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जाट - छत्तीस कौम का जमाई !
आजकल General talk फोरम में एक थ्रैड चल रही है - what about intercaste marriage? मैं इस बात को वहां पर लिखना चाहता था पर बात ही कुछ ऐसी है कि इसको यहां Humor फोरम में ही लिखना ठीक है ।
अब एक सच्चा किस्सा सुनो । हरयाणा बनने के तुरंत बाद बेरी हल्के से प्रताप दौलता (जो चीमनी गांव के थे) ने 2-3 बार चुनाव लड़ा और जीते - वह ‘आयाराम-गयाराम’ का जमाना था। प्रताप दौलता जी पेशे से वकील थे और बड़े ही मजाकिया स्वभाव के आदमी थे, लोग उनके सामने ही उनको ‘प्रताप काणा’ कहते थे । एक बार चुनाव सभा खत्म होने के बाद एक बुजुर्ग-से पंडित जी ने मजाक में उनसे पूछ लिया "अरै प्रताप, ये जाट की जात (caste) भी कोई जात सै? - ये जाट तै किसै-बी जात की लुगाई नै ब्याह ल्यावैं सैं, नीची जात वाली नैं बी ले आवैं सैं" ।
प्रताप दौलता बोल्या - "पंडित जी, उरे-नै आ - तू बात तै साची कहै सै, मळ (but) एक बात और सै - यो जाट छत्तीस जात का जमाई होवै सै !!!
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