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View Full Version : पंजाब के जाट अधिकारियों के नाम चौधरी छोटूë



RavinderSura
June 29th, 2014, 08:14 PM
पंजाब के जाट अधिकारियों के नाम चौधरी छोटूराम का पत्र
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प्रिय श्री ,
मैं व्यक्तिगत हैसियत मे यह पत्र आपको लिख रहा हु | यदि आप इस पत्र मे लिखे गए दोषो से ग्रसित नहीं हैं तो कृपया इसकी उपेक्षा कर दें | मैं जाट कौम को अपने हृदया की गहराइयों से प्यार करता हु | परंतु मुझे यह जान कर गहरा दुख हुआ की ऊंचे ओहदों पर विराजमान जाट कौम के कुछ लोग कथित रूप से शराब के व्यसन मे फंस गए हैं और विभिन्न रूपों मे अवैध भेंट स्वीकार करते हैं | यदि यह सच हैं तो ये दोष पूरी कौम की बदनामी का कारण बनेंगे |

मैं चाहता हूँ की जाट सर्वाधिक संख्या मे सरकारी नौकरियों मे आएं , परंतु कोई ऐसी संस्था होनी चाहिए जो उन्हे ठीक रास्ते पर रख सके |

मैं आप को याद कराना चाहता हूँ की हम उन लोगो की संतान हैं जो कांड-मूल या प्याज और दहि (छाछ) के साथ ज्वार की रोटियाँ खाकर गुजर बसर किया करते थे और हम मे से बहुतों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ होते थे | मैं मनोरंजन को बुरा नहीं मानता , परंतु मैं उस तरह के मनोरंजन को पसंद नहीं करता जिससे चरित्र मे गिरावट आए , और शराब का आदि होना तो इतनी बुरी बात हैं की अतीत मे यह बहुत सारे राज्यों और साम्राज्यों के विनाश का कारण बन चुकी हैं ! कोई भी धर्म मदिरा-पान को उचित नहीं मानता ; न कोई धर्मग्रंथ इसका समर्थन करता हैं | आम आदमी इसकी निंदा करता हैं | अनुभवी लोगो ने इसके खतरों के विरुद्ध चेताया हैं | चरित्र मे ढीलापन आने पर व्यक्ति फिसल जाता हैं , क्योंकि एक बार जो बुरी आदतों की जकड़ मे फंस जाता हैं उसके लिए इससे छुटना मुश्किल हो जाता हैं | यदि कोई व्यक्ति स्वयं को इंद्रियों को त्रप्त करने मे पूरी तरह लगा दे तो भी तृप्ति कभी मिलती नहीं ! केवल आत्म-संयम के द्वारा ही मनुष्य चरित्रवान बन सकता हैं |

क्या वे लोग जो घुस आदि अवैध भेंट लेते हैं , यह नहीं जानते की जिन लोगो को घुस देने के लिए विवश किया जाता हैं , उन के पास अपने बच्चो का पेट भरने के लिए पर्याप्त नहीं होता ? वस्तुतः रिश्वत प्रायः इसी तरह के लोगो से ली जाती हैं | क्या हम इतने पत्थर - दिल या निर्दयी हो गए हैं की इन तथ्यों से मुंह फेर लें ?

जब मैं प्रबुद्ध एवं शिक्षित लोगो की चुनिन्दा सभाओ मे यह सुनता हु की जाट अफसर भी इन बुराइयों का शिकार हो गए हैं , तो मैं शर्म के मारे सिर नीचा कर लेता हूँ | एक व्यक्ति का चरित्र उसकी कौम के चरित्र को दर्शाने वाला दर्पण होता हैं |

मनुष्य को जीवन मे कुछ बनने के लिए अवश्य ही निमंलिखित का अनुकरण करना चाहिए : 'सादा जीवन , ऊंचे विचार , चरित्र मे महानता , ईमानदारी और परस्पर मिलकर संघर्ष करना ' |

आपका शुभेच्छु
छोटूराम