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Thread: Hindi Kavita

  1. #21

    Thumbs up

    Really liked this one, Thx!

    Quote Originally Posted by neels View Post
    One more from 'Suman'
    हम पंछी उन्मुक्त गगन के / शिवमंगल सिंह सुमन


    हम पंछी उन्मुक्त गगन के
    पिंजरबद्ध न गा पाऍंगे,
    कनक-तीलियों से टकराकर
    पुलकित पंख टूट जाऍंगे।

    हम बहता जल पीनेवाले
    मर जाऍंगे भूखे-प्यासे,
    कहीं भली है कटुक निबोरी
    कनक-कटोरी की मैदा से,

    .
    .
    .

    नीड़ न दो, चाहे टहनी का
    आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
    लेकिन पंख दिए हैं, तो
    आकुल उड़ान में विघ्न न डालों।
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  2. #22
    Quote Originally Posted by vijay View Post
    Anybody remember this poem ...... i forgot the writer's name

    भरा नहीं जो भावों से
    बहती जिसमे रसधार नहीं |
    ह्रदय नहीं वो पत्थर है
    जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं ||
    Vijay, These lines are by Maithili Sharan Gupt,,, but I dont remember which poem, perhaps Bharat-Bharti !
    Last edited by neels; November 15th, 2007 at 07:09 PM.
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  3. #23

    Hindi Kavita

    Resp Neel ji

    Thank you very much for posting meaningful poems of established poets like Niralaji, MaithiliSharan Gupt ji, Suman ji ,Agey ji, Jai Shankar Parshad ji and Harivans Rai Bachan ji.
    I was thinking a lot whether I should post this poem or not but I could not Contain myself. I am posting a pom by PAAS "SABSEY KHATARNAK HOTA HAI-----",a part of it.
    Please go through

    R.S.Dahiya
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  4. #24
    Quote Originally Posted by dahiyars View Post
    I was thinking a lot whether I should post this poem or not but I could not Contain myself. I am posting a pom by PAAS "SABSEY KHATARNAK HOTA HAI-----",a part of it.
    Please go through

    R.S.Dahiya
    Resp. Sir,

    I dont think you should ve any confusion for posting such a good n realistic poem. Liked it, really nice. Thanks for sharing.
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  5. #25

    Smile

    Quote Originally Posted by neels View Post
    Pavel Ji thanks for the link...thou it was not difficult to search too... actually the idea behind the thread was not to bring all of the hindi kavya here,, rather to bring afront some of very famous n inspiring poems. Very similar as there's Hindi Song/English song etc.... otherwise on net everything is available n everyone can search.
    Tnx Neelam ji
    Last edited by paveldahiya; November 16th, 2007 at 01:35 AM.

  6. #26
    Quote Originally Posted by cooljat View Post
    जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद।
    कवि - शिवमंगल सिंह 'सुमन'.

    Rock on
    Jit
    Good One Jit..

    i have posted one poem from Harivansh Rai Bachhan Ji in some thread earlier. sharing with you all once again...

    अग्नि पथ-हरिवंश राय बच्चन


    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !


    व्रिक्ष हों भले खड़े,
    हों घने,हों बडे़,
    एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत,माँग मत!
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !


    तू न थकेगा कभी!
    तू न थमेगा कभी!
    तू न मुड़ेगा कभी- कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !

    यह महान द्रश्य है-
    चल रहा मनुष्य है
    अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !

  7. #27
    some beautiful lines from Faiz Ahmed Faiz....

    वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे
    जो इश्क को काम समझते थे
    या काम से आशिकी करते थे

    हम जीते जी मशरूफ रहे
    कुछ इश्क किया कुछ काम किया
    काम इश्क के आड़े आता रहा
    और इश्क से काम उलझता रहा

    फिर आखिर तंग आकर हमने
    दोनों को अधूरा छोड़ दिया

  8. The Following User Says Thank You to sandeeprathee For This Useful Post:

    ndalal (August 28th, 2012)

  9. #28

    Thumbs up

    Thanks Rathee bhai Its one classic poem by great Bachhan ji, if I aint wrong its the same poem which was used in cult movie Agneepath!!

    n Yeah! I really liked ur signature....its sums up wat shud be the way of life!


