RavinderSura
May 13th, 2015, 01:20 PM
प्रजातन्त्र में दबाव की ही राजनीति काम करती हैं | कुछ ऐसा ही दबाव की राजनीति का रास्ता हरियाणा के गेस्ट टीचरों ने निकाला हैं ! " नौकरी बचाने के लिए करनाल में पांच दिन से महापड़ाव डाले प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने अब धर्मांतरण की चेतावनी दी है।"
जो नेता धर्म की आड़ लेकर गद्दी तक पहुंचे हो उन पर दबाव के लिए इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता हैं ?
कल मेरे पास दिल्ली से एक जाट भाई का फोन आया , आरक्षण को लेकर काफी जज़बाती हो रखा था , उसने भी बिलकुल ऐसी ही बात कहीं , बोला भाई एक तरफ तो ये हिन्दू हिन्दू करते हैं और दूसरी तरफ हम जाटों का विरोध भी करते हैं ! भाई अगर ऐसे ही हमारा विरोध होता रहा और आरक्षण ना दिया तो मैं यह धर्म छोड़ सिख धर्म अपनाऊंगा !
:- ये नेता और धर्म के ठेकेदार सत्ता हथियाने के लिए धर्म को हथियार बना इस्तेमाल तो कर गए पर शायद इन्हे ध्यान नहीं रहा होगा की बाद में जनता भी इसी हथियार को तुम्हारे ऊपर इस्तेमाल करेगी ! इसे कहते हैं जैसे को तैसा ! लगता हैं अब जाटों को भी धर्म के इन ठेकेदारों की इस रग पर चोट करनी पड़ेगी !
" जो अक्ल राह रोक दे तो उसका दामन छोड़ दो ,
जो मजहब आके टोक दे तो उसकी कैद छोड़ दो "
' जय योद्धेय '
जो नेता धर्म की आड़ लेकर गद्दी तक पहुंचे हो उन पर दबाव के लिए इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता हैं ?
कल मेरे पास दिल्ली से एक जाट भाई का फोन आया , आरक्षण को लेकर काफी जज़बाती हो रखा था , उसने भी बिलकुल ऐसी ही बात कहीं , बोला भाई एक तरफ तो ये हिन्दू हिन्दू करते हैं और दूसरी तरफ हम जाटों का विरोध भी करते हैं ! भाई अगर ऐसे ही हमारा विरोध होता रहा और आरक्षण ना दिया तो मैं यह धर्म छोड़ सिख धर्म अपनाऊंगा !
:- ये नेता और धर्म के ठेकेदार सत्ता हथियाने के लिए धर्म को हथियार बना इस्तेमाल तो कर गए पर शायद इन्हे ध्यान नहीं रहा होगा की बाद में जनता भी इसी हथियार को तुम्हारे ऊपर इस्तेमाल करेगी ! इसे कहते हैं जैसे को तैसा ! लगता हैं अब जाटों को भी धर्म के इन ठेकेदारों की इस रग पर चोट करनी पड़ेगी !
" जो अक्ल राह रोक दे तो उसका दामन छोड़ दो ,
जो मजहब आके टोक दे तो उसकी कैद छोड़ दो "
' जय योद्धेय '