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View Full Version : Rashtrawad ya ekadhikarwad?



raka
July 27th, 2018, 02:24 PM
ये छद्दम राष्ट्रवाद और मज़हबपरस्ती के भ्रामक नारे शहरियों की तरफ़ से ही क्यों लगाए जाते हैं ?


चौधरी छोटूराम ने किसान बिरादरी को उस समय , शहरियों द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रवाद और मज़हबपरस्ती के लुभावने व आकर्षक नारों से सावधान रहने के लिए आगाह करते हुए कहा था कि - “ जब सरकारी सेवाओं में शहरी लोगों के पुराने एकाधिकार को चुनौती दी जा रही हो अथवा उसे समाप्त करने के प्रयास हो रहें हों । ये लोग अपने वर्चस्व और नियंत्रण को बनाए रखने के लिए प्रायः ही राष्ट्रवाद एवं साम्प्रदायिक शांति एवं सद्भाव के आदर्श के प्रचार का सहारा लिया करते हैं ।
एक बार उन्होंने सदन में कहा था : ... मेरे मित्र ने पंजाब में समृद्धि को प्राप्त राष्ट्रवाद और शांति-सद्भाव के वातावरण की ओर इशारा किया है , जिस को , उनके कथानुसार , संप्रदयवाद के आगमन से ख़तरा पैदा हो गया है , और संप्रदयवाद से उन का तात्पर्य , जैसा कि मैं समझ पाया हूँ , सरकारी नौकरियों में कुछ हिस्सा उन वर्गों और जातियों को , जो अब तक इस से वंचित रखे गए हैं , उन लोगों के साथ-साथ दिए जाने से है जिनका अब तक इन नौकरियों / सेवाओं पर पूर्ण एकाधिकार रहा है । यदि राष्ट्रवाद से मेरे मित्र का तात्पर्य एक वर्ग विशेष द्वारा सरकारी सेवाओं पर एकाधिकार एवं आधिपत्य बनाए रखने से है , तो मुझे भय है , ऐसे राष्ट्रवाद की अंत्येष्टि करनी ही पड़ेगी । यह राष्ट्रवाद नहीं है , यह एकाधिकारवाद है .... । “


चौधरी छोटूराम ने ये बात आज से कोई अस्सी साल पहले पंजाब अस्सेंबलि में कही थी पर उनकी कही ये बात आज भी कितनी सार्थक है । आज भी राष्ट्रवाद और मज़हबपरस्ती के लुभावने नारे शहरियों की तरफ़ से ही लगाए जा रहें हैं , और देहाती उनके इन नारों में बहक रहें हैं । चलो मान लेते हैं उस वक़्त शासक गोरे थे इसलिए ये लोग राष्ट्रवाद का नारा लगाते थे पर अब तो देश में ग़ैर-शासक नहीं फिर ये राष्ट्रवाद का नारा बार बार क्यों ? हमें इनका यही खेल समझना होगा , अपने रहबर की बताई बात पर ग़ौर करना होगा । हम दिल से राष्ट्रवादी हैं जिसकी नुमाइश की हमें ज़रूरत नहीं , हम देश के लिए अनाज भी पैदा करते हैं तो देश के लिए जवान भी देते हैं , ना हमने कोई ग़द्दारी की ना देहात का कोई व्यक्ति देश में ठगी करके देश छोड़ कर भागा तो फिर बार-बार हमें ही राष्ट्रवाद के नारे क्यों बताए जा रहें हैं ? इनके राष्ट्रवाद और मज़हबपरस्ती के लोक-लुभावने भ्रामक नारों को समझो और देश को बचाओ ।


-यूनियनिस्ट राकेश सांगवान
#JaiYoddhey

amitbudhwar
August 8th, 2018, 02:45 PM
Indeed a learned man..greatest leader...

Few quotes on Nationalism from renowned leaders around the world:

Nationalism has a way of oppressing others. Noam Chomsky

Nationalism is an infantile disease. It is the measles of mankind. Albert Einstein

When societies go backwards and slide into authoritarianism, nationalism, and tribalism, machismo and sexism are also emboldened. Elif Safak


Nationalism is a tool increasingly used by leaders to bolster their authority, especially amid difficult economic and political conditions. Richard N. Haass