    Rock on
    Jit


    Quote Originally Posted by sandeeprathee View Post
    Good One Jit..

    i have posted one poem from Harivansh Rai Bachhan Ji in some thread earlier. sharing with you all once again...

    अग्नि पथ-हरिवंश राय बच्चन

    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !
    .
    .
    .
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  10. #29
    हँसता हूँ मगर उल्लास नहीं - - ओमकृष्ण राहत



    हँसता हूँ मगर उल्लास नहीं रोने पे मुझे विश्वास नहीं
    इस मूरख मन को जाने क्यों ये जी बहलावे रास नहीं

    अश्रु का खिलौना टूट गया मुस्कान की गुडिया रूठ गई
    इस चंचल बालक-मन को मगर लुटे जाने का अहसास नहीं

    सब बात बिगड़ने की एक आस निरास का चक्कर है
    जो बिगड़ गई वो बात नही जो टूट गई वो आस नहीं

    क्या भीगा भीगा मौसम था क्या रुत है फिकी फिकी सी
    हम पहरो रोया करते थे अब एक भी आंशु पास नहीं

    हिम्मत तो करो पूछो तो सही इस बगिया के रखवालों से
    क्यों रंग नहीं है फूलों पे क्यों कलियों में बू बास नहीं

    वो आ जाएं या घर बैठे कुछ इसमे ऐसा फ़र्क नहीं
    ये मिलना जुलना रश्में है दिल इन रश्मों का दास नहीं

    जब सारा जीवन बीत गया तब जीने का ढब आया है
    वो जाएं तो कोई शोक नहीं वो आए तो कोई उल्लास नहीं

    इस बॆरन बिरहा ने मेरा ये हाल बनाया है राहत
    वो कबसे सामने बैठे हैं और आंखों पे विश्वास नहीं



    Rock on
    Jit
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  11. The Following User Says Thank You to cooljat For This Useful Post:

    ndalal (August 28th, 2012)

  12. #30
    Quote Originally Posted by sandeeprathee View Post
    i have posted one poem from Harivansh Rai Bachhan Ji in some thread earlier. sharing with you all once again...

    अग्नि पथ-हरिवंश राय बच्चन
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !
    तू न थकेगा कभी!
    तू न थमेगा कभी!
    तू न मुड़ेगा कभी- कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
    अग्नि पथ, अग्नि पथ, अग्नि पथ !
    Surely Sandeep, Agni Path is one of the best poems... n when Amitabh Bachchan recites it... it seems like the feelings( Bhaav) flowing out of words.

    the one by Faiz... the last line...dono ko adhura chhod diya.... is so realistic.
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  13. #31
    Quote Originally Posted by cooljat View Post
    हँसता हूँ मगर उल्लास नहीं - - ओमकृष्ण राहत
    जो बिगड़ गई वो बात नही जो टूट गई वो आस नहीं

    जब सारा जीवन बीत गया तब जीने का ढब आया है
    वो जाएं तो कोई शोक नहीं वो आए तो कोई उल्लास नहीं
    Rock on
    Jit
    These lines are SUPERB...!!!
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  14. #32

    One from SumitraNandan Pant - TOO GOOD

    आ: धरती कितना देती है / सुमित्रानंदन पंत

    मैने छुटपन मे छिपकर पैसे बोये थे
    सोचा था पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे ,
    रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगी ,
    और, फूल फलकर मै मोटा सेठ बनूगा !
    पर बन्जर धरती में एक न अंकुर फूटा ,
    बन्ध्या मिट्टी ने एक भी पैसा उगला ।
    सपने जाने कहां मिटे , कब धूल हो गये ।

