों और ट्रैफिक पुलिस ने गजब का तालमेल दिखाया। साथ में चैन्नई के लोगों को भी संयम की प्रशंसा बनतीहै।आपको पता होगा कि दिल को 4 घंटे तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन इसे जितनी जल्दी मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया जाए, उतने ऑपरेशन के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
यह दिल चेन्नै के सरकारी राजीव गांधी हॉस्पिटल (जो चैन्नई सेंट्रल स्टेशन के पासहै) में दम तोड़ने वाले एक 27 साल के एक युवक का था। इस मिशन से ठीक पहले दिल को शरीर से निकालकर 4 डिग्री सेल्सियस पर एक स्पेशल कंटेनर में रखा गया था। इसे 12 किलोमीटर दूर फोर्टिस मलार हॉस्पिटल(जो अडयार में है) में भर्ती मुंबई के 21 साल की बीकॉम स्टूडेंट के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाना था। दिल पहुंचाने का यह सफर सोमवार शाम को 6 बजकर 44 मिनट पर शुरू हुआ। ऐम्बुलेंस 13 मिनट और 22 सेकेंड बाद 6.57 पर इसे लेकर फोर्टिस मलार हॉस्पिटल पहुंची। बता दें कि इन दोनों मुख्य हॉस्पिटलों को जोड़ने वाली सड़क पर अक्सर भारी ट्रैफिक रहता है और सामान्य तौर पर इस दूरी को तय करने में 45 मिनट लगते हैं। लेकिन एक आदमी की जान को बचाने के लिए पुलिस, डॉक्टरों और सामान्य आदमी ने बड़ा दिल दिखाते हुए इसमें मदद की।
ऐसी ही व्य्वस्था और सोच की हर शहर को जरूरत है।.......
भगवान से उसके अच्छे स्वास्थय की कामना है ......
यह दिल चेन्नै के सरकारी राजीव गांधी हॉस्पिटल (जो चैन्नई सेंट्रल स्टेशन के पासहै) में दम तोड़ने वाले एक 27 साल के एक युवक का था। इस मिशन से ठीक पहले दिल को शरीर से निकालकर 4 डिग्री सेल्सियस पर एक स्पेशल कंटेनर में रखा गया था। इसे 12 किलोमीटर दूर फोर्टिस मलार हॉस्पिटल(जो अडयार में है) में भर्ती मुंबई के 21 साल की बीकॉम स्टूडेंट के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाना था। दिल पहुंचाने का यह सफर सोमवार शाम को 6 बजकर 44 मिनट पर शुरू हुआ। ऐम्बुलेंस 13 मिनट और 22 सेकेंड बाद 6.57 पर इसे लेकर फोर्टिस मलार हॉस्पिटल पहुंची। बता दें कि इन दोनों मुख्य हॉस्पिटलों को जोड़ने वाली सड़क पर अक्सर भारी ट्रैफिक रहता है और सामान्य तौर पर इस दूरी को तय करने में 45 मिनट लगते हैं। लेकिन एक आदमी की जान को बचाने के लिए पुलिस, डॉक्टरों और सामान्य आदमी ने बड़ा दिल दिखाते हुए इसमें मदद की।
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