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View Full Version : Pahle Gaya haryana -Ab Bari Punjab ki



RavinderSura
May 3rd, 2015, 12:14 PM
पहले गया हरियाणा - अब बारी पंजाब की !
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी ने कहा हैं कि ' एक बीमारी थी काँग्रेस जो कट गई , अब दूसरी आ गई ' | चौधरी साहब यह दूसरी बीमारी भी आप लोगों की ही पाली हुई हैं | 1977 में जब ताऊ हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सरकार में ही शामिल जन संघ के डॉक्टर मंगल सैन और सुषमा स्वराज ही थे जिन्होने ताऊ की सरकार के लिए मुसीबतें शुरू की थी , जिससे परेशान हो कर आखिर में लोक दल के कार्यकर्ताओं को इन दोनों को गोहाना के रेस्ट हाउस में आड़े हाथों लेना पड़ा | ताऊ ने एक जनसभा में इस दूसरी बीमारी के लिए कहा भी था कि ' घोड़े (व्यापारी) की और घास (किसान) की कभी दोस्ती नहीं हो सकती ' | परंतु आपने बार बार इस बीमारी को हरियाणा में पनपने का मौका दिया | 1998 में आपकी पार्टी हलोदरा का मा. कांशीराम जी की पार्टी बसपा के साथ गठबंधन हुआ , आपने भिवानी के किरोड़ीमल पार्क में एक जनसभा की थी , जिसमे कांशीराम जी भी आए थे | किरोड़ीमल पार्क नीले और हरे झंडों से अट गया था , ताऊ के और जय भीम के नारे लग रहे थे , परंतु वहाँ भीड़ में सिर्फ एक ही चर्चा थी कि क्या चुनाव के बाद यह गठबंधन रहेगा ? लोगों को पूरा शक था कि चुनाव के नतीजों के बाद आप बीजेपी के साथ जाएँगे , और बाद में यह शक सही भी निकाला | जो कि शायद आपकी सबसे बड़ी भूल थी |
पंडित अटल बिहारी वाजपाई की सरकार 13 दिन और फिर 13 महीने चलने के बाद 1999 में जब तीसरी बार बनी तो आप की इनेलो पार्टी ने भी पंडित जी की सरकार को समर्थन दिया था | दिल्ली के विज्ञान भवन में कोई सेमिनार था , जिसमें मंच पर पंडित अटल बिहारी वाजपाई के एक बाजू आप बैठे थे तो द्सुरी बाजू सरदार प्रकाश सिंह बादल | जब आपके सम्बोधन की बारी आई तो आपने कहा था " अटल जी अब आपको सरकार की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं हैं , अब आपकी सरकार को कोई खतरा नहीं , क्योंकि अब आपके आजू-बाजू दो जाट बैठे हैं " | परंतु अफसोस की आप पर सीबीआई ने मुकदमा भी उन्ही की सरकार के दौरान बनाया और सीबीआई किसका तोता हैं उसकी परिभाषा कोर्ट दे ही चुका हैं !
नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनके शपथ समारोह में आप भी भागे - भागे गए थे | परंतु लोकसभा चुनाव में वहीं नरेंद्र मोदी और उनका सारथी शाह आपकी पार्टी और जननायक ताऊ के लिए कैसे शब्द बोल कर गए शायद आपको ध्यान होगा ? उन दोनों के ऐसे शब्दों पर लोगों ने खूब तकरार की परंतु चुनाव के नतीजों के बाद आपका ही पोता उनको समर्थन देने सबसे पहले भागा भागा दिल्ली गया !
साँप को कितना दूध पीला लो वह डँसेगा ही , क्योंकि उसकी फितरत डँसने की हैं , किस करने की नहीं ! आपने इतने सालों सिर्फ एक साँप पर ध्यान रखा और दूसरे को पाला | समस्या काँग्रेस-बीजेपी नाम के ब्राण्डों में नहीं , इनके अंदर जो माल हैं उसमे हैं | अब वो माल क्या हैं शायद आपको भी पता हैं , असल बीमारी वहीं हैं | इसी माल ने पहले हरियाणा साफ किया और अब बारी पंजाब की हैं , और चुनाव के बाद शायद बादल साहब भी आप वाले ही शब्द बोलते सुने जाएंगे !
आप लोगों का मुख्य वोट बैंक किसान-कमेरा तबका हैं ना की लुटेरा तबका , परंतु जब भी हरियाणा-पंजाब में आप लोगों की सरकार आती हैं आप लोग सबसे ज्यादा लाल बत्ती कमेरे तबके की बजाए लुटेरे तबके में बांटते हैं | और इसी लुटेरे तबके ने हरियाणा-पंजाब में जाट कौम को दूसरी कमेरी जातियों के विरुद्ध भड़काने का काम किया | यह सब इन लोगों ने एक सोची समझी साजिश के तहत किया जो आप लोग समझ नहीं पाए या फिर जानबूझ कर ना समझ बने रहे | 2007 , पंजाब विधान सभा चुनाव की मतगणना चल रही थी , मैं यूटी पंचायत भवन , चंडीगढ़ , मे ठहरा हुआ था और टीवी पर नतीजे देख रहा था , कमरा खुल देख एक सरदार जी अंदर आ गया , उसने मेरी तरफ देखे बगैर सवाल किया ' क्या चल रहा हैं भाई ? ' , मैंने सोचा सरदार हैं तो अकाली समर्थक होना चाहिए ! मैंने कहा सरदार जी बधाई हो अपनी सरकार आ गई , बोला केड़ी ? मैंने कहा - अकाली ! वो बड़ा मायूस सा चेहरा बना कर बोला - साढ़ी कित्थे भाई , एह ता जट्टा दी सरकार हैं ! चेहरे से वो किसी कमेरी जाति का लग रहा था पर उसके इस जवाब ने सोचने पर मजबूर कर दिया की जो बीमारी हरियाणा में हैं वहीं यहाँ भी हैं , और हम लोग सोचते हैं सिक्ख एक हैं ! इसलिए चौधरी साहब आपने दूसरी बीमारी का जिक्र तो किया हैं परंतु बीमारी की जड़ मे जाए | यदि नहीं गए तो पंजाब की भी तैयारी कर लो !
' जय योद्धेय '