    मै हताश हो , बाट जोहता रहा दिनो तक ,
    बाल कल्पना के अपलक पांवड़े बिछाकर ।
    मै अबोध था, मैने गलत बीज बोये थे ,
    ममता को रोपा था , तृष्णा को सींचा था ।

    अर्धशती हहराती निकल गयी है तबसे ।
    कितने ही मधु पतझर बीत गये अनजाने
    ग्रीष्म तपे , वर्षा झूलीं , शरदें मुसकाई
    सी-सी कर हेमन्त कँपे, तरु झरे ,खिले वन ।

    औ' जब फिर से गाढी ऊदी लालसा लिये
    गहरे कजरारे बादल बरसे धरती पर
    मैने कौतूहलवश आँगन के कोने की
    गीली तह को यों ही उँगली से सहलाकर
    बीज सेम के दबा दिए मिट्टी के नीचे ।
    भू के अन्चल मे मणि माणिक बाँध दिए हों ।

    मै फिर भूल गया था छोटी से घटना को
    और बात भी क्या थी याद जिसे रखता मन ।
    किन्तु एक दिन , जब मै सन्ध्या को आँगन मे
    टहल रहा था- तब सह्सा मैने जो देखा ,
    उससे हर्ष विमूढ़ हो उठा मै विस्मय से ।

    देखा आँगन के कोने मे कई नवागत
    छोटी छोटी छाता ताने खडे हुए है ।
    छाता कहूँ कि विजय पताकाएँ जीवन की;
    या हथेलियाँ खोले थे वे नन्हीं ,प्यारी -
    जो भी हो , वे हरे हरे उल्लास से भरे
    पंख मारकर उडने को उत्सुक लगते थे
    डिम्ब तोडकर निकले चिडियों के बच्चे से ।

    निर्निमेष , क्षण भर मै उनको रहा देखता-
    सहसा मुझे स्मरण हो आया कुछ दिन पहले ,
    बीज सेम के रोपे थे मैने आँगन मे
    और उन्ही से बौने पौधौं की यह पलटन
    मेरी आँखो के सम्मुख अब खडी गर्व से ,
    नन्हे नाटे पैर पटक , बढ़ती जाती है ।

    तबसे उनको रहा देखता धीरे धीरे
    अनगिनती पत्तो से लद भर गयी झाडियाँ
    हरे भरे टँग गये कई मखमली चन्दोवे
    बेलें फैल गई बल खा , आँगन मे लहरा
    और सहारा लेकर बाड़े की टट्टी का
    हरे हरे सौ झरने फूट ऊपर को
    मै अवाक रह गया वंश कैसे बढता है

    यह धरती कितना देती है । धरती माता
    कितना देती है अपने प्यारे पुत्रो को
    नहीं समझ पाया था मै उसके महत्व को
    बचपन मे , छि: स्वार्थ लोभवश पैसे बोकर

    रत्न प्रसविनि है वसुधा , अब समझ सका हूँ ।
    इसमे सच्ची समता के दाने बोने है
    इसमे जन की क्षमता के दाने बोने है
    इसमे मानव ममता के दाने बोने है
    जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसले
    मानवता की - जीवन क्ष्रम से हँसे दिशाएं
    हम जैसा बोएँगे वैसा ही पाएँगे ।
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  15. #33

    Thumbs up

    Awesome!! Indeed a class apart!
    Thx! neels


    Quote Originally Posted by neels View Post
    आ: धरती कितना देती है / सुमित्रानंदन पंत


    यह धरती कितना देती है । धरती माता
    कितना देती है अपने प्यारे पुत्रो को
    नहीं समझ पाया था मै उसके महत्व को
    बचपन मे , छि: स्वार्थ लोभवश पैसे बोकर

    रत्न प्रसविनि है वसुधा , अब समझ सका हूँ ।
    इसमे सच्ची समता के दाने बोने है
    इसमे जन की क्षमता के दाने बोने है
    इसमे मानव ममता के दाने बोने है
    जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसले
    मानवता की - जीवन क्ष्रम से हँसे दिशाएं
    हम जैसा बोएँगे वैसा ही पाएँगे ।
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  16. #34
    Really Inspirin' lines for all the broken hearted
    Dont know the poet name though...

