Prachin Jat Aur Khokhar Itihas
This is the title of a new Book I have received today itself.
Prachin Jat Aur Khokhar Itihas (प्राचीन जाट और खोखर इतिहास) is book published in Hindi from Agra in 2013.
The author is: Atal Singh Khokhar,
Publisher - Kishan Singh Faujdar, Jaypal Agencies, 31-B, Subhashpuram, Bodla, Agra - 282007,
Price Rs 300/-
लेखक की ओर से दो शब्द:
अपने प्राचीन कुल, गौरव और जाति इतिहास की जिज्ञासा स्वाभाविक रूप से प्रत्येक मानव के मन में होती है। अगली पीढ़ी को समाज का गौरवशाली इतिहास, वंशावली, गोत्र व परम्पराओं का ज्ञान करना आवश्यक है। किसी भी समाज या जाति के विकास और उन्नति में इतिहास का स्थान सदा सबसे ऊँचा रहा है। कोई भी जन समुदाय बिना इतिहास के अपने अस्तित्व को सुरक्षित नहीं रख सकता। जिस समाज का इतिहास नष्ट हो जाता है उसके पुनरुद्धार में अनेक कठिनाइयां आती हैं। अभ्युत्थान के लिए इतिहास मार्ग-दर्शक एवं नेता का काम करता है। इतिहास जिन सिद्धांतों को प्रदर्शित करता है वे कसौटी पर उतरे हुए होते हैं। भूतकाल में समाज और देश के नेताओं ने जिस रीति से समाज का मार्ग प्रशस्त किया, वही इतिहास है। जो अपने समाज और प्राचीन उद्धारकों, नेताओं तथा उनके सहायकों की स्मृति को सुरक्षित न रख सके उसे कृतघ्न समझा जाना चाहिए। ऐसा समाज अपनी कृतघ्नता का फल भोगता है और अपमानित होता है।....(p.7)
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