    क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
    सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
    कोई सह लेता है कोई कह लेता है
    क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

    आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
    यहाँ ठोकर देने वाला हर पत्थर नही होता
    क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो

    इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
    कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
    ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता !!


    Rock on
    Jit
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  17. The Following 2 Users Say Thank You to cooljat For This Useful Post:

    kamnanadar (January 22nd, 2012), ndalal (August 28th, 2012)

  18. #35

    Hindi kavita

    Dear All

    Lot of creative poems are being put. Thanks to all for subscriptions .
    Sahir Ludhianvi was a poet of his own variety. A poem by him Vo Subah kabhi to Aayegee.

    R.S.Dahiya
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  19. #36
    Quote Originally Posted by dahiyars View Post
    Dear All

    Lot of creative poems are being put. Thanks to all for subscriptions .
    Sahir Ludhianvi was a poet of his own variety. A poem by him Vo Subah kabhi to Aayegee.

    R.S.Dahiya
    Its very nice .... Sahir Ludhianvi was a great shayar.
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  20. #37
    Quote Originally Posted by cooljat View Post
    Really Inspirin' lines for all the broken hearted
    Dont know the poet name though...

    क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
    सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता

    क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
    इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता

    कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
    ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता !!
    Rock on
    Jit
    Gud one Jit.....
    reminds me of a quote....."we always feel bad and think that good things happen only to 'OTHERS', but we forget that we are also 'OTHERS' for someone"
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  21. #38

    Yeh Kadamb Ka Ped Agar Ma Hota Yamuna Teere

    यह कदम्ब का पेड़ / सुभद्राकुमारी चौहान

    This one I still remember word to word,,, from the golden old days of school...

    यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।
    मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे।।
    ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली।
    किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली।।
    तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता।
    उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता।।
    वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता।
    अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हे बुलाता।।
    बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता।
    माँ, तब माँ का हृदय तुम्हारा बहुत विकल हो जाता।।
    तुम आँचल फैला कर अम्मां वहीं पेड़ के नीचे।
    ईश्वर से कुछ विनती करतीं बैठी आँखें मीचे।।
    तुम्हें ध्यान में लगी देख मैं धीरे-धीरे आता।
    और तुम्हारे फैले आँचल के नीचे छिप जाता।।
    तुम घबरा कर आँख खोलतीं, पर माँ खुश हो जाती।
    जब अपने मुन्ना राजा को गोदी में ही पातीं।।
    इसी तरह कुछ खेला करते हम-तुम धीरे-धीरे।
    यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।।
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  22. The Following User Says Thank You to neels For This Useful Post:

    kamnanadar (January 22nd, 2012)

  23. #39

    Ristey!!


    रिश्ते - दीप्ति गुप्ता



    अक्सर रिश्तों को रोते हुए देखा है,
    अपनों की ही बाँहो में मरते हुए देखा है
    टूटते, बिखरते, सिसकते, कसकते
    रिश्तों का इतिहास,
    दिल पे लिखा है बेहिसाब!
    प्यार की आँच में पक कर पक्के होते जो,
    वे कब कौन सी आग में झुलसते चले जाते हैं,
    झुलसते चले जाते हैं और राख हो जाते हैं!
    क्या वे नियति से नियत घड़ियाँ लिखा कर लाते हैं?
    कौन सी कमी कहाँ रह जाती है
    कि वे अस्तित्वहीन हो जाते हैं,
    या एक अरसे की पूर्ण जिन्दगी जी कर,
    वे अपने अन्तिम मुकाम पर पहुँच जाते हैं!
    मैंने देखे हैं कुछ रिश्ते धन-दौलत पे टिके होते हैं,
    कुछ चालबाजों से लुटे होते हैं-गहरा धोखा खाए होते हैं
    कुछ आँसुओं से खारे और नम हुए होते हैं,
    कुछ रिश्ते अभावों में पले होते हैं-
    पर भावों से भरे होते है! बड़े ही खरे होते हैं !
    कुछ रिश्ते, रिश्तों की कब्र पर बने होते हैं,
    जो कभी पनपते नहीं, बहुत समय तक जीते नहीं
    दुर्भाग्य और दुखों के तूफान से बचते नहीं!
    स्वार्थ पर बनें रिश्ते बुलबुले की तरह उठते हैं
    कुछ देर बने रहते हैं और गायब हो जाते हैं;
    कुछ रिश्ते दूरियों में ओझल हो जाते हैं,
    जाने वाले के साथ दूर चले जाते हैं !
    कुछ नजदीकियों की भेंट चढ़ जाते हैं,
    कुछ शक से सुन्न हो जाते हैं !
    कुछ अतिविश्वास की बलि चढ़ जाते हैं!
    फिर भी रिश्ते बनते हैं, बिगड़ते हैं,
    जीते हैं, मरते हैं, लड़खड़ाते हैं, लंगड़ाते हैं
    तेरे मेरे उसके द्वारा घसीटे जाते हैं,
    कभी रस्मों की बैसाखी पे चलाए जाते हैं!

    पर कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं
    जो जन्म से लेकर बचपन जवानी - बुढ़ापे से गुजरते हुए,
    बड़ी गरिमा से जीते हुए महान महिमाय हो जाते हैं !
    ऐसे रिश्ते सदियों में नजर आते हैं !
    जब कभी सच्चा रिश्ता नजर आया है
    कृष्ण की बाँसुरी ने गीत गुनगुनाया है!
    आसमां में ईद का चाँद मुस्कराया है!
    या सूरज रात में ही निकल आया है!
    ईद का चाँद रोज नहीं दिखता,
    इन्द्रधनुष भी कभी-कभी खिलता है!
    इसलिए शायद - प्यारा खरा रिश्ता
    सदियों में दिखता है, मुश्किल से मिलता है पर,
    दिखता है, मिलता है, यही क्या कम है .. !!!



    Rock on
    Jit
    Last edited by cooljat; November 18th, 2007 at 07:41 PM.
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  24. #40

    Jeevan!!


    जीवन - सुगंध सिन्हा



    यह जीवन एक सफर है,
    सुख दुख का भंवर है,
    सबके जीवन की दिशा अलग है,
    लोग अलग परिभाषा अलग है।
    पृथक पृथक है उनके भाव,
    वेश अलग अभिलाषा अलग है।
    कोई जीता है स्व के लिये,
    तो कोई जीवित है नव के लिये,
    कहीं दिलों में प्रेम की इच्छा,
    तो कहीं है जीत का जज़्बा,
    कहीं सांस लेते हैं संस्कार,
    तो कहीं किया कुकर्मों ने कब्ज़ा।
    कहीं सत्य नन्हीं आँखों से
    सूर्य का प्रकाश ढूँढ रहा,
    तो कहीं झूठ का काला बादल,
    मन के सपनों को रूँध रहा।
    मैंने देखा है सपनों को जलते,
    झुलसे मन में इच्छा पलते,
    जब मन को मिलता न किनारा,
    ढूँढे वह तिनके का सहारा,
    सपनों की माला के मोती,
    बिखरे जैसे बुझती हुई ज्योति।
    दिल में एक सवाल छुपा है,
    माँगे प्रभु की असीम कृपा है,
    आज फिर से जीवन जी लूँ,
    मन में यह विश्वास जगा है।
    धूप छाँव तो प्रकृति का नियम है,
    जितना जीवन मिले वो कम है,
    आज वह चाहता है जीना,
    न झुके कभी, ताने रहे सीना,
    जीवन का उसने अर्थ है जाना,
    जाना ब्रह्माण्ड का संक्षिप्त स्वयं है।


    Rock on
    Jit
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



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    kamnanadar (February 5th, 2012